हैलो फ्रेंड्स, ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है और मैं ये सच्ची कहानी सबसे पहले आप लोगों के साथ साझा करना चाहता हूँ. मेरा नाम शुभम भरद्वाज है और मैं मेडिकल का स्टूडेंट हूँ. मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ. मेरा रंग सांवला है, पर एक जबरदस्त कशिश है. मैंने अपना लंड कभी नापा नहीं, लेकिन मस्त है.
मेरी मामी एक जबरदस्त माल हैं, उनका नाम स्वाति है. उनके मम्मे काफी बड़े हैं. वो हल्की मोटी और बड़ी गांड वाली जबरदस्त माल किस्म की औरत हैं. मामी जी एक बच्चे की माँ हैं.
हमारी कहानी 2 साल पहले शुरू हुई थी. आज भी मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं उनकी चुदाई करने चला जाता हूं.
चूंकि मामाजी का बिज़नेस है, इसलिए उनको अक्सर रात में बाहर रहना पड़ता है.
मैं पिछले साल उनके घर गर्मी की छुट्टी में गया था. मामाजी ने स्टेशन से मुझे रिसीव किया और हम लोग घर आ गए.
मामी जी मुझे देख कर बहुत खुश हुईं. मैं भी मामी को देख कर एकदम चौंक गया. मामी जी एकदम सेक्स बम्ब लग रही थीं. मैंने मामी को आज से पहले उस नियत से नहीं देखा था, लेकिन आज मेरी नियत बिगड़ गयी. तब भी मैंने कंट्रोल किया.
तभी मामी जी ने बोला- चलो तुम जल्दी से फ्रेश हो जाओ, तब तक मैं खाना लगा देती हूं.
मैं उनके बारे में सोचता हुआ, फ्रेश होने चला गया और जल्द ही खाना खाने नीचे पहुंच गया. हम सब साथ में खाना खाने लगे.
कुछ देर बाद मुझे जानकारी मिली कि मामाजी को अभी कुछ देर में ही लखनऊ जाना है. मैं खाने के बाद आराम करने चला गया, मामा जी भी लखनऊ चले गए.
मामा के जाने के कुछ देर बाद मामी ने मुझे नीचे बुलाया और बोलीं- मेरा अकेले मन नहीं लग रहा है … आ जाओ टीवी देखते हैं.
मामी ने उस समय नाइटी पहन ली थी. इसमें से उनके चूचे साफ नजर आ रहे थे. मामी जी की नाइटी कुछ ज्यादा ही ढीली ढाली थी और उसका गला काफी गहरा था, जिससे उनके मम्मों की दूधिया घाटी मुझे गर्म कर रही थी.
उस समय टीवी पे कुछ अच्छा प्रोग्राम नहीं आ रहा था. इसलिए मैंने टीवी बन्द कर दिया. मामी किचन में गई थीं, उधर उनको कोई काम था. मैंने टीवी बंद किया और उठा कर किचन की तरफ जाने लगा, तो किचन की ओर से आती हुई मामी अचानक मुझसे टकरा गईं.
मैं गिरने को हुआ, तो मामी ने मजाक में मेरे चूतड़ों पे जोर से हाथ मारा और हंस दीं.
मामी बोलीं- बड़े नाजुक हो यार!
मैं मामी के मुँह से यार शब्द सुनकर ज़रा चौंक गया.
तभी मामी ने मुझसे फिर से कहा- चलो छत पे चलते हैं, इधर मेरा मन नहीं लग रहा है.
यह कहते हुए मामी की आंखें नशीली सी हो उठी थीं.
मैंने देखा बाहर इस वक्त तेज़ हवा भी चल रही थी. तो मैंने बोला- इतने रात में और छत पे लाइट भी नहीं है
मुझे उनके नियत पे शक होने लगा था. वासना का नशा उनकी आंख से साफ़ झलक रहा था. उन्होंने अपना हाथ मेरे कंधे पे रखा, तो मैंने भी बिना देर किये अपना भी हाथ उनकी कमर पे रख दिया.
मामी जी मुस्कुराते हुए बोलीं- ये हुई न बात, चलो छत पर चलो, वहीं बैठ कर बात करते हैं.
अब मामी मुझसे एकदम से चिपक गईं. मैंने समझ तो लिया था कि आज मामी जी मूड में हैं.
हम दोनों एक दूसरे को पकड़े पकड़े छत पे पहुंच गए. वहां काफी अंधेरा था और दूर दूर तक कोई भी नहीं दिखाई दे रहा था.
कुछ देर बाद मैंने मामी का पूरा भार अपने शरीर पर महसूस किया. वो मुझसे चिपकी हुई थीं. मैं आप लोगों को बता नहीं सकता कि मैं कैसे महसूस कर रहा था. मेरा लंड नब्बे डिग्री पे खड़ा हो चुका था. मेरा खड़ा लंड मामी के कूल्हों से टच कर रहा था.
मैंने डरते डरते धीरे से अपना हाथ मामी के मम्मों पे डाला और उनका एक दूध हल्के सा दबा दिया.
मामी ने कुछ नहीं कहा.
मैं हँसने लगा और बोला- मामी आपका ये गुब्बारा बहुत मस्त है.
वो हँसने लगी और बोलीं- तो छोड़ क्यों दिया … क्या तुम उसे आगे भी कुछ कर सकते हो?
मैं यह सुन के एकदम सन्न रह गया और खुशी में पागल भी हो गया. मैंने बिना देर किए उनके मम्मे दबाना शुरू कर दिए. वो एकदम सिसक रही थीं और उनके मुँह से कामुकता से आह्ह … निकल रही थी.
जल्द ही वो अपना शरीर मेरे शरीर से रगड़ने लगी थीं, जिससे मैं कंट्रोल से बाहर हो गया. मैंने मामी जी की नाइटी को जोर से खींच दिया, तो वो साइड से फट गई.
मामी बोलीं- थोड़ा आराम से … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. चलो नीचे चलते हैं वहां आराम से करेंगे.
वो मुझे नीचे ले आईं और सोफे पर बैठ गईं. मैं उनके बगल में बैठ गया. अब मैं एक हाथ से उनके एक मम्मे को मसल रहा था और दूसरे से उनकी बुर को रगड़ रहा था.
मैंने अपनी दो उंगलियां उनकी बुर में डालीं और उनको अपनी गोद में लिटा लिया. अब मैं उनके गाले पे, लिप्स पे, गर्दन पे किस कर रहा था.
मैंने मामी से पूछा- आपको मजा आ रहा है?
वो बिना कुछ बोले मेरे बाल पर अपना हाथ फिरा के मेरा साथ देने लगीं.
मैं मामी से पूछ रहा था कि क्या मेरी उंगली से और अन्दर भी लंड जाता है?
वो अपना जबाब देने के स्थान पर सिर्फ मादकता से सिसक रही थीं. उनके मुँह से कराहने की सेक्सी आवाज़ आ रही थी.
वो बोल रही थीं- ओह्ह … तुम नहीं जानते … औरत में बहुत गर्मी रहती है … तुम इस बात को तब तक नहीं समझोगे, जब तक मेरे अन्दर नहीं आ जाओगे.
मैंने अपनी एक उंगली उनकी बुर में जोर से डाल दी, तो वो एकदम से हिल गईं. फिर मैंने अपनी पैन्ट खोली और लंड निकाल कर उनके पेट के पास लगा दिया.
मैंने बोला- लीजिए.
वो बोलीं- मैं क्या करूँ इसका?
मामी इतना बोल कर हँसने लगीं.
मैं बोला- क्या अब मुझे आपको बताना पड़ेगा कि इसका क्या करते हैं.
वो मेरा लंड पकड़ कर आगे पीछे करने लगीं और उसकी मुठ मारने लगीं.
फिर मामी बहुत जोर से बोलीं- तुमने बहुत उंगली की और तुम मेरी एक झांट तक टेढ़ी नहीं कर सके, अब मेरा कमाल देखो.
इतना कह कर मामी मेरे लंड पर समझो टूट ही पड़ीं. साली रंडी बहुत जोर से लंड हिला रही थी. मैंने भी अपनी उंगली तेजी से अन्दर बाहर करते हुए बहुत अन्दर तक डालना शुरू कर दिया.
कुछ मिनट बाद उनका पानी और मेरा माल बाहर आ गया. मामी सारा माल कपड़े से पौंछ कर मुझे प्यार से देखने लगीं. मैंने उनके रसभरे होंठों का चूमा ले लिया.
फिर मामी उठ के फ्रिज के पास गईं. मैं भी उन्हें पीछे से चूमते उनके साथ गया और अपने लंड से उनकी गांड पे बाहर से ही टक्कर मारता रहा.
हम दोनों ठंडा पानी पी कर फिर से सोफे पे शुरू हो गए.
मैंने मामी से लंड चूसने को बोला तो वो बोलीं- नहीं मुझे उल्टी आ जाती है.
लेकिन मेरे बहुत बोलने के बाद वो लंड चूसने को तैयार हो गईं. पहले मैंने अपना लंड उनके मम्मों के बीच में डाल कर 5 मिनट मम्मों की चुदाई करते हुए लंड की मुठ मारी. मेरा लंड उनके होंठों तक जा रहा था. मामी को लंड की महक अच्छी लग रही थी.
तभी मैंने उनकी एक चूची के निप्पल को उंगलियों से पकड़ कर जोर से उमेठ दिया. मामी की चीख निकली और उनका मुँह खुल गया. मैंने उनके खुले मुँह में लंड डाल दिया और उनका मुँह पकड़ कर धकाधक लंड देने लगा.
मामी न चाहते हुए भी मेरे लंड को चूसने लगीं. उनको लंड चूसने में मजा आने लगा. कुछ ही मिनट के बाद मेरा माल उनके मुँह में गिर गया. वो कुल्ला करने चली गईं. दो मिनट बाद मामी वापिस आईं, तब तक मेरा लंड फिर से तैयार था.
अब मैंने बिना देर किए मामी को लिटा दिया और उनकी बुर पे अपना मुँह लगा दिया. मामी की बुर से मस्त महक आ रही थी. मैं जोर से पूरी चूत की फांक में में जीभ से चूत चाटने लगा. वो हाथ से मेरे बाल सहला रही थीं और सर को चूत पर दबाए जा रही थी.
उनके मुँह से आवाज़ निकल रही थी- आह उईईई … क्या मस्त चूत चाटते हो … अब जीभ से नहीं, लंड से मुझे चोद दो मेरी जान.
यह सुनकर मैंने अपना लंड लगा कर उनकी चूत के अन्दर एकदम से डाल दिया. मामी की एक बार हल्की सी आवाज़ निकली और मेरा 6 इंच का लंड उनकी चूत के अन्दर तक चला गया.
मैंने मामी को पेलना शुरू किया. मामी की आह आह की आवाज़ गूंजने लगी.
धीरे धीरे मेरे लंड की रफ्तार बढ़ती गई. मैं चुदाई के साथ मामी के मम्मे दबाता रहा. मामी की कामुक आहें और सीत्कारें काफी तेज हो गई थीं. ऐसा लग रहा था, जैसे मामी झड़ने को हैं. बस 5-6 मिनट में मेरा माल गिर गया. मामी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया.
हम दोनों एक दूसरे के ऊपर 10 मिनट तक यूं लिपटे सोए रहे. फिर बाथरूम में हम दोनों फ्रेश हो के आए और साथ में बिस्तर पर नंगे ही लेट गए.
उस रात में हम दोनों ने 2 बार और सेक्स किया. आज भी ये सिलसिला चल रहा है. जब भी मेरी छुट्टी रहती है, मैं मस्ती करने मामी के पास चला जाता हूं.
मैं आशा करता हूँ दोस्तो, कि आपको मेरा अनुभव अच्छा लगा होगा. मैंने यहां ढेर सारी सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं. उन कहानियों को पढ़कर मेरे दिल में आया कि मैं भी अपनी रियल सेक्स स्टोरी आप लोगों के साथ शेयर करूं. आप लोग अपना फीडबैक मुझे मेल जरूर करें, मुझे काफी अच्छा लगेगा. आपके मेल का मुझे बेसब्री से इंतज़ार रहेगा. ये मेरी पहली कहानी है … जो गलती लगे, मुझे माफ़ कीजिएगा.
धन्यवाद. आपके मेल मुझे अपनी दूसरी रात की कहानी लिखने को प्रोत्साहित करेंगे. मामी के साथ दूसरी रात की चुदाई कैसे हुई, ये भी काफी रंगीन कहानी है.
शुभम भारद्वाज
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