टीचर एंड स्टूडेंट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैंने कोचिंग क्लास में पढ़ाना शुरू किया तो एक लड़की पर मेरी नजर टिक गयी. वो भी मुझमें रूचि ले रही लगती थी.
वर्षों से मैं अन्तर्वासना मंच से जुड़ा हूँ, अंतरवासना मंच में मेरी कहानियों को आप सब पाठकों तक पहुंचाया।
मेरी पिछली कहानी थी अस्पताल में मिली शादीशुदा लड़की
यह कहानी टीचर एंड स्टूडेंट सेक्स स्टोरी है.
मैं दिल्ली में रहता हूँ और सरकारी नौकरी करता हूँ।
मेरा एक दोस्त है जो दिल्ली के लक्ष्मी नगर में कोचिंग चलाता है।
काफी समय से वो मुझे कोचिंग में पढ़ाने के लिए बोल रहा था।
मुझे समय मिलता नहीं था इसलिए मैंने उसे हमेशा मना किया।
एक दिन उसने बोला कि शनिवार और रविवार को तो छुट्टी होती है तो वो मेरा क्लास शनिवार और रविवार को रखेगा।
वो इसलिए जोर दे रहा था क्योंकि मैंने प्रतियोगिता परीक्षा पास करके नौकरी प्राप्त की थी तो इस कारण उसके कोचिंग में ज्यादा लोग आएंगे।
खैर काफी आग्रह के बाद मैं तैयार हो गया और शनिवार को उसके कोचिंग में पहुँच गया।
वो मुझे क्लास में ले गया और सबको मेरे बारे में बताया.
सब काफी खुश दिख रहे थे कि मेरे अनुभव का उन्हें लाभ मिलेगा।
क्लास में 15 विद्यार्थी थे, जिनमें 6 लड़कियाँ थी. लड़कियाँ आगे बैठी थी।
मैंने पढ़ाना शुरू किया।
एक लड़की थी जिसका नाम यास्मीन था, उसने स्लीवलेस टॉप और जीन्स पहना था।
मैंने कुछ सवाल दिया और एक एक करके सबको बुलाने लगा और बोर्ड पर बनाने को बोला।
यास्मीन भी आयी और बोर्ड पर लिखने लगी।
उसने जब हाथ उठाया तो मुझे उसकी ब्रा नजर आयी और साथ में चूचियों का ऊपरी हिस्सा नजर आया.
मेरी नजरें चिपक गयी उसकी चूचियों पर।
उसने अचानक मेरी तरफ देखा और वो समझ गयी कि मैं क्या देख रहा हूँ, वो मुस्कुरायी और अपने टॉप को थोड़ा खिसकाया और लिखने लगी।
अब उसकी चूचियों का दीदार नहीं हो रहा था तो मेरी नजर उसकी गांड पर गयी।
टाइट जीन्स पर उसकी गांड की गोलाई ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया. मेरा मन होने लगा कि अभी इसी समय यास्मीन को आगे झुकाकर गांड पकड़ कर अपना लंड चूत में डाल दूँ।
मैंने काफी चूतें मारी हैं लेकिन आज तक इस बिरादरी की किसी लड़की की फुदी नहीं मारी।
उसका फिगर 36 – 30 – 36 थी, जो मुझे बाद में पता लगा।
इस तरह हर शनिवार और रविवार को मैं जाने लगा.
लेकिन कोई बात नहीं बढ़ी.
मैंने कोशिश भी नहीं की और ना ही उसकी तरफ से कोई पहल हुई।
यास्मीन की चूचियाँ और गांड बड़ी थी. कमर पतली, जो किसी को भी उत्तेजित करने के लिए काफी थी।
समय गुजरता गया, जब वो बैठी कुछ लिखते रहती तो मुझे उसकी चूचियों के दीदार हो जाते।
एक दिन मैं कोचिंग पहुंचा तो वो भी लिफ्ट के पास खड़ी मिली.
वहां और भी काफी लोग थे.
लिफ्ट आयी और हम लिफ्ट के अंदर चले गए। लिफ्ट की क्षमता 8 की थी और हम 10 लोग खड़े थे.
वो मेरे आगे खड़ी बिल्कुल सट कर खड़ी थी, उसका मस्त गांड मेरे लंड से सट रहा था।
1 मिनट से भी कम समय में लिफ्ट रुकी और लोग बाहर निकलने लगे तो मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर फिरा दिया।
वो पीछे मुड़ी और एक बार मुझे घूर कर देखा उसने … मैंने सोचा कि नाराज हो गयी शायद!
लेकिन अगले पल वो मुस्कुरायी और बाहर निकल गयी।
वो अपने क्लास में जाकर बैठ गयी और मैं ऑफिस में चला गया।
रविवार को वैसे कोई क्लास नहीं होता था लेकिन मेरे कारण कुछ क्लास रखे जाते थे।
कुछ देर के बाद मेरी क्लास था, मैं क्लास में गया और मेरी नजरें यास्मीन पर थी वो चुपचाप बैठी थी।
वो मुझसे नजरें भी नहीं मिला रही थी।
मैं दुविधा में पड़ गया कि लिफ्ट में तो मुस्कुरा कर निकली थी और अब नजरें भी नहीं मिला रही थी।
मैंने बोला- आज मैं टेस्ट लूंगा.
और थोड़ी देर में अपने पेन ड्राइव से ऑफिस में जाकर प्रिंट लिया और सबको एक एक टेस्ट पेपर दे दिया।
1 घंटे का टेस्ट था.
मैं सामने बैठ गया और मैं यास्मीन को नजरंदाज करने लगा.
टेस्ट ख़त्म हुआ और सब चले गए।
उसके बाद कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया तो हमारी मुलाकात नहीं हो पायी।
एक दिन यास्मीन का कॉल आया और वो बोली- सर अगर आपको कोई परेशानी ना हो तो मैं और क्लास की अन्य 2 लड़कियाँ जो लक्ष्मी नगर में रहती हैं, उनके साथ अपने कमरे पर क्लास करना चाहती हूँ।
मैंने मना कर दिया और बात ख़त्म हो गयी।
कुछ दिन बाद उसने फ़ोन किया और आग्रह किया तो मैं तैयार हो गया।
ये अप्रैल की बात है जब लॉकडाउन के कारण बाहर निकलना मना था.
लेकिन सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी पास मिलता था इसलिए हमें बाहर निकलने में कोई परेशानी नहीं थी।
ऑफिस भी प्रतिदिन जाना नहीं होता था, इसलिए मैं सप्ताह में तीन दिन के लिए तैयार हो गया।
एक बात और बता दूँ, यास्मीन लक्ष्मी नगर में एक फ्लैट में रहती थी. उसके साथ एक और लड़की भी रहती थी जो लॉकडाउन के पहले होली में घर गयी थी और वापस नहीं आयी थी।
खैर मैं उसके घर पहुँचा.
मुझे उसने छत से देख लिया था तो दरवाजा खुला था और वो दरवाजे पर खड़ी थी.
उसने मुस्कुराते हुए मुझे अंदर बुलाया।
घर साफ सुथरा था। एक टेबल और दो कुर्सियां थी. पर हम 4 लोग थे तो हमने टेबल को बेड के साथ लगा दिया.
दो लड़कियाँ बेड पर बैठी, यास्मीन मेरे बगल में कुर्सी पर।
मैं उन्हें बताने लगा कि एग्जाम में कैसे टाइम मैनेजमेंट करना है, किसी सवाल को बाद के लिए छोड़ना है।
ऐसे ही कई चीज जो मैंने अपने अनुभव से सीखी थी, बताया।
2 घंटे तक क्लास चली और फिर मैं वापस आ गया।
हर बीतते हुए दिन के साथ मैं यास्मीन में परिवर्तन देखा, वो मेरे साथ ज्यादा घुलमिल गयी थी. उसके ड्रेस भी ऐसे होते थे कि मुझे उसकी चूचियों के दीदार हो सकें।
एक दिन मैं उसके बाथरूम में गया, मैंने उसकी ब्रा पैंटी देखी और हेयर रिमूवर क्रीम भी थी वहां।
मैं सोचने लगा कि क्या यास्मीन ने अपनी चूत को आज ही चिकनी किया है।
ये सब सोचकर मेरा लंड सलामी देने लगा।
मैं बाहर आ गया.
यास्मीन से नजरें मिली तो शरारत भरी मुस्कान थी उसके होंठों पर!
मैंने सोच लिया कि अब इसकी चूत मारनी है, इसलिए मैंने सोचा कि एक कोशिश करके देखूंगा।
रात में मैंने मेसेज किया कि तुम्हारे बाथरूम में एक क्रीम देखा, कैसी क्रीम थी वो?
कुछ देर तक जवाब नहीं आया तो मैंने गुड नाईट बोल दिया.
उसके बाद उसका जवाब आया कि बालों की क्रीम थी।
मुझे पता तो था ही!
फिर मैंने पूछा कि उस क्रीम से क्या होता है?
तो वो बोली- कल आप देख लेना खुद, क्रीम वहीं है।
अगले दिन मैं गया और सबसे पहले बाथरूम गया और वापस आया और टेबल के नीचे से उसके पैरों पर अपना पैर रख दिया.
उसने पैर नहीं हटाया तो मैं अपना पैर रखे रहा। मुझे टीचर एंड स्टूडेंट सेक्स साकार होता दिखने लगा.
वो ट्राउज़र और टॉप पहने थी।
मैंने उन्हें एक सेट दे दिया बनाने को और बैठ गया।
वो सब बनाने लगी और मैं अपना पैर धीरे धीरे ऊपर ले जा रहा था.
लेकिन वो मेरे ठीक बगल में बैठी थी तो ज्यादा ऊपर तक पैर जा नहीं रहा था।
सबने सेट पूरा कर लिया और मुझे दे दिया।
दोनों लड़कियाँ चली गयी और मैं यास्मीन के साथ कमरे में अकेला था।
मैंने उसे बोला कि मैंने देख ली क्रीम!
वो हंसने लगी.
अब मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने करीब खींचा.
वो मेरे करीब आयी।
मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसे चूमने लगा।
मेरे दोनों हाथ पीठ से धीरे धीरे नीचे सरक रहे थे और फिर अपनी मंजिल पर आकर रुक गए।
मैं उसकी गांड सहला रहा था और उसके होंठों को चूस रहा था।
मैंने एक हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया और उसकी मस्त गांड को दबाने लगा. और एक हाथ से उसकी चूचियाँ दबा रहा था।
कुछ देर तक हम ऐसे ही रहे फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया।
बेड पर लिटाकर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूचियों को मसलने लगा और उसके होंठों को चूसने लगा।
मेरा लंड उसकी फुदी से सटा था।
थोड़ी देर में मैंने उसका टॉप और ट्रॉउज़र निकाल दिया. वो काली ब्रा और पैंटी पहने थी।
मैं बैठ गया और उसके पैरों को अपनी गोद में रख लिया और फिर एक पैर उठाकर चूमने लगा. जांघों तक चूमा और फिर दूसरे पैर को भी वैसे ही जांघों तक चूमा।
मैं उसके ऊपर लेट गया और अपना हाथ नीचे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
क़यामत चूचियां थी, बड़ी बड़ी और दूधिया।
मैं उसके निप्पल को चूसने लगा … बारी बारी से फिर चूचियों को चूसा।
धीरे धीरे मैं नीचे आ रहा था, उसके पेट को चूमा और फिर अपनी दो उँगलियाँ उसकी कमर के दोनों तरफ रखकर धीरे धीरे उसकी पैंटी नीचे करने लगा.
जैसे जैसे पैंटी नीचे आ रही थी, मुझे उसकी फुदी के दीदार हो रहे थे।
एकदम गोरी फुदी, बिना बालों की, चिकनी।
कहीं भी कालापन नहीं था.
इसका मतलब ये था कि वो ज्यादा चुदी नहीं थी।
आखिर मैंने पूछा- अंतिम बार सेक्स कब किया था?
तो पहले तो कुछ बोली नहीं … लेकिन मेरे बार बार पूछने पर बोली- 2 साल हो गए।
अब मैंने उसके पैर ऊपर किया और उसकी गांड को दोनों हाथों से नीचे से पकड़ लिया और उसकी फुदी को चूमा।
मैं अपनी जीभ को उसकी फुदी पर घुमाने लगा.
फिर मैंने उसकी फुदी को अपनी उँगलियों से फैलाया और अपनी जीभ को बीच में रखकर उसकी फुदी चाटने लगा।
यास्मीन अपने हाथों से मेरा सर पकड़ कर फुदी पर दबा रही थी, उसे मजा आ रहा था।
अब मैं लेट गया और उसे बोला कि मेरे पैर के तरफ मुंह करके मेरे ऊपर आ जाओ और अपनी फुदी मेरे मुंह पर रख दो!
यानि 69 वाला पोज।
वो वैसे मेरे ऊपर आ गयी.
मैंने उसकी गांड को पकड़ा और उसकी चूत चाटने लगा।
मैंने यास्मीन को बोला- मेरा बेल्ट खोल कर लण्ड तो देख लो.
उसने मेरा बेल्ट खोला और फिर पैन्ट नीचे किया।
वो मेरे लंड को देखकर बोली- हायल्ला कितना बड़ा है और मोटा भी!
वह मेरे लंड के सुपारे पर अपनी उँगलियाँ घुमा रही थी।
मैंने बोला कि एक बार मुँह में तो लो!
इसके बाद वो लंड चूसने लगी।
वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी फुदी चाट रहा था।
यास्मीन फुदी गीली हो रही थी, मैंने सोचा कि अब वक्त को लंड को फुदी के दीदार करवाने का।
मैंने टेबल को दीवाल के साथ लगा कर रखा और दीवाल के साथ तकिया लगाया और यास्मीन को गोद में उठा कर टेबल पर लिटा दिया।
यास्मीन के पैरों को मैंने मोड़ा और थोड़ा अपनी तरफ खींचा और मैंने अपने कपड़े उतार दिये।
मैंने एक उंगली यास्मीन की फुदी में डाली और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और अंगूठे से क्लिट को दबाने लगा।
यास्मीन अपने होंठों को दांतों से काट रही थी.
अब मौका था लंड फुदी में डालने का!
मैंने फुदी को फैलाकर लंड फुदी पर रखा और यास्मीन की गांड पकड़कर धीरे धीरे लंड फुदी में डालने लगा।
बहुत टाइट फुदी थी … 2 साल बाद यास्मीन की फुदी में लंड जा रहा था … इसलिए मेरा मोटा लंड जा नहीं रहा था और यास्मीन को थोड़ा दर्द भी हो रहा था।
जब मैं थोड़ा जोर लगाता, यास्मीन को दर्द होता!
लेकिन फुदी काफी गीली थी तो लंड को अंदर पेलने में ज्यादा मुश्किल नहीं हो रहा था।
मैंने यास्मीन को थोड़ा और करीब खींचा और उसकी हाथों को अपने कंधे पर रखवा दिया।
धीरे धीरे मैं लंड फुदी में डाल रहा था. करीब 3-4 इंच लंड अंदर गया था और मैं 3-4 इंच ही अंदर बाहर कर रहा था.
और फिर मैंने अचानक से एक जोर का झटका दिया पूरा लंड दनदनाते हुए यास्मीन की फुदी में चला गया.
उसे थोड़ा दर्द हुआ।
मैं थोड़ी देर रुका, उसकी चूचियाँ चूसने लगा और फिर धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा.
उसे थोड़ा दर्द हो रहा था और मैं आहिस्ता आहिस्ता लंड से फुदी की चुदाई कर रहा था।
करीब 5 मिनट में दर्द कम हुआ, तो मैंने गति बढ़ायी और फुदी मारने लगा।
हर शॉट पर यास्मीन की चूचियाँ हिलती और मैं ज्यादा जोरदार शॉट मारता।
अब मैं उसको बेड पर लाया और डॉगी पोज़ में लाया।
मुझे उसकी गांड बेहद पसंद है, बड़ी गांड वाली माल को डॉगी पोज़ में चोदने का मजा अलग ही है।
मैं बेड के नीचे खड़ा हो गया और एक तकिया पर यास्मीन का सर रखा।
मैंने यास्मीन की गांड ऊपर उठाया और लंड को फुदी पर रखा और दोनों अंगूठे से फुदी को फैलाया.
फिर लंड फुदी पर रखकर थोड़ा अंदर डाला और फिर एक जोर का धक्का मारा और लंड फुदी के अंदर था।
मैं थोड़ा पीछे हटता फिर जोर का झटका देता और लंड फुदी में पेल देता।
जब मैं लंड फुदी से निकालता, यास्मीन की फुदी मेरे लंड से चिपक कर थोड़ा बाहर आती।
टाइट फुदी मारने का अलग मजा है.
लंड पर फुदी का टाइट ग्रिप उत्तेजना को बढ़ाता है।
मैं जोर जोर से शॉट मार रहा था, लंड मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था।
अब मैंने पोज़ बदल दिया. मैं बेड पर लेट गया।
एक बात मैं अपने अनुभव से बताऊंगा कि सेक्स में थोड़ी थोड़ी देर में पोज़ बदलना चाहिए.
इससे थोड़ा समय मिल जाता है और सेक्स की टाइमिंग बढ़ जाती है।
यास्मीन को मैंने अपने लंड पर बिठाया, मैंने अपने हाथ से लंड फुदी पर रखा और यास्मीन की गांड पकड़ कर नीचे दबाया.
जैसे जैसे यास्मीन नीचे आ रही थी, मेरा लंड उसकी फुदी में जा रहा था।
अब यास्मीन मेरे लंड पर कूद रही थी, मैं उसकी हिलती चूचियों को दबा रहा था.
5 मिनट वो मेरे लंड को अपनी फुदी के अंदर बाहर करती रही।
अब मैंने उसे रोका और अपने ऊपर लिटा लिया। मैं यास्मीन की गांड दबा रहा था और उसके होंठ चूस रहा था।
यास्मीन की गांड बहुत सेक्सी थी. मैंने फिर से उसे अपने ऊपर बिठाया.
लेकिन इस बार उसका मुंह मेरे पैरों की तरफ किया ताकि मैं उसकी गांड का दीदार कर सकूँ।
वो बैठ गयी और मेरे पैरों पर हाथ रखकर अपनी फुदी को मेरे लंड की करीब लायी.
मैंने लंड फुदी से सटाया और वो धीरे धीरे बैठने लगी।
मेरे लंड का कुछ हिस्सा फुदी में गया था और वो ऊपर नीचे कर रही थी.
और फिर उसने एक झटके में लंड पर बैठकर पूरा लंड फुदी के अंदर ले लिया।
वो पूरी ताकत से ऊपर नीचे करने लगी और मैं दोनों हाथों से उसकी गांड को नीचे से सहारा दिए था।
यास्मीन की फुदी मुझे जन्नत का मजा दे रही थी।
कुछ देर के बाद वो नीचे आ गयी।
मैंने यास्मीन पैरों को ऊपर उठाया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी फुदी की सवारी की तैयार करने लगा।
मैंने लंड फुदी पर रखा और जोर का झटका दिया और फिर लंड फुदी के अंदर था।
अब मैंने उसकी कमर पकड़ी और शॉट मारने लगा.
यास्मीन सिसकारी भर रही थी, उसके मुंह से आह, आह की आवाज निकल रही थी।
यास्मीन मेरी कमर को पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींच रही थी और मैं उसकी फुदी मार रहा था।
करीब 5-7 मिनट की चुदाई में यास्मीन झड़ गयी फिर मैं अपने शॉट को और तेज किया और कुछ देर में उसकी फुदी में स्पर्म गिरा दिया।
कुछ देर मैं उसके ऊपर लेटा रहा, फिर उसे बाथरूम ले गया और उसकी फुदी धोने के लिए जैसे ही पानी डाला, उसे तेज जलन हुई।
शायद 2 साल के बाद हुई चुदाई से ऐसा हुआ था।
मैंने उसकी फुदी अच्छे से धोई. फिर बाथरूम से बाहर लाकर उसे बेड पर लिटा दिया.
तो वो बोली- मैंने बिना कॉन्डोम के सेक्स किया है, कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए?
मैं बोला- मैं गोली लाकर दे दूंगा।
कुछ देर तक हम दोनों वैसे ही बिना कपड़े के लेटे रहे.
और फिर मैं कपड़े पहन कर वापस निकलने लगा। मैंने यास्मीन को गले लगाया, उसकी चूचियाँ दबायी, उसकी गांड सहलायी और किस करके बाहर निकल गया।
बाद में हमने कई बार सेक्स किया. लेकिन कभी सेक्स करने का मन होता लेकिन जो दो अन्य लड़कियां थी, वो क्लास ख़त्म होने के बाद बोलती कि वो कुछ देर रूककर साथ में स्टडी करेगी।
ये खड़े लंड पर लाठी जैसा होता!
लेकिन क्या करता!
मेरा मन अब उन दोनों की चूत मारने का था लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाया हूँ.
अगर मेरी योजना सफल होगी तो मैं वो कहानी आपके सामने जरूर लाऊंगा।
मेरी टीचर एंड स्टूडेंट सेक्स स्टोरी पर आपकी प्रतिक्रियाओं का इन्तजार रहेगा।
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आपका राज