दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है और मैं राजस्थान के कोटा से हूँ। मेरी उम्र 20 साल है.
अगर मैं अपनी सेक्स की दास्तान के बारे में बात करूं तो करीब-करीब एक सौ बार मैं अपनी चाची की चूत चोद चुका हूँ. यह सिलसिला बारहवीं कक्षा से शुरू हुआ था.
उसके बाद मैंने सोचा कि क्यों न नई-नई चूतों को चोदने का मजा लिया जाए. अब मैं आपका ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ.
चूंकि मैं अंतर्वासना का पुराना पाठक हूँ और नियमित रूप इस साइट पर कहानियाँ पढ़कर मज़ा लेता रहता हूं, इसलिए मैंने सोचा कि मैं अपनी कहानी भी आप लोगों के साथ शेयर करूँ. यह कहानी मेरे कॉल ब्वॉय बनने के बारे में है. बात उस समय की है जब मैंने एक सोशल साइट पर कॉल ब्वॉय की आई-डी बनाई थी.
लगभग 4 महीने हो चुके थे और एक दिन दोपहर के वक्त मेरे पास एक मैसेज आया. जब मैंने रिप्लाइ किया तो पता लगा वह मैसेज किसी 33 साल की तलाकशुदा भाभी का था.
उसके बाद हमारी बातें शुरु हो गई. बातों ही बातों में उसने मेरा नम्बर ले लिया और आइ-डी पर मुझे ब्लॉक कर दिया. उसने अपना फोटो भी नहीं दिखाया. मैंने सोचा कि किसी ने फेक आइ-डी से मैसेज किया होगा. मगर कुछ दिन बाद मेरे पास एक अन्जान नम्बर से फोन कॉल आया. उस वक्त मैं कहीं व्यस्त था इसलिए मैंने उस फोन कॉल पर ध्यान नहीं दिया.
उसके लगभग एक घंटे के बाद दोबारा से उसी नम्बर से कॉल आया.
जब मैंने हैल्लो करते हुए पूछा- कौन?
दूसरी तरफ से एक मदहोश कर देने वाली आवाज़ मेरे कानों में पड़ी. उसने कहा- मैं सारिका (बदला हुआ नाम) बोल रही हूँ. क्या आप रॉकी बात कर रहे हैं?
जब उसने मेरा नाम लिया तो मैं थोड़ा घबरा-सा गया.
उसने कहा- मैंने आपसे सोशल साइट पर बात की थी. मुझे आपकी सर्विस चाहिए है.
जब उसने बताया कि वह सर्विस के लिए फोन कर रही है तो मैं खुश हो गया. फिर मैंने उससे बात की और उसने 25 दिसम्बर की शाम का वक्त फिक्स कर दिया. मैंने उसका पता ले लिया और फिर व्हाट्सएप पर मैंने उसकी फोटो भी मांग ली.
जब मैंने उसकी फोटो देखी तो मेरा लंड उसी वक्त झट से खड़ा हो गया. ऐसी शानदार गांड मैंने पहले कभी नहीं देखी थी. वह देखने में इतनी सेक्सी थी कि मुझे वहीं पर मुट्ठ मारनी पड़ गई. उसका फिगर 36-34-38 के करीब था. देखने में उसकी शक्ल हॉलीवुड की हिरोइन जैसी लग रही थी. मेरी तो किस्मत ही खुल गई थी कि इतनी सेक्सी लेडी को सेक्स सर्विस देने का मौका मिला है.
वह मेरी पहली कस्टमर थी और जब उनको यकीन हो गया कि मैं सही बन्दा हूँ तो मैंने अपने ट्रेवल का चार्ज 2000 रूपये बताया. उसने बिना कोई सवाल पूछे मेरे अकाउन्ट में पैसे भेज दिए. मैं बहुत ही खुश था और देखते ही देखते वह दिन आ गया. 24 की रात को मैं ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हो गया. वह अपनी गाड़ी लेकर मुझे स्टेशन पर पिक करने आई थी.
गजब का माल लग रही थी वो … मेरा तो मन कर रहा था कि अगर गाड़ी ड्राइवर चला रहा होता तो मैं वहीं गाड़ी में ही उसके साथ सेक्स करना शुरू कर देता. जल्दी ही हम उसके घर पर पहुंच गए.
उसकी मस्तानी चाल को देखते ही मेरे लंड ने अकड़ना शुरू कर दिया. वह किचन से मेरे लिए जूस लेकर आई. मैं उसके घर को देख रहा था. काफी पैसे वाली औरत थी वह. इसीलिए अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए मुझे बुलाया था उसने.
हमने साथ में बैठकर जूस पीया और कुछ बातें करने लगे. उसकी लाल साड़ी और ब्लैक ब्लाउज में वह बिल्कुल श्रीदेवी की तरह लग रही थी. उसके मम्मे उसके ब्लाउज से बाहर निकलने के लिए उतावले दिखाई दे रहे थे मुझे.
उसने मुझे फ्रेश होने के लिए कह दिया और उसके बाद हमने साथ में खाना खाया. खाने के कुछ देर बाद वह उठकर बाथरूम में चली गई. मैंने सोचा चेन्ज करने गई होगी. बाथरूम में गए हुए उसको कुछ देर हुई थी और उसने भी मुझे अन्दर आने के लिए आवाज़ दी. मैं जैसे ही अन्दर गया तो भाभी को देखता ही रह गया.
मैंने देखा कि भाभी ने एक गाउन पहना हुआ था जिसमें उनका क्लीवेज बिल्कुल साफ-साफ दिखाई दे रहा था. उनको देखा तो मुझे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने सारिका को अपनी तरफ खींच लिया और अपने करीब लाकर उसके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया. वह भी मेरे होंठों को चूसने लगी थी और मेरा साथ दे रही थी. लगभग 5 मिनट तक हम ऐसे ही दोनों किस करते रहे और भाभी की कामुकता बढ़ने लगी.
वह मेरी पूरी बॉडी को चूमने लगी. उसने मेरी टी-शर्ट फाड़ दी और मेरी छाती पर काटने लगी. अब तो मैं भी पूरे जोश में आ गया था. मैंने भी भाभी के गाउन को उतार दिया उनकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. भाभी के मुंह से कामुक आवाज़ें आने लगी.
अब मैंने अपना एक हाथ भाभी की पेंटी पर रख दिया और उनकी फुद्दी को पेंटी के ऊपर से ही मसलने लगा. जैसे मैंने उसकी फुद्दी पर हाथ रख कर मसलना शुरू किया तो वह पागल सी होने लगी. उसने मेरी ट्रैक पैंट को उतार दिया और मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी. मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये थे. अब मैं उसको बेतहाशा चूमता ही जा रहा था. मैं धीरे-धीरे किस करता हुआ उसकी फुद्दी के पास आया और उसको चूम लिया. उसकी चूत के आस-पास के एरिया को भी हल्के होंठों से किस किया.
उसने कहा- बस, अब और क्यों तड़पा रहे हो, मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दो.
मैंने भी अपनी जीभ से भाभी की चूत पर हल्के से लिक करना शुरू किया और वह तड़पने लगी. उम्म्ह… अहह… हय… याह… करने लगी. उसके बाद सारिका ने मेरे सिर को पकड़ लिया और अपनी चूत पर दबाने लगी. मैं भाभी की चूत को चाटने में लगा हुआ था. फिर एकदम से उसने मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर ज़ोर से दबाया और उसकी चूत से रस की धार बह निकली. उसकी चूत के रस से मेरा मुंह गीला हो गया था. मैंने उसके चेहरे को देखा तो वह मुस्करा रही थी. फिर वह उठी और उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और मजे से चूसने लगी. वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक लेकर जा रही थी.
भाभी ने लगभग 10 मिनट तक मेरे लंड को मुंह में लेकर जबरदस्त तरीके से चूसा और मैंने अपना माल भाभी के मुंह में छोड़ दिया. उसके बाद हम दोनों बेडरूम में आ गए. मैंने बेडरूम में आकर उसके होंठों को चूसा और वह मेरे लंड को सहलाने लगी. हम दोनों के नंगे बदन एक-दूसरे के साथ लिपट रहे थे. उसके बाद हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गए. मैं भाभी की चूत को चाट रहा था और भाभी मेरे लंड की चुसाई कर रही थी. जब मेरा लंड फिर से टाइट हो गया तो भाभी कहने लगी कि अब मुझे तुम्हारे लंड को चूत में महसूस करना है.
मैंने भाभी की चूत के पास लंड को रगड़ना शुरू किया और भाभी मस्त होने लगी. फिर मैंने भाभी की चूत पर लंड लगाकर पूरा ज़ोर उन पर डाल दिया और मेरा लंड भाभी की चूत में घुसने लगा. वह कसमसाने लगी. मैंने उसके चूचों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उसकी चूत की चुदाई शुरू कर दी. उसकी गद्देदार हिलती गांड को देखकर मेरा जोश और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा था.
मैं भाभी की चूत को चोदने में लगा हुआ था. भाभी के मुंह से निकल रही कामुक सिसकारियाँ बेडरूम में गूंजने लगी. आह्ह … रॉकी … ओह्ह रॉकी … चोदो मुझे! ऐसे ही चूत में लंड को डालते रहो. आह्ह … उई माँ … आह्ह … कहते ही भाभी की चूत ने एक बार फिर से पानी छोड़ दिया. मैंने नीचे देखा तो पूरी बेड शीट गीली हो चुकी थी.
मैं अभी नहीं रुका और मेरा मन था कि मैं भाभी को डॉगी स्टाइल में भी चोदूँ. इसलिए मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड को डालकर चोदने लगा. भाभी कुछ देर के बाद फिर से गर्म होकर मेरा साथ देने लगी.
लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मेरा होने वाला था तो मैंने सारिका से पूछा कि कहां छोड़ना है तो उसने कहा कि मेरी चूत में ही छोड़ दो.
मैंने दो-तीन धक्कों के बाद सारा माल भाभी की चूत में छोड़ दिया. उसके बाद मैं उनके साथ ही लेटकर सो गया. जब हम उठे तो मैंने वियाग्रा की गोली खा ली ताकि अगला राउंड 20 मिनट नहीं बल्कि एक घंटे तक चले. जब मेरा लंड खड़ा हुआ तो भाभी ने पूछा कि तू थकता क्यों नहीं है. मैंने भाभी से कह दिया कि आप मुझे इतनी सेक्सी लगी कि मन करता है मैं आपको चोदता ही रहूँ.
फिर मैं भाभी को ड्राइंगरूम में ले गया और सोफे पर खड़ी करके उसकी चुदाई की. उसके बाद मैंने भाभी को किचन में ले जाकर उसकी चूत में लंड डाला. स्लैब पर टांग रखवाकर उसकी चूत की चुदाई की. उसके बाद मैंने भाभी को गेस्ट रूम में ले जाकर चोदा. वहाँ पर मैंने सारिका को फर्श पर लेटाकर ही चोद डाला.
चुदाई करते करते उसकी चूत के चिथड़े बना दिए. वह बुरी तरह से थक गई और मेरे ऊपर ही गिर कर सो गयी. उस रोज मैंने भाभी को घर के हर कोने में ले जाकर चोदा, पूरी रात चोदता रहा. मैंने उसकी चूत को पूरा मजा दिया और उसकी गांड भी चोदी. उसकी गांड चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया. ऐसी सेक्सी गांड वाली भाभी को तो मैं किसी भी कीमत पर चोदने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ.
जब हम सुबह उठे तो उसने मेरे लिए चाय बनाई. मैं नंगा ही बेड पर सो रहा था. चाय पीते हुए उसने मुझसे बीती रात की चुदाई वाली बातें की. मेरा लंड तो फिर से खड़ा था लेकिन उसकी चूत बहुत दर्द करने लगी थी.
वह बोली- तेरे जैसा चोदू लड़का मैंने आज तक नहीं देखा.
फिर कुछ बातें करने के बाद भाभी ने मेरी फीस मुझे दी और मुझे स्टेशन तक छोड़ने भी आई.
सारिका की गांड को मैं जब भी याद करता हूँ तो मेरा लंड झट से खड़ा हो जाता है. इसलिए मैं उसकी गांड का दीवाना हूँ. अब भाभी ने मुझे फरवरी में अपनी सेवा देने के लिए बुलाया है.
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