हेलो दोस्तो, मैं नील पुणे से एक बार फिर से आया हूँ मेरी हिंदी एडल्ट कहानी में मेरा एक और अनुभव आप लोगों से बांटने के लिए.
मेरी पिछली कहानी थी.
लिफ्ट देकर चूत मिली
उस कहानी में आपने पढ़ा था कि रात में मैंने एक लड़की को लिफ्ट दी और मुझे चूत मिल गई. कुछ समय बाद उस लड़की की शादी हो गई और मैं फिर से किसी चूत के वियोग में तड़पने लगा.
उसके जाने के बाद बहुत दिन मुझे मेरी प्यास को मारना पड़ा था, मैं मेरे पुरानी कंपनी में बहुत दिन से काम कर रहा था पर बढ़ती हुई महँगाई के साथ मेरी सैलरी नहीं बढ़ी तो मैंने वो जॉब चेंज करने की सोची और नए जॉब सर्च में लग गया.
बात ऐसी हुई कि एक जगह मैं इंटरव्यू के लिए गया था, वहाँ एक लड़की भी आई थी, सलवार कमीज़ में अपने पूरे बदन को ढके हुए डरी हुई सी बैठी थी, मैं उसे देख रहा था, पर उससे बात करने की हिम्मत नहीं हुई.
वहाँ पे बहुत सारे कैंडिडेट आए हुए थे, जब मेरा नंबर आया तो मैं अंदर जाने के लिए उठा तो उसने ऑल दी बेस्ट कहा, मैंने हँस कर थॅंक्स बोला.
जब मैं अंदर गया और पेमेंट इश्यू पर मैंने मना कर दिया और उठ कर चला आया.
बाहर देखा तो वो लड़की वहाँ पर नहीं थी, मुझे लगा शायद चली गयी होगी.
मैंने बाहर आकर एक सिगरेट मार कर मेरी बाइक निकाली तो वो पंक्चर थी, मैं धक्का मार कर उसे धकेलते हुए लेकर जा रहा था. पंक्चर वाला बस स्टैंड के बगल में ही था.
कुछ देर बाद वो लड़की चलते चलते बस स्टैंड पे आ गयी.
मुझे वो देख रही थी पर बात नहीं कर पा रही थी.
तो मैं ही बात करने के लिए उसके पास गया- कैसा रहा इंटरव्यू?
वो बोली- ठीक था, ‘फोन करेंगे’ बोला है.
“तो तुम अब दूसरी जगह भी जाओ इंटरव्यू के लिए!”
“नहीं इन्होंने बोला है कि ये फोन करेंगे.” उसने थोड़ा गुस्से से कहा.
तब मुझे पता चला कि ये पुणे से नहीं है, कहीं बाहर की है और पहला ही जॉब ढूंढ रही है.
मैंने पूछ ही लिया- कहाँ से हो?
उसने बताया- मैं नागपुर से हूँ और ग्रॅजुयेशन के बाद पुणे में आई हूँ, यहाँ पे मेरे अंकल रहते हैं.
उसने जो एरिया बताया वो मेरे घर से छह किलोमीटर दूर था. तो मैंने उसे पुणे के बारे में और यहाँ के इंटरव्यू के बारे में सब बता दिया. तो वो थैंक्स कह कर बस से चली गयी और मैं उसको भूल गया.
फिर मेरा जॉब सिटी में लगा एडमिन मैनेजर करके.
तकरीबन दो महीने बाद वही लड़की हमारे ऑफिस में आई इंटरव्यू के लिए.
जब उसका नंबर आया और उसने मुझे देखा तो वो थोड़ा शॉक हो गयी- आप यहाँ?
मैंने कहा- हाँ!
“तुम्हें अभी तक जॉब नहीं मिली?”
फिर मैंने उसका इंटरव्यू लिया और उसके बारे में बहुत कुछ जान लिया. वो बहुत ही एक्टिव लड़की थी, मैं उसकी तरफ़ खिंचा चला जा रहा था. मैंने उसे सेलेक्ट कर लिया, वो काम पर आने लगी.
हम हमेशा साथ में रहने लगे और घूमने लगे, ऑफिस में इस के बारे में बातें होने लगी पर मेरे सीनियर होने के कारण मुझे कोई बोल नहीं रहा था.
जब भी मैं उसे टच करता, उसका चेहरा एकदम से फूल जाता था, मुझे ये सब बातें समझ में आने लगी, तब मैंने फ़ैसला किया कि अब इसके साथ मुझे आगे बढ़ना चाहिए. तो मैंने उसे डिनर के लिए इन्वाइट किया.
हम अच्छे से होटल में खाना खा रहे थे, तब मैंने पूछा- नीता, तुम्हारा कोई बायफ्रेंड नहीं है?”
वो एकदम से डर गयी, फिर उसने मुझे उसकी पूरी कहानी बता दी जिसमें उसको उसके बायफ्रेंड ने कैसे धोखा दिया. मैंने सोचा कि चलो काम आसानी से हो जाएगा. तो मैंने उसका हाथ मेरे हाथ में लिया और बोला- यार, होता है कभी कभी हम धोखा खा जाते हैं.
और मैंने उसका हाथ थोड़ा सा दबाया.
रात को मैंने उसे एक मेसेज भेजा- तुम्हारी वजह से मुझे नींद नहीं आ रही है!
दूसरे दिन जब हम ऑफिस से आ रहे थे तब उसने मुझे मेरे रात वाले मेसेज के बारे में पूछा तो मैंने सीधा बोल दिया- मैं रात को तुम्हारे साथ सोना चाहता हूँ!
तो वो बिना कुछ बोले चली गयी.
रात को दो बजे उसका मिस कॉल आया तो मैंने उसे फोन किया, पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- मुझे कुछ हो रहा है.
मैंने पूछा- क्या हो रहा है?
“पता नहीं, पर तुम्हारी याद आ रही है. तुम्हारे पास आने को जी कर रहा है और…”
“और क्या?”
“और कुछ नहीं”
मैंने बहुत ही प्यार से पूछा- यार, बताओ ना… और क्या?
जो उसने बोला वो सुन कर मेरे होश उड़ गये, उसने पूछा- क्या तुम मुझ से मस्ती कर सकते हो?
“मतलब?” मैंने नासमझ होकर पूछ लिया.
“मुझे मस्ती करनी है अडल्ट वाली मस्ती!”
मैंने उसे ओके बोला और आगे की बात समझाई.
अगले दिन मैंने उसे छुट्टी दी और मेरे रूम पे आराम करने को बोला और मैं ऑफिस चला गया. मुझे पता था कि अगर हम दोनों एकदम छुट्टी लेंगे तो ऑफिस में सब लोग सोच में पड़ जाएँगे.
दोपहर को मैं घर पर अपने ख्यालों में उड़ते उड़ते ही पहुँच गया. अंदर जाते ही मैंने उसे दबोच लिया और उसके पूरे शरीर पर किस करने लग गया. वो भी सेक्स के लिए तड़प रही थी, कुछ बोलने वाली थी तो मैंने उसे रोका और बोला- अब कुछ मत बोलो!
मैं उसे एक भूखे शेर की तरह चाट रहा था और उसके मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ निकल रही थी. मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया, मैं उसको नंगी देख कर ही पागल होता जा रहा था और मेरा शेर अपने ओरिजिनल शेप में आ गया था.
उसकी कोमल मम्मे देखकर मैंने मेरे होंठ उसके मम्मों पर रख दिए और मैं उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरा मम्मा हाथ में लेकर मसलने लगा. उसके हाथ मेरे शरीर पर ऐसे घूम रहे थे कि मानो किसी को बहुत दिनों के बाद खाना नसीब हुआ हो.
हम दोनों भी बहुत दिनों से प्यासे थे और एक दूसरे पर टूट पड़े थे.
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चिकनी चूत को हाथों से सहलाने लगा, वो बहुत ही गर्म हो गयी थी और उसके मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ निकल रहीं थी ‘उउउ आआ आआअईईई ईईई…’ करके वो मेरे जोश को और बढ़ा रही थी.
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और फिंगर फक करने लगा. वो भी पाने चूतड़ धीरे धीरे हिला कर इस उंगली चुदाई का मजा ले रही थी.
कुछ देर बाद मैंने बिना सोचे उसकी चूत पर अपने जीभ से धावा बोल दिया और खुशी और आनन्द के मारे नीता उछलने और चिल्लाने लगी. उसकी चूत चाट चाट के मैंने उसका नमकीन पानी निकाल दिया. जब मैंने उसको ओरल सेक्स के लिए 69 में आने को कहा और मेरा लंड उसके हाथ में दिया तो वो एकदम सिहर सी गयी और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर मज़े से चूसने लगी. ऐसा लग रहा था कि साली पूरा का पूरा खा जाएगी, वो पूरा लंड अपने गले तक ले जा रही थी और फिर पूरा बाहर निकाल कर जीभ से टोपा चाट कर फिर से अंदर ले रही थी.
उसके इस स्टाइल से मुझे लगा कि साली ये तो पूरी खाई खेली है.
मैं भी मजे से उसकी चूत चाट रहा था, उसकी कामुकता भारी सिसकारियाँ सुन कर मेरी कामवासना और भी ज्यादा भड़क रही थी.
करीब 15 मिनट की चूसा चुसाई के बाद अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसे सीधा बेड पे लिटाया और उसके होठों पे होंठ रख दिए. उसे पता था क्या करना है, उसने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ के अपने चूत के मुँह पर रख दिया और आँखों से इशारा किया.
मैंने उसे कस के पकड़ा और ज़ोर से धक्का लगाया, आधा लंड चूत के अंदर गया और उसकी आँख से पानी बाहर आ गया. मैंने पहले ही उसका मुँह बंद करके रखा था तो वो चिल्ला नहीं पाई.
थोड़ी देर रुक कर मैंने उसको पूछा- दर्द हुआ क्या?
“बहुत दिनों से तड़प रही थी… जाने कितने महीनों बाद मेरी चूत में लंड घुसा हैं, मत रूको… फाड़ दो मेरी चूत को, भोसड़ा बना दो इसका!”
मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने भी मेरी मशीन को स्टार्ट किया और ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगा, उसने आँखें बंद कर ली और उसके मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ निकल रहीं थी, वो बड़बड़ा रही थी- और ज़ोर से, आआ आआऐ ययईईई उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईईईई उउ उफ़ मार दे ज़ोर से ठोक दे रे और ज़ोर से!
उसके बड़बड़ाने से मैं और भी जोश में आ रहा था.
बीस मिनट हमारी पेलमपेली चली और वो एक बड़ी चीख के साथ खाली हो गयी. मैं अभी भी धक्के मारता जा रहा था, जब मैं भी अपनी चरम सीमा के पास आने लगा तो मैंने उसको पूछा- मेरा आने वाला है, कहाँ निकालूं?
“अंदर ही छोड़ दे… पूरी तरह से चुदना चाहती हूँ मैं!”
मैंने मेरी स्पीड और बढ़ाई, 15-20 ज़ोर के धक्के लगाने के बाद मैंने मेरा सुपर शॉट लगाया और उसकी आँखों में फिर से आँसू आ गये. अब उसके चेहरे पे खुशी झलक रही थी. मैं उसकी चूत में ही खलास हो गया था. मैं उसने नंगे बदन के ऊपर गिर पड़ा. अब तक मैं थक चुका था.
अगले कुछ मिनट हम वैसे ही पड़े रहे तब वो बोली- बहुत दिनों बाद चुदी हूँ आज मैं… मुझे मजा आया, तुम्हें मज़ा तो आया ना?
मैं उसे एक प्यारा सा किस करते हुए बोला- बहुत मज़ा आया, अब तो यह मजा रोज मिलेगा, जब चाहें मिलेगा!
उसने हाँ में सर हिला दिया और बोली- हाँ, बहुत अच्छा लगा. काफी महीने बाद सेक्स किया तो शुरू में थोड़ा दर्द हुआ लेकिन इस दर्द में भी मजा भरा हुआ था.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला तो मेरा रस उसकी चूत से बाहर को बहने लगा. मैंने उसे एक तौलिया दिया तो उसने अपनी गीली चूत को पौंछ कर साफ़ कर लिया, फिर उसने मेरा लंड भी उसी तौलिये से पौंछ दिया और बोली- देखो इस शेर को, कैसे चूहा बन कर निकला है मेरी गुफा से!
वो उससे खलेने लगी, उसको ऐसे हिलाने लगी जैसे घंटी बजाते हैं और जोर जोर से हंसने लगी.
फिर हम उठे, कपड़े पहन कर तैयार हुए और मूवी देखने चले गये.
इसी तरह से हम दोनों ने बहुत दिन तक एंजाय किया पर किसी बंधन में न बंधने की कसम खा ली, हम सिर्फ़ चुदाई का मजा लूटने के लिए एक दूसरे का साथ देने लगे.
कुछ दिनों के बाद मेरा ट्रान्स्फर ऑर्डर आया तो मैंने वो कम्पनी छोड़ दी क्योंकि मैं पुणे को छोड़ के कहीं बाहर जाना नहीं चाहता था.
आप बताइए मुझे कि आपको मेरी यह मेरी हिंदी एडल्ट कहानी में कैसी लगी. मैं आप लोगों के ईमेल का इंतजार करूँगा.
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