क्लासमेट ने मेरा मोटा लम्बा लण्ड चूसा

क्लासमेट ने मेरा मोटा लम्बा लण्ड चूसा

ओरल सेक्स लंड चुसाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे दोस्त ने क्लास में मेरा लंड पकड़ लिया. वो उसे वहीं चूसने लगा. पर मैंने उसे रोक दिया.

हेलो फ्रेंड्स,
मेरा नाम है इश्क़ कुमार!
मैं एक गुलाबी मोटे लम्बे से खूबसूरत लन्ड का मालिक हूँ।

खूबसूरत लन्ड या बेदर्दी लूला हर मर्द की तमन्ना होती है। यूंकि हर स्त्री लम्बे लन्ड की साथ खेलने, लन्ड चूसने, चूत चुदाई और सैक्स करने लिए व्याकुल होती है; चाहे वो कितनी भी सती सावित्री हो।
हर औरत ज़िन्दगी में एक न एक बार तो लक्ष्मण रेखा पार करती ही है।
यह समय हर औरत की ज़िन्दगी में एक बार अलग अलग समय और परिस्थितियों में आता है।

मैं आपको अपनी ओरल सेक्स लंड चुसाई कहानी सुनाता हूँ और साथ में बतलता हूँ कि लड़कियों और औरतों को कैसे इम्प्रेस अथवा कामुक करते हैं।

मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं जिनमें लिखा रहता है की सत्य घटना पर आधारित … लेकिन उनमें लिखी बातें और घटनाएँ उतने उत्तेजित नहीं करते जितना होना चाहिए।
शायद सत्य का अभाव रहा होगा।

मैं आप को जो भी वाकिया बताऊंगा वो कोई कहानी नहीं है।
आपको पढ़ते पढ़ते ज्ञान हो जायेगा कि अपने क्या पढ़ा है।

अभी मेरी उम्र 37 वर्ष की है।
अगर आप बातें करने के उपहार से परिपूर्ण हैं, परिहास युक्त और लाइमलाइट से बचने वाले हैं, तभी यह मुमकिन है।

सबसे पहले आप यह जान लें कि आप किसी भी लड़की या औरत को फंसा कर उसके साथ फ्रेंडशिप, दोस्ती और सेक्स नहीं कर सकते।
इसके लिए समय लगता है। आत्मविश्वास की जरूरत है।

मैंने अपने जीवन में 14 लड़कियों से ना भी सुना है।
इनमें उनका हिसाब नहीं है जिनसे मैंने मार, थप्पड़ या जोरदार तमाचे खाए हैं।
ना ही उन अप्सराओं का … जिनसे जोरदार तमाचे खाने के बाद शारीरिक सम्बन्ध स्थापित हुए।

मैं आपके साथ वाकिया आरम्भ से प्रारम्भ करता हूँ, उम्र 19 साल।
मैंने कभी चूत नहीं चोदी थी; ना ही इस बात का ज्ञान था।

मैं और मेरा दोस्त दिनेश जिसकी माँ हमारे स्कूल में छोटी कक्षा को पढ़ाती थी, दोनों पास में आखरी बेंच पर बैठ गए।

दिवाली आने वाली थी, 5 दिन रहते थे।
सर्दियों का आगमन हो चुका था।

मैं अंतिम बेंच पर दीवार वाली तरफ बैठ गया।
जैसे ही चौथा पीरियड चालू हुआ. सब विद्यार्थी पढ़ने लगे क्योंकि वो इंग्लिश का लेक्चर था और वाईस प्रिंसिपल द्वारा लिया जाता था।

सब अपने अपने ध्यान में पढ़ने लगे।
दिनेश का ध्यान भी पढ़ाई की तरफ ही था.

अनायास उसका बायाँ हाथ मेरी जांघ पर लग गया।
जैसे ही उसका हाथ मेरे लन्ड पर पड़ा, उसने पूछा- यह जेब में मोटा मोटा गुदगुदा क्या है?
मैंने कहा- मेरा लण्ड!

वो उसको जोर जोर से दबाने लगा।
मेरा लन्ड पहले से टाइट और उत्तेजित हो गया।
वो ऊपर नीचे करने लगा।

मेरा मोटा लण्ड उसके हाथ में नहीं आ रहा था।
वो बार बार कह रहा था कि यह एक मोटा लण्ड है।

वह दस मिनट मेरे लण्ड को हिलाता रहा।
मुझे भी मज़ा आ रहा था, मैंने ऐसा कभी महसूस नहीं किया था।

वो पूरा मस्त हो चुका था.
दिनेश ने पेन नीचे फेंका और बैंच के नीचे घुस गया।

नीचे दिनेश मेरे लण्ड को, जो कि पैन्ट में बंद था, पर अपना गाल फेरने लगा. वह 2 मिनट तक अपना गाल मेरे लण्ड के साथ सहलाता गया।

मैंने डर कर उसको ऊपर किया तो उसने मेरी पैन्ट की जिप खोल दी, अंडरवीयर में हाथ डाल लिया।

मैं उसे रोक नहीं पा रहा था।
इतनी देर में वह मेरा मोटा लण्ड चारों और से पकड़ कर हिलाने लगा।
मैं पूरा मस्त हो रहा था, साथ में मेरे को डर भी लग रहा था कि पकड़े न जायें।

तभी क्लास में वाईस प्रिंसिपल की एंट्री हुई, डर के मारे मेरा रंग उड़ गया।

कक्षा में सब सावधान अवस्था में आ गए।
मैं अपने नंगे लण्ड के साथ बैठा था। दिनेश जोर जोर से मेरा लण्ड हिलाता रहा।

दिनेश को सेक्स चढ़ गया था उस क्षण!
मैं डर के मारे चुप रहा।

दिनेश फिर से कहने लगा- तेरा लण्ड बहुत लम्बा और मोटा है, मैंने ऐसा लन्ड कभी नहीं देखा है। तेरा लण्ड बहुत सेक्सी है।

वह कहने लगा- तुमने कभी चुदाई की है?
मैंने कहा- नहीं।
उसने कहा- यह एक चुत फाड़ने वाला लूल्ला है।
मैंने कहा- तुम्हें कैसे पता?

उसने कहा- मैं 5 लड़कों के लण्ड को चूस चुका हूँ।

मैं यह सुनकर दंग रह गया.

वो बोला- और अब तुम्हारे मोटे व लम्बे लण्ड की बारी है।
मैं सुन कर और डर गया।

दिनेश फिर नीचे चला गया और अब मेरे नंगे लण्ड के टोपे के साथ अपने गाल फेरना शुरू कर दिया।
फिर मेरे टोपे को मुँह में लेने लगा।

मैंने उसे 2-3 मिनट तक करने दिया फिर दिनेश को ऊपर किया।
अभी भी उसने मेरा नंगा लण्ड अपने बाएं हाथ से पकड़ रखा था जिसे वो जोर जोर से हिलाता जा रहा था।

मेरे लण्ड को इससे पहले कभी नहीं चूसा था, मैं मजे से सुख प्राप्त कर रहा था और यह जान गया था कि मेरे लन्ड जैसा कोई लण्ड नहीं है, जिसको मैं साधारण लण्ड समझता था।

अचानक से चपरासी आदेश ले कर आया और वाइस प्रिंसिपल को अपने साथ ले गया।
दिनेश ने मुझसे कहा- चलो, अब हम दोनों मेरे घर चलते हैं। मेरे घर चल कर मस्ती करेंगे और आधी छुट्टी के बाद वापिस आ जाएँगे।

मैं दिनेश के साथ उसके घर चला गया.
दिनेश के घर में कोई नहीं था और ना ही आने वाला था।

उस खाली घर में, मैं और दिनेश मस्ती करने पहुंच गए।
मैं अपने लण्ड को आने वाली मस्ती का अनुभव करना चाहता था।

दिनेश के घर पहुंच कर उसने मेनगेट लॉक कर दिया और मुझे सोफे पे बैठा कर अपने घुटनों के बल मेरी दोनों टांगों के बीच में आकर ज़िप खोल कर मेरा लण्ड नंगा कर लिया।

दिनेश मेरे लण्ड को देखने लगा जैसे वो मेरे लण्ड का दीवाना हो!
फिर वह बोला- वाह, तेरा लण्ड बहुत ब्यूटीफुल है और मोटा भी है और लम्बा भी … यह मेरे मुँह में पूरा नहीं जायेगा।
मैंने कहा- यह तो अभी सोया हुआ है एक बार खड़ा हो जाने दे फिर बताना।

इतना सुन कर वो और भी उत्तेजित हो उठा ओर मेरे नंगे लण्ड को चुप्पे मार मार चूसने लगा।

दोनों हाथ सोफे पर रख, मैंने अपनी आँखें बंद की और लण्ड चुसवाता रहा, इतना आनंदित मैं कभी नहीं हुआ था।

दिनेश मेरे लण्ड के चुप्पे मारता मारता उसे ज्यादा से ज्यादा अपने मुँह में लेने की कोशिश कर रहा था।

3-4 मिनट में ही मेरा लण्ड मस्ती में आना शुरू हुआ।
मेरा लण्ड लम्बा और टाइट होने लगा।

दिनेश ने मेरी आँखों की ओर देखते पुच पुच की आवाज करते हुए करते हुए यह बताने की कोशिश कि तुम्हारा लण्ड लम्बा और टाइट हो रहा है।
और जोर जोर से ओर गहराही तक लण्ड के चुप्पे मारने लगा।

चुप्पे मारता मारता दिनेश मेरे लण्ड को हिला भी रहा था।
जब मेरा लम्बा लण्ड उसके मुँह में फंसने लगा तो मुँह से लण्ड निकाल कर तेजी से मेरे लण्ड की मुठ मारता हुआ बोला- ओह हो … तेरा लण्ड बहुत लम्बा है, मेरे मुँह में पूरा नहीं जाएगा।

तब तक मैं अपने लण्ड के चुप्पे लगवा कर बहुत मस्ती में आ गया था और उत्तेजित हो उठा था।
मैंने दिनेश का सर जबरदस्ती पकड़ लिया और अपने लण्ड के चुप्पे लगाने के लिए मजबूर करने लगा और अपने लण्ड के दिनेश से चुप्पे लगवाने लगा।
दिनेश आवाजें निकालने लगा।

मैंने उसका सर छोड़ दिया।
दिनेश ने मेरा लण्ड जड़ से दोनों हाथों से पकड़ा और कहा- पैन्ट उतार दो!

मैंने पैन्ट उतारी और दिनेश के सामने अपना लम्बा लण्ड बिना हाथ लगाए हिलाकर बैठ गया।

उसने फिर से मेरा लंड जड़ से पकड़ लिया और अपने होंठ मेरे नंगे लण्ड के टोपे के ऊपर रख कर बोला- बताओ कैसे चुप्पे मारूं?
मैंने उसके सर को पकड़ा और कहा- मेरे टोपे को चूसो।

दिनेश मेरा नंगा टोपा चूसने लगा।
वह मेरा लण्ड चूसते चूसते नीचे जाने लगा.

मैंने उसे बोला कि बस मेरे लण्ड का टोपा चूसे और नीचे ना जाए।

दिनेश अब मेरी बात मान कर मेरा नंगा टोपा चूसता रहा।
मैं आह आह की आवाज़ों के साथ मज़ा ले रहा था।
टोपे की चुसाई से लण्ड और फूल गया और लम्बा हो गया।

मैंने आँखें बंद की और सिर ऊपर कर लिया।

दिनेश मेरे लण्ड के बहुत मजे से और पूरी शक्ति के साथ चुप्पे मार रहा था और मैं लण्ड की चुसाई करवा परम सुख का अनुभव ले रहा था।

दोनों हाथों से दिनेश ने मेरे लण्ड को और जोर से कस लिया, मेरी आँखें खुल गई और मैं दिनेश की ओर देखने लगा.
दिनेश ने मेरी तरफ देखा और हाथों से कसा हुआ लण्ड और ज्यादा जोर से कस लिया।

मैंने अह आह करके कराहने लगा।
यह मेरे लण्ड के साथ होने वाली पहली जबरदस्ती थी।

मेरा लण्ड और टाइट हो गया।

दिनेश कसे हुए हाथों से लण्ड की मुठ मारने लगा और लगातार मेरी ओर देखते हुए कुछ मिनट तक मुठ मारता रहा।
मैं दिनेश से कह रहा था कि मेरे लण्ड को टाइट पकड़े और जोर जोर से मुठ मारे।

दिनेश मेरा लण्ड सहला रहा था।
उसने कहा- 15 मिनट हो गए हैं, कब छूटेगा?

मैंने आँखें बंद की और दिनेश की माँ रीना के बारे में सोचने लगा।
मुझे दिनेश की माँ रीना बहुत सेक्सी और पसंद थी।

मैं रीना को चोदने का बूटा अपने दिल में लगा चुका था। मैं दिनेश की माँ रीना को चोदना चाहता था।
दिनेश के साथ सेक्स संबंध बनाने के बाद यह मुमकिन था।
मेरा लण्ड दिनेश जिसको चूस रहा था, अब और टाइट हो गया था।

अब मैंने दिल में रीना के आये ख्याल बारे में सोचते हुए दिनेश का सर पकड़ा और अपना लण्ड जड़ तक चूसने के लिए मजबूर करने लगा।
मैं दिनेश को लण्ड चूसने के लिए मजबूर करने लगा।

मैंने उसे कहा कि अपने दोनों हाथों से मेरे लण्ड की मुठ मारे और मेरे लण्ड के टोपे को चूसता रहे। तो 5 मिनट में मैं झड़ जाऊंगा।

रीना के बारे में सोचते हुए मैं दिनेश के साथ ज़बरदस्ती कर रहा था और रीना की चूत मारने की इच्छा को बल दे रहा था।
मैं अपने दिल व दिमाग दोनों को यकीन दिला चुका था कि रीना की चुत अब दूर नहीं है।

मैंने अपना लण्ड दिनेश के मुँह में झाड़ दिया।

फिर हम दोनों स्कूल चले गए।

दिनेश की माँ रीना को देखने मैं उसी दिन शाम 5 बजे दिनेश के घर चला गया।
पर उस दिन रीना मुझे घर पर नहीं मिली।
मैंने दिनेश के साथ मस्ती की और घर चला आया।

मेरा मन शांत नहीं हो रहा था। मैं रीना की चूत चुदाई के लिए बेकरार था, और नए नए रास्ते व स्कीम सोच रहा था।

अगली बार मैं आप को रीना की कहानी बताऊंगा।

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