Xxx फैमिली स्टोरी में पढ़ें कि नाना के घर में मैंने मामी को कैसे गर्म किया, फिर उनको अपना लंड चुसवा कर वीर्य भी पिलाया. उसके बाद क्या हुआ?
दोस्तो, मैं राज़िखान, आपको अपनी मामी की चुदाई की कहानी में एक बार फिर से स्वागत करता हूँ.
Xxx फैमिली स्टोरी के पहले भाग
कामुक मामी की दबी वासना जागृत की
में आपने अब तक पढ़ा था कि मामी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी थीं, जिस वजह से मेरे अन्दर सनसनी होने लगी थी.
अब आगे Xxx फैमिली स्टोरी हिंदी में:
मैंने देर ना करते हुए उनके बाल पकड़ लिए और अपना लंड उनके मुँह में देने की कोशिश करने लगा.
मामी ने लंड चूसने से मना कर दिया.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
मामी- मुझे अच्छा नहीं लगता.
मैंने कहा- एक बार कोशिश तो करो, प्रॉब्लम क्या है?
मामी- मुझे अच्छा नहीं लगता और तुम्हारा इतना बड़ा है.
मैंने कहा- कितना बड़ा है?
मामी मेरी तरफ देख कर बोलीं- कम से कम छह इंच का होगा.
मैंने हंस दिया और कहा- तो क्या होता है, एक बार टेस्ट तो करो … आपको मजा न आए तो पैसे वापस.
मामी हंस दीं.
फिर मैंने कहा- अच्छा बड़े से प्रॉब्लम है. चलो ठीक है. अब आप लेट जाओ.
वो लेट गईं. मैं उनके ऊपर चढ़ गया. अब मेरा लंड उनके मुँह के बिल्कुल सामने तना हुआ.
मैंने फिर से कहा- यार मामी, एक बार तो चूस दो … प्लीज़ मेरी बात नहीं मानोगी.
मामी ने मेरी बात मान ली और मेरे लंड के टोपे को जीभ से चाटना चालू कर दिया.
मैंने अपने दोनों हाथ उनकी जांघों पर रख दिए.
करीब दो मिनट तक वो लंड चाटती रहीं.
अब मेरे सब्र का बांध टूट गया था तो मैंने उनके एक दूध को जोर से मसल दिया.
इससे मामी का मुँह खुल गया और मैंने एक झटके में अपना लंड उनके हलक तक भर दिया.
वो कसमसाने लगीं.
मगर मैंने उनका मुँह चोदना चालू कर दिया.
उनके मुँह से घु घूं की आवाज आने लगी.
वो विरोध करने के लिए अपने हाथ से मेरी जांघ को पीछे कर रही थीं पर उनसे कुछ नहीं हो सका.
उनके मुँह से निकलती राल मेरे टट्टों से टकरा कर गांड पर जा रही थी.
वो अलग ही अहसास था.
उन्हें लगा कि अब कुछ नहीं होने वाला है … तो वो विरोध करना बंद करके मेरे झड़ने का इंतजार करने लगीं.
कुछ मिनट बाद जब मुझे लगा कि मेरा रस आने वाला है, तो मैंने लंड उनके हलक तक डाल दिया.
वो हाथ पैर मारने लगीं तो मैंने उनके बाल पकड़ कर खींच लिए.
उनका सांस लेना मुश्किल हो गया.
फिर मैंने लंड बाहर करके एक झटका मारा और उनके मुँह में झड़ गया.
वो तुरंत उठीं और मुझे एक धक्का देकर अलग हो गईं.
फिर गुस्से से देखकर बाथरूम की ओर जाने लगीं.
मैं तुरंत बाथरूम के गेट पर खड़ा हो गया.
उन्होंने इशारे से कहा- हटो.
मैंने उन्हें पकड़ लिया और किस करने लगा.
उन्हें मजबूरी में सारा रस पीना पड़ा.
मामी हांफती हुई बोलीं- मादरचोद, मुँह में झड़ने की क्या जरूरत थी. पता है मुझे सांस लेते भी नहीं बन रही थी.
मैंने कहा- आपको मजा तो बहुत आया है ना कि नहीं आया?
मामी ने हंस कर कहा- हां, पर तुम्हारे बालों ने बहुत दिक्कत दी.
मैंने कहा- सॉरी.
मामी- कोई बात नहीं, इसका भी इलाज है … तुम बस बेड पर लेट जाओ.
मैं बेड पर लेट गया. मामी अन्दर से मामा का जिलेट गार्ड की शेविंग किट लेकर आ गईं.
वैसे मैं बता दूँ कि मामी को पार्लर का पूरा काम आता था.
वो मेरे लौड़े की झांटों की शेव बनाने की तैयारी करने लगीं.
उन्होंने शेविंग क्रीम मेरे लंड और उसके आस पास लगाकर फ़ोम बनाने लगीं.
मुझे मजा आ रहा था.
उन्होंने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से झांटों को साफ़ करने लगीं.
फिर मुझसे उठकर बाथरूम में आने के लिए कहा.
बाथरूम में ले जाकर मामी ने मुझे शावर दिया.
बाहर आकर हम दोनों चिपककर लेट गए.
अब मैंने उनकी चुत को उंगली से गर्म करके उन्हें झाड़ दिया और उन्हें देखने लगा.
मामी के ऊपर से अब तक दवा का असर खत्म हो चुका था.
मैंने उनसे चुदाई के लिए कहा तो मामी बोलीं- आज रुक जाओ, कल स्पेशल मजा दूंगी.
मैंने सोचा कि चलो कल चोद लूंगा.
अब हम दोनों सो गए.
सुबह उठकर मैंने मामी को किस किया और फ्रेश होने चला गया.
बाहर आया तो याद आया नाना नानी के कमरे का गेट तो मैंने बंद किया हुआ था.
जैसे ही मुझको याद आया, मैं भागकर गया और उनका गेट खोल दिया.
नाना उठ चुके थे मगर वो लेटे ही रहे थे.
मैं भागकर वापस मामी के पास आ गया.
वो बिना कपड़ों के सो रही थीं.
उन्हें नंगी देख कर ऐसा लग रहा था कि कोई परी जन्नत से सीधा मेरे पास आ गई हो.
मैंने उन्हें किस करके उठाया तो मामी ने मुझे पकड़ लिया और चूमने लगीं.
मामी- कल रात जो काम अधूरा रह गया था … वो आज पूरा कर लो.
मैंने कहा- ओके … पर आप तो कुछ स्पेशल की कह रही थीं बेबी … मामी, क्या मैं आपको बेबी बुला सकता हूँ?
उन्होंने किस करके कहा- तुम्हारा मेरे ऊपर पूरा हक बनता है. चलो अब रात को ही मजा दूंगी.
फिर वो बाथरूम में नहाने चली गईं.
नहा कर आईं तो नाना नानी जाग गए थे.
मामी उन्हें देख कर अपने काम में लग गईं
फिर लंच खाकर मैं टीवी देखने लगा.
उसी समय अचानक से न्यूज आ गई कि अब देश में लॉकडॉउन लगने वाला है.
मामी को टेंशन हो गई कि मामा कैसे आएंगे.
तभी मेरी मम्मी का फोन आ गया कि तुम अब वहीं रहना.
मैंने ओके बोला.
फिर मामा का मामी के पास फोन आया कि वो लॉकडाउन में राजस्थान में ही रुक रहे हैं. जैसे ही कोई साधन मिलता है, मैं घर आ जाऊंगा.
मामी ने ओके कह कर फोन रख दिया और मुझे साइड में बुलाया.
मामी ने मुझे किस करके कहा- बधाई हो … अब हम दोनों पूरे लॉकडाउन में साथ में ही रहेंगे.
मैंने मामी से कहा- आज रात अपना इंतजाम कर लेना. आज आपकी सुहागरात मनेगी.
मामी मुस्कुरा कर बोलीं- ओके जी. सब कुछ स्पेशल होगा.
मैं खुश होकर वहां से चला गया.
रात में जब सब खाना खाकर सो गए तो हम दोनों टीवी देखने लगे.
मैं मामी की गोद में सर रखकर टीवी देख रहा था और वो मेरे बालों को सहला रही थीं.
मैंने कहा- मैं नाना के कमरे की कुंडी लगा देता हूँ.
मामी बोलीं- उसकी कोई जरूरत नहीं है अब वो दोनों दवा खाकर सो गए हैं. उन दोनों की नींद सुबह ही खुलेगी.
ये सुनकर मैंने उनके साथ हरकत करना शुरू कर दी.
मैं उनके मम्मों को दबा रहा था, वो मदभरी सिसकारियां ले रही थीं.
फिर वो उठ कर कमरे में जाती हुई बोलीं- जब मैं आवाज लगाऊं … तब कमरे में आ जाना.
मैं टीवी बंद करके मोबाइल चलाने लगा.
थोड़ी देर में मामी का फोन आया कि अन्दर आ जाओ.
मैं अन्दर गया तो देखा तो देखकर दंग रह गया.
कमरा और बेड सजा-संवरा हुआ था.
मैं बिस्तर पर आ गया तो उन्होंने मुझे दूध का गिलास पकड़ा दिया.
मामी ने कहा- लो दूध पी लो, पूरी रात मेहनत करनी है.
मैंने सोचा कि हां भैन्चोद सही है.
मैंने दूध पी लिया और उनको अपनी बाजू में खीच कर बिस्तर में पटक लिया.
मामी कुछ समझ पातीं कि मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों से होंठों को चिपका कर मजा लेने लगा.
वो मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगीं.
फिर मामी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था.
मैंने भी उनकी सलवार कुर्ती उतार दी. वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं.
मैंने उनकी ब्रा खोली और उनके मम्मों पर टूट पड़ा.
उन्होंने मेरी अंडरवियर भी उतार दी. मेरा लंड बिल्कुल तन चुका था.
मैं बेड पर सीधा लेट गया और वो बिना कुछ कहे मेरे ऊपर 69 की पोजिशन में लेट गईं.
मामी मेरे लंड को चाटने लगीं, उनकी जीभ मेरे टोपे पर थी.
मेरे मुँह से आह आह की सिसकारी निकलने लगी.
उन्होंने मुझसे कहा- तुम भी मेरी चुत चाटो.
मैंने मना कर दिया.
तब उन्होंने अपनी पैंटी उतारी और फिर से मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया.
अचानक से उन्होंने मेरे लंड को दांत से दबाया तो मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई और उसी पल मामी ने अपनी चुत मेरे मुँह पर दे मारी.
मैं उनके नीचे था तो कुछ कर भी नहीं पाया.
मेरा लंड भी उनके मुँह में था, तो मैं शांत रहा और चुत का हमला झेलता रहा. पर मुझे अच्छा भी नहीं लग रहा था.
कुछ देर बाद मैं चरम सीमा पर आ गया.
मेरा मुँह चुत से बंद था, तो मैंने उनके एक चूतड़ पर जोर की चमाट लगाई.
उन्होंने तब भी मेरी नहीं समझी. मैं उनके मुँह में झड़ गया तो मामी गाली देती हुई बाथरूम की तरफ भागीं.
मैंने हंस कर कहा- पी ले ना मेरी जान … यही तो मेरा प्यार है.
वो भुनभुन करती हुई चली गईं.
वापस आकर मामी कहने लगीं- मैंने तुझे कहा था ना कि झड़ो, तो बता देना.
मैंने कहा- बेबी, आपकी चुत ने मुझे कुछ कहने का अवसर ही नहीं दिया.
फिर मैंने सोचा कि इस औरत को तो अपने अलावा कुछ दिखता है नहीं … साला मेरा मुँह बंद था, तो इसे कैसे बताता. मरने दो कौन इनसे बहस करे साली लंड का माल ही तो पी गई, कौन सा गलत हो गया.
मामी- तुझे मेरे मुँह में झड़ने का बहुत शौक है ना … अब मैं तुझे बताती हूँ.
मैं सोचने लगा कि इस औरत के मन में न जाने क्या खिचड़ी पक रही है.
तभी मामी ने मुझे बेड पर पकड़ कर खींच लिया और मुझे लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ गईं.
मैंने कहा- ये क्या है?
मामी- चल साले, अब मेरी प्यास बुझा.
मैंने नखरा दिखाते हुए कहा- मामी नहीं मुझे अच्छा नहीं लग रहा … आप मेरी मामी हो.
मामी को गुस्सा आ गया और गाली देने लगीं- मादरचोद अब मैं तुझे मामी दिख रही हूँ … भैन के लौड़े जब मुझे लंड चुसवाया था, तब मैं तेरी कौन थी?
ये कह कर उन्होंने मेरे दोनों हाथ पकड़ कर अपने घुटनों पर रखे और अपनी चुत मेरा मुँह पर दे मारी.
उन्होंने चुत रगड़ना चालू कर दी.
कुछ ही देर में मामी की चुत का पानी मेरे पूरे चेहरे पर लग गया.
मैंने सोचा कि विरोध करने का कोई फायदा नहीं … मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और चुत में पेल दी.
मामी मेरी चुत का अहसास पाते ही रुक गईं और उन्होंने अपनी चुत मेरी जीभ पर सैट कर दी.
मैं अपनी जीभ उनकी चुत में अन्दर तक देने लगा, वो एकदम कामुक सिसकारियां भरने लगीं.
कुछ मिनट बाद जब वो झड़ने वाली थीं तो उन्होंने अपनी चुत को मेरे मुँह पर दबा दिया और मेरे बाल पकड़ लिए.
मुझसे सांस लेते तक नहीं बन रही थी.
मैं उन्हें अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगा, पर मेरे हाथ उनके घुटनों से दबे हुए थे.
मुझे जैसे ही लगा कि वो झड़ने वाली हैं, मैंने अपना मुँह बंद कर लिया.
उनका पूरा पानी मेरे चेहरे पर निकल गया था.
वो झड़ कर निढाल हो गईं और मेरे ऊपर ही लेट गईं.
उनका सिर मेरे लंड पर था तो मेरा लंड झटके मारने लगा.
वो लंड चूसने लगीं.
दोस्तो, मैं Xxx फैमिली स्टोरी के अगले भाग में अपनी मामी की चुदाई लिखूंगा कि कैसे मैंने उन्हें चोदकर मां बनाया.
आप मुझे मेल करना न भूलें.
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Xxx फैमिली स्टोरी का अगला भाग: कामुक मामी की प्यासी चुत की चुदाई- 3