इंग्लिश की क्लास में चुदाई की पढ़ाई-1
इंग्लिश की क्लास में चुदाई की पढ़ाई-4
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि रोशनी मेरी पड़ोसन है, मैंने उसे अंग्रेजी सिखाने के साथ चुत चुदाई भी सिखाई, मजेदार चुदाई के बाद अब उसने प्यार से मेरा लंड चूसना भी सीख लिया था.
अब आगे..
उस दिन शाम में मीना आंटी ने अपने पड़ोसी को मेरी ट्यूशन क्लास के बारे में बताया कि कैसे मैंने पिंकी और रोशनी को पढ़ाने के साथ साथ उनकी बॉडी लैंग्वेज भी विकसित कर दी है.
मीना आंटी ने मुझे घर पे बुलाया, रोशनी चाय बनाने किचन में चली गई.
“क्या बात है आंटी और ये कौन है?” मेरे सामने एक लड़की बैठी थी. नीचे शकल करके वह रोशनी की जुड़वाँ बहन लग रही थी.
“बेटा ये पूजा है, बहुत शर्मीली और डरपोक है. इसकी मम्मी मेरी बहुत अच्छी सहली हैं. क्या तुम इसे भी रोशनी जैसा कॉन्फिडेंट बना दोगे?”
इतने में रोशनी चाय लेकर आई. मैंने देखा कि वो अपने पैरों को चौड़ा करके चल रही थी, उसके हिप्स भी दाएं बायें उछल रहे थे.
आंटी ने पूजा से कहा- देखो रोशनी को पहले वो भी शर्मीली थी, पर अब बड़े आत्मविश्वास से चलती है.
मैंने कहा- क्यों नहीं आंटी, एक महीने में इसे भी सिखा दूंगा, अगर रोशनी मेरा साथ दे तो!
रोशनी ने कहा- मेरी तरफ से तुम्हें पूरी इजाजत है.
पूजा को छोड़कर हम तीनों हँसने लगे.
“ओके पूजा तुम कल 11 बजे मेरी छत वाले रूम में आ जाना, हम सब वहीं पढ़ते हैं.”
उसने सिर को हिलाकर हाँ कर दिया.
अगले दिन सभी लोग क्लास में आए. मैंने सभी को बता दिया था कि आज पूजा हमारे साथ पढ़ने आने वाली है इसलिए कोई बदतमीजी नहीं होनी चाहिए.
पिंकी अपनी स्कर्ट आधी खोल के झुक गई और बोली- उसके आने से पहले एक बार मुझे जल्दी से चोद दो.
इतने में पूजा रूम में आ गई, उसने पिंकी को इस हाल में देखा तो हैरान हो गई. पर चुपचाप आकर वह चेयर पे बैठ गई.
पिंकी ने अपनी स्कर्ट पहनी और कहने लगी- सॉरी, वो मेरी गांड में कोई कीड़ा काट रहा था.. इसलिए में वो..
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. पूजा तुम ये किसी को नहीं कहोगी ना.
उसने हाँ में सर हिला दिया. मैंने सोचा कि ये सभी बात को हाँ ही करती है. मीना आंटी ने भी बताया था. क्यों न इसका एक टेस्ट लेकर देखें.
“पूजा तेरी उम्र क्या है?
“सर जी 21 साल है.”
फिर वो चुप हो गई.
“और तेरी फिगर की साइज़ क्या है?”
“सर जी 36-26-28 की है.”
“ओह्ह ये तो बिल्कुल रोशनी जैसी है.”
रोशनी ने मुझे आंख मार दी. मेरी हिम्मत अब बढ़ गई. मैंने अब जरा खुलने की सोची.
“आज तक तुमने कितनी बड़ी साइज़ का लंड देखा है?”
उसने शर्माते हुए कहा- तीन इंच का.
शायद उसने सु सु करते समय किसी बच्चे की लुल्ली देखी होगी. पर वह सब कुछ सच सच बता रही थी. वाकयी बहुत भोली थी वो.
“गोलू तुम अपनी नुन्नी निकाल के पूजा को दिखाओ. पूजा देखो.. क्या इससे बड़ी साइज़ का लंड देखा है?”
गोलू का 3 इंच की भिन्डी मुर्झाई हुई थी.
“नहीं सर.. बस इतनी ही देखी है.”
“अच्छा तुम अपनी चुन्नी, सलवार, कमीज़, ब्रा, पेंटी सभी कुछ उतार कर चेयर पर रख दो और गोलू तुम्हारी साइज़ की नाप लेके बताएगा कि तुम कितना सच बोल रही हो.”
उसने शरमाते हुए बिना ना किए अपने सारे कपड़े उतार दिए. गोलू उसकी साइज़ लेने लगा.
मैंने कहा- रहने दे.. कोई जरूरत नहीं.. दूर से ही मुझे अंदाजा हो गया. तुम बिल्कुल मेरी पुरानी वाली रोशनी जैसी हो.
रोशनी मुस्कुरा दी.
पिंकी ने रोशनी के फिगर को नोट किया- क्या बात है रोशनी दीदी, आखिरकार सर ने उनकी ताकत तुम्हारे जाँघों और पुट्ठों में भर ही थी.
रोशनी ने मुँह चिढ़ा कर कोई जवाब नहीं दिया.
“पूजा तुम गोलू की पूरी चड्डी उतार दो.” उसने चुपचाप वो सब किया, जो भी मैंने आर्डर दिया.
“पूजा तुम्हारा आज का काम ये है कि तुम्हें गोलू का लंड दस मिनट तक कंटिन्यू खड़ा करके दिखाना है.”
सभी हैरान थे क्योंकि गोलू का लंड केवल चूसने पर ही खड़ा होता था और हर 2 मिनट में उस जरा जरा सी सु सु आती थी और फिर से ढीला हो जाता था.
मैंने ये बात पूजा को बताई और उसे चैलेंज दिया. उसने धीरे से गोलू की मुर्झायी हुई भिन्डी को अपनी आंख बंद करके चूसा. वह एकदम से 5 इंच की खड़ी हो गई.
फिर गोलू ने 2 मिनट में कहा- मुझे सु सु जाना है.
पूजा ने उसे छोड़ दिया, वो सु सु करके आया. फिर पूजा ने उसका लंड मुँह में लिया.
पिंकी ने मन में सोचा कि छी सु सु वाला लंड है.. साला धोके भी नहीं आया होगा.
अब ऐसा एक दो बार चलता रहा. मैंने गुस्से में कहा- पूजा, जल्दी अपना चैलेंज पूरा करो वरना नहीं पढ़ाऊंगा.
वो बहुत डर गई.. इस बार उसने गोलू के लंड को मुँह से नहीं छोड़ा. गोलू ने मज़बूरी में पूजा के मुँह में सु सु कर दी पर पूजा ने उसकी सु सु मुँह ने ही दबा कर रख ली.
गोलू ने 10 मिनट में करीब 4 बार सु सु की होगी. उसकी पांचवी सुसु पूजा के मुँह से बाहर आ रही थी. मैं पूजा को पकड़ के बाथरूम में ले गया, उसने ढेर सारी उलटी कर दी.
“पूजा तुम शर्त जीत गई हो. गोलू का लंड अब एक मर्द बन के खड़ा था.
गोलू बोला- सर, मुझे पहली बार मर्दानगी का अहसास हुआ है.. थैंक्यू, पूजा मैं तुम्हें एक बार चोदना चाहता हूँ.
पूजा ने गोलू को भी हाँ में सर हिला दिया, गोलू बड़ी ख़ुशी से उसकी नाजुक चूत में अपनी कड़क भिन्डी फेरने लगा.
पूजा को कोई खास महसूस नहीं हुआ. वह चुपचाप जैसा गोलू को करना है उसका साथ देती रही. गोलू ने खड़े खड़े अपनी भिन्डी पूजा की गांड में फेरना शुरू कर दिया. पूजा को थोड़ी गुदगुदी हुई. इतने में विक्की भी अपना लंड निकाल लिया और पूजा की चूत में फेरने लगा और चुचियां चूसने लगा. दोनों पागलों जैसे उससे लिपटने लगे, जैसे चन्दन के पेड़ पर साँप रेंगते हैं.
मैंने विक्की और गोलू को पूजा से दूर हटाया. पूजा के बदन से सच में चन्दन की खुशबू आ रही थी. उसकी आँखें और सर झुके हुए थे. उसके चुचे भी बड़े बड़े थे, पर झुके हुए थे.
फिर मैंने उसे प्यार से चेयर पे बैठाया, मेरी नजर उसकी चूत की बंद कली पर पड़ी. मैंने उसे थोड़ा सा छुआ तो वह भी एक छुईमुई के पौधे जैसे डर कर मुर्झा गई.
पिंकी को ये देख कर हंसी आ गई. पूजा की शक्ल रोने जैसी हो गई थी, पर वह कुछ नहीं बोली.
“सुनो आज पूजा का क्लास में पहला दिन है और हमें पहले इसे वह सब पढ़ाना है, जो हम सब सीख चुके हैं. पूजा तुम अपने सारे कपड़े पहन लो और बाकी सब लोग अपने कपड़े उतार दो.”
सबने मेरा कहा चुपचाप मान लिया. पूजा को हमने सारे इंग्लिश के शब्द सिखाये. फिर मैंने कहा- तुम्हारी कमी बस ये है कि तुम सब कुछ हाँ में जवाब देती ही और बहुत डरती भी हो.
पूजा ने फिर से हाँ में जवाब दिया और सब लोग हँस पड़े.
“पूजा ये देखो, पिंकी के नारंगी जैसे चुचे पहले ये छोटे से टमाटर थे और इसके ये लाल स्ट्राबेरी जैसे निप्पल पहले पहले एक छोटे से गोल रसभरी जैसे थे. देखो पिंकी की चूत भी गुलाब जैसी महक और खिल रही है.
फिर मैं पूजा को मेरी रोशनी के पास ले गया.
“पूजा देखो मेरी जानेमन को.. इसकी बहुत पतली पतली ट्यूबलाइट जैसी जांघ थीं और दबे हुए पुठ्ठे थे, पर देखो अब कैसे ठुमक ठुमक कर चलती है. इसकी चूत भी चमेली के फूल जैसी खिली हुई महकती है.”
पिंकी बोली- सर इसकी चूत पर भी वी शेप बना दो ना.
“हाँ पिंकी, हम इसकी पूजा कल करेंगे. आज इतना काफी है.”
अगले दिन सुबह पहले रोशनी रूम में अपनी चमेली सी महक लेकर आई, फिर पिंकी की गुलाब की खुशबू के साथ, पूजा की चन्दन की महक रूम में छा गई.
मैंने रूम को लॉक किया और कहा- अरे पूजा ये चुन्नी सलवार कमीज मत पहना करो.. देखो पिंकी और रोशनी को.
पूजा ने ओके कहकर हाँ में सर हिला दिया.
“ठीक है सब कुछ उतार के इस बिस्तर पर सीधे लेट जाओ, मैं तुम्हारी झांटों की मस्त वी शेप बनाता हूँ.”
पूजा बिना कुछ कहे चुपचाप लेट गई. फिर मैंने उसकी शेव कर दी. मैंने उसकी चूत पर उंगली लगाकर बालों को हटाना शुरू किया, मेरी उंगली लगते ही उसकी चूत की कली छुईमुई जैसे मुरझा गई.
“अरे पूजा तुमको अपनी चूत को आज मेरा लंड दिखाना ही होगा.”
मैंने अपना लंड जैसे ही निकाला, उसे देख पूजा मन ही मन डर कर “ना ना..” कहने लगी थी, पर वह मुँह से कुछ न बोली. मैं पूजा के ऊपर चढ़ गया, तभी रोशनी ने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ाया और मैंने एक जोरदार झटके से पूजा की मुर्झाई हुई चूत में पूरा 8 इंच घुसा डाला.
मुझे लंड घुसाने की इतनी प्रेक्टिस हो गई थी कि छेद को भी ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ती है. उसके मुँह से कोई चीख नहीं निकली, बस आँखों में ढेर सारे आंसू और “मम्मी मम्मी..” की हल्की हल्की आवाजें आ रही थीं.
मैंने एक झटके से अपना पूरा लंड बाहर निकाल दिया.
“पूजा अब तू उल्टा होकर लेट जा.”
वह पहली बार बोली- नहीं, प्लीज मुझसे सहन नहीं होगा.
मैं बहुत खुश हुआ- अब तुमने ना करना सीख लिया है, पर तुम्हारा डर निकालना भी जरूरी है.
मैंने उसे पलटा दिया और उसकी थकी हुई गांड में एक ही बार में पूरा 8 इंच घुसा कर बाहर किया.
वो इस बार बहुत तीखी आवाज में चीखी और बिस्तर पर कुछ देर ऐसे पड़ी रही, जैसे कोई आलसी सो रहा हो.
उसके पुठ्ठे फड़फड़ कर हिल रहे थे. मैंने अब पूजा को सीधा किया, उसकी आँखें बंद थीं और आँखों के आंसू भी सूख गए थे. उसकी चूत अभी भी एक बंद कली के जैसे ही दिख रही थी. मैंने जैसे ही उसकी चूत की कली को छुआ वो छुईमुई से एक सूरजमुखी बन गई और पूजा ने अपनी आँखें झट से खोल दीं.
उसकी आँखें बहुत लाल लाल थीं, उसके चेहरे पर किसी उग्र महिला जैसा तेज नजर आ रहा था. उसकी चूत एक सूरजमुखी के फूल जैसी खुल गई और मेरे तने हुए लंड की तरफ देखने लगी.
पूजा ने मुझे पकड़ कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया और जम कर होंठों पर काटने लगी.
उसकी चुचियां भी तन कर मेरे सीने में चुभ रही थीं. उसके सूरजमुखी ने अपने आप मेरे लंड को उसकी ओर खींचना शुरू किया, जैसे कि कोई चुम्बक हो.
पूजा ने मुझे बहुत बुरी तरीके से चूस के अलग कर दिया, मैं अब हांफने लगा. उसकी आँखें अभी भी बहुत लाल थीं. उसने विक्की को बुलाया, वो ख़ुशी से अपनी पेंट उतार कर पूजा के चन्दन से बदन पर लिपट गया.
पूजा ने उसके पुट्ठों पर अपने नागिन जैसे हाथों को रख कर नाखूनों से नोंच लिया, विक्की को थोड़ा सा दर्द हुआ पर वो कुछ नहीं बोला.
जैसे ही विक्की की 9 इंच लंबी ककड़ी पूजा की चूत की कली से टकराई, तो सूरजमुखी का फूल बन गई और उसके लंड को चुम्बक की भांति खींचने लगी.
विक्की को एक सूरज जैसी गर्मी का आभास हुआ और उसका लंड पूजा की ज्वालामुखी में फंसता चला गया. जैसे ही उसका 9 इंच का लंड पूरा अन्दर घुसा, उसे पूजा के गरम रस के छींटे लंड की टोपी पर लगे.
उसने कंडोम नहीं चढ़ाया था, वो पूरी तरफ से जलने लगा और एक जोर की चीख मार कर पूजा से दूर हट गया.
पूजा चुत पर थपकी देकर बोली- क्यों रे गोलू तुझे बड़ी सु सु आती है.. आज मैं तुझे बताती हूँ.. इधर आ.
जैसे ही गोलू उसकी चूत के पास गया, उसने पूजा की बंद कली जैसी चूत को देखा तो उसकी भिन्डी तन के खड़ी हो गई. गोलू ने अपनी भिन्डी बाहर निकाली, पर एकदम से पूजा की कली फिर से सूरजमुखी का फूल बन कर गोलू की तरफ मुड़ गई.
गोलू डर गया उसने अपनी पेंट फिर से ऊपर चढ़ा ली. पूजा ने गोलू के सर को उसके बालों से कसकर पकड़ा और एक जोरदार सुसु का फुव्वारा उसके मुँह पर छोड़ दिया.
गोलू पीछे होने की कोशिश करता रहा, पर पूजा ने ताकत से उसका मुँह चूत पर दबोच दिया. गोलू रोता हुआ बाथरूम में गया और उलटी करके आ गया.
पूजा ने इतने सालों की गर्मी को आज बाहर निकाल दिया था. अब वो थोड़ी शांत हो गई. सभी लोग पूजा के इस रूप को देखकर हैरान हो गए.
पिंकी बोली- सर की क्लास में एक जादू है.
रोशनी ने मेरे पास आकर मुझे होंठों से किस किया और मेरे सहमे हुए लंड पे प्यार से हाथ फेरा. पिंकी और पूजा भी नंगे दौड़ते हुए मेरे से लिपट गए और मेरे गालों पर किस कर दिया.
मैंने अपनी एक एक उंगली पिंकी और पूजा की चूत पर घुमाई, तीनों का रस उनकी गोरी गोरी टांगों से रेंगता हुआ फर्श पे गिर रहा था. पूरा रूम गुलाब, चमेली और चन्दन की खुशबू से महक उठा.
पूजा ने अपनी ड्रेस रोशनी से एक्सचेंज कर ली और एक कड़क माल बन गई. रोशनी सलवार कमीज और चुन्नी पहने मेरी प्यारी सी बीवी जैसी लग रही थी.
हमारी क्लास यूं ही मस्ती से चलने लगी.
मैं कुछ ही दिनों में बहुत फेमस हो गया. आज मेरी क्लास में कुल 10 लड़कियां और 20 लड़के पढ़ने आते हैं और सभी की झांटों पर वी तथा एल का शेप भी बना हुआ है.
बाकी सब तो आप समझ ही गए होंगे. आगे मेरी एक दुखभरी चुदाई की कहानी है, वो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि कैसे मेरी प्यारी रोशनी मेरी भाभी बन गई.
हम सभी क्लास के मजे चलते रहे. अब काफी दिन हो गए थे, रोशनी की मम्मी को उसकी शादी की जल्दी पड़ी थी. मेरे घर वालों ने मेरी जान रोशनी और मेरे भैया जो दूसरे शहर में जॉब करते थे, उनके साथ करने का फैसला लिया.
रोशनी ने मीना आंटी से अकेले में बताया कि वो मुझसे प्यार करती है. पर किसी ने उसकी एक ना सुनी.
खैर अब मेरे बड़े भैया और रोशनी की शादी कर दी गई. मेरे छत वाले रूम को उनकी सुहागरात के लिए सजाया गया. हमने देर रात तक बातें की और फिर ठीक रात के 12 बजे रोशनी और भैया को रूम में अकेला छोड़ कर नीचे चले आए. सुबह को मैं उठ कर सबसे पहले भैया से मिलने उनके रूम में गया. रोशनी रो रही थी और भैया टहलने जा चुके थे.
“क्या हुआ रोशनी रो क्यों रही हो.. भैया ने बहुत जमकर चुदाई कर डाली क्या?”
यह सुन कर वो जोर से रोने लगी.
“तू चिंता मत कर मैं भैया को कहूँगा कि शुरू में थोड़ा धीरे धीरे मेरी मासूम भाभी को चोदिए.”
“ये बात नहीं है राहुल उन्होंने तो मुझे छुआ तक नहीं, कल रात मेरी मम्मी आपके जाने के बाद फिर से रूम पर आई, दोनों ने मुझे बाथरूम में दो घन्टे बंद कर दिया और मेरी मम्मी और तुम्हारे भैया हंस हंस कर आपस में चुदाई करने लगे.”
इतने में भैया भी रूम पर वापस आ गए. मैंने पूछा- भैया आपने भाभी को कल अपने सुहाग का शगुन क्यों नहीं कराया?
भैया गुस्से से रोशनी को देखकर बोले- मुझे रोने चिल्लाने वाली कच्ची कलियां बिल्कुल पसंद नहीं, मैं तो केवल आंटियों को ही चोदता हूँ.
“ये बात है भैया तो एक शर्त लगाओ, तुम मेरी कक्षा की दो लड़कियों को जो कि लगभग 21 साल ही हैं, उन्हें चोदो और यदि किसी ने भी एक हल्की सी उफ़ की आवाज की, तो रोशनी तुमसे कभी भी सुहाग की भीख नहीं मांगेगी.”
रोशनी समझ गई कि मैं पिंकी और पूजा की बात कर रहा हूँ. भैया ने भी शर्त मंजूर कर ली.
अब मैंने पिंकी और पूजा को फ़ोन करके ये बात बताई और वे फ़ौरन मेरे छत वाले रूम में आ गई. मैंने पिंकी के कपड़े उतार कर उसे बिस्तर पर सीधा लेटा दिया. भैया ने उसकी गुलाबी चूत को देखा वो अभी पूरी तरफ से खिलती या कहो कि खुलती जा रही थी. भैया बहुत खुश हो गए. उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला, एकदम मेरे लंड जैसा 8 इंच का मोटा तगड़ा था. पर पिंकी और पूजा हँसने लगे, रोशनी थोड़ी सी शर्मा गई.
भैया जैसे ही पिंकी पर चढ़े, उनका लंड फिसलता हुआ अन्दर चला गया. पिंकी हँसने लगी.
मैंने कहा- भैया, इसकी में तो पूरी लौकी भी घुस जाती है तो हमारा बैंगन क्या चीज़ है. ये तो हम दोनों के हथियारों को एक साथ बिना उफ़ करे दोनों छेदों में ले सकती है.
मैंने अपने कपड़े उतारे और पिंकी के बगल में लेट कर उसे अपने ऊपर लेटा दिया. उसके मोटे पुठ्ठे मेरी जाँघों पर दब रहे थे. मेरा 4 इंच लंड उसकी गुलाबी चूत में घुस गया.
“भैया अब आप अपना भी घुसाओ.”
भैया ने अपना लंड ताकत से दबाना शुरू किया. मुझे भैया के लंड की रगड़ अपने लंड पर महसूस हुई. पिंकी ने अपनी आँखें दर्द से बंद कर दी, पर एक उफ़ भी मुँह से नहीं निकाला. पूरे रूम में गुलाब की खुशबू भर गई.
“भैया हार मान लो अब तो आप.”
भैया को बहुत गुस्सा आया. फिर मैंने पूजा को पिंकी की जगह पर लेटा कर उसे भी नंगी कर दिया.
भैया ने जैसे ही उसकी बंद कली जैसी चूत देखी तो वो जोश में आकर बोले- इसकी तो मैं चीखें निकाल दूँगा.
पर भैया को अभी पूजा की चूत की खूबी के बारे में कुछ पता नहीं था. भैया जैसे ही पूजा के ऊपर चढ़े, उसने अपने नागिन जैसे हाथों से भैया की पीठ को जकड़ कर अपनी बाँहों में भर लिया. उसके बदन से चन्दन की खुशबू निकलने लगी और उसने अपने नाखूनों से भैया की पीठ पर डसना शुरू कर दिया. भैया का लंड उसकी चूत पे टकराते ही, उसकी बंद कली एक सूरजमुखी का फूल बन गई और भैया के लंड को अपने अन्दर एक चुम्बक की भाँति खींचने लगी. भैया को उसकी चूत की गर्मी का आभास हुआ, पर उनका लंड उस ज्वालामुखी में घुसता ही चला गया. जैसे ही पूजा की ज्वालामुखी का विस्फोट हुआ, उसका गरम लावा भैया के लंड की खुली टोपी को जलाने लगा.
भैया एक चीख मार कर उठ खड़े हुए. सभी उन पर हँसने लगे.
मैंने कहा- भैया अब तो आप शर्त हार गए हो.
पिंकी और पूजा को मैंने घर वापस जाने को कहा. भैया ने रोशनी की तरफ देखा और सोचा कि इसकी भी यदि चीख नहीं निकली तो मेरी मर्दानगी पर एक सवाल उठ खड़ा होगा.
“ठीक है राहुल पहले मैं रोशनी की गांड मारूँगा.”
मैंने कहा- पर भैया आप जानते नहीं कि..
इतने में उन्होंने मेरी बात काट कर कहा कि तुम अपनी ज्यादा चालाकियां मत दिखाओ.
रोशनी ने आकर कहा- आप जैसा चाहें मुझे चोदें.. पर एक सुहानिग होने का शगुन तो करा दीजिये.
वो अपनी साड़ी उतार कर नंगी खड़ी हो गई, क्या मस्त दिख रही थी मेरी जानू. उसकी सफ़ेद पतली जांघें, उसके आम जैसे नुकीले चुंचे, उसके अंगूर जैसे काले निप्पल, उफ्फ्फ मेरा भी उसे अभी चोदने का मन कर रहा था.
वो घोड़ी बनकर पलंग पर चढ़ गई और भैया ने बड़ी ताकत से अपना 8 इंच उसकी गांड में फंसा दिया.
वो बहुत चिल्लाई, उसकी गांड सिकुड़ कर सूख गई. भैया को अब अपने पर गर्व होने लगा. लेकिन अब वो दोनों कुत्ते कुतिया की तरह एक दूसरे से चिपक गए. भैया ने ताकत से अपना लंड बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, पर अब उन्हें भी बहुत दर्द हो रहा था.
“राहुल मैं पूरा फंस गया हूँ, अब क्या करूँ?”
“भैया मैंने कहा था कि पहले गांड मत मारिये, मुझे रोशनी की इस खास खूबी के बारे में पता था, पर आपने बताने ही नहीं दिया.”
“राहुल मुझे तेरी भाभी की चूत चोदनी है, अब तू ही कुछ कर.”
“भैया हमें रोशनी को पहले गरम करना है, फिर इसके बदन से चमेली की खुशबू आती है और फिर आप अपना लंड आसानी से अन्दर रगड़ सकते हैं.”
“तू ही गरम कर दे हमारी प्यारी रोशनी को..”
हमारी शब्द सुनकर रोशनी बहुत खुश हुई, उसका दर्द थोड़ा कम हो गया. पर दोनों अभी भी घोड़ी बनकर बैठे थे. मैंने अपने सारे कपड़े निकाल कर धीरे धीरे उनके नीचे से रेंगता हुआ रोशनी के लटकते हुए चूचों तक पहुँच गया. उसके निप्पल को सहलाने लगा, मेरा खड़ा लंड उसकी चूत को हल्के से छू रहा था. भैया ने भी उसके चुंचे पकड़ कर उसके निप्पल मेरे मुँह में घुसा दिए. उसके बदन से धीमे धीमे चमेली की खुशबू आने लगी. भैया अब झुक कर रोशनी की पीठ को सूंघने लगे. रोशनी की गांड भी अब गरम होने लगी और भैया के लंड पर पसीना आने लगा.
अब वो अपने लंड से धीरे धीरे प्यार भरे झटके देने लगे. हर एक झटके से मेरा लंड उसकी चूत में सामने लगा. मैंने अब ताकत भरे करीब पचास झटके मारे, रोशनी की साँसें तेज होने लगी और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
भैया अभी तक तने हुए खड़े थे. रोशनी भी उनकी प्यासी हो रही थी. भैया ने रोशनी को उसके नाजुक पुट्ठों से उठा कर उनकी जाँघों पर रखा और करीब सौ झटके मार कर उसकी चूत में ढेर सारी मलाई की छूट कर दी. उसकी चूत हम दोनों के गाड़े जूस को पी गई.
रोशनी ने उठ कर हम दोनों के लंड पर पप्पी लगाई और कपड़े पहन के नीचे चाय बनाने चली गई.
समय यूं ही गुजरने लगा.
आज नौ महीने बाद रोशनी को एक लड़की हुई है. उसकी आँखें मेरे भैया जैसी और शक्ल मुझ पर गई है.
दोस्तो, आशा करता हूँ कि आपको मेरी कहानी मजेदार लगी होगी. यदि किसी को कुछ बुरा लगा हो तो मैं माफ़ी चाहता हूँ. आपका प्यारा राहुल.
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