फ्रेंड्स, तड़पती चुत और लंड के लिए मेरे खड़े लंड का सलाम.
मेरा नाम जय वर्मा उर्फ़ जे है. मैं दमन के रहने वाला हूँ. मेरी बॉडी स्लिम है और लंड 7 इंच का है.
मेरी हिन्दी सेक्स कहानी मेरी ओर मेरी पड़ोसी भाभी की बारे में है.. भाभी का नाम रिया था.
आज से एक महीने पहले हमारे घर के पास एक नई फैमिली रहने के लिए आई. उनकी फैमिली में 2 ही मेम्बर थे.. हज़्बेंड और वाइफ. हज़्बेंड शायद 45 साल का होगा.
जब पहली बार मैंने रिया भाभी को देखा मैं देखता रह गया. वो लगभग 25 साल की कमसिन जवानी से लबरेज, एकदम हॉट और सेक्सी माल थीं. उनकी उठी हुई गांड जींस में देख कर किसी बुड्ढे का लंड भी खड़ा कर देगा. शायद उनकी फिगर 34-28-36 की होगी.
उसके बाद मैं हमेशा सोचता रहता था कि कैसे उनकी चूत मारूं. दो-तीन दिन के बाद उनके पति से मेरा थोड़ा सा बोलचाल हुआ तो पता चला कि उनका खुद का बिजनेस है. इस तरह मैंने उनसे थोड़ी दोस्ती बढ़ा ली.
उसके बाद उन्होंने एक दिन मुझे कॉफ़ी पर बुलाया. जब रिया भाभी मेरे सामने आईं तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. फिर राकेश भाई ने हमें इंट्रोड्यूस किया और हम दोनों ने हाथ मिलाया.
वाउ.. वो भाभी के हाथ का पहला टच मुझे आज भी याद है.. उसके बाद मुझे जब टाइम मिलता है मैं उनके घर चला जाता हूँ.
इस तरह धीरे-धीरे मेरी उनसे दोस्ती हो गई. भाभी ने मुझे अपना मोबाइल नम्बर भी दे दिया. हम दोनों हमेशा मैसेज से बात करते हैं. वो मुझसे काफ़ी घुल-मिल गईं.
एक दिन भाभी मुझसे पूछने लगीं- कोई जीएफ है क्या?
मैंने ना कर दिया तो वो कहने लगीं- तुम इतने स्मार्ट हो, तुम्हारी जीएफ तो होनी चाहिए.
मैंने भी उनसे ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछा. लेकिन वो कहने लगीं- मुझे कौन पसंद करेगा.
मैंने कहा- भाभी आप जितनी हॉट लड़की मैंने आज तक कभी नहीं देखी. राकेश भाई बहुत मज़े लेते होंगे.
ये सुनकर वो दुखी हो गईं और चुपचाप रह गईं.
मेरी समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूँ, तो वो बोलीं- अब तुम चले जाओ.
मैं चला आया, पर अब मैंने प्लान बनाया कि कैसे उनकी चूत मारूं.
रात को मैंने भाभी को मैसेज किया तो वो कहने लगीं- तुम मेरे दोस्त हो ना.. क्या तुम मेरी हेल्प करोगे?
मैंने ‘हाँ’ कहा तो वो बोलीं- कल 10 बजे घर आ जाना.
अगले दिन मैं 10 बजे उनके घर गया और डोरबेल बजाई. भाभी ने डोर ओपन किया. जब मैंने उन्हें देखा तो मैं पागल हो गया, मेरा लंड सलामी देने लगा. वो एक टाइट जींस और टॉप में थीं. उनकी गोल-गोल गांड और चूचे उभरे हुए दिख रहे थे. वो मुझे अपना हाथ पकड़ कर बेडरूम ले आईं.
तब मैंने उनसे पूछा- भाभी किसी हेल्प चाहिए?
भाभी रो पड़ीं और कहने लगीं- तुम्हारे भाई एक नामर्द हैं. उन्होंने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी. मैं बहुत प्यासी हूँ, तुम ही मेरी प्यास बुझा सकते हो.
मैं बोला- मैं समझा नहीं?
भाभी ने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे अपनी ओर खींचा और मुझे अपनी टांगों में फंसा लिया.
भाभी- अब इतना भी शरीफ मत बनो.. मुझे पता है तुम क्या घूरते हो?
अब मेरा लंड खड़ा हो चुका था, मुझसे और रहा नहीं गया. मैंने उनको पकड़ लिया और किस करने लगा. वो भी पूरी दम से मेरे होंठों को चूस रही थीं. मैंने उनके मुँह में अपनी जीभ को डाल दिया और उनके चूचे टॉप के ऊपर से दबाने लगा.
भाभी मोन करने लगीं- अहह.. धीरे से जानेमन..
मैंने उनका टॉप उतार दिया और उनकी चूचियां ब्रा के ऊपर से चूसने लगा.
भाभी मेरे बालों पे हाथ फेर रही थीं और कह रही थीं- और ज़ोर से मेरे राजा..
मैंने कई मिनट तक भाभी की पूरी बॉडी को चाटा. भाभी अब बहुत गरम हो चुकी थीं. उन्होंने मेरा पेंट उतार कर मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और धीरे से अपने मुँह को मेरे लंड के सुपारे पर लगाने लगीं. फिर मेरा लंड को एक भूखी शेरनी की तरह चाटने लगीं. कई मिनट के बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने उन्हें माल निकलने का इशारा किया.
वो बोलीं- आने दो… मुझे तुम्हारा जूस पीना है.
मैं भाभी के मुँह में झड़ गया. वो मेरा सारा जूस पी गईं. उस टाइम मुझे जन्नत जैसा मज़ा आ गया.
फिर कुछ देर बाद मैंने उनकी चुत पे चॉकलेट लगा डाली और फिर धीरे-धीरे अपनी जीभ भाभी की चुत पर लगा दी. भाभी अपनी चुत पर जीभ का स्पर्श पाते ही तड़प उठीं. मैंने अपनी जीभ भाभी की चुत के दाने पर लगाई और दाने को चाटने लगा. धीरे-धीरे उनकी चुत में मैं अपनी जीभ डालने लगा. वो बहुत तड़प रही थीं तो मैं अपनी जीभ चुत में अन्दर तक डाल कर पागलों की तरह चुत पर लगी चॉकलेट को चूसने लगा.
वो मोन करने लगीं- आहा.. आह.. और ज़ोर से चूसो राजा.
फिर ऐसे मैंने भाभी की चुत को दस मिनट तक चाटा और हम 69 की पोज़िशन में आ गए. उसने चूस-चूस कर मेरे लंड को खड़ा कर दिया और बोलीं- अब और ना तड़पाओ.. बना दो मुझे अपनी रंडी.. चोद दो मुझे..
फिर मैंने भाभी को लिटा दिया और उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया. अब मैं अपना लंड भाभी की चुत पर घिसने लगा.
वो चुत उठा कर बोलीं- जल्दी डालो ना..! तो मैंने लंड को चुत के होल पे रख कर एक जोरदार झटका दे मारा. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाईं- अह.. अऊहहो मर गई.. फट गई मेरी..!
मैंने उनके होंठों पर किस किया ताकि आवाज़ बाहर ना जाए. मैंने कुछ देर वेट किया, जैसे वो थोड़ी नॉर्मल हुईं तो मैंने एक बार और धक्का मारा. इस बार वो रो पड़ीं. मैंने देखा कि भाभी की चुत से खून आ गया, तब पता चला कि भाभी वर्जिन थीं.
फिर मैंने धीरे-धीरे भाभी को चोदना स्टार्ट किया. अब भाभी को भी चुदने में मज़ा आ रहा था. मैंने बहुत जोरदार चुदाई की, भाभी भी गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थीं.
‘अहह.. अहहहह..’ की आवाज़ से पूरा कमरा गूँज रहा था.
मैंने भाभी 20 मिनट चोदने के बाद घोड़ी बना कर भी चोदा.
चुदाई में बहुत मजा आ रहा था. हम दोनों 3 बार की चुदाई के बाद थक कर ऐसे ही नंगे सो गए.
जब आँख खुली तो 4 बज चुके थे. हम बाथरूम में गए और दोनों ने एक-दूसरे को साफ किया. फिर शावर के नीचे भी एक बार सेक्स किया.
भाभी ने बताया कि वो एक गरीब घर से थी, उसका पति नामर्द है, उसने सिर्फ घर के काम के लिए शादी की, अब तक एक बार भी उसके पति ने उसे नहीं चोदा है.
अब तक हम दोनों अनेकों बार सेक्स कर चुके हैं और मैंने भाभी की हॉट गांड भी मारी. उन्होंने अपनी सहेली पूजा को भी मुझसे चुदवाया.
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