गर्ल्स Xxx हिंदी स्टोरी में पढ़ें कि मैं किराए के कमरे में रहता था तो कैसे ऊपरी मंजिल पर रहने वाली एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई और एक रात वो मेरे कमरे में आ गयी.
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका अपना प्रकाश सिंह, अपने नई सेक्स स्टोरी के साथ आपके सामने हूँ. मैं आशा करता हूं कि आप इस सेक्स स्टोरी को भी मेरी पहली सेक्स स्टोरीज की तरह ही सराहेंगे.
इसे भी पहले वाली सेक्स स्टोरी
कालेज की जूनियर लड़की की चुदाई
जैसा ही प्यार मिलेगा.
अब मेरे लंड को चूत की इतनी आदत लग गयी है कि उसने मेरी आंखों से तालमेल बिठा लिया है. मेरी आंखें हमेशा लड़कियों की फिगर को देखने लगती हैं और उन लड़कियों की फिगर का अंदाजा लगाकर मेरा लंड यह बताने लगा है कि इसके साथ बेड में कितना मजा आएगा.
वैसे आज तक मैंने जितनी लड़कियों को चोदा है, वो आज भी मुझे याद करती हैं और चोदने का निमंत्रण देती हैं. चाहे वो मेरी एक्स क्यों न हो गयी हों.
बाकी सब बातों को नजरअंदाज करते हुए अभी इस सेक्स स्टोरी पर आते हैं.
जैसा कि आप जानते है मैं रायपुर छतीसगढ़ से हूँ, लेकिन मैं अभी कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी के लिए दिल्ली में रहता हूँ.
मेरी स्टोरी की शुरूआत यहीं तैयारी के दौरान ही हुई, जहां मैं तैयारी के लिए दिल्ली में एक रूम में अकेले ही रहता था.
मेरा ये कमरा एक बिल्डिंग के चौथे माले पर था. मेरे ऊपर के माले में दो लड़कियां और मेरे नीचे के माले में दो लड़कियां रहती थीं. उसके नीचे एक परिवार रहता था. उनकी शादी को दो साल ही हुए थे, उनका कोई बच्चा नहीं था.
तो सेक्स कहानी की शुरूआत ऐसे होती है कि मैं उस रूम में नया नया शिफ्ट हुआ था, तो मुझे वहां कोई आईडिया नहीं था कि पानी पंप का बटन कहां है. मैंने गलती से रात को सोते समय पम्प के बटन को ऑन ही रख दिया और पम्प रात भर चलता रहा. जिससे ओवरफ्लो भी होने लगा. जिसके कारण ऊपर रहने वाली लड़कियों के रूम में पानी अन्दर जाने लगा.
सुबह मैंने मेरे दरवाजे की बेल सुनी और दरवाजा खोलने गया. मैंने देखा कि एक सुंदर सी लड़की बेल बजाने के साथ दरवाजा भी नॉक कर रही थी.
जैसे ही मैंने एक बॉक्सर पहने हुए ही दरवाजा खोला, उसने कहा कि आपने पानी का पम्प चालू कर रखा है क्या?
मैंने सॉरी कहा और कहा कि मुझे इसका आईडिया नहीं है, शायद गलती से मैंने ऑन कर दिया हो.
वो मेरी नंगी छाती की तरफ घूर रही थी.
मैंने उससे कहा कि आपको अगर पता हो तो देख लीजिए … और मुझे भी बता दीजिए कि कौन सा बटन है.
वो मेरे रूम के अन्दर आ गई और बटन बंद करते हुए बोली- ये लास्ट वाली बटन पानी के पम्प की है.
मैंने फिर से सॉरी कहा.
उसने कहा- कोई बात नहीं, गलती हो जाती है. अगली बार ध्यान रखिएगा.
मैंने हां कहा.
तो ये थी हमारी पहली मुलाकात. आगे बढ़ने से पहले मैं उसके बारे में बता दूँ. वो एक खूबसूरत शरीर की मालकिन थी. ऐसा लगता था कि पूरा बदन किसी अच्छे कारीगर के द्वारा बड़ी तल्लीनता से तराशा गया हो. उसका फिगर 34-30-34 का रहा होगा और नाम स्नेहा राजपूत था. उसकी लगभग 23 वर्ष की आयु रही होगी.
पहली मुलाकात से उससे अच्छी जान पहचान हो गई थी. वो जब भी अपने रूम से नीचे जाती थी, तो मेरे रूम की ओर झांकते हुए हल्की सी स्माइल पास कर देती थी. मैं भी रिप्लाई में स्माइल पास कर देता था.
ऐसे ही चलता रहा … और कुछ दिन बाद वो मेरे रूम के सीढ़ी के पास आकर रुक जाती थी और मुझे सुनाते हुए कहती थी- हाय थक गई हूँ.
ऐसा बोल कर वो कुछ मिनट वहीं रुक जाती थी. अब यह रोज की दिनचर्या में शामिल हो गया था.
एक दिन स्नेहा और उसके रूम पार्टनर शायद किसी पार्टी में जा रही थीं. स्नेहा ने वेस्टर्न ड्रेस पहना हुआ था.
जैसे ही वो मेरे कमरे के पास आई, मैं देखता रह गया.
वो मेरी तरफ देख कर हाथ के इशारे से पूछने लगी- क्या हुआ?
मैंने भी हाथ से इशारा करते हुए कहा- बहुत खूबसूरत लग रही हो.
उसने स्माइल देते हुए सिर झुकाकर थैंक्यू कहा.
मैंने भी स्माइल के साथ वेलकम कहा.
अब हमारी बात होने लगी थी. वो थक जाने पर मेरे रूम में ही आकर बैठ जाती थी. आलम ये हो गया था कि हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर भी एक्सचेंज कर लिए थे. अब उससे लेट नाइट चैट भी होने लगी थी. इस तरह से हम दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए थे. इतने अच्छे दोस्त बन गए थे कि एडल्ट जोक भी पास कर देते थे.
धीरे धीरे पता ही नहीं चला कि ये एडल्ट जोक, सेक्स की बातों में कब बदल गए. हम दोनों सेक्स की बातें भी करने लगे थे. जिस्म की आग दोनों तरफ लगने लगी थी.
एक बार रात के समय मैं पढ़ रहा था, तो मैंने अपना मोबाइल ऑफ कर दिया था.
स्नेहा ने मुझे मैसेज किया, लेकिन मोबाइल ऑफ होने के कारण मैसेज रीड नहीं हुआ … तो उसने मुझे कॉल किया.
कॉल नहीं लगने के कारण वो रात में नीचे आकर मेरे दरवाजे को नॉक करने लगी.
मैंने दरवाजा खोला देखा कि स्नेहा सामने खड़ी थी. मैंने आश्चर्य होकर उससे पूछा- क्या हो गया?
वो मेरे रूम के अन्दर आकर मेरे मोबाइल को दिखाते हुए बोली- ये क्या है? इसे ऑफ क्यों रखा है?
मैंने प्यार से कहा- यार, मैं पढ़ रहा था, तो इसे ऑफ कर दिया था.
उसने कहा- तो बताने का फर्ज नहीं बनता है!
मैंने सॉरी कहा, इस पर उसने मुझे गले से लगा लिया.
इसका मुझे कोई अन्दाजा ही नहीं था. मैंने भी उसे अपनी बांहों में भर लिया और पता ही नहीं चला कि कब एक दूसरे के होंठ चिपक गए.
हम एक दूसरे को इस तरह चूसने लगे कि हम कई दिनों से भूखे हों. लेकिन हकीकत में हम दोनों भूखे ही थे. होंठों को चूमते चूमते ही मेरा हाथ उसके मम्मों से खेलने लगा था. जल्दी ही हम दोनों मूड में आ गए थे और दोनों ने फोरप्ले चालू कर दिया था.
मैंने उसकी गर्दन में किस किया और ऐसे करते करते उसके होंठों पर लग गया. कुछ ही देर में आग भड़क गई और मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी.
मैंने देखा कि अन्दर उसने ट्रांसपेरेंट ब्रा पहन रखी थी, जिसमें से उसके उसके भूरे रंग के निप्पल साफ़ दिख रहे थे. मैं स्नेहा की किस करते हुए ही उसके मम्मों को दबाने लगा.
अब उसने भी मेरी टी-शर्ट निकाल दी और साथ में मेरा लोअर भी निकाल दिया. वो मेरे अंडरवियर के अन्दर हाथ ले जाकर मेरे लंड को सहलाने लगी.
इससे मुझे जोश आने लगा. मैंने भी हाथ डालकर उसकी ब्रा और हॉट पैंट दोनों उतार दीं और उसकी चूत पर उंगली फेरने लगा.
हम दोनों अपने आपे में नहीं थे. दोनों अब सेक्स के मूड में आ गए थे. वो मेरे पूरे शरीर को चाटने लगी.
मैंने उसे घुटने के बल बिठा दिया और अपने लंड को हिलाते हुए उसे दिखाया. वो समझ गयी और बस फिर क्या था. लॉलीपॉप के जैसे मेरे लंड की चुसाई चालू हो गयी.
मैं भी जोश में आ गया था. मैंने उसके बाल को पकड़ कर उसके मुँह में लंड को और अन्दर तक ले गया और लगातार ऐसे मुँह को चोदता रहा.
कुछ ही देर में मुझे जैसे ही लगा कि मेरा निकलने वाला है, मैंने लंड खींचा और उसे उसके मम्मों में स्खलित कर दिया. वो मेरे लंड रस को अपने पूरे मम्मों में लगाने लगी.
इतना कुछ होने के कारण वो थोड़ी थक गई थी और मैं भी, तो हम दोनों बेड पर लेट गए.
फिर कुछ देर बाद अचानक से स्नेहा मेरे लंड को हिलाने लगी औऱ फिर चूसने लगी. कुछ समय बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे को खूब चाटने लगे. अब उससे सहन नहीं हो रहा था.
उसने कहा- अब प्लीज चोदो प्लीज … मुझे रुका नहीं जा रहा.
मैं ठहरा कमीना … उसे और गर्म करने लगा. कभी उसके गाल पर किस, तो कभी मम्मों को काटने लगा.
वो भड़क रही थी और बार बार लंड पकड़ रही थी.
फिर अचानक से मैंने उसकी चूत की फांकों में अपने लंड को रख कर एकदम से दे मारा. मुझे लगा था कि ये पहले से चुदी हुई होगी. लेकिन नहीं … वो ताजा माल थी. मेरा लंड अन्दर ही नहीं गया और वो दर्द से कराहने लगी.
मैंने उसकी तेज आवाज सुनी, तो उसके मुँह में अपना मुँह देकर उसकी जीभ को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने और एक झटका मारा, मगर मेरा लंड फिर से फिसल गया. मगर कुछ समय के बाद फाइनली लंड चुत में घुस ही गया.
वो बेहद तेजी से कसमसाने लगी. मैंने भी उसे दबाए रखा और चूमता रहा. कुछ ही समय में उसका दर्द जाता रहा और चुदाई का मजा आने लगा.
अब मैं लगातार उसे स्पीड से चोदने लगा. वैसे भी मैं तो पहले भी लड़कियां चोद चुका था, तो मुझे सब पता था कि कब कितनी गहरी चोट मारनी है.
मैं उसे ताबड़तोड़ चोदने लगा. उसकी खून से सनी हुए चुत से एक धार निकली और वो झड़ गई. मगर मैं उसे बिना रुके चोदे जा रहा था.
फिर मुझे जब लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने पूछा- कहां निकालूं?
उसने धीरे से कहा- मुझे इसे चखना है.
मैंने अपनी वीर्य की धार उसके मुँह में डाल दी.
वो आंख बंद करके मलाई का स्वाद लेती रही.
झड़ने के बाद मैं बिस्तर पर लेट गया. वो मेरे बाजू में लेट गई. कुछ समय तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.
करीब आधा घंटे बाद मैंने फिर से उसको गर्म किया और इस बार उसकी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख कर उसे चोदा. इस बार मैंने उसे उठा कर भी चोदा, घोड़ी के पोज़ में भी चोदा और उसके चुत झड़ जाने के बाद मैंने उसकी गांड भी मारी.
चुदाई के बाद हम दोनों काफी थक गए थे, सो एक दूसरे से लिपट कर नंगे ही सो गए. जब सुबह उठे तो देखा कि वो चलने के लायक नहीं थी. मुझे भी बहुत थकान लग रही थी.
वो किसी तरह उठी और अपने कमरे चली गयी. वो वहां जाकर सो गई.
मैं उठ कर नीचे सामान लेने गया. तभी नीचे वाली भाभी ने कहा- कल रात को क्या चल रहा था … हां, क्या कर रहे थे … ऊपर वाली और तुम?
मुझे एकदम से याद आया कि उसे चोदते समय मुझे लगा था कि कोई दरवाजे पर आया था, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया.
मैंने मुस्कुरा कर भाभी से कहा- वही, जो भैया आपके साथ करते होंगे.
भाभी चुप हो गईं और धीरे से अपनी उंगली पर अपनी साड़ी के पल्लू को लपेटते हुए बोलीं- वो ये सब नहीं करते हैं.
मैं चौंका- क्या!
फिर उन्होंने बताया कि भैया तो उन पर ध्यान ही नहीं देते हैं
मैंने उसी पल कह दिया- आप चिंता मत कीजिए.. अब मैं हूँ ना … मैं आपका ध्यान रखूंगा.
भाभी ने मेरी तरफ देखा और हंस दी. भाभी भी सैट हो गई थीं.
मैंने स्नेहा को कई बार चोदा है और आज भी चोदता हूँ. हम हफ्ते में एक बार तो चुदाई कर लेते हैं … और अब तो हम तीन हो गए हैं. नीचे वाली भाभी भी अकेले में मुझसे चुदने आ जाती हैं. कभी हम तीनों साथ में सेक्स करते हैं. मेरे लंड से वो दोनों एक साथ चुदाई का मजा लेकर चुदती हैं.
तो दोस्तों, फिलहाल इस सेक्स कहानी में इतना ही, अगली सेक्स स्टोरी में मैं बताऊंगा कि मैंने भाभी को कैसे चोदा और कैसे हमने थ्री-सम का प्लान बनाया. उस थ्री सम सेक्स स्टोरी के पहले मैं अपनी एक और सेक्स कहानी आपके साथ शेयर करूंगा.
आपको ये सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर लिखिएगा … मैं आपके मैसेज का इंतजार करूंगा.
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