18+ सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं पड़ोस की आंटी और उनकी बेटी दोनों पर कामुक दृष्टि रखता था. पहले अम्मी को चोदने का मौक़ा मिला तो मैंने उसकी बेटी की चूत की बात की.
मैंने तो बड़ी उम्मीद से अनुमति मांगी थी- क्या मैं तेरी बिटिया की चूत चोद लूँ आंटी?
तो आंटी ने जबाब दिया- बेटा गिरीश, तूने मेरी तो चूत चोदी नहीं अभी तक, मेरी चूत में लण्ड पेला नहीं अभी तक। अभी तो तूने मुझे पूरी तरह नंगी भी नहीं देखा और तू अभी से मेरी बेटी की चूत चोदने की बात करने लगा। अभी तो मैंने सिर्फ तेरा लण्ड पकड़ कर देखा है, तेरा लण्ड चूमा, चाटा और चूसा है। तेरे लण्ड का सड़का मारा है मैंने, मतलब की मुट्ठ मारा है तेरे लण्ड का और मुट्ठ मार कर उसका वीर्य पिया है बस। इसके अलावा तो अभी तक कुछ हुआ ही नहीं.
आंटी आगे बोली- मेरी बेटी की चूत चोदने के पहले बेटी की अम्मी का भोसड़ा तो चोदो, बेटा गिरीश। उसके भोसड़ा में लण्ड तो पेलो, उसकी गांड में लण्ड ठोक कर तो देखो। उसकी बड़ी बड़ी मस्तानी चूचियों में अपना लण्ड घुसेड़ो। उसके बाद उसकी बेटी से मिलो, उससे बातचीत करो, उसको नंगी करके देखो। उसके मम्मे, उसकी चूत, उसकी गांड सब घूम घूम कर देखो, तुम खुद उसके आगे नंगे हो जाओ, उसे अपना लण्ड दिखाओ। उसके बाद देखना कि वह क्या करती है तेरे साथ? अगर उसने ख़ुशी ख़ुशी तेरा लण्ड लपक कर पकड़ लिया तो समझो की तेरा काम हो जाएगा। हां एक बात मैं बता रही हूँ तुम्हें कि मेरी बेटी भी चूतचोदी मेरी ही तरह लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन है। खूब मस्ती से लंड पकड़ती है और फिर लण्ड के साथ वह जो जो करती हैं उसकी तुम कल्पना भी नहीं कर सकते?
आंटी ने बताया- मैं जिस कॉलेज में टीचर हूँ मेरी बेटी उसी कॉलेज में पढ़ती है। मेरी बेटी को मालूम है कि मैं चूत चोदी एक अय्याश औरत हूँ। बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ मैं! जैसे तुम लोग रोज़ दाल रोटी खाते हो वैसे ही मेरा भोसड़ा हर रोज़ लण्ड खाता है। बिना लण्ड खाये उसका एक दिन भी गुज़ारा नहीं होता. मुझे अच्छी तरह तो नहीं मालूम है लेकिन शायद मेरी बेटी की चूत भी लण्ड खाने लगी है।
मैंने जब ये बातें सुनी तो मेरा लण्ड साला अंदर ही अंदर खड़ा हो गया।
मुझे यकीन होने लगा कि अब आंटी की बेटी की चूत मेरा भी लण्ड किसी दिन खायेगी।
जुवेरा आंटी हमारी कॉलोनी में ही रहतीं हैं। उनके दो बच्चे हैं एक लड़का और एक लड़की।
उनका लड़का बल्लू मेरे क्लास में पढ़ता था, मेरी उससे बड़ी दोस्ती है।
इसीलिए मैं आंटी के घर आने जाने लगा।
बल्लू आजकल दिल्ली में हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहा है।
आंटी की बेटी का नाम है रूमीना। वह 19-20 साल की एक मस्त जवान लड़की है; खूबसूरत है, बड़े बड़े मम्मों वाली है, गोरी चिट्टी है और बातें खूब करती है।
मैंने उसके मुंह से गालियां सुनी हैं और लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा भी बोलते हुए सुना है।
तब से ही मैं उससे प्यार करने लगा हूँ।
मेरा इक तरफ़ा प्यार है।
मैं उसके नाम का सड़का मारने लगा हूँ मतलब की मुट्ठ मारने लगा हूँ।
मेरी इच्छा है कि मैं एक दिन उसके कपड़े खोल कर उसे नंगी कर दूँ, उसकी चूचियाँ मसल डालूं और उसके मुंह में अपना लौड़ा घुसेड़ दूँ।
एक दिन जब मैं आंटी के घर गया तो देखा कि घर में कोई नहीं है।
मेरा मूड रोमांटिक हो गया; मेरा लण्ड खड़ा हो गया, काबू के बाहर हो गया मेरा लण्ड!
मैं कुर्सी पर बैठ कर अपना लण्ड खोल कर हिलाने लगा। मैं रूमीना के बारे में सोचने लगा।
फिर क्या … मैं आँखें बंद करके अपने लण्ड का सड़का मारने लगा, मुंह से उसका नाम बुदबुदाने लगा।
मेरी पैन्ट पूरी खुली हुई थी।
इतने में किसी ने मेरे हाथ से मेरा लण्ड छीन लिया और उसी तरह मेरा सड़का मारने लगा।
मेरी आँख खुली तो देखा कि वह तो जुवेरा आंटी है।
मैं थोड़ा सहम गया सकपका गया और बोला- अरे आंटी … सॉरी!
वे बोली- नहीं बेटा, सॉरी कहने की कोई जरूरत नहीं है। तेरा लण्ड बहुत बढ़िया है। मुझे पसंद आ गया तेरा लण्ड। तू तो पूरा मर्द बन गया है बेटा! चूत चोदने वाला हो गया है तेरा भोसड़ी का लण्ड। तेरे लण्ड का सुपारा बड़ा खूबसूरत है बेटा। मुझे तेरे लण्ड से प्यार हो गया है।
ऐसा कह कर उन्होंने कई बार मेरे लण्ड की चुम्मी ली तो लण्ड फड़फड़ा गया और तन कर खड़ा हो गया।
मैंने उनके मम्मे पकड़ लिये और दबाने लगा तो आंटी ने अपने बड़े बड़े मम्मे खुद खोल दिये।
फिर आंटी बड़े प्यार से मेरे लण्ड का सड़का मारने लगीं।
सच बताऊँ दोस्तो, आंटी बहुत खूबसूरत महिला हैं। उनके बड़े बड़े दूध, खुली खुली बांहें, उनका सेक्सी चेहरा, उनकी मस्तानी गांड किसी को भी दीवाना बना सकती है।
वे इतनी बेशर्मी और प्यार से मेरा लण्ड पकड़ लेंगी ऐसा तो मैंने कभी सोचा न था।
फिर वे मुझसे खुल कर गन्दी गन्दी बातें भी करने लगीं।
मेरे मन में आया कि ऐसे ही अगर इसकी बेटी रूमीना मेरा लण्ड पकड़ ले तो मज़ा आ जाए!
आंटी तो अपना मुंह खोल कर मेरे लण्ड का वीर्य पीने के मूड में आ गईं।
वे बोली- गिरीश, तू मेरे मुंह में ही झड़ जाना, मैं तेरा लण्ड पियूँगी। मुझे लण्ड पीना बड़ा अच्छा लगता है।
ऐसा बोल कर वह एक हाथ से मेरे पेल्हड़ थामे हुए दूसरे हाथ से दनादन सड़का मारने लगीं।
मैं भी जोश में आ गया तो मेरे लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य आंटी के मुंह में!
वे पूरा का पूरा लण्ड का मक्खन गटक गयी तो मुझे आंटी से प्यार हो गया।
फिर उसने जिस तरह से मेरा टोपा चाटा है वह लाजवाब था।
दूसरे दिन जब मैं आंटी के घर गया तो मेरी हिम्मत खुल चुकी थी।
मैंने पूछ लिया- मैं तेरी बिटिया की चूत चोद लूँ आंटी?
उसके बाद जो हुआ वह आपने ऊपर पढ़ा।
आंटी बोली- पहले बेटी की अम्मी चोदो गिरीश; फिर बेटी चोदना।
वे ऐसा कह कर मुझे अपने कमरे में ले गईं और बोली- तूने कभी किसी की चूत देखी भी है कि बस ऐसे ही मेरी बेटी की चूत चोदने निकल पड़ा है?
मैंने कहा- मैंने अभी तक कोई चूत नहीं देखी.
आंटी मेरे आगे अपने सारे कपड़े उतार कर सिर्फ एक सलवार पहने हुए खड़ी हो गयी और बोली- तो फिर ले तू आज अपने हाथ से खोल कर देख ले मेरी चूत!
मैंने सलवार का नाड़ा मुस्कराते हुए खोला तो वे बिलकुल नंगी हो गई।
मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया, उनकी टांगें फैला दी और बोला- वॉव क्या मस्त चूत है तेरी आंटी … एकदम चिकनी गोरी चिट्टी और टाइट भी!
और मैंने झुक कर उसकी चुम्मी ले ली।
तब तक आंटी ने मेरा पजामा खोल डाला तो मैं भी नंगा हो गया।
लण्ड तो मेरा खड़ा ही था।
आंटी ने लण्ड पकड़ कर हिलाया और बोली- ओ माय गॉड, तेरा लण्ड बड़ा मोटा लग रहा है और कड़क भी! आज मैं तुझे सिखाऊंगी कैसे पेला जाता है लण्ड और चोदी जाती है चूत!
वे मेरा लण्ड पकड़ कर चाटने लगी और मैं उनकी चूत चाटने लगा।
मैंने कहा- आंटी, बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे आप से लण्ड चटवाने में और आपकी चूत चाटने में!
वे बोली- बेटा गिरीश, मुझे तो तेरा लण्ड बिलकुल गुलाब जामुन जैसा लग रहा है जिसे जितना खाओ उतना कम है।
फिर आंटी घूम गयी और मुझे पलंग के नीचे खड़ा कर दिया। उन्होंने अपनी गांड के नीचे एक तकिया लगा लिया तो चूत मेरे लण्ड के ठीक सामने आ गई।
उन्होंने अपनी टांगें मेरे कंधे पर रख दीं और बोली- गिरीश, अब पेल दो अपना लण्ड मेरी चूत में!
मेरा लण्ड भी गीला था और उसकी चूत भी!
मैंने जैसे ही अंदर घुसेड़ा, लण्ड सरसराता हुआ पूरा घुस गया अंदर जैसे कोई सांप अपने बिल में घुसता है।
लण्ड पूरा घुसा तो मैंने उसे पूरा निकाला और फिर पूरा पेल दिया।
ऐसा मैं बार बार करने लगा।
आंटी बोली- अरे वाह … तुझे तो चूत चोदना आता है गिरीश। बोलो इसके पहले किसकी चूत चोदी है तूने?
मैंने कहा- अपनी गर्लफ्रेंड की अम्मी की चूत में घुसेड़ा था।
उसने पूछा- तो तेरी गर्ल फ्रेंड नाराज़ नहीं हुई?
मैंने कहा- नाराज़ क्यों होगी? उसने खुद मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी अम्मी की चूत में पेल दिया था। फिर मैंने बेटी के सामने उसकी अम्मी चोद कर खूब मज़ा लिया।
आंटी बोली- फिर तूने मुझे बताया क्यों नहीं?
“मैंने सोचा कहीं आप नाराज़ न जायें तो हिम्मत नहीं हुई। अब जब मैं आपका भोसड़ा चोद रहा हूँ तो मेरी हिम्मत हो गयी ये सब बताने की!”
मेरी बातें सुनकर वे और उत्तेजित हो गयी।
वे मेरे हर झटके का जबाब झटके से देने लगी।
मुझे भी मज़ा आने लगा।
मैंने चोदने की स्पीड बढ़ा दी तो वे बोलने लगी- हाय गिरीश, बड़ा मज़ा आ रहा है! मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो, मुझे रखैल की तरह चोदो, फाड़ डालो मेरा भोसड़ा, मुझे रंडी की तरह चोदो, हूँ हां ओ हां हो और पेलो लण्ड, मुझे जल्दी जल्दी चोदो, मैं रंडी हूँ यार, मुझे पटक पटक कर चोदो। मेरी बेटी को भी इसी तरह चोदना। उसकी चूत लण्ड पेल देना, हाय रे क्या मस्त लौड़ा है तेरा। इतनी छोटी सी उम्र में तेरा इतना बड़ा लण्ड? बड़ा गांड फाडू है तेरा मादर चोद लण्ड गिरीश!
वे कुछ न कुछ बोले चली जा रही थी और मैं बिना रुके उसे चोदे चला जा रहा था।
कुछ देर बाद मुझे अहसास हुआ कि आंटी खलास हो गयी हैं। मैंने कहा- आंटी, मैं निकलने वाला हूँ।
वे फ़ौरन घूम गई और मेरे लण्ड का मुट्ठ मारने लगी।
फिर क्या … वीर्य पूरा का पूरा मुंह में ही गिरवा लिया, फिर लण्ड का सुपारा चाटने लगी।
एक संडे को मैं आंटी के घर गया।
मैंने घुसते ही देखा कि आंटी अपनी बेटी से बातें कर रहीं हैं।
मैं छुप कर चुपचाप उनकी बातें सुनने लगा.
आंटी बोली- बेटी रूमीना, कल तेरा बॉयफ्रेंड आकाश आया था।
रूमीना बोली- अच्छा, वह तो बड़ा स्मार्ट और हैंडसम लड़का है अम्मी!
आंटी- हां, उसका लण्ड भी बड़ा स्मार्ट और हैंडसम है बेटी।
रूमीना- क्या तुमने पकड़ कर देखा है उसका लण्ड?
आंटी- हां पकड़ कर देखा, फिर उसका मुट्ठ भी मारी और मुट्ठ मार कर लण्ड पिया। तुमको तो मालूम है कि मैं लण्ड पीने की कितनी शौक़ीन हूँ। मेरी खूबसूरती का राज़ है लण्ड पीना।
रूमीना- उस दिन जब तुम मौसी के घर गईं थीं तो जैकब सर आये थे। बातों बातों में मैंने उसका लौड़ा पकड़ लिया था। बड़ा जबरदस्त है उसका लौड़, अम्मी। मैं जल्दी में थी तो मैंने भी उसका सड़का मारा और लण्ड पिया। मगर मैं एक दिन उससे चुदवाऊंगी जरूर!
आंटी- तो क्या तू अब चुदवाने भी लगी है चूत चोदी रूमीना?
रूमीना- हां बिल्कुल … जब लण्ड हाथ में आता है तो कौन भोसड़ी वाली नहीं चुदवाती है?
उनकी बातें सुनकर मेरा लण्ड टन्ना गया; काबू के बाहर हो गया मेरा लण्ड!
तब तक मैं उनके सामने आ गया।
मुझे देख कर रूमीना बोली- अरे यार गिरीश तुम? बहुत दिनों के बाद आये हो? कहाँ चले गए थे तुम अपनी गांड मराने? पूरे मर्द लग रहे हो तुम?
तब आंटी बोली- इसका लण्ड भी बहुत बड़ा हो गया है रूमीना। ये वास्तव में मर्द हो गया है।
रूमीना मुझे बड़े गौर से देखने लगी।
वह समझ गयी कि उसकी अम्मी गिरीश का लण्ड पकड़ कर देख चुकी हैं। वह बोली- अच्छा ऐसी बात है तो फिर मुझे भी दिखाओ अपना लण्ड गिरीश।
मैंने कहा- अरे यार, क्यों मजाक कर रही हो?
वह बोली- मजाक मैं नहीं कर रही हूँ तुम कर रहे हो. या तो मुझे अपना लण्ड दिखाओ या फिर कहो कि तुम मर्द नहीं हो?
मैंने कहा- अच्छा, मौक़ा आने दो, मैं दिखा दूंगा कि मैं मर्द हूँ।
आंटी मेरी बातें सुनकर मुस्करा रही थी।
इतने में रूमीना बोली- अरे अम्मी तुम अंडे उबलने के लिए रख दो। मैं टमाटर प्याज़ खीरा वगैरह काट लेती हूँ। आज क्यों न हम तीनों थोड़ी मौज़ मस्ती कर लें।
आंटी तुरंत मान गई।
सामान तैयार हो गया और रूमीना ने खोल दी व्हिस्की की बोतल उसने तीन पैग बना दिये।
हम तीनों ने एक एक पैग पकड़ लिया और ड्रिंक शुरू हो गयी।
रूमीना बोली- सेक्स के पहले थोड़ा शरुर होना जरूरी है तब ज्यादा मज़ा आता है।
मेरी नज़र रूमीना के मम्मों पर थी, मैं जल्दी से जल्दी उसे नंगी देखना चाहता था।
मैं उसे अपना लण्ड पकड़ाना चाहता था। मेरी इच्छा थी कि वह खुद मेरा लण्ड पकड़ ले।
आंटी घाघरा पहने हुए बैठी थीं। ऊपर एक छोटी सी ब्रा था। अंदर उसके बड़े बड़े दूध!
रूमीना टॉप और जींस में थी। टॉप की बटन खुली थी, उसके मम्मे झाँक रहे थे, मेरा दिल वहीं अटका हुआ था।
मैंने कहा- रूमीना तुम बहुत सुन्दर हो, हॉट हो सेक्सी हो। मैं मर्द बन गया हूँ तो तुम भी बला की खूबसूरत औरत बन गई हो। तुम्हें देख कर तो लड़के आहें भरने लगते हैं। क्या मस्त जवानी है तेरी रूमीना।
वह बोली- अरे मेरे प्यारे अम्मी के लौड़े गिरीश, तूने मेरी जवानी अभी देखी ही कहाँ है?
मैंने कहा- फिर दिखाओ न मुझे अपनी जवानी? क्यों तड़पा रही हो मुझे?
वह बोली- तड़पा तो तुम रहे हो भोसड़ी के गिरीश। अपना हथौड़ा जैसा लौड़ा छिपा कर बैठे हो? तुझे तरस नहीं आता हम पर? कब तक छिपाओगे मुझसे अपना लण्ड?
मुझे उसके मुंह से गालियां बड़ी अच्छी लग रहीं थीं।
तब तक दो दो पैग ड्रिंक्स ख़त्म हो गई थी और नशा भी चढ़ने लगा था।
हम लोग आमने सामने बैठे थे।
आंटी ने पहल की और मेरी जांघों पर हाथ रख कर कहा- गिरीश, आज तू ज्यादा हैंडसम लग रहा है।
तब तक उधर रूमीना ने मेरी चुम्मी ले ली, बोली- मर्दों को ज्यादा बेशरम होना चाहिए!
फिर मैंने उसकी चूचियाँ दबा दीं, उसके कंधे पर हाथ फेरने लगा फिर पीठ पर भी! उसके गाल मैंने भी चूमे उसके होंठ चूमे और उसकी चौंचियाँ टॉप के ऊपर ही चूम लीं।
तब तक आंटी मेरे कपड़े उतारने लगी।
उधर मैंने जब रूमीना का टॉप उतारा तो उसके मम्मे नंगे हो गए।
मैं मम्मे देख कर मस्त हो गया, मेरे बदन में आग लग गई।
तब मैंने उसकी जींस की जिप खोली तो उसकी छोटी छोटी झांटें दिखाई पड़ीं।
मेरी उत्तेजना बढती जा रही थी।
मैंने कहा- यार रूमीना, अपनी जींस उतार ही दो।
मैंने उसे खींच लिया तो वह एकदम नंगी हो गयी मेरे आगे!
मैं तो लिपट गया उसके नंगे बदन से!
उधर आंटी ने मुझे नंगा कर दिया तो रूमीना ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- कितना प्यारा लौड़ा है तेरा गिरीश! कितना मोटा और हैंडसम लौड़ा है तेरा! मज़ा आ गया बहनचोद। इतना बढ़िया लण्ड तो जैकब का भी नहीं है।
तब तक आंटी ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिये थे।
अम्मी बेटी दोनों को नंगी देख कर मैं बहुत एक्ससाईटेड हो गया।
वो दोनों बहनें लग रहीं थीं।
मैं रूमीना की चूत पर हाथ फिराने लगा और आंटी की चूचियाँ दबाने लगा।
मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था 18+ सेक्स का मजा पाकर।
फिर दोनों मुझे बेड पर लिटा दिया।
वो दोनों अम्मी बेटी नंगी नंगी मेरा लण्ड चाटने लगीं।
मैं तो पहले से ही नंगा था।
अम्मी बेटी के मुंह में लण्ड पेलने लगी तो बेटी अम्मी के मुंह में लण्ड पेलने लगी।
बेटी लण्ड चाटती तो अम्मी पेल्हड़ चाटती।
जब अम्मी लण्ड चाटती तो बेटी पेल्हड़ चाटती।
मुझे तो दोनों का मज़ा आ रहा था।
रूमीना बोली- यार गिरीश, तू मेरी अम्मी चोद चुका है। कैसा लगा तुझे मेरी अम्मी का भोसड़ा?
मैंने कहा- ज़न्नत दिखाता है तेरी अम्मी का भोसड़ा मेरी जान रूमीना।
तब तक आंटी ने कहा- गिरीश, आज तुम पहले मेरे सामने मेरी बेटी की चूत चोदो। तुम मेरी बेटी चोदना चाहते थे न? तो आज जी भर के चोद लो मेरी बेटी की चूत।
उसने मेरा लण्ड पकड़ा और अपनी बेटी की चूत में घुसा दिया।
मेरा लण्ड एक ही बार में गच्च से घुस गया तो वह चिल्ला पड़ी- उई अम्मी … फट गई मेरी बुर। बड़ा मोटा है इस भोसड़ी के का लण्ड। बड़ा बेरहम है इसका लण्ड। मैं किसी दिन इसकी गांड मारूंगी तब पता चलेगा इसे कि क्या होती है लण्ड की चोट?
आंटी मेरे पेल्हड़ सहलाने लगी और मस्ती से अपनी बेटी चुदवाने लगीं।
मैं धीरे धीरे चुदाई की रफ़्तार बढ़ाता रहा।
कुछ देर बाद रूमीना उठी और लण्ड पकड़ कर अपनी अम्मी की चूत में पेल दिया और बोली- गिरीश, अब तू मेरे सामने मेरी अम्मी चोद कर दिखा।
मैं तो उसकी अम्मी पहले ही चोद चुका था तो दुबारा चोदने लगा।
रूमीना मेरे चूतड़ों पर मेरे पेल्हड़ों पर हाथ फिराने लगी।
इस तरह अम्मी बेटी दोनों मिलकर मेरे लण्ड का मज़ा लेने लगीं और मैं उन दोनों की चूची और चूत का मज़ा लेने लगा।
मैं जब झड़ने लगा तो जिस तरह से अम्मी बेटी दोनों ने नंगी नंगी मेरा झड़ता हुआ लण्ड चाटा वह वाकई बड़ा काबिले तारीफ था।
फिर आंटी ने मुझे रात में भी रोक लिया और बोली- गिरीश, आज रात भर तुम चोदो मेरी बिटिया की चूत और बिटिया की अम्मी का भोसड़ा। बेटी के सामने अम्मी चोदो, अम्मी के सामने बेटी चोदो! तब तेरी तमन्ना पूरी होगी।
मैंने ऐसा ही किया।
रात भर अम्मी का भोसड़ा चोदा और बिटिया की चूत!
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