दोस्त की बीवी की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरे पति के दो दोस्त मेरे घर में मेरी चुदाई के लिए तैयार थे. मैं भी तैयार थी उनका माल अपनी चूत में डलवाने के लिए.
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दोस्त की बीवी की चुदाई कहानी के पिछले भाग
मेरे सेक्सी जिस्म को मिले दो और लंड
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे पति अमित के दो दोस्त राजेश और प्रशांत मेरी चुदाई के लिए मुझे पटाने में लगे थे. मैंने उनसे चुदाई के बदले कुछ मांगने की बात रखी थी.
अब आगे दोस्त की बीवी की चुदाई कहानी:
प्रशांत मेरी हथेली सहलाते हुए बोला- ठीक है भाभीजी अच्छे से सोचकर बता देना … पर आज तो हम दोनों की मांग पूरी कर दो.
मैं थोड़ा सा नाटक करती हुई बोली- मांग … कैसी मांग!
इतने में प्रशांत मेरी एक चूची को सहलाने लगा. ये देख राजेश भी दूसरी चूची को सहलाने लगा.
वो बोला- क्या मस्त चुचे है भाई.
मैं गुस्से का नाटक करते हुए बोली- छोड़ो मुझे … ये क्या कर रहे हो. मैं तुम्हारे दोस्त की बीवी हूँ.
मगर अब तक वो दोनों मेरी चूचियों मसलने लगे थे. जिससे मेरे ऊपर भी खुमारी चढ़ रही थी.
लेकिन मैं फिर भी बोली- क्या कर रहे हो … छोड़ो मुझे.
इतने में राजेश बोला- आज तो आपकी फैक्ट्री का टूर करके ही रहेंगे.
तो मैं थोड़े गुस्से में बोली- मेरे पास कोई फैक्ट्री नहीं है.
मैं उन दोनों को बस तड़पा रही थी.
राजेश बोला- भाभी आपकी जैसी फैक्ट्री तो पूरी दुनिया में किसी के पास नहीं होगी.
मैं बोली- अच्छा जी … मेरी कौन सी फैक्ट्री है?
प्रशांत बोला- आप बोलो तो हम लोग खुद आपकी फैक्ट्री की दर्शन कर लेते हैं.
मैं चौंकने का नाटक करते हुए बोली- ठीक है … कर लो, जरा मैं भी तो देखूं कि मेरे पास कौन सी फैक्ट्री है.
बस अब क्या रह गया था. उन दोनों की तो मुँह मांगी मुराद पूरी हो गयी.
फिर उन दोनों ने जो मुझे ऐसा मसलना शुरू किया कि आज तक किसी ने भी ऐसे मेरी जवानी को नहीं मसला था.
अभी तक तो वो दोनों सिर्फ मेरी चूचियों मसल रहे थे. लेकिन अब दोनों मेरे गालों को चूमने लगे थे. वो साले चूम नहीं रहे थे … बल्कि मेरे गालों को चूस रहे थे.
तभी प्रशांत ने मुझे स्मूच करने लगा और राजेश ने मेरे गाउन के नीचे से हाथ डालकर मेरी बिना पैंटी की चूत पर धावा बोल दिया.
वो मेरी चुत मसलने लगा.
उसका हाथ अपनी चुत पर पड़ते ही मैं तो जैसे मचल गयी.
मैं इसके जवाब में प्रशांत को स्मूच के रूप में दे रही थी.
इतने में राजेश ने मेरी चूत में उंगली डाल दी. अब सेक्स की खुमारी मेरे सर पर चढ़ गयी थी.
मैंने प्रशांत का सर पकड़ा और स्मूच में उसका पूरा साथ देने लगी. उधर राजेश मेरी चूचियों को गाउन के ऊपर से ही अपने मुँह में भर भर कर पी रहा था.
अब तक मेरी चुदास बहुत बढ़ गयी थी. मैंने प्रशांत को अपने से अलग किया और उन दोनों को वासना भरी नजरों से देखने लगी.
मेरी आंखों में झांकता हुआ प्रशांत बोला- आपको स्मूच करके मजा आ गया भाभी.
फिर उन दोनों ने मुझे वहीं खड़ा किया और एक ही झटके में मेरे गाउन को निकाल फैंका.
गाउन निकलते ही मेरी दोनों चूचियां उछल कर बाहर आ गईं. एकदम तनी हुई कड़क पहाड़ की चोटियों की भांति मेरी दोनों चूचियां उन दोनों के सामने आ गईं.
मैं उन दोनों के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी.
मेरी नंगी जवानी को देखकर दोनों की आंखें चौंधिया गईं.
फिर उन दोनों ने बिना समय गंवाए मुझे जकड़ लिया और मेरी चुचियों को मसलने लगे.
मुझे उसी सोफे पर बिठा दिया और दोनों मेरी चूचियों को पीने लगे.
बीच बीच में वो दोनों मेरी चूचियों को अपने दांतों से भी काट रहे थे. उन दोनों ने मेरी चूचियों को इतना चूसा कि चूचियां बिल्कुल लाल हो गई थीं.
काफी सारे लव बाईट भी मेरे जिस्म पर दे दिए थे.
उसी दौरान उन दोनों ने एक एक उंगली मेरी चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगे.
ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था. मैं आज दो अलग अलग मर्दों की उंगलियों से चूत चुदवा रही थी.
दो उंगलियों के वजह से मैं काफी गर्म हो गयी थी. जल्दी ही मेरी चूत ने गर्मागर्म लावा निकाल छोड़ दिया.
ये बात उन दोनों को समझ आ गयी.
अब क्या था … वो दोनों मेरी चूत के पास आ गए और मेरी चूत का पानी पीने के लिए आपस में झगड़ने लगे.
मैंने उन दोनों को शांत किया और बोली- दोनों बारी बारी से पी लो ना!
वो दोनों मान गए.
मेरी दाईं जांघ को पकड़ते हुए राजेश बोला- इधर की साईड मेरी.
तो प्रशांत मेरी बायीं जांघ को पकड़ते हुए बोला- ये मेरी.
वो दोनों तो मुझे ऐसे बांट रहे थे. जैसे मैं इनके बाप की जायदाद हूं.
फिर दोनों मेरी चूत की एक एक पंखुड़ियों को चूसने लगे, जिससे मेरे अन्दर कामवासना की नई तरंग दौड़ने लगी.
मेरी आंखें बन्द हो गईं और मैं मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी.
उन लोगों ने इस दौरान मेरी जांघों को भी चूस चूसकर लाल कर दिया था.
मैं इन सबसे दूर सातवें आसमान की सैर कर रही थी.
इस दौरान ना जाने मेरी चूत ने कितनी बार अपनी गर्मी निकाली.
वो दोनों तो बस चुत चूसने में लगे हुए थे. वो मेरी जांघों और चूत पर भी लव बाईट दे चुके थे.
हालांकि लव बाइट में किसी को देने नहीं देती थी. लेकिन आज मैं वासना के गोद में थी इसलिए कुछ नहीं समझ सकी.
काफी देर बाद बाद वो दोनों अलग हुए और बोले- भाभी जी, आज हम आपकी गांड से शुरूआत करना चाहेंगे.
लेकिन मुझे तो उन दोनों का स्पर्म चूत में चाहिए था. मैं बोली- नहीं नहीं पहले मेरी चूत की आग शांत करो.
एक बोला- मेरी रानी आज पूरी रात हम दोनों मिलकर तेरी चुदाई ही करेंगे. वैसे भी आपकी चूत तब से कितनी बार पानी छोड़ चुकी है. गांड मारने के बाद हम आपकी चूत भी चोदेंगे. लेकिन पहले गांड मारेंगे.
दूसरा बोला- हां … पहले पीछे से करेंगे क्योंकि दो साल से आपकी ठुमकती गांड को ही देख देखकर ही हम लंड हिलाते आए हैं. इसलिए पहले गांड ही फाड़ेंगे.
मैं बोली- यार, गांड में बहुत दर्द होता है.
लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी.
मैं थक हार कर बोली- दोनों को गांड ही मारनी है?
उन दोनों ने एक साथ हां बोल दिया.
फिर मैं बोली- ये कैसे होगा यार … एक साथ तो मैं दोनों का गांड में नहीं ले सकती.
वे बोले- आप बस देखती जाओ भाभी … और मज़े लो.
उन्होंने मुझे वहीं सोफे पर झुका दिया और बोले- भाभी गांड पर लगाने के लिए कुछ क्रीम दो.
फिर मैं सीधी हुई और उसी डॉक्टर की दी हुई ग्लिसरीन लाकर उन्हें दे दी.
प्रशांत ने मेरी गांड में ग्लिसरीन लगा दी.
इधर मैं एक बात बता दूं कि जब से मैं डॉक्टर से चुदी हूँ. उसके बाद से मैं चुदने के लिए ग्लिसरीन का ही यूज़ करने लगी हूं. अगर आप लोग भी गांड मारने के शौकीन हैं तो ग्लिसरीन लगाकर गांड मारें … आपकी बीवी या जीएफ को दर्द कम होगा.
मैं अपनी गांड में ग्लिसरीन की ठंडक अभी महसूस ही कर रही थी कि इतने में प्रशांत ने लंड टिकाया और जोरदार झटका दे मारा.
ज्यादा ग्लिसरीन के कारण लंड गांड में जाने के बजाए नीचे फिसल गया.
फिर वो बोला- ये क्या है … भैन का लौड़ा नीचे चला गया.
मैंने हंस कर कहा- हां भैन का लौड़ा है न इसीलिए फिसल गया .. इसे भाभी का लौड़ा बनाओ पहले.
वो खिसिया गया मगर उसने अपना लंड पकड़ा और मेरी गांड पर निशाना साध कर फिर से एक झटका मारा.
इस बार लंड का टोपा मेरी गांड में घुस गया. ग्लिसरीन के वजह से मुझे दर्द तो हुआ पर कम दर्द हुआ था.
तभी उसने फिर से एक जोर का झटका मारा और इस बार उसके आधे से ज्यादा लंड ने गांड में दूरी तय कर ली.
इस बार मैं दर्द से चिल्लाने लगी- आह उम्मह हहहह … उइ मां फट गई मेरी गांड!
तभी प्रशांत ने एक और झटका मारा और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया.
ग्लिसरीन की वजह से लंड तो बड़े आराम से गांड में चला गया था लेकिन अभी दर्द बहुत ज्यादा हो रहा था.
अब प्रशांत लंड को आगे पीछे करने लगा.
तभी राजेश मेरे नीचे बैठ गया. क्योंकि मैं सोफे पर झुकी थी तो वो मेरी चूचियों के नीचे बैठ गया और मेरे दूध पीने लगा.
वो मेरी चुत में उंगली भी कर रहा था जिससे मैं और भी ज्यादा मजे में अपनी गांड मरवा रही थी.
आज तक मैं इस तरह से नहीं चुदी थी.
करीब 5 मिनट बाद मुझे दर्द में कुछ आराम मिला.
तभी प्रशांत ने अपना लंड निकाल लिया.
मैं कुछ बोलती, इससे पहले राजेश ने मेरी गांड पर अपना लंड टिका दिया … और बिना रुके उसने जोरदार झटका दे मारा.
चूंकि प्रशांत के लंड डालने से थोड़ी सी गांड खुल चुकी थी, तो इस बार दर्द थोड़ा कम हुआ.
राजेश का आधे से ज्यादा लंड घुस चुका था.
इतने में उसने फिर से एक झटका मारा और उसका भी पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया.
अब प्रशांत मेरी चूची पी रहा था और अपनी उंगली से मेरी चूत चोद रहा था.
तभी राजेश ने भी 5-7 मिनट तक मेरी गांड मारी होगी. फिर अपना लंड निकाल लिया.
अब प्रशांत ने पारी सम्भाल ली.
इस तरह वो दोनों 5-5 मिनट में बदल बदल कर मेरी गांड मारते रहे.
उन दोनों ने मिलकर करीब एक घंटे तक मेरी गांड मारी होगी.
इस दौरान मेरी चूत न जाने कितनी बार पानी छोड़ चुकी थी. मेरी चुत की सारी गर्मी को उन दोनों ने मिलकर अपनी उंगली से ही निकाल दिया था.
अब राजेश झड़ने वाला था तो उसने पूछा- भाभी, पानी गांड में ही निकाल दूं?
मैं बोली- बिल्कुल नहीं … तुम दोनों अपना पानी मेरी चूत में ही निकालोगे.
ये बात सुनते ही वे दोनों चौंक गए.
राजेश बोला- क्यों यार?
मैं बोली- जब दोस्त के प्लाट पर घर बना ही लिया है … तो उस घर में खेलने के लिए बच्चे भी तो चाहिए.
राजेश बोला- क्या बात है भाभी. मतलब आपके बच्चे पर हम लोगों का भी अंश होगा.
मैं बोली- बच्चे की मां पर इतनी मेहनत कर रहे हो, तो पापा बनने का इनाम भी तो मिलना चाहिए ना.
राजेश बोला- जरूर मेरी जान.
अब उसने मुझे सोफे पर बिठाया और मेरी चूत में ग्लिसरीन लगाकर एक जोर का झटका दे मारा.
उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में ठोक दिया.
चिकनी चुत में उसका लंड बड़ी आसानी से चला गया.
उसने धकापेल मचा दी. करीब 5 मिनट तक चोदा और मेरी चूत में स्पर्म की बाढ़ ला दी.
झड़ कर वो वहीं ढेर हो गया.
प्रशान्त का लंड अभी भी खड़ा था. फिर उसने मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड में लंड डाल दिया.
ये बड़ी अजीब सी स्थिति थी. मेरी चूत से एक का स्पर्म रिस रिसकर निकल रहा था और दूसरा मेरी गांड मार रहा था.
आज पता नहीं मैं कितनी बार गर्म हुई … और न जाने कितनी बार मेरी चूत से गर्मी निकली.
कुछ देर बाद वो भी झड़ने को आया. उसने भी अपना लंड मेरी चूत में डालकर चूत को अच्छे से बजाया और उसने भी चूत में स्पर्म की बाढ़ ला दी.
प्रशान्त भी मेरे ऊपर 5 मिनट तक लेटा रहा.
फिर हम तीनों वहीं सोफे पर लेट गए. ये चुदाई तकरीबन 2 घंटे तक चली थी. आज तक मैं इतनी देर तक कभी नहीं चुदी थी.
फिर मैं करीब 10 मिनट बाद उठी और बोली- तुम लोगों ने आज अपने दोस्त की बीवी को मसल ही दिया ना!
तभी प्रशांत बोला- यार भाभी, मज़ा आ गया. आप जैसी भाभी को चोद कर तबियत खुश हो गई.
मैं बोली- ठीक है .. उठो और अब जाओ.
तभी राजेश बोला- अभी कहां मेरी जान … अभी तो पूरी रात पड़ी है. आपकी चूत भी तो बजानी है.
मैं खुश हो गई.
फिर उन लोगों ने डिनर आर्डर किया और हम तीनों ने नंगे ही डिनर किया.
उसके बाद बेडरूम में जाकर उन दोनों ने मेरी चूत ढंग से फाड़ कर रख दी.
अब हम तीनों थक चुके थे.
मैंने समय देखा तो सुबह के 3 बज चुके थे. यानि शाम 6 बजे से सुबह 3 बजे तक गांड और चूत की दमदार चुदाई हो गई थी.
उन दोनों के लंड बहुत मजबूत और टिकाऊ किस्म के लंड साबित हुए थे.
आज तक उन दोनों के जैसा किसी ने भी मुझे नहीं चोदा था.
सुबह मैंने उन दोनों से कहा- अब जाओ सुबह होने वाली है. सनी भी आ जाएगा.
मैंने उन दोनों को जबरदस्ती भेजा.
इस तरह मेरी चूत में मेरे बेटे के होने वाले दो और नए बापों ने अपना अपना बीजारोपण कर दिया था.
मैं उम्मीद करती हूं कि आप सारे पतियों को यह सेक्स कहानी पसन्द आयी होगी.
आप लोग दोस्त की बीवी की चुदाई कहानी पर अपनी राय मुझे कमेंट्स में बताएं.
इमेल नहीं दी जा रही है.
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