मेरा नाम सुनील पंवार है मैं गुड़गाँव का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 24 वर्ष है। मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूं। मैं कॉलेज कम ही जाता हूं क्योंकि यह हमारे कॉलेज का आखिरी वर्ष है। मेरा ग्रेजुएशन पूरे होने के बाद मैं कहीं नौकरी करने की सोच रहा हूं क्योंकि मेरा समय नहीं कटता. मैं अधिकतर समय अपने दोस्तों के साथ बिताता हूं या फिर मैं अपने घर में टीवी ही देखता रहता हूं।
मेरे पिताजी पुलिस में है और वे मेरी इस आदत से बहुत परेशान रहते हैं। वे मुझे कहते हैं कि बेटा इतनी टीवी मत देखा करो.
लेकिन उन्हें मेरे बाहर जाने से भी तकलीफ है यदि मैं घर में रहकर टीवी देखूं तो भी होने तकलीफ होती है. इसीलिए मैंने उनसे बात करना ही कम कर दिया है। जब मुझे कुछ काम होता है तो ही मैं उनसे बात किया करता हूं।
हमारे मोहल्ले में एक लड़की रहती है, उसका नाम सुमोना है। उसे मैं बहुत पसंद करता हूं लेकिन वह मुझसे उम्र में तीन-चार बरस बड़ी है और उसकी सगाई भी हो चुकी है। मैं तो उसके पीछे काफी समय से पड़ा था लेकिन वह मुझसे उम्र में बड़ी है इसलिए मैंने उसे अपने दिल की बात नहीं कही।
पर जब भी मैं उसे देखता हूं तो मेरे दिल में घंटी बजने लगती है और मैं सोचता हूं कि काश सुमोना मेरी गर्लफ्रेंड होती या फिर मेरे जीवन में होती. लेकिन मेरी ऐसी किस्मत नहीं थी इसी वजह से शायद मैंने उसका पीछा करना भी छोड़ दिया था।
पर मुझे नहीं पता था कि जल्दी मेरा समय बदल जाएगा और सुमोना मेरे जीवन में आ जाएगी।
वह कभी कभार हमारे घर भी आ जाती थी क्योंकि उसकी मम्मी और मेरी मम्मी की ठीक-ठाक बातचीत है इसीलिए वह कभी हमारे घर भी आ जाती है। जब मैं उसे देखता हूं तो मैं उसे देख कर बहुत खुश हो जाता हूं।
मैं एक दिन अपने दोस्तों के साथ अपने घर के पास वाले पार्क में बैठा हुआ था। हम लोग आपस में बात कर रहे थे तो मेरे एक दोस्त ने मुझे कहा कि सुमोना की सगाई टूट चुकी है।
मैंने उसे कहा- तुम यह क्या बात कर रहे हो?
वह कहने लगा- भाई मैं बिल्कुल सही कह रहा हूं। मेरी मम्मी बता रही थी कि उसकी सगाई टूट चुकी है।
मैंने उससे पूछा- तो क्या तुम्हें और भी कोई जानकारी है?
वह कहने लगा- हां उसके घर वालों ने लड़के वालों को दहेज देने से इंकार कर दिया जिससे कि उसकी सगाई टूट गयी। मेरी मम्मी तो मुझे यही कारण बता रही थी।
जब उसने मुझे यह खबर दी तो मैं जैसे खुश हो गया। मुझे समझ आ गया था कि मुझे क्या करना चाहिए और मैंने भी बिल्कुल सही समय पर सुमोना से बात करनी शुरू कर दी। जब मैं सुमोना से बात करता हूं उसे भी उस वक्त किसी की जरूरत थी और उसकी जरूरतों को मैं पूरा करने लगा। धीरे-धीरे हम दोनों की बात भी बढ़ने लगी थी।
एक दिन मैं उसे लेकर मूवी देखने के लिए चला गया। जब मैं उसे लेकर मूवी देखने गया तो उस दिन मैंने उससे पूछ लिया- तुम्हारी सगाई टूटने का कारण क्या है?
वह मुझे कहने लगी- जब लड़के वाले मुझे देखने के लिए आए थे तो वे लोग बड़ी अच्छी बातें कर रहे थे और मुझे लड़का भी पसंद था क्योंकि वह अच्छी नौकरी भी है। वह बात करने में भी बहुत अच्छा लग रहा था. इसलिए मैंने भी रिश्ते के लिए हां कह दी। उन्होंने भी मुझे पसंद कर लिया था. लेकिन कुछ समय पहले जब उसकी मम्मी ने मेरे पापा से दहेज की बात की तो मेरे पापा ने कहा ठीक है जितना हम से बन पड़ेगा हम लोग उतना आपको दहेज से देंगे लेकिन उनकी मांग कुछ ज्यादा ही थी. हम लोग इतना पैसा कहां से लाते … इसलिए उन लोगों ने हम से रिश्ता तोड़ लिया।
मैंने सुमोना को कहा- तुम चिंता मत करो। आजकल ऐसे लोग बहुत हैं जो दूसरों की समस्याओं को नहीं समझते।
मैंने उसे यह बात कही तो कहीं ना कहीं वह मेरी तरफ आकर्षित हो गयी। वह मुझे कहने लगी- सुनील, तुम कितने समझदार हो. यदि तुम्हारी तरह ही सब लड़कें हो तो कितना अच्छा होगा।
सुमोना को मेरे साथ समय बिताना भी अच्छा लगने लगा। मैं सोचने लगा कि कुछ दिनों बाद मैं सुमोना से अपने दिल की बात कह दूंगा क्योंकि हम लोग अक्सर मिलने लगे थे.
सुमोना जब भी मेरे साथ होती तो मैं बहुत खुश होता। मैं उसे अपने साथ अपने कॉलेज भी ले कर जाने लगा था और अपने दोस्तों से भी मैंने उसे मिलवा दिया था।
उसे भी सब कुछ पता था कि मेरे दिल में उसके लिए क्या है. लेकिन वह यह बात नहीं कहना चाह रही थी और ना ही मैंने उससे अपने दिल की बात कही थी।
मैं जब भी उसे अपने दिल की बात कहना चाहता तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात आती कि क्या मेरे घरवाले सुमोना को स्वीकार करेंगे? और दूसरी समस्या मेरे सामने यह थी कि मैं कुछ काम भी नहीं करता था इसलिए मैं सुमोना से अपने दिल की बात नहीं कह पा रहा था।
पर मैंने सुमोना के साथ अच्छा समय बिताना शुरू कर दिया था। यही मेरे लिए काफी था. और उसके दिल में भी मेरे लिए कुछ था यह बात तो मुझे मालूम थी। मैंने सुमोना के दिल में अपने लिए जगह बना ली थी।
वह मुझ पर पूरी तरीके से विश्वास करने लगी थी। जब उसे मुझ पर पूरा भरोसा होने लगा तो वह मेरे साथ कहीं भी चलने को राजी हो जाती।
एक दिन हम दोनों मेरे दोस्त के घर चले गए. उस दिन हम लोग वहीं पर रुक गए। सुमोना और मैं साथ में बैठे हुए थे। वह मेरे साथ अच्छा समय बिता रही थी। रात हो चुकी थी और हम दोनों उसके घर की छत पर बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे.
मैंने उस दिन सुमोना का हाथ पकड़ लिया ना जाने उस दिन मेरे अंदर इतनी हिम्मत कहां से पैदा हो गई। मैंने जब उसका हाथ पकड़ा तो वह भी अपने आपको ना रोक सकी। उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और कुछ देर बाद मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया। मैं उसे अपनी बाहों में लेकर बहुत खुश था, मैं काफी समय से उसे अपनी बांहों में लेना चाहता था और मेरी इच्छा पूरी हो गई थी।
हम दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ रखा था। मैंने जब सुमोना के होंठों पर अपनी उंगलियों को फेरा तो वह मेरी तरफ अपने होंठों को बढ़ाने लगी। उसके होंठ जब मेरे होंठों से टकराए तो मेरे अंदर उत्तेजना जागने लगी। मैंने उसके होंठों को बहुत देर तक चूसा।
अपनी चाहत के होंठों को मैं जिस प्रकार से चूस रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
वह मुझे कहने लगी- मुझे तुम्हारे साथ किस करके बहुत मजा आया।
हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बहुत देर तक स्मूच किया।
जब मैंने उसके स्तनों पर हाथ लगाया तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी और मैंने उसके स्तनों को इतना जोर से दबाया कि उसके स्तनों में दर्द होने लगा।
मैंने जब सुमोना के कपड़े उतारे तो उसका बदन जैसे संगमरमर से तराशा हुआ था। मैंने अपने हाथों को उसके बदन पर रखा तो मुझे बड़ा मजा आया। मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। उसकी गांड का जो शेप था वह मेरे दिमाग में घर कर गया।
मैंने उसकी योनि को बहुत देर तक चाटा. मैंने उसे घोड़ी बनाया और सुमोना की चूत में अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी कोमल चूत के अंदर गया तो उसकी सील टूट गई और वो चीख पड़ी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैं दंग था कि इतने साल से उसने किसी से भी अपनी सील नहीं तुड़वाई। मेरे लिए यह बहुत खुशी का पल था।
मैंने भी बड़ी तेजी से उसकी चूत में लंड के धक्के देना शुरू कर दिया। मैं इतनी तेजी से झटके दे रहा था कि उसके चूतड़ मेरी जाँघों से टकराते और मेरे अंदर और भी ज्यादा गर्मी पैदा हो जाती। मेरे अंदर इतनी ज्यादा गर्मी पैदा होने लगी, मैं पसीना पसीना होने लगा।
मैंने भी अपनी शर्ट उतार कर फेंक दी। मैंने बहुत तेजी से झटके देने शुरू कर दिए जिससे उसके चूतड़गर्म हो गए थे, उनका रंग भी लाल हो चुका होगा। वह रात में साफ दिखाई नहीं दे रही थी।
जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ, मैंने अपने लंड को निकालते हुए सुमोना को किस कर लिया।
उसके बाद हम दोनों एक साथ अच्छा समय बिताने लगे. मुझे उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता है। जब भी मुझे मौका मिलता है तो मैं अपनी प्यारी सुमोना को चोदकर अपना पानी झाड़ देता हूँ।
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