मेरी प्यारी आंटी सेक्स की भूखी लड़कियों की चूत को मेरे लंड का सलाम! मेरी पहली कहानी एक आंटी की चुदाई की है, यह मेरी पहली चुदाई है.
मैं राजस्थान के कोटा शहर में रहता हूँ और यही से बी टेक कर रहा हूँ, मैंने अभी तक सेक्स नहीं किया था और रोज रात को मुठ मारकर सोता था, रोज सोचता कि कैसे मैं सेक्स का आनन्द लूँ, और सोच सोच कर दिन 3-4 बार लंड हिला हिलाकर मुठ मार लेता था कि एक दिन मेरी बंजर ज़िंदगी में मोड़ आया और हमारे पड़ोस में अमदाबाद के अंकल आंटी रहने आए.
अंकल थोड़े बीमार दिख रहे थे और कमजोर थे लेकिन आंटी काफी आकर्षक थी, लगभग 35 साल की उम्र की… रंग काला था लेकिन थी काला सोना!
थोड़े दिन बाद मुझे पता चला कि अंकल के लंड में कुछ प्राब्लम है तो वो आंटी को चोद नहीं पाते हैं.
तभी मेरे भूखे लंड की उम्मीद जागी और मैंने आंटी से गुजरात को लेकर इधर उधर की बातें करना शुरू कर दिया.
आंटी थोड़ी उदास दिखी तो मैंने उनसे पूछा पर उन्होंने कुछ बताया नहीं तो मैंने ज़्यादा फोर्स नहीं किया और आंटी को कभी ऊपर मेरे घर आने का बोल कर चला गया.
फिर 4-5 दिन बाद सुबह 11 बजे अचानक आंटी ऊपर आई तो अचानक आंटी को ऊपर देख कर मैं हड़बड़ा गया, मैंने आंटी को रूम में आने को कहा तो वो आ गई.
मैंने आंटी से पूछा- आप कैसी हैं और आज अचानक ऊपर कैसे आई?
तो उन्होंने बताया- तुम्हारे अंकल बाहर गये हैं, तो मन नहीं लग रहा था, तुमसे बातें करने ऊपर चली आई.
फिर मैंने और आंटी ने बहुत बातें की तो बातों बातों में आंटी से जान लिया कि पिछली काफ़ी दिनों से अंकल और उनके बीच सेक्स नहीं हुआ तो मेरे मन में आंटी को चोदने का ख्याल आने लग गया लेकिन सोच रहा था आंटी को चोदूं कैसे?
तभी मैंने आंटी को रूम में पड़ी वाइन ऑफर की और कहा- आंटी, आप 2 पेग ले लीजिए, आपकी चिंता ख़त्म हो जाएगी!
पहले तो आंटी ने मना किया फिर वो मान गई.
शराब पीने के बाद आंटी ने मुझे गले लगा लिया और रोने लग गई और रोते रोते कहा- तुम बहुत अच्छे हो!
आंटी का स्पर्श पाकर मेरा लंड फटाक से खड़ा हो गया और फिर मैंने आंटी को टाइट पकड़ लिया तो आंटी ने भी कोई विरोध नहीं किया जिससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने आंटी का चेहरा आगे करके उनको किस करना शुरू कर दिया.
मैं पागलों की तरह आंटी को चूम रहा था और पता ही नहीं चला मैंने कब आंटी की चुची बाहर निकाल कर चूसने लग गया और अब आंटी सेक्स के मूड में आ गई थी, उन्होंने मेरी पैंट भी खोल दी और मेरे लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगी, और आंटी ने भी इच्छा प्रकट की कि मैं उनकी चूत को चाटूं!
पहले मुझे अजीब लगा लेकिन मैंने उनकी चूत चाटना शुरू किया तो मुझे खट्टा खट्टा लगा और मैंने उनकी खूब चूत चाटी और उन्होंने मेरे लंड को चूस कर मुझे खूब आनन्द दिया उम्म्ह… अहह… हय… याह… जो मैं शब्दों में नहीं बता सकता.
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चूत चाटने के बाद मैं आंटी के सामने आ गया और अपना लंड आंटी की चूत में सेट किया. जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत में गया, मुझे लगा जैसे मेरा लंड किसी गर्म भट्टी में चला गया हो. जैसे फिर आंटी ने भी धक्के देना शुरू किया तो मैं अपने लंड को आगे पीछे करके धक्के मारने लगा और दोस्तो, उस पल मुझे इतना मजा आया कि मज़े में पागल हो गया और जब मेरे लंड से पिचकारी छूटने वाली थी तो मैंने आंटी की चूत में ही पिचकारी छोड़ दी.
मैंने उस दिन आंटी को दो बार चोदा.
अब जब मर्ज़ी होती है, मैं और आंटी सेक्स करते रहते हैं.
और आंटी सेक्स में भी और वैसे भी मेरा बहुत ध्यान रखती हैं.
यह था मेरा पहला सेक्स आंटी के साथ!
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