क्रॉसड्रेसर दोस्तों के साथ डर्टी गे सेक्स- 1

क्रॉसड्रेसर दोस्तों के साथ डर्टी गे सेक्स- 1


क्रॉसड्रेसिंग ऐसी बला है कि अगर एक बार की, तो बार बार करने मन करेगा. वही मेरे साथ हुआ. छह महीने बाद एक दिन ऐसा आया कि मैं वापस इसमें आ गई.
नमस्कार दोस्तो, मैं मोहिनी क्रॉसी, एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी के साथ हाजिर हूँ.
मेरी पिछली दो कहानियों
मेरी सुहागरात की तमन्ना
और
क्रॉस ड्रेसर से रंडी बनने का सफर
में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपने यार से अपनी नथ उतरवाई.
उसके बाद मेरा मोबाइल खोने की वजह से मुझे पैसों की जरूरत ने और उसके सीनियर से उसकी जॉब बचाने के लिए रंडी की तरह चुदना पड़ा.
फिर उसके बाद मैंने ये सब छोड़ने का फैसला किया और लखनऊ से वापस आते वक्त क्रॉसड्रेसिंग का सारा सामान रास्ते में फेंक दिया.
ये घटना उसके बाद की है, जिसे आज मैं एक सेक्स कहानी का रूप दे रही हूँ.
आप सब लोग मेरे बारे में जानते ही हैं मेरा नाम मोहिनी क्रॉसी (मोहित) है. मैं बरेली की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 26 साल है. वैसे तो मैं एक लड़का हूँ लेकिन मुझे लड़कियों के कपड़े पहनना, मेकअप करना बहुत अच्छा लगता है. मेरा वजन अठावन किलोग्राम है, रंग गोरा, शरीर पर बाल नहीं हैं और स्लिम हूँ.
अब मैं आप लोगों के लंड खड़ा करते हुए अपनी सेक्स कहानी पर आती हूँ.
महेश, राहुल और करनजीत से गांड मरवाने के चार दिन तक मेरी गांड दर्द करती रही.
घर आकर मैंने अपनी सिम तोड़ कर फेंक दी और मेल आईडी भी बंद कर दी, जिससे रवि मुझे कॉल न कर सके.

करीब छह महीने तक मैंने क्रॉसड्रेसिंग नहीं की.
मैं सब कुछ छोड़ना चाहती थी.
छह महीने बाद एक दिन ऐसा आया कि मैं वापस इसमें आ गई.
क्रॉसड्रेसिंग ऐसी बला है कि अगर एक बार की, तो बार बार करने मन करेगा. वही मेरे साथ हुआ.
मैं अपने दोस्तों के साथ इंदौर घूमने गयी हुई थी, वहां पर मेरी मोहिनी क्रॉसी आईडी पर एक फ्रेंड था, इस आईडी को मैंने बाद में बंद कर दी थी. उधर मुझे मेरा एक पुराना दोस्त मिला, उसका नाम रोहन था. वो भी मेरी तरह ही क्रॉसड्रेसर था. हम दोनों एक होटल में रुके हुए थे.
वो बोला- चल यार, क्रॉसड्रेसिंग करते हैं.
मैंने मना कर दिया और कहा- मैं क्रॉसड्रेसिंग छोड़ चुकी हूँ.
वो बोला- छोड़ दी, तो कोई बात नहीं लेकिन मेरे साथ में एक बार तो कर ले. एक बार में कुछ नहीं जाता.
मैंने फिर भी मना कर दिया.
उसके बाद हम दोनों अपने अपने कमरे में चले गए.
रात को जब मैं सोने के लिए अपने बिस्तर पर लेटी हुयी थी, तो बार बार मन में यही आ रहा था कि एक बार में कुछ नहीं हो जाएगा, कर लेते हैं.
काफी देर तक मैंने अपने मन के साथ संघर्ष किया … लेकिन मैं हार गयी.
मैं उसी टाइम उठ कर उसके रूम में जाने लगी.
मैंने उसके रूम का दरवाजा खटखटाया.
उसने दरवाजा खोला और मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोला- मुझे पता था कि तुम जरूर आओगी.
मैंने अपना सिर झुका लिया.
फिर उसने दो बियर मंगवाईं. हम दोनों बीयर पीते हुए इधर उधर की बातें करने लगे.
उसने बताया कि वो अपने ग्रुप के साथ आयी हुई है.
उसके ग्रुप में दो क्रॉसड्रेसर और छह टॉप थे.
जो लड़के क्रॉसी और बॉटम लड़कों की गांड मारते हैं, उन्हें टॉप कहा जाता है.
मैं अपने फ्रेंड के रूम में बैठकर बातें कर रही थी, तभी किसी ने दरवाजे पर नॉक किया.
रोहन ने दरवाजा खोला, तो सामने उसका रूम पार्टनर था.
फिर रोहन ने हमारा परिचय करवाया.
उसने अपना नाम निशु बताया और बताया कि वो भी एक क्रॉसड्रेसर है.
निशु ने बताया कि वो इंदौर का ही रहने वाला है, जगह न होने की वजह से वो यहां एन्जॉय करने आ जाता है.
उसी समय निशु के पास उसके एक ग्रुप के लड़के का कॉल आया, वो उससे बात करने लगा.
फिर निशु हमारे पास आकर बोला- तैयार हो जाओ.
मेरे पास कोई लड़कियों के कपड़े नहीं थे लेकिन रोहन ने बताया कि वो एक जोड़ी और निशु दो जोड़ी एक्स्ट्रा कपड़े लाये हैं.
निशु की कद काठी मेरे जैसी ही थी तो उसके कपड़े मेरे ऊपर फिट आ सकते थे.
उस समय लगभग आठ बज रहे थे. वो दोनों अपने अपने बैग ले आए और मेकअप का सामान निकाल कर बिस्तर पर रखने लगे.
मैं उनके सामान को देखने लगी.
तभी निशु और रोहन कपड़े उतारने लगे और निशु ने मुझसे बोला- जल्दी कपड़े उतारो, तैयार नहीं होना क्या?
वो दोनों मेरे सामने ही नंगे हो गए.
मैं भी कपड़े उतारने लगी और नंगी हो गयी.
निशु का शरीर एकदम चिकना था और उसकी स्किन बहुत ही मुलायम मालूम पड़ रही थी.
उसके बूब्स बड़े नहीं थे लेकिन गांड मस्त गोल थी.
ऐसी मस्त गांड देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
रोहन का शरीर थोड़ा सा मोटा लेकिन गोरा था और उसके बूब्स एक कमसिन लड़की की तरह थे. रोहन ने अपने बाल आज ही साफ़ किये थे.
दोनों के लंड दो इंच के करीब होंगे.
तभी रोहन मेरी टांगों और लंड के आसपास के बाल देखकर मुझे वीट क्रीम देते हुए बोला- जाओ बाल साफ़ करके आओ.
मैंने बोला- मैं बाल तो साफ़ कर लूंगी लेकिन तुम लोग बिना नहाए हुए ही तैयार होगे क्या?
वो दोनों बोले- हम दोनों दोपहर में नहाये थे.
मैंने कहा- फिर भी तुम दोनों को नहाना चाहिए.
तभी निशु बोला- हां, सही बात है.
मैंने उन दोनों से कहा- तुम दोनों पहले नहा लो, मुझे बाल हटाने में टाइम लगेगा.
रोहन बोला- नहीं, सब साथ में नहाएंगे.
मैंने निशु की तरफ देखा, तो उसने भी हां में सिर हिला दिया.
निशु बोला- हम दोनों तुम्हारे पहले बाल हटाएंगे … फिर साथ में नहाएंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं नंगी तो थी ही, तो मैं कुर्सी पर बैठ गयी.
रोहन मेरी टांगों पर और निशु मेरे लंड के आसपास क्रीम लगाने लगा.
छह महीने बाद मैं वापस एक लड़की की तरह तैयार होने जा रही थी.
ये सोच कर मेरी गांड में खुजली होने लगी थी.
जब निशु मेरे लंड के आस-पास क्रीम लगा रहा था, तो मेरा छोटा सा लंड खड़ा हो गया.
पता नहीं निशु के दिमाग में क्या चल रहा था, अचानक से उसने मेरे छोटे से लंड को मुँह में लिया और चूसने लगा.
रोहन उससे देख कर मुस्कुरा रहा था.
कुछ देर तक उसने मेरा लंड चूसा, उसके बाद उसने मुझे खड़ा होने को बोला.
तब तक रोहन मेरी टांगों पर क्रीम लगा चुका था. मैं खड़ा हुआ, तो निशु मेरी गांड पर क्रीम लगाने लगा.
करीब पांच मिनट तक क्रीम को रखना था, तो मैं पांच मिनट तक खड़ी रही.
उसके बाद निशु बोला- चलो, बाथरूम में चलते हैं.
हम तीनों बाथरूम में आ गए, वहां मैंने अपने बालों को हटाया. मेरी टांगें और मेरे चूतड़ बिलकुल चिकने हो गए थे. फिर हम तीनों शावर चला कर बाथरूम में ही मस्ती करने लगे. हम पर वासना हावी हो रही थी.
तभी रोहन ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया.
अब उसकी जीभ मेरे मुँह में थी.
मैं रोहन की जीभ चूस रही थी और नीचे निशु ने जीभ मेरी गांड के छेद में डाल कर उसको अन्दर बाहर करने लगा.
मैं बता नहीं सकती कि मुझे कितना मजा आ रहा था. अब कभी रोहन की जीभ मेरे मुँह में, तो कभी मेरी जीभ रोहन के मुँह में चल रही थी.
फिर हम तीनों ने खुद को ऐसे कर लिया कि हम एक दूसरे की गांड और लंड चूस सकते थे.
हमने करीब दस मिनट तक ऐसा किया.
फिर हम तीनों ने अपनी जगह बदल ली और खड़े हो गए और अब हम तीनों आपस में किस कर रहे थे.
कभी रोहन, निशु के मुँह में अपनी जीभ देता, कभी निशु मेरे मुँह में.
फिर हम तीनों ने एक दूसरे के लंड चूस कर पानी निकाल दिया.
काफी देर तक हम अपने मुँह में ली हुई मलाई को एक दूसरे के मुँह में थूक थूक कर एक्सचेंज करते रहे और बाद में मैंने उस रस को पी लिया.
इसके बाद हम तीनों नहाकर बाहर आ गए.
तब तक साढ़े नौ बज चुके थे.
हम सब तैयार होने लगे.
मैंने निशु की दी हुई काले रंग की नेट वाली और रोहन ने नारंगी रंग की ब्रा पैंटी पहनी.
निशु ने पहले सिलिकॉन बूब्स लगाए, फिर गुलाबी रंग की ब्रा पैंटी पहन ली.
निशु बोला- दो लोग मिलकर एक को तैयार करो … तो जल्दी हो जाएगा.
तो मैंने कहा- हां ये बात तो सही है.
फिर निशु वहीं रूम में कुर्सी पर बैठ गया और बॉडी पर क्रीम लगाने लगा.
क्रीम लगाने के बाद अब कपड़ों की बारी थी.
रोहन एक नारंगी रंग काले बॉर्डर की साड़ी निकाली, साथ ही मैच करता हुआ ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल लिया.
निशु ने एक काले रंग और एक गुलाबी रंग की साड़ी उसके साथ मैचिंग का ब्लाउज, पेटीकोट निकाला. फिर उसके बाद एक गुलाबी रंग का अनारकली सूट निकाला.
वो मुझसे पूछने लगा- मैं सूट पहनूं या साड़ी?
मैंने कहा- साड़ी ज्यादा अच्छी फीलिंग देती है.
वो बोला- ठीक है.
उसके बाद निशु ने मुझे और रोहन को सेक्स बढ़ाने वाली गोली दी और बोला- लो ये गोली खा लो.
हम तीनों ने वो गोली खा ली.
उसके बाद हम सबने साड़ी पहन ली.
अब बारी थी मेकअप करने की, जो सबसे मुश्किल काम है.
मैं निशु को कुर्सी पर बैठने को बोला और मैं और रोहन उसका मेकअप करने लगे.
तीस मिनट में हम दोनों ने उसका मेकअप पूरा किया.
उसके बाद रोहन कुर्सी पर बैठा, तो मैंने और निशु ने उसका मेकअप किया.
रोहन मेकअप होने के बाद अब मेरी बारी थी. मैं कुर्सी पर बैठ गयी, तो रोहन और निशु मेरा मेकअप करने लगे.
जब ये दोनों मेरा मेकअप कर रहे थे … उस टाइम मेरी गांड की खुजली और मेरे अन्दर की औरत की वासना दोनों ही काबू से बाहर हो रही थी.
जब हम तैयार हो चुके थे, तब निशु और रोहन ने अपने लड़कियों वाले नाम बताए.
रोहन ने बताया कि उसका क्रॉसी नाम रोहिणी है और निशु का निशि है.
अब हमारा आपस में बात करने का तरीका बदल गया था और हम आपस में लड़कियों की तरह बातें और उन्हीं की तरह व्यव्हार कर रहे थे.
इस समय हम तीनों ही तैयार थीं और हमको देखकर कोई नहीं कह सकता था कि हम तीनों लड़के हैं.
तब तक ग्यारह बजने वाले थे और हमारे यार हमारे दीदार करने को और हम उनसे चुदने को तैयार थे.
रोहिणी और निशि के ग्रुप के बाकी लोग भी दो-दो के ग्रुप में अलग अलग कमरों में रुके हुए थे.
वो सब अब हमारे रूम में ही आने वाले थे.
निशि ने ग्रुप के लड़के को कॉल लगाया और इतरा कर बोली- कहां हो तुम लोग, हम कब से तैयार बैठे हैं.
करीब पांच मिनट बाद वो भी रूम में आ गए.
उनमें से किसी ने मुझे देख कर शॉकिंग रिएक्शन नहीं दिया, ये मुझे समझ नहीं आया.
फिर रोहिणी ने बताया कि उसने उन लोगों को पहले ही मेरे बारे में बता दिया था.
निशि ने उन सब से मेरा परिचय करवाया.
उनमें एक अंग्रेज था उसका नाम जैक था और दूसरे का नाम कमल था.
मुझे उसकी मूंछें बहुत सेक्सी लग रही थीं.
तीसरे का नाम रोनी था. रोनी थोड़ा मोटा था.
चौथे लड़के का नाम अरुण था उसके शरीर को देखने से लग रहा था कि वो जिम जाता है.
पांचवें का नाम रोनित था, जो उन सबमें सबसे जायदा लम्बा था. छटे लड़के का नाम नील था, जिसने अच्छी खासी दाढ़ी रखी हुई थी.
उन सबसे बात होने लगी.
हमसे कहा गया कि हम तीनों उनको नंगा करें.
फिर मैंने जैक और रोनी को, निशि ने कमल और रोनित को, रोहिणी ने अरुण और नील को नंगा किया.
इन सबमें सबसे बड़ा लंड नील का था.
जैक ने मुझे लंड चूसने का इशारा किया, तो मैंने जैक का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
एक हाथ में मेरे रोनी का लंड था, जिसे मैं हिला रही थी.
दूसरी तरफ निशि, रोनित और कमल के लंड चूस रही थी और रोहिणी अरुण और नील के साथ लगी हुई थी.
अब मैं कभी रोनी का लंड चूसती, तो कभी जैक का लंड चूसने लगती.
ऐसा ही नजारा कुछ रोहिणी और निशि के पास में था.
पता नहीं अचानक रोनी और जैक का आंखों ही आंखों में क्या इशारा हुआ कि दोनों ने एक साथ अपने लंड मेरे मुँह में डाल दिए और मेरे मुँह को चोदने लगे.
मैं सांस नहीं ले पा रही थी. मेरी आंखों में आंसू आ गए थे
मेरे आंखों में आंसू देखकर दोनों ने अपने लंड बाहर निकाले, तब मुझे सांस आयी.
रोहिणी ने मेरी हालत देख कर कहा कि आगे ऐसा नहीं होना चाहिए. ऐसा कुछ करने से पहले पूछ लेना.
अब हम तीनों बीच में आ गए और ये सब तीनों के आस पास गोले में खड़े हो गए.
इसका फायदा हम तीनों को हुआ.
तभी निशि बोल पड़ी- वाह अब तो सबके लंड चूसने को मिलेंगे.
उसकी बात से सब हंसने लगे.
शायद वो सब भी गोली खा कर आए थे, जिससे कि पंद्रह मिनट की चुसाई बाद भी उनके लंड नहीं झड़े थे.
हम सब तीन तीन के ग्रुप में बंट गए थे.
मेरे ग्रुप में रोनी और अरुण थे, निशि के ग्रुप में जैक और रोनित और रोहिणी के ग्रुप में कमल और नील थे.
अब रोनी और अरुण मेरी साड़ी उतारने लगे और साथ ही साथ मेरी गर्दन और गालों पर चूम रहे थे.
उधर निशि अपनी साड़ी खुद उतार रही थी, तो दूसरी तरफ नील रोहिणी की साड़ी उतार रहा था.
मेरी साड़ी उतर चुकी थी, ब्लाउज के अन्दर से मेरे उरोज बाहर निकाले जाने को उतावले हो रहे थे.
अब मेरे जिस्म पर पेटीकोट और ब्लाउज ही बचे थे, लेकिन निशि अपने तन से ब्रा पैंटी को छोड़कर सब कुछ उतार चुकी थी.
दूसरी तरफ नील रोहिणी के पेटीकोट को ऊपर उठाकर उसके चूतड़ों पर चांटे मार रहा था, इससे रोहिणी सिसकार रही थी. उसकी मादक सिसकारियां बता रही थीं कि उसे मजा आ रहा था.
जैसे ही अरुण ने मेरे पेटीकोट नाड़ा खींचा वैसे ही मेरा पेटीकोट मेरी चिकनी और गोरी टांगों से सरकता हुआ जमीन पर गिर गया.
मेरी गोरी चिकनी टांगों को देखकर रोनी मचल उठा और मेरी टांगों को चूमते हुए बोला- क्या मस्त टांगें हैं … और ऊपर से ये गोल गोल चूतड़.
मैंने इठला कर कहा- ये तुम्हारे लिए ही हैं मेरे राजा.
जब रोनी मेरी टांगों को चूम रहा था, तो मेरे जिस्म में एक सनसनी से दौड़ गयी.
वहीं निशि और रोहिणी की कामक्रीड़ाएं मेरी वासना को बढ़ा रही थीं.
जैक निशि के बूब्स को दबाने लगा और रोनित उसके गोल चूतड़ों को मसल रहा था.
तभी जैक ने निशि का ब्लाउज फाड़ दिया और उसकी ब्रा निकालने लगा, लेकिन निशि ने ब्रा निकालने से मना कर दिया.
मुझे उसका कारण अच्छे से पता था, उसका कारण ये था कि हम क्रॉसड्रेसर को लड़की की अनुभूति ब्रा और पैंटी पहने रहने पर ही होती है. ब्रा और पैंटी पहनने की वजह से तो हमारे अन्दर की औरत बाहर आती है.
तो दोस्तो, मेरी ये ग्रुप में गे सेक्स स्टोरी आपको कैसी लग रही है, प्लीज़ मेल करके जरूर बताना.
इस गे सेक्स कहानी में आगे मैं आपको लिखूंगी कि हम तीनों की गांड में एक साथ दो दो लंड घुसे, तब क्या हुआ.
आगे भाग में इस सेक्स कहानी को पढ़ कर आपके लंड से पानी जरूर निकल आएगा.
आपकी मोहिनी डार्लिंग
[email protected] कहानी का अगला भाग: क्रॉसड्रेसर दोस्तों के साथ डर्टी गे सेक्स- 2

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