दोस्तो, अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज.कॉम पर मेरी यह पहली चुदाई की कहानी है. अगर कोई ग़लती हो जाए तो माफ़ कर देना.
मेरा नाम रॉकी है, मैं लखनऊ के एक कॉलेज में पढ़ता हूँ. मैं दिखने में थोड़ा सीधा और दुबला सा हूँ. मैं बिल्कुल एक नॉर्मल लड़कों जैसा नहीं हूँ. मेरा रंग थोड़ा सा गोरा है और कद 5 फुट 5 इंच है. मुझे मीडियम और नॉर्मल हाईट की लड़कियां बहुत पसंद हैं. मैं बचपन से ही एक अच्छा स्टूडेंट रहा हूँ.
यह बात आज से एक साल पहले की है.. जब मैं 12वीं के एग्जाम खत्म करके घर पर ही छुट्टियों में कॉम्पटीशन की तैयारी कर रहा था.
मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है, उसका नाम तन्नू है. उसकी उम्र भी मेरे ही बराबर की थी. मैं जब भी उसे देखता था तो मेरा लंड फुंफकारता रहता था. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कता था. उसकी हाईट 5 फुट ही थी और फिगर शायद 30-28-32 का रहा होगा. उसकी आँखें और बाल हल्के भूरे रंग के थे. उसके प्यारे प्यारे चूचे एकदम कच्चे संतरों की तरह हिलते थे. जब वो चलती तो थोड़ा मटकती थी. उसकी छोटी सी गांड को देखकर मेरा दिल धड़क उठता था.
वो भी मुझे देख कर मुस्कुराती थी. वो कभी कभी मुझसे मैथ्स के सवाल भी पूछती रहती थी.
मैं जब शाम को अपनी छत पर पढ़ाई और योगा करता था.. तब वो अपनी छत से मुझे देखती और मुस्कुराती रहती थी. वो कमसिन थी और मैं चुदासा था.
एक दिन मुझे गर्मी लग रही थी तो मैं लुंगी में रह कर ही पढ़ाई और योगा खत्म करके छत पर खड़ा था. मेरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था. वो मुझे ही देख रही थी.
फिर उसने इशारा किया कि वो भी मेरे साथ पढ़ाई व योगा करना चाहती है.. मैंने सहमति में सर हिला दिया.
वो अपनी मम्मी के साथ मेरे पास आ गई. उसकी मम्मी ने मेरी मम्मी से बात की और मुझसे कहा कि रॉकी बेटा तन्नू भी तेरे साथ पढ़ना चाहती है. घर में ये ठीक से नहीं पढ़ पाती.
मैंने बोला- ठीक है आंटी, आप शाम को 4:00 बज़े बुक्स के साथ आने को कह दीजिए.
उसकी संगत पाने की लालसा से मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था.. और उधर वो भी बहुत खुश थी.
अगले दिन से वो ठीक 4 बजे शाम को आ जाती थी और हम दोनों पहले पढ़ाई फिर योगा करते थे. शुरूआत में उससे योगा ठीक से नहीं होता था.. तो मुझे हेल्प करनी पड़ती थी. इसी चक्कर में कभी कभी वो मेरे लंड को टच कर देती थी.. या कभी मैं उसके मम्मों को टच कर देता था.
अब करीब 20 दिन बीत गए.. पर हम एक दूसरे को दिल की बात नहीं बोल पाए थे.
एक दिन मेरे मम्मी पापा और भाई बहन सब लोग 7 दिनों के लिए नानी के घर गए हुए थे.. सौभाग्य से तन्नू के मम्मी पापा भी उस दिन किसी की शादी में गए थे.
उस शाम को तन्नू जल्दी ही मेरे पास आई, तब मैं सो रहा था और मेरा लंड लुंगी में तंबू बनाए हुए खड़ा था. उसने मुझे उठाया नहीं, बल्कि मेरी लुंगी को थोड़ा सरका दिया. मेरा लंड एकदम बाहर आ गया. वो घूर घूर के लंड को देखने लगी. फिर थोड़ी देर बाद उसने लुंगी को ठीक किया और मुझे जगाया.
मैंने जागते ही पूछा- तुम?
वो डर गई थी.. फिर उसने कहा- चलो पढ़ाई करते हैं.
आज मुझे उसकी नज़र कुछ बदली सी लगी. वो मेरी लुंगी में ही बार बार देख रही थी.
उसने कहा- रॉकी आज मेरा पढ़ाई का मूड नहीं है, योगा करते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
उसने आज ब्लू कलर का लोवर और वाइट टी-शर्ट पहनी थी. वो बहुत सेक्सी लग रही थी.
उसने कहा- मुझे सिर के बाल उल्टा खड़ा होना सिख़ाओ.
मैंने छत पर एक चादर डाल कर उसको उल्टा होने को कहा. वो कर नहीं पा रही थी, फिर मैंने उसकी गांड को हल्का से पकड़ा और वो संभल गई. फिर उसने कहा- रॉकी थोड़ा कस के पकड़ो, मैं गिर जाऊंगी.
मैंने खड़े होकर उसकी दोनों टांगों को अपनी बांहों में भर सा लिया. उल्टा होने की वजह से उसकी टी-शर्ट नीचे सरक गई थी और मुझे ऊपर से उसके प्यारे चूचे दिखाई दे रहे थे. उसने ब्रा नहीं पहनी थी. उसकी गोरी संगमरमर के जैसी कमर और पेट नंगे हो गए थे.
मेरा लंड एकदम कड़क सा हो गया था. मैंने उसकी गांड की दरार में लंड सैट कर दिया. उसने कुछ नहीं कहा, फिर हल्के से ऊपर से ही उसकी चुत पे हाथ फिरा दिया. वो एकदम सीधी हो गई.
मैंने कहा- चल थोड़ी बात कर लेते हैं.
वो मान गई, मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोल दिया- तू मुझे पसंद है.
उसने भी झट से मुझे अपने दिल की बात बता दी. मैंने उसे अपनी बांहों भर लिया और नीचे कमरे में लेकर आ गया. फिर करीब 20 मिनट तक हमने प्यार की बातें की.
मैंने पूछा- तूने कभी किस किया है?
उसने बोला- नहीं..
फिर मैंने पूछा- तुमने कभी लंड देखा है?
वो एकदम चुप हो गई.. फिर बोली- धत बदमाश!
मेरे ज़ोर देने पर उसने शरमाते हुए मुझे बता दिया कि जब मैं सो रहा था, तब देखा.
मैंने उसको बिस्तर पर लेटा कर उसके गाल पर किस किया.. उसने कुछ भी विरोध नहीं किया.. फिर होंठों पर चुम्बन धर दिया, वो भी मस्त होकर किस का मजा लेने लगी. मैंने उसको अपना लंड पकड़ने को बोला उसने मना कर दिया.
हम दोनों मानो आसमान में उड़ रहे थे. मैं ज़ोर से उसके होंठों को चूस रहा था. फिर धीरे धीरे एक हाथ से मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.. वो बस मज़े से मुझसे लिपटी जा रही थी. वो मुझे अब और भी ज़्यादा कामुक बना रही थी.
वो भी थोड़ी ही देर में गर्म हो गई थी. हम दोनों को पसीने छूटने लगे. मैं तो लुंगी में था.. मैंने अपनी लुंगी झट से उतार दी. वो मेरे करीब हो कर मेरे चूतड़ों पर चिकोटी काट रही थी. इस वक्त वो बिल्कुल एक सेक्स की प्यारी सी मूरत लग रही थी.
अब मैंने दूसरे हाथ से उसकी चुत को सहलाना शुरू कर दिया. दोस्तो आप यकीन नहीं करेंगे, जैसे ही मैंने उसकी चुत को मसलना शुरू किया, वो मुझसे ज़ोर से चिपक गई और कस कस के किस करने लगी. उसके नाख़ून अब मेरे चूतड़ों पर निशान मारने लगे थे. वो ज़ोर से ‘उम्म्म उउन्न्न.. हमम्म.. उउउम्म्म.. की एक प्यारी आवाज़ निकाल रही थी.
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अब मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी पेंटी में घुसा दिया.. और उसकी चुत को सहलाने लगा.
कुछ देर बाद मुख्य कार्यक्रम के लिए मैंने उसको नीचे आने को बोला. वो झट से कमर के बल लेट गई. मैंने उसकी पेंटी को भी घुटनों से नीचे तक सरका दिया और मुँह से उसके मम्मों को चूसने लगा. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके हाथों को पकड़ लिया और बस मम्मों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. उसके गुलाबी टिट्स को अपने दाँतों से हल्के हल्के काटने लगा.
वो बस मज़े से चिल्ला रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ससईईईईई.. मरर गई.. आई लव यू रॉकी..
अब मैंने उसके नंगे पेट को किस करते हुए उसकी बिना बालों वाली एकदम गुलाबी चुत पर किस किया. वो एक बार झड़ चुकी थी और उसकी चुत से इतनी मादक खुशबू निकल रही थी कि मैं 2 मिनट तक उसको सूंघता ही रहा और किस भी करता रहा.
तन्नू की चुत एकदम गीली हो चुकी थी और बहुत ज्यादा महक रही थी. फिर मैंने प्यार से उसकी चुत के होंठों को अपने होंठों से पकड़ कर चूसने लगा और साथ ही अपने हाथों से उसके रसीले मम्मों को मसलने लगा.
अब वो अलग ही आवाज़ निकाल रही थी ‘आआह.. आआहह… ऊऊऊहह.. ओह.. आऐययईई.. उईईई.. मेरे प्यारे कुत्ते.. आह मैं मर गई साले.. आआह.. आअहह..’
मैं भी एकदम से उसकी चुत के दाने को अपनी जीभ से बहुत जोर से रगड़ने लगा.. और होंठों से दाने को पकड़कर खींचते हुए चूसने लगा.
वो एकदम से चिल्लाई- ओह.. कुत्ते. आआहह.. माररर ही डालेगा क्याआअ.. आहह.. ऊओह.. उउउइई..
वह मस्ती में कसके अपने होंठ काटने लगी. मैं अब पागलों की तरह उसकी चुत को और उसके दाने को चूसे जा रहा था. उसकी मादक सिसकारियां रूम में गुंजन कर रही थीं.
वो बेचारी एक कमसिन लड़की अपनी चढ़ती जवानी का पहला मजा ले रही थी. हम दोनों ही एक दूसरे को बहुत चाहते थे.
अब मैंने अपने हाथ उसके मम्मों से हटाकर उसकी जाँघ पर रख दिए और मेरा मुँह उसकी दोनों टांगों के बीच से होता हुए सिर्फ उसकी मक्खन जैसी गुलाबी चुत को चूस रहा था. उसकी टांगें अब मेरी कमर को जकड़ने लगी थीं. मैंने धीरे से एक उंगली उसकी चुत के होल में घुसा दी.
वो इतनी ज़ोर चिल्लाई जैसे किसी ने उसको गोली मार दी हो ‘आआऐय यईई.. आअहह.. सस्सईइ.. उउउइईई.. अम्म्मा.. अहह.. म्म्अ.अर.. गईईई.. कुत्ते..’
मैं डर गया था कि कहीं कोई सुन ना ले. मैंने एकदम से चूत से उंगली बाहर निकाल ली. मेरी उंगली पर थोड़ा खून लग गया था.. और उसकी चूत से 1-2 बूँद खून की निकल गई थीं. मैंने लुंगी से खून साफ करके फिर से फिर उसकी चुत को चाटना शुरू किया.
अब वो बिल्कुल गर्म हो चुकी थी और बोलने लगी- रॉकी मेरे जानू.. ज़ोर से चाटो.. ज़ोर से चूसो.. मुझे मज़ा आ रहा है.. कुछ हो रहा है..
मैं समझ गया था कि वो झड़ने वाली है इसलिए मैंने भी थोड़ा स्पेशल तरीके से उसे उत्तेजित करते हुए ज़ोर ज़ोर से उसकी चुत के दाने को चूसने लगा.
वो अब मस्त आवाज़ निकाल रही थी- हमम्म्म… आअहह. उउइईई.. रॉकी.. आई लव यू.. लव यू..
वो ऐसे बोलते हुए मेरे मुँह में ही झड़ गई और मैं उसका सारा यौवन रस पी गया. उसका स्वाद थोड़ा अज़ीब सा था.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा.
मेरे लंड का बुरा हाल था. जब मैंने उसको लंड घुसवाने को बोला तो उसकी बड़ी बहन ने उसे आवाज़ लगा दी. फिर वो एकदम से कपड़े ठीक करके जाने लगी.
मैं उसे रोकने लगा- बस 5 मिनट रुक जाओ…
लेकिन वो नहीं मानी.. और बोली- मैं कल फिर आऊंगी.. कल को कर लेना प्लीज़.
मैं मान गया.. लेकिन मुझे गुस्सा भी आ रहा था.
फिर उसने मेरे गाल पर किस किया और बोली- तू सोते हुए बहुत क्यूट लग रहा था.. मैं कल ज़रूर आऊंगी.
वो मुझे हग करके और आई लव यू बोल कर अपने घर चली गई.
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