कमसिन कज़िन सिस्टर को चोदा

कमसिन कज़िन सिस्टर को चोदा


हॉट वर्जिन Xxx फक का मजा मैंने लिया अपनी मौसी की नवयुवा बेटी के साथ. मैं सील पैक माल की तलाश में था क्योंकि मैंने किसी लड़की की सील नहीं खोली थी तब तक!
दोस्तो, मेरा नाम करन है. मेरा रंग एकदम गोरा है और में एक अच्छी फैमिली से हूँ.
मेरा लंड 7 इंच लंबा है और 4 इंच मोटा है. मुझे सेक्स करने की बहुत चुल्ल है.
मैंने अब तक चार लड़कियों को चोदा भी है लेकिन वो सब खेली खाई लड़कियां थीं.
जिस तरह से दोस्तों के बीच बात होती थी कि हॉट वर्जिन Xxx फक बड़ा मजा देता है.
वो बात मेरे दिमाग में घुस गई थी. मैं लगातार इस फेर में था कि कोई सीलपैक माल मिल जाए तो मजा आ जाए.
अब सीलपैक माल तो बाजार में मिलने से रहा. इसलिए मैंने अपने आस पास की लड़कियों में सम्भावना तलाशना शुरू की.
ये कहानी आज से 4 साल पहले उस वक्त की है, जब मैं 24 साल का था.
तब मेरी शादी नहीं हुई थी.
मैं अक्सर काम के सिलसिले में अपनी मौसी के शहर में जाता था.
जब भी मैं उधर जाता तो रात को मौसी के घर पर ही रूकता था.
उनके घर में दो बेडरूम हैं.
एक में मेरे मौसा और मौसी सोते हैं और एक में मेरी कज़िन सोती थी.

पहले मेरे मन में उसके लिए ऐसा कुछ भी नहीं था.
लेकिन एक दिन मैं उनके घर में था. उस वक्त वो नहाने गई हुई थी. उस समय घर में कोई नहीं था.
मेरी कजिन शायद अपनी तौलिया साथ ले जाना भूल गई थी.
उसने सोचा कि मैं उसी के रूम के अन्दर टीवी देख रहा हूँ.
तो उसने मुझे आवाज लगाई.
मैं कमरे में टीवी चलता छोड़कर पानी पीने किचन में गया था तो मुझे उसकी आवाज सुनाई नहीं दी.
उसने कमरे में झांका होगा और उसे जब मैं नहीं दिखाई दिया, तो वो ऐसे ही नंगी तौलिया उठाने बाहर आ गई.
उसी वक्त मैं पानी पीकर कमरे में आने लगा था.
वो मुझे देख नहीं पाई जबकि मैंने उसको पूरी नंगी देख लिया था.
उसके बड़े बड़े चूचे बहुत मस्त लग रहे थे.
उसे नंगी देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और उसी दिन मैंने सोच लिया कि इसे कैसे भी करके चोदना है.
दोस्तो, मेरी कज़िन बहुत सेक्सी है. उसका फिगर 34-28-30 का है.
मेरी नजरें अब उसके मदमस्त यौवन पर चलने लगी थीं.
उसका चलने का अंदाज और चलते समय उसकी हिलती हुई गांड मुझे उत्तेजित करने लगी.
हालांकि मुझे उस वक्त ये नहीं मालूम था कि मेरी ये कजिन चुदी चुदाई है या अभी चूत की सील पैक है.
जब भी मैं रात को मौसी के घर रुकता था तो हम दोनों एक ही बेड पर सोते थे.
क्योंकि मेरी कजिन के कमरे में ज्यादा जगह नहीं थी कि मैं कहीं और लेट जाऊं.
सर्दियों का मौसम था, वो सो रही थी और मैं उसके ही बगल में था.
मैंने हिम्मत की और उसके एकदम पास को हो गया.
फिर धीरे से अपने हाथ को उसके पेट पर रखा.
हाथ रखने के बाद मैंने माहौल को देखा.
वो शांत लेटी हुई थी, उसकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी.
मैं हौले हौले से अपने हाथ को उसके चूचों पर ले गया … और हल्के हाथ से दूध दबाने लगा.
उस समय मुझे बहुत डर लग रहा था.
थोड़ी देर तक एक हाथ से दूध सहलाता रहा और एक हाथ से अपना लंड हिलाता रहा.
कुछ देर के बाद मेरे लंड से जोरदार पिचकारी निकली और लंड शांत हो गया.
कुछ देर बाद मैं सो गया.
फिर अगली बार ऐसे ही हम दोनों साथ में सोए हुए थे.
मैं उसके चुचे दबाता रहा. इस बार थोड़े जोर से चुचे दबाए, तब भी उसने कोई हलचल नहीं की.
शायद वो जाग भी गई थी, तब भी उसने कुछ नहीं कहा.
अब मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई थी.
मैं उसकी कमीज़ में नीचे से धीरे धीरे हाथ डालने लगा.
कुछ ही पलों में मैं उसके चूचों को हाथ से ही दबाने लगा.
उसके चूचों के निप्पल खड़े हो चुके थे.
मैं समझ गया कि ये भी मजा ले रही है.
उसके कड़क निप्पल देख कर मैंने अपने उस हाथ की दो उंगलियों से उसके एक निप्पल को दबाया और प्यार से मसलना शुरू कर दिया.
काफ़ी देर तक निप्पल मींजने के और दूध दबाने के बाद मैंने उसका हाथ अपनी तरफ खींचा.
लेकिन उसने दूसरी साइड मुँह कर लिया.
मैंने थोड़ी देर इंतजार किया और फिर से उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ किया.
इस बार उसने हाथ को जाने दिया.
मैंने उसके हाथ को अपने लंड के ऊपर रख दिया और उसके हाथ से ही हिलवाने लगा.
काफ़ी देर तक में हिलवाता रहा.
फिर मेरे लंड ने उसके हाथ में ही माल की एक पिचकारी मारी और लंड सो गया.
वो भी लंड से रस निकलने का मजा ले रही थी.
उस दिन हम दोनों सो गए.
अगली बार जब मैं मौसी के घर आया तो मेरी हिम्मत काफी बढ़ चुकी थी.
मेरी कज़िन भी मेरे साथ काफ़ी चिपकने लगी थी.
रात को हम दोनों सोने के लिए लेटे.
मैंने बिंदास के अपना हाथ उसकी कमीज़ में डाल दिया और चूचे दबाने लगा.
वो भी हल्का हल्का हिल रही थी, शायद वो गर्म हो गई थी.
मैंने बिना देर किए उसके लोवर के अन्दर हाथ डालने की कोशिश की तो वो एकदम से पलट गई और उसने चूत को टच नहीं करने दिया.
फिर मैं उसकी गांड के साथ खेलने लगा, उसके चूतड़ों को दबाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाला और उसकी गांड पर लगाने लगा था.
इससे वो और भी ज्यादा गर्म हो रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख कर हिलवाने लगा.
इस बार वो खुद से मेरे लंड को हल्का हल्का हिला रही थी.
उस लौड़े से खेलने में मजा आ रहा था.
फिर मैं पीछे से उससे चिपक गया.
पहले उसकी चूची दबाई और साइड से लोवर के अन्दर हाथ डाल दिया.
वो मेरा हाथ पकड़ कर बाहर निकालने लगी.
मैंने इस बार निकालने ही नहीं दिया.
उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी.
चूत के बाल साफ़ किए हुए थे और चूत बिल्कुल गीली हो रही थी. शायद उसका पानी निकल चुका था.
मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा.
वो आराम से लेटी हुई मेरे हाथ से मजा ले रही थी, बस थोड़ा बहुत इधर उधर हिल रही थी.
फिर मैंने अपनी एक फिंगर को काम पर लगाया और धीरे धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा.
वो भी गांड हिलाकर मस्त हो रही थी.
फिर मैंने अचानक से अपनी पूरी उंगली उसकी चूत में पेल दी, जिससे उसके मुँह से सिसकारी निकल गई.
वो एकदम से फिर से पलट गई और मेरा हाथ बाहर आ गया.
आज मैं मौका गंवाना नहीं चाहता था.
मैंने बिना देरी किए पीछे से लंड को गांड पर टच किया और हौले हौले से लोवर को पीछे से उतारने लगा.
उसने बिल्कुल मना नहीं किया.
जैसे ही मैंने उसकी गांड से लोवर नीचे किया, उसी पल मैं उस लोअर को उसके घुटनों तक ले गया.
वो घुटनों तक नंगी हो गई.
मैंने पीछे से उसकी गांड के निशाने पर लंड को सैट किया और खुद को भी ऐसे सैट किया, जिससे लंड छेद में घुसाया जा सके.
अब मैं पीछे से ही उसकी चूत में लंड डालने की कोशिश करने लगा.
लेकिन वो करने नहीं दे रही थी, बार बार अपनी गांड हिला कर लंड को हटा रही थी.
मैंने उसे ऊपर होने के लिए खींचा तो वो खुद ही ऊपर को हो गई.
इस बार मैं लंड लगाए लेटा रहा, मैंने जरा सी भी कोशिश नहीं की कि उसकी चूत में लंड पेला जाए.
इससे वो व्याकुल हो गई और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
अब वो भी मुझसे चुदना चाहती थी.
मैंने फिर से लंड को सैट किया और हल्का हल्का अन्दर को करने लगा.
चूत गीली थी, जिस कारण से लंड बार बार फिसल जा रहा था.
मैंने इस बार लंड का सुपारा हाथ से पकड़ कर छेद में पेलने की कोशिश की.
इस बार मेरा लंड चूत की मोरी में अटक गया. मैंने हल्का सा जोर मारा और लंड का टोपा चूत में घुस गया.
वो तड़प उठी और एकदम से आगे हो गई.
साथ ही वो मुझे पीछे करने लगी.
मैं थोड़ी देर ऐसे ही रूक गया. मैं उससे चिपक गया और लंड अटका कर चूत में डालने लगा.
उसे फिर से दर्द हुआ लेकिन इस बार मैंने उसे हिलने नहीं दिया.
वो कसमसाने लगी और कहने लगी- भैया छोड़ो ना … दर्द हो रहा है. कसम से … प्लीज़!
जैसे ही उसने ये बोला, तो मेरा लंड और टाइट हो गया.
मैंने थोड़ा और जोर लगा दिया.
मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
वो और ज्यादा हिलने और कसमसाने लगी, वो कहने लगी- कोई आ जाएगा छोड़ो ना प्लीज़ … छोड़ दो दर्द हो रहा है.
पीछे से लंड पूरा अन्दर नहीं जा रहा था लेकिन उसे भी अब मज़ा आने लगा था.
उसका दर्द भी कम हो गया था.
थोड़ी देर में मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा.
वो भी गांड हिलाती हुई मज़े ले रही थी.
मैंने अब लंड बाहर निकाला और उसे सीधा कर दिया.
सबसे पहले मैंने उसके चूचे दबाए और स्मूच करना शुरू कर दी.
वो भी साथ दे रही थी.
फिर मैंने लंड को चूत पर सैट किया और एकदम से अन्दर पेल दिया.
वो उछल पड़ी और कसमसा कर अलग होने की कोशिश करने लगी.
लेकिन मैंने हिलने नहीं दिया.
वो मुझे कस कर मेरी पीठ में नाखून गड़ाने लगी- आहह … यार क्या कर दिया … आहह … भैया दर्द हो रहा है. तुम्हारा बहुत बड़ा है यार … निकाल लो ना प्लीज़!
इस बार मैं नहीं रूका और आराम आराम से लंड अन्दर बाहर करता रहा.
थोड़ी देर बार उसका पानी निकल गया, चूत और भी चिकनी हो गई.
कुछ देर बाद मेरा भी निकलने वाला था तो मैं तेज तेज करने लगा.
वो भी अपनी टांगें हवा में उठाई हुई थी और मेरे लंड से चुदने का मजा ले रही थी.
तेज तेज करते करते मैंने लंड बाहर निकाला और सारा पानी उसकी चूचियों के ऊपर गिरा दिया.
मेरा इतना ज्यादा माल निकला था कि मुझे खुद भी यकीन नहीं हो रहा था.
सच में हॉट वर्जिन Xxx फक करके मज़ा ही आ गया था.
फिर मैं उठा, तो देखा चूत के खून से लंड लाल हो रखा था और उसकी चूत में भी खून लगा हुआ था.
मैंने उसे बताया.
वो उठी और बाथरूम में जाकर साफ़ करके आई.
उसके बाद मैं बाथरूम में गया और साफ़ करके आ गया.
फिर हम दोनों हग करके सो गए.
एक घंटा बाद दुबारा से उठकर एक बार फिर से चुदाई का मजा लेना शुरू किया. इस तरह से मैंने उसे सुबह चार बजे तक में चार बाद चोदा.
दूसरी बार से उसे चोदने में अलग मज़ा आया, क्योंकि वो भी साथ दे रही थी.
अब हमें जब भी मौका मिलता है, मैं उसे चोद लेता हूँ.
आपको मेरी हॉट वर्जिन Xxx फक कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करें.
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