अन्तर्वासना की सेक्सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, मेरी रियल सेक्स स्टोरी का मजा लें कि कैसे मैंने पहली बार एक कॉलेज गर्ल की चुत चुदाई की!
मेरा नाम राहुल है, मैं 22 साल का हूं, दिल्ली का रहने वाला हूं।
मैं दिखने में काफी अच्छा हूं कद 5 फीट 6 इंच, गोरा रंग, फिट बॉडी और 7 इंच के लंड का मालिक हूं।
वैसे तो स्कूल, कॉलेज में बहुत से ऑफर आये थे पर मैंने इन सब चीजों में कभी रूचि नहीं ली और कभी किसी लड़की को हाँ नहीं कहा, बस दोस्तों के साथ मस्ती में समय निकाल दिया।
एक साल पहले की बात है मैं कॉलेज के दूसरे साल में था।
हम दोस्त कॉलेज में ग्रुप बना कर घूम रहे थे और हमारी बात तीन लड़कियों से हुई, वो दूसरे सेक्शन की थी, उन में से एक लड़की का नाम था पल्लवी।
पहले दिन ही बात करते हुए पल्लवी मुझे देखे जा रही थी और वो इतनी सुंदर थी कि मैं भी उस पर से अपनी नजर ना हटा पाया।
उसकी फिगर 34-28-34 की रही होगी, एकदम गोरी, लंबे बाल और गुलाबी होंठ।
कुछ देर बात करके हमने एक दूसरे का नाम पूछ लिया था और फिर हम अपने अपने घर चले गए। मैंने फेसबुक पर देखा तो पल्लवी की रिक्वेस्ट आयी हुई थी। तब मुझे लगा कि लड़की को मुझमें दिलचस्पी है।
हम दोनों ने उस दिन बहुत बातें की और कुछ दिनों में अच्छे दोस्त भी बन गए।
हम एक दूसरे से सारी बातें शेयर करते थे।
एक दिन कॉलेज में पल्लवी और मैं पार्क में बैठ कर बातें कर रहे थे. मेरी नजर उसके चुचों पर पड़ी, उसके टॉप का गला बड़ा होने की वजह से मुझे उसकी चुचों की लकीर दिख रही थी.
यह सेक्सी नजारा देख कर मेरा तो लण्ड खड़ा हो गया।
मैंने ऐसे ही उसका फोन लिया और उसमें कुछ देख कर फोन को अपनी गोदी में ही रख लिया.
जब उसने फ़ोन उठाया तो उसका हाथ मेरे लंड पर लग गया पर वो कुछ न बोली।
घर जाके पल्लवी ने मुझे मेसेज किया और पूछा- जब मैं फोन ले रही थी तो वो इतना सख्त सा क्या लगा था मेरे हाथ में?
मैंने कहा- तुम्हारा था वो जो भी था।
वो मेरे से कहने लगी- मुझे वो अभी देखना है।
मैंने फोटो भेजना सही नहीं समझा पर उसके ज़िद करने पर उसे कुछ पोर्न वीडियो उसे भेज दी।
कुछ देर बाद जब उसका कोई रिप्लाई नहीं आया तो मैंने उसे फ़ोन किया।
फोन उठाने के कुछ देर बाद आवाज़ आयी- आह… याहया… राहुउल्लल आहाआ…
मैं समझ गया कि वो क्या कर रही है और मैंने विडियो कालिंग चालू कर दी।
फोन में मैंने देखा कि वो पूरी नंगी थी, उसकी शक्ल और चूचे दिख रहे थे. मैंने उसे चूत दिखाने को कहा और लंड निकाल कर मुठ मारने लगा।
अब हम दोनों एक दूसरे को अपने यौन अंग यानी चूत और लंड दिखा कर मुठ मार रहे थे. वो बहुत समय से कर रही थी तो वो मुझसे पहले जल्दी ही झड़ गयी और उसने फ़ोन काट दिया।
मैं भी मुठ मार के सो गया।
उसके बाद हमे जब भी कॉलेज में मौक़ा मिलता, जगह मिलती तो हम दोनों चुम्मा चाटी करने लगे।
एक दिन उसने बताया कि आज रात वो घर पे अकेली है और मुझे घर पर बुलाया।
मैं भी अपने घर में कह कर चला गया कि किसी दोस्त के दोस्त की शादी है, उसमें जाना है तो रात में मैं घर नहीं आऊंगा।
जब मैं पल्लवी के घर पंहुचा उसने फट से मुझे अंदर बुला कर में गेट बंद कर दिया.
मैंने उसे देखा, उसने अच्छे से मेकअप किया हुआ था, ढीली सी नाईट ड्रेस पहनी थी।
टॉप के अंदर ब्रा नहीं पहने होने की वजह से उसके निप्पल साफ़ उभरे हुए दिख रहे थे।
मैंने घर के अंदर घुसते ही उसे अपनी बांहों में ले लिया और किस करना शुरू कर दिया।
जैसे वो तो तैयार ही बैठी थी, उसने मुझे भी अपनी बांहों में दबोच लिया और चूमा चाटी में बराबर का साथ देने लगी।
किस करते हुए मैंने उसके 34 इंच साइज़ के मम्में भी दबाये और उसकी गोल गोल गांड का भी स्पर्श कर लिया।
वो कामुकता के जोश में मेरी पैन्ट के ऊपर से ही मेरा लण्ड जोर से दबाने लगी। ज्यादा देर न करते हुए मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए, ब्रा तो उसने पहनी ही नहीं थी तो टॉप उतरते ही उसकी चूचियाँ मेरे सामने नुमाया हो गयीं, गोरी चिट्टी, उठी हुयी, निप्पल का घेरा छोटा सा और निप्पल चने के दाने के बराबर… देख कर मेरे लंड ने एक ठुमका लगाया.
जब मैंने उसका पजामा उतारा तो उसने पिंक रंग की कच्छी पहनी हुई थी जिसके अंदर जन्नत का द्वार छिपा था.
मैंने वो द्वार के दर्शन करने के लिए उसकी चड्डी भी तुरंत उतार दी, और वो पूरी नंगी मेरे सामने थी।
उसकी चूत एकदम साफ़ थी जैसे अभी कुछ देर पहले ही क्रीम लगा कर बाल साफ़ कियें हों! मेरे मन में आया कि बेचारी की कामवासना इतनी उछाल ले रही थी कि चुत चुदाई की पूरी तैयारी करके बैठी है ये तो!
मेरा मन तो किया जल्दी सी इसकी चिकनी चूत में अपना लंड डाल दूँ पर मेरा तो पहली बार था और मेरे चुदाई के अनुभवी दोस्तों ने बताया था कि लड़की को पहले अच्छे से गर्म करने के बाद ही चोदना चाहिए।
इसलिए मैंने उसके पूरे शरीर को पहले चूमना शुरू किया।
बहुत ही सॉफ्ट शरीर था उसका… बेड पर लिटा कर कान, चूची, नाभि, चूत, पैर सब कुछ बारी बारी से चूसने के बाद वो उछलने लगी और कुछ देर में झड़ गयी।
उसकी चूत का नमकीन पानी मैं चूस के पी गया।
अब मैंने उसके हाथ में लण्ड पकड़ा दिया। उस समय मेरा लण्ड इतना बड़ा हो गया था कि मैं खुद देख के हैरान हो रहा था कि ये इतना बड़ा कैसे… इससे पहले मुठ मारते वक्त भी ये इतना बड़ा नहीं दिखा था. उसके दोनों हाथों में भी मेरा लण्ड नहीं आ रहा था।
फिर मैंने उसे लंड को मुंह में लेकर चूसने के लिए कहा तो वो मेरे चेहरे तो देखने लगी, जैसे पूछ रही हो कि ये करना जरूरी है.
मैंने उसे आँखों के इशारे से हाँ कहा और उसने मेरा लंड मुह में लिया और हल्के से चूसने लगी। मैं पहली बार किसी को अपना लण्ड चूसा रहा था, असली ज़न्नत का एहसास तो मुझे उसी दिन हुआ।
मैंने लंड के दो तीन झटके उसके मुंह में मारे और आधे से ज्यादा लण्ड उसके मुंह में घुसा दिया और साथ में चूत में उंगली भी कर रहा था।
उसकी चूत से बहुत गर्मी निकल रही थी, वो पूरी पानी पानी हो रही थी, जैसे लंड की प्रतीक्षा में अश्रू बहा रही हो!
मैंने देर न करते हुए उसको बिस्तर पर चित लिटाया और उसकी चूत को चोदने के लिए उसकी टांगों को चौड़ा करवा कर उन के बीच में बैठ गया।
मेरा लंड और उसकी चूत दोनों एकदम गीले थे, मैंने उसके ऊपर आया, लंड का निशाना चूत पर लगा कर उसके ऊपर लेट गया. मुझे पटा नहीं था कि वो कुंवारी है या पहले चुदाई करवा चुकी है इसलिए अगर दर्द हो तो मुझे हटाने लगे तो उसे रोकने के लिए मैंने उसे जकड़ लिया और लंड का दबाव उसकी चूत पर बनाने लगा.
फिर भी लण्ड अंदर डालने में फिसल रहा था, शायद हम उत्तेजना से, उत्साह से काँप रहे थे इसलिए मुश्किल ज्यादा हुई।
मैंने हाथ से चूत का छेद थोड़ा खोला और लण्ड का टोपा अंदर डाल दिया. उसे दर्द हुआ और उछल कर उसने लंड बाहर निकाल दिया।
मैंने दोबारा कोशिश की और इस बार लंड चूत पर सटा कर उसके ऊपर लेट कर अपना पूरा भार भी उसके नागे बदन पर दाल दिया गया ताकि वो उछल ना पाये.
और फिर एक ही झटके में आधा लण्ड चूत में डाल दिया। वो चिल्ला पड़ी पर चिल्लाने का हमें कोई डर नहीं था क्योंकि हम घर पे अकेले थे।
लण्ड अंदर ही था पर मैं रुक गया और उसे चूमने लगा।
फिर मैंने धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करना शुरू किया, उसे दर्द कम हो रहा था पर पूरा लण्ड अंदर डालने पर वो चिल्ला रही थी।
15-20 शॉट्स में ही मैं झड़ने लगा क्योंकि मेरा पहली बार था और चूत भी बहुत टाइट थी।
मैंने लण्ड बाहर निकाल कर उसके पेट पर अपना माल छोड़ दिया।
हम दोनों झड़ गए।
उसकी चूत से थोड़ा खून निकला था जो मेरे लंड पर भी लगा था। मेरा लण्ड अब उतना कड़क नहीं रहा था पर अब भी बड़ा हो रखा था।
शायद उसे चूत की खुशबू अभी भी आ रही थी।
कुछ देर चुम्मा चाटी करने के बाद हम फिर तैयार हो गए, इस बार मैंने कंडोम लगा कर तेज़ी से चुदाई की। कभी घोड़ी बना कर तो कभी खड़ा करके, तो कभी दोनों टाँगें हवा में उठा कर उसे चोदा मैंने।
20 मिनट की दूसरी चुदाई के बाद मैं झड़ गया और इस बीच वो भी झड़ गई थी।
और फिर हम ऐसे ही नंगे एक दूसरे से चिपट कर सो गए.
सुबह 5 बजे मेरी आँख खुली तो वो मेरे ऊपर एक टांग रख कर सो रही थी. यह नजारा देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया और उसकी नींद में ही मैं लंड उसकी चूत पर लगा के अंदर डालने लगा।
वो अचानक हड़बड़ा कर उठी, पहले तो वो कुछ घबराई सी लगी, फिर मुझे देखा तो उसके चेहरे पर हया से भारी एक मुस्कुराहट आई.
वो बोली- अब फिर करोगे? इतनी सुबह सुबह?
मैंने उसे अपने लंड की ओर इशारा करके दिखाया- इसे देखो, ये जिद कर रहा है!
तो वो हंसती हुई बोली- बच्चों की सारी जिदें पूरी नहीं करते… नहीं तो बच्चे जिद्दी हो जाते हैं.
और उसके मेरे लंड को एक थप्पड़ दिखाया.
मैं बोला- चल, इसकी नहीं तो मेरी जिद तो पूरी कर दे…
कहते हुए मैंने उसे बिस्तर पर गिराया और उसके ऊपर चढ़ गया. मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और जम कर उसे चूमा चाटा. वो भी मेरा भरपूर सहयोग कर रही थी. मैंने उसके मुख में जीभ दाल कर उसे चुदवाई और उसकी जीभ भी चूसी.
अब तक उसकी कामुकता अपने पूर्ण चरम पर आ चुकी थी, वो अपने कूल्हे उचका उचका कर अपनी चूत मेरे लंड पर रगड़ने की कोशिश कर रही थी.
मैं उसे तड़पाने के लिए जान बूझ के ऊपर को उठ जात और वो तड़पती रह जाती.
आखिर उसने नीचे हाथ ले जा कर मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत पर लगाने लगी. अब मैंने भी उसकी मदद की और जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के छेद पर आया, मैंने अपने चूतड़ दबा कर एक झटका मारा.
उसकी चीख निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
और इस तरह से हमने सुबह सुबह भी एक बार चूत चुदाई की।
उसके बाद हम दोनों मौके की तलाश में रहने लगे और जब भी कोई ऐसा मौका मिलता तो हम चुदाई कर लेते! और मैंने एक बार उसकी गांड भी मारी थी।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी पहली चुदाई कथा।
आप सभी पाठकगण मुझे अपने सुझाव जरूर भेजें ताकि मैं अगली बार और अच्छे से चुदाई कर सकूँ, और फिर उसी हिसाब से रियल सेक्स स्टोरी भी सही से पेश कर सकूँ।
धन्यवाद.
[email protected]