कामुकता से भरी देसी लड़की की चुदाई

कामुकता से भरी देसी लड़की की चुदाई

मेरे प्यारे दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है कामुकता से भरी देसी लड़की की चुदाई की!

मेरा नाम रॉकी है. मैं गुजरात के बड़ोदा शहर का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 23 साल की है, मैं जॉब करता हूँ. मैं भी आपके जैसा ही नार्मल इन्सान हूँ. मैं भी पहले बहुत सीधा साधा इंसान था, जब तक मेरी गर्लफ्रेंड मुझे छोड़ कर नहीं गई. लेकिन उसके बाद मेरे जीवन में खालीपन ओर अकेलापन सा आ गया था. फिर मैंने भी अकेलेपन को दूर करने के लिए अन्तर्वासना पर कहानी पढ़नी शुरू कर दी और मुझे भी लगने लगा कि मेरे जीवन में भी कोई जान होना चाहिए.

फिर यूं ही निराश जीवन में मैंने रंग भरने के प्रयास करना शुरू कर दिए. हालांकि अपनी गर्लफ्रेंड को भूलना मेरे लिए उतना आसान नहीं था, तब भी मैंने किसी तरह मन लगाना शुरू किया.

एक लड़की मेरी कॉलेज फ्रेंड थी, जिसका नाम स्वाति था. वो भी मेरी ही उम्र की थी. हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे. अब फेसबुक पर मेरी उसके साथ बातचीत होने लगी थी. फिर धीरे धीरे हम दोनों व्हाट्सैप पर भी बातें करने लगे.. कभी कभी वीडियो कॉल भी चलता और नार्मल कॉल फोन भी चलता रहता था. पर हम दोनों अभी तक फ़्रेंड्स ही थे.. हमारे बीच प्यार जैसा कुछ नहीं था.

स्वाति देखने में बड़ी सुन्दर थी. उसकी 32-28-34 की साइज भी लाजवाब थी.

मैंने उसकी तरफ ध्यान देना शुरू किया तो मेरा मन उसे चाहने लगा. उसकी गांड देखते तो मेरा लंड मानो त्रिकोणमिति के जैसे 120 डिग्री पर खड़ा हो जाया करता था और मुझे बाथरूम में जाकर मुठ मारना पड़ता था, तब जाकर शांत होता था.

हमारी ऐसे ही हर रोज़ ऐसे ही बात होती थी तो मैंने उसके साथ मजाक करना शुरू कर दिया.. उसकी खूबसूरती की तारीफ़ करना शुरू कर दी.

उसने एक दिन मुझसे कहा कि मुझे अकेलापन लग रहा है.. मुझे किसी की जरूरत है.
मैंने भी मौका देखकर चौका मार दिया और कहा कि मैं हूँ ना… बोलो क्या करना है. मुझे दिल खोल कर बता सकती हो तुम अपनी बात!
उसने बोला- पता नहीं यार.. पर मुझे ना … कुछ अच्छा सा नहीं लग रहा है.
मैंने उससे पूछा कि कल क्या कर रही हो?
तो उसने बताया कि कुछ नहीं.. खाली हूँ.
मैंने कहा- तो चलो कल कहीं घूमने चलते हैं. तुम्हें भी अच्छा लगेगा और माइंड फ्रेश हो जाएगा.
उसने हां बोल दिया.

फिर हम दूसरे दिन मिले. उसने टाइट पेंट ओर टी-शर्ट पहन रखा था, जिससे उसके मम्मे भी बाहर आने को तड़प रहे थे. मैं उसे देख कर एकदम से उत्तेजित हो कर सोचने लगा कि क्या माल है और ऐसा लग रहा है कि जैसे ये भी मेरे साथ मस्ती करना चाहती है.

उसने पूछा कि कहां चलना है?
मैंने कहा- जहां तुम चाहो.
उसने कहा- ठीक जिधर तुमको ले चलना है, तुम ले चलो.. मैं तुम्हारी पसंद की जगह पर चलने को राजी हूँ.

बस मैं स्वाति को एक गार्डन में ले गया और हम दोनों उस गार्डन में वहां जाकर बैठ गए.. जहाँ पर कोई नहीं था.

फिर मैंने उसे देखते हुए कहा कि बोलो स्वाति तुम्हें क्या हुआ है? तुम क्यों अकेला महसूस कर रही हो?

वो अपनी प्रॉब्लम बताते बताते रोने लगी तो मैंने उसे अपना कंधा दे दिया. वो मेरे कंधे से टिक गई और नजदीक आ गई. वो मुझे बड़े अनुराग से देखने लगी. मैं भी उसे प्यार से देखने लगा. फिर मैंने देखा कि आजू बाजू कोई नहीं था, तो मैंने स्वाति को उसके गाल पर एक किस किया.

उसके बाद मैं उसके होंठों पर भी चुम्बन करने लगा तो स्वाति ने कहा- रुको यार, मुझे यहां ये गलत लग रहा है.
मैंने कहा- अरे यार … डरो मत, कुछ नहीं होगा.
स्वाति बोली- लेकिन यहां नहीं, चलो मेरे घर चलते हैं.. वैसे भी मेरे घर पे कोई नहीं है.

हम दोनों स्वाति के घर पे चले गए और घर में घुसते ही मैंने स्वाति को अपनी ओर खींच लिया और उसे किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ देने लगी.

फिर हम दोनों उसके कमरे में आ गए. मैंने स्वाति को बेड पे पटका और उसके ऊपर आकर उसे किस करने लगा, वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.

वो पहले मेरे ऊपर के होंठ को काटने लगी. मैं भी साथ देने लगा, फिर वो मेरे नीचे के होंठों को काटने लगी. फिर 10-15 मिनट तक हम दोनों ऐसे ही किस करते रहे. अब मैंने एक हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर डाल दिया और उसके मम्मे दबाने लगा. वो भी मचलने लगी तो मैंने धीरे धीरे टी-शर्ट को ऊपर करके निकाल दी.

मैं देखकर चौंक गया कि मैंने काले कलर की ब्रा में फंसे उसके इतने मुलायम मम्मों को बेरहमी से दबाकर रखा हुआ था. फिर मैंने झट से ब्रा को निकाल दिया और पैन्ट को भी निकाल दिया, उसके ऊपर चढ़कर मम्मों को चूसने लगा. उसने भी मेरे सर को अपनी चूचियों में दबा लिया और मेरे बालों में अपनी उंगलियों को डाल कर सहलाते हुए मेरा साथ देने लगी. उसके कंठ से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.

कुछ देर में ही हम दोनों चुदास से भर उठे थे. मैंने स्वाति को लंड चूसने का इशारा किया वो झट से तैयार हो गई. मैंने अपना पेन्ट निकाला और सीधा लेट गया. वो मेरे पैरों के पास बैठकर मेरे 6 इंच के लंड को चूसने लगी. धीरे धीरे करके उसने पूरे लंड को अपने मुँह में लेना चालू कर दिया. अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. लग रहा था मानो जन्नत में हूं.

कुछ ही मिनट में मेरे लंड के अपनी चरम स्थिति पा ली थी. मैंने उसे इशारा भी किया लेकिन वो लंड चूसने में लगी रही. उसने मेरे लंड का सारा माल चूसके पी लिया और लंड को चाट कर साफ कर दिया.

अब मैं उसके ऊपर आ गया. मैंने उसके दोनों पैर फैला दिए और उसकी बुर को चूसने लगा. उसे भी बहुत मजा आ रहा था.

वो बोल रही थी कि कब से इसका इंतजार ही तो कर रही थी, तुम कितने अच्छे हो.. तुमने मेरी सब ख़्वाहिशें पूरी कर दीं.

बुर चूसने के बाद धीरे से मैं उसके सामने से चुदाई की पोजीशन में उसके ऊपर आ गया. मैंने अपने लंड को उसकी चूत पे रख दिया और लंड से ही सहलाने लगा.
स्वाति धीरे से बोली- अब डाल भी दो यार.. मुझे इतना मत तड़पाओ.

मैंने राह ना देखते हुए अन्दर डालने की कोशिश की, लेकिन वो वर्जिन थी तो दिक्कत हुई. मैंने थोड़ा और जोर लगाया और लंड घुसते ही उसकी चूत से खून निकलने लगा. वो दर्द के मारे उछलने लगी. मैंने उसके दोनों हाथों को दबा दिया और लंड को अन्दर डालता गया. धीरे धीरे करके पूरा लंड बुर के अन्दर डाल दिया. उसकी आंख से आँसू निकल आए.

मैं स्वाति को किस करने लगा और धीरे धीरे धक्का देने लगा. फिर उसे मजा आने लगा और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और धकापेल चुदाई होने लगी. हम दोनों जन्नत में पहुँच गए थे. दसेक मिनट चुदाई के बाद मैंने लंड बाहर खींच लिया. अब मैंने उसे उल्टा होने को कहा तो उसने न बोल दिया. मैंने स्वाति को बहुत पटाया, तब वो तैयार हो गई.

मैंने अपना लंड एकदम टाइट किया और थोड़ा तेल लगा दिया और उसकी गांड पे भी लगा दिया और धीरे से अन्दर डाला तो उसकी चिल्लाने की आवाज़ आने लगी. वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज रहने दो.

मैंने एक हाथ से उसका मुँह बंद किया और गांड में जोर से लंड को पेल दिया. वो फड़फड़ा रही थी, मैंने उसकी गांड में धीरे धीरे धक्का देना चालू किया. कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी.

उसकी कामुक आवाजें सुनकर मुझे भी मजा आ रहा था. मैं उसकी चूत के दाने को भी मसले जा रहा था. फिर कुछ मिनट बाद हम दोनों झड़ने वाले थे तो मैंने उसकी गांड में ही सारा माल भर दिया. उसके बाद उसने मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया.

चुदाई के बाद हम दोनों साथ में नहाये और चिपक कर सो गए. एक घंटे बाद मैं अपने घर आ गया.

अब जब भी हमें मौका मिलता है, तो हम दोनों सेक्स कर लेते हैं.

अगर आपको कामुकता से भरी देसी लड़की की चुदाई की मेरी कहानी अच्छी लगी या नहीं, मुझे मेल जरूर करना. मेरे पास चुदाई के किस्से और भी हैं.. आपके मेल से मुझे प्रोत्साहन मिला तो वे सब एक एक करके लिखूंगा.
नीचे मेरी मेल आईडी लिखी है.
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