अपरिचित मैडम की होटल में चुदाई

अपरिचित मैडम की होटल में चुदाई


Xxx पोर्न भाभी चुदाई कहानी में फेसबुक से एक भाभी ने मुझे दोस्ती की. मैंने दोस्ती से आगे बढ़ने की बात की तो वे मिलने को तैयार हो गयी. मैंने उनको कार में बिठाया और होटल चले गए.
अन्तर्वासना की सभी प्यारी चूतों और लौड़ों को आपके दोस्त का प्यार भरा नमस्कार.
मेरा नाम मनोहर शर्मा है और मैं मध्यप्रदेश के नीमच का हूँ.
मेरी लम्बाई 5 फुट 6 इंच की है. रंग सांवला है और मेरा शेर 6 इंच का है.
आज मैं आपके लिए एक नई सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूं.
यह Xxx पोर्न भाभी चुदाई कहानी करीब दो महीने पहले की है.
मैं अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ रहा था, तभी फेसबुक पर एक अपरिचित सी मैडम का मैसेज आया.
मैंने उन्हें रिप्लाई किया.
धीरे धीरे उनसे बात आगे बढ़ी तो उन्होंने कहा कि ‌मेरे पति नहीं हैं, मैं अकेली रहती हूं.
उस वक्त मुझे इस बात का मतलब समझ नहीं आया.
पर मैं चुप रहा.
उस दिन के बाद से वे मैडम मुझसे रोज बातें करने लगीं.
एक दिन सुबह से उनका ‘आई लव यू …’ का मैसेज आया.
मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
दो दिन बाद फिर से मैसेज आया.
वे बोलीं- क्या हुआ जनाब, हमसे नाराज़ हो क्या?
तो मैंने कहा- नहीं नहीं मैं बिल्कुल नाराज नहीं हूं, आप बताइए. केवल प्यार ही करेंगी या और भी कुछ करवाएंगी!
इस पर उन्होंने कहा- हां, जो भी करना है, वह कर लेना.

और इस विषय पर जरा खुल कर बात हुई तो उन्होंने एक दिन बाद ही मिलने का बोल कर फोन काट दिया.
इधर समय आ गया है कि मैं आप सभी को उन मैडम के बारे में बता दूँ.
वे 32 साल की मस्त औरत थीं. उनके बड़े बड़े बूब्स ऐसे, जैसे सीने पर दो रसीले आम चिपके हों और उनसे रस टपक रहा हो.
पतली कमर और उसके नीचे बलखाती गांड पर लंबी काली चोटी उनके दोनों बड़े बड़े नितंबों को बारी बारी से छूकर घंटा सा बजाती सी दिखती थी.
मैडम के रसभरे होंठ ऐसे कि बस देखते ही चूमने की इच्छा हो जाती थी.
उनको देख कर जवानों का लंड तो खड़ा होना लाजिमी था, पर बूढ़ों का हथियार भी खड़ा हो जाता था.
फिर मैं तो एकदम कड़क जवान मर्द ठहरा.
ऊपर से वे खुद अपनी चूत चुदाने को तैयार थीं.
उस दिन मैं दिन भर उनके बारे में ही सोचता रहा कि जब वे मिलेंगी तो कैसे बात करूंगा, कैसे किस करूंगा, वे बिना‌ कपड़ों के कैसी दिखेंगी.
यही सब सोच कर ही मेरा तो पानी निकल गया.
कब मुलाकात हो और उनसे मिलूँ और कब उनको अपनी बांहों में भर कर चूमूँ.
दिमाग में यही सब चलता रहा.
खैर … दूसरे दिन तय समय पर उनका फोन आया- चलना है तो आ जाओ!
मुझे यकीन नहीं हुआ कि उनका ही फोन आया है.
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मैं जल्दी से तैयार हुआ और अपनी गाड़ी लेकर वहां पहुंचा.
सामने मैडम का खिलता हुस्न देख कर ही लंड ने सलामी ठोक दी.
नीले रंग की साड़ी … उसके साथ मैचिंग का ब्लाउज और होंठों पर सुर्ख लाल लिपस्टिक, कानों में झुमके, खुले बाल … ऐसा लगा जैसे आसमान से कोई परी उतर आई हो.
वे गजब की सेक्सी लग रही थीं.
गाड़ी में बैठते ही पूरी कार खुशबू से महकने लगी.
मेरी आंखों को यकीन नहीं हो रहा था कि सच में वे आ गई हैं.
वे बोलीं- आज मैं पूरी रात आपके साथ हूँ. जहां चलना है, चलो.
जैसे ही उन्होंने मुस्कुराते हुए ये कहा, मैंने उनकी तरफ देखते हुए कहा- चलो तो फिर आज आपको जन्नत की सैर कराता हूं.
मैंने गाड़ी बढ़ा दी.
थोड़ी देर बाद उनके हाथ हरकत करने लगे.
वे मेरे हाथ को सहलाने लगीं.
मैं कार चलाता जा रहा था.
तभी अचानक से जोर का झटका लगा और उनका पल्लू नीचे गिर गया.
जालीदार ब्लाउज में बिना ब्रा के दूधिया चूचे साफ नजर आ गए.
उनकी नजर मेरी जांघों के बीच में थी.
उन्होंने झट से अपना एक हाथ मेरे हथियार पर रख दिया.
मेरे पूरे शरीर में करंट लगने जैसा जोर का झटका लगा.
मैंने कहा- इसे आजाद कर दो!
उन्होंने जिप खोल दी और लंड को बाहर निकाल कर हाथ से सहलाने लगीं.
उनके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर मेरा लंड सांप की तरह फुंफकारने लगा.
उन्होंने कहा- यार, आपका तो बहुत बड़ा है … मजा आ गया.
यह कह कर उन्होंने अपना मुँह खोला और लौड़े को चूसना शुरू कर दिया.
मेरा तो हाल बुरा हो गया था.
कार चलाऊं या लौड़े को चुसवाने के मजे लूं … कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था.
फिर उनके लंड चूसने का अंदाज अलग ही था.
उन्होंने अपने हाथ और मुँह दोनों की स्पीड इतनी बढ़ा दी थी कि मुझसे सहन ही नहीं हो रहा था.
मैंने कहा- ऐसे तो मेरा काम यही हो जाएगा!
वे बोलीं- तो हो जाने दो, बाद में लंबा चलेगा.
मैंने कहा- ऐसे में मैं गाड़ी ही नहीं चला पा रहा हूँ.
वे बोलीं- तो रोक दो या धीरे धीरे चलाओ.
मैंने गाड़ी की स्पीड कम कर दी.
वे फिर से लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैं तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था.
लगातार चूसने से मेरा पानी निकलने को हुआ तो मैंने कहा- आह, मेरा होने वाला है!
वे इशारे से बोलीं- हो जाने दो, मुझे रस पीना है.
फिर मुँह से लंड निकाल कर कहने लगीं- मैं कई दिनों से प्यासी हूं.
बस इतना कह कर उन्होंने फिर से मुँह में लंड भर लिया.
उसी पल एक जोरदार तूफानी रफ्तार के साथ लौड़े का सारा का सारा पानी उनके मुँह में निकलता चला गया.
उनको उल्टी सी भी होने लगी थी, पर वे सब अन्दर गटक गईं और बोलीं- वाउ … आपके लंड ने इतना‌ ज्यादा रस निकाला कि मजा आ गया. आज पहली बार इतना‌ सारा माल पीने को मिला है. सच में मजा आ गया.
यह कह कर उन्होंने जोर से मेरे गाल पर किस कर दी.
मैं खुद को रोक‌ नहीं पा रहा था पर सड़क पर कुछ भी करना संभव नहीं था.
वे बहुत ही खुश लग रही थीं.
मैं कहने लगा- आप बहुत ही मस्त चुसाई करती हैं … आज पहली बार इतना‌ मजा आया है.
जब मैंने उनसे ये कहा तो वे थोड़ी मुस्कुरा दीं और बोलीं- मुझे भी बहुत मजा आया. आपका बहुत बड़ा है और कड़क भी है.
ऐसे ही बातें करते करते मैं कार चला रहा था और होटल की तलाश में नजरें रोड की तरफ़ देख रही थीं.
मैंने पूछा- आपके पति हैं न!
वे थोड़ी झिझकी, लेकिन फिर संभल कर बोलीं- आपको मिलना है उनसे?
मैंने जल्दी से कहा- नहीं तो … क्यों वे मिलने लायक चीज हैं क्या?
उन्होंने कहा- तो क्या करना है?
‘कुछ भी नहीं, वैसे ही जानकारी के लिए पूछ लिया.’
‘वे अब नहीं हैं, मैं अकेली हूं और आज आपके साथ हूं. बस आप मजे कीजिए.’
ऐसा बोल कर वे हंसने लगीं और बोलीं- अब गाड़ी किसी होटल पर रोक दो.
मैंने एक अच्छा सा होटल देख कर गाड़ी रोक दी और जल्दी से काउंटर पर जाकर एक रूम की बात की.
जल्द ही सब सैट हो गया और मैंने चाबी ले ली.
वे बोलीं- चलो … मुझे टॉयलेट जाना है.
जल्दी से वे रूम में पहुंची और टॉयलेट में चली गईं.
मैं गया, तब तक तो सर्र सर्र की आवाज सुनाई दे रही थी.
दरवाजा खुला ही था.
मैं टायलेट के अन्दर गया तो देख कर हैरान रह गया.
वे अपना पेटीकोट ऊपर करके खड़ी खड़ी मूत रही थीं.
क्या नजारा था … जैसे बारिश के मौसम में पहाड़ों के बीच से झरना फूट पड़ा हो.
वे मूतने में इतनी खोई हुई थीं कि उन्हें मेरा ध्यान नहीं रहा कि मैं उन्हें देख रहा हूं.
जैसे ही उनकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, वे शर्मा गईं और बोलीं- जाओ यहां से!
पर मैं कहां जाने वाला था, वहीं उनको बांहों में भर कर उनके होंठों को चूसने लगा.
थोड़ी आना-कानी के बाद उन्होंने भी साथ देना शुरू कर दिया.
हम दोनों बेहताशा एक दूसरे को चूमने लगे, जैसे बरसों से प्यासे हों.
वे भी क्या मस्त किस कर रही थीं यार … उनके होंठों को चूसने का भी अलग ही आनन्द था.
हमारे चुंबन में कभी उनकी जीभ मेरे मुँह में … तो कभी मेरी उनके मुँह में.
वे मेरा माथा दोनों हाथों से पकड़ कर किस करने में लगी थीं.
मेरे दोनों हाथ भी कहां रूकने वाले थे.
एक हाथ से मैं उनका ब्लाउज खोल रहा था तो दूसरे से साड़ी.
एक एक करके सभी कपड़े उतार दिए और एक हाथ से मैडम के कोमल कोमल बोबों को सहलाने लगा.
दूसरे हाथ से उनकी जांघों के बीच सहलाने लगा.
बिना बालों की चूत, रूई के समान मुलायम लग‌ रही थी.
मैं उंगली धीरे धीरे उनकी चूत की तरफ बढ़ा रहा था.
जैसे ही उंगली चूत से छुई, तो वह उछल पड़ीं और मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया.
हम दोनों फिर से किस करने लगे.
मैंने फिर से चूत में उंगली की, इस बार उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मैंने उंगली उनकी चूत में डाल दी और हिलाने लगा.
मैडम की चूत पूरी तरह से गीली थी या यूं कहूं कि उसमें से पानी टपक रहा था.
हम एक दूसरे के होंठों को चूसते, तो कभी जीभ को.
दोनों एक दूसरे में समाने की कोशिश में लगे हुए थे.
होंठों को चूसते हुए मैंने शॉवर चालू कर दिया तो पानी की बूंदों से मौसम और भी मदमस्त हो गया.
पानी की बूंदें हमारी वासना को आग को और बढ़ा रही थीं.
बहुत देर तक किस करने के बाद हम दोनों एक दूसरे को नहलाने लगे.
मैं उनके मम्मों पर साबुन लगा रहा था और वे मेरे लंड पर!
उन्होंने लौड़े से साबुन को धोया और चूसना शुरू कर दिया.
क्या बताऊं यारो … इतना मजा पहले कभी नहीं आया.
एक दूसरे को नहलाने के बाद नंगे ही बेड पर आ गए और एक दूसरे के अंगों से खेलने लगे.
उन्होंने मुझे धक्का देकर बिस्तर पर पटक दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गईं.
वे मुझे किस करने लगीं.
उनका हर एक किस मुझे उत्तेजित कर रहा था.
उन्होंने पूरे बदन पर किस किए और फिर से ‌लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैं उनकी चूत में उंगली करता रहा.
वे बहुत ही मस्त चुसाई कर रही थीं.
इस बार मैं टिका हुआ था.
वे उठीं और दोनों टांगों को फैला कर मेरे लंड पर बैठ गईं.
पूरा लंड गच्छ की आवाज के साथ उनकी चूत में समा गया.
वे आह करती हुई धीरे धीरे हिलने लगीं.
मैंने आंखें खोल कर देखा तो दंग रह गया.
मस्त नजारा था.
मैडम के चूचे हवा में उछल कूद कर रहे थे और मुँह से आवाज निकल रही थी.
वे काफी उत्तेजित थीं.
मेरे दोनों हाथ उनके चूचों की ओर बढ़ गए और हॉर्न के जैसे दबाने लगे.
वे हिलती रहीं.
फिर मैं थोड़ा बैठ गया जिससे उनके मम्मों के पास मेरा मुँह आ गया.
मैं एक दूध को चूसने लगा और एक‌ को हाथ से दबाता रहा.
वाकयी मस्त नजारा था.
चूत में लंड डाल कर मम्मों को चूसते हुए चुदाई करना मेरी पसंदीदा स्टाईल है.
आज बहुत दिनों बाद ऐसा हो रहा था.
फिर एकदम से वह बेहाल होकर मेरे ऊपर गिर गईं.
शायद उन्होंने चरमोत्कर्ष को पा लिया था.
पर मैं तो अभी बीच रास्ते में था.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके मम्मों को चूसते हुए एक हाथ से चूत को सहलाने लगा.
फिर धीरे से उंगली डाल कर हिलाने लगा.
वे आउउउ आउच की आवाज निकाल रही थीं.
जैसे ही मैंने उनकी चूत पर जीभ लगाई, वे उछल पड़ीं.
आह क्या मस्त चूत थी, फूल जैसी कोमल … उस पर झांट का एक भी बाल नहीं था.
शायद वेक्स करवा कर आई थीं.
पहली बार ऐसी चूत देखी थी.
मेरी जीभ चूत की दोनों फांकों के बीच में भगनासा के ऊपर फिर रही थी.
नमकीन स्वाद और भीनी भीनी सी खुशबू में मैं कहीं खो गया था और पूरी चूत को चूसने में लगा हुआ था.
चूत से हल्का हल्का सा पानी निकल रहा था जो मेरे चूसने की गति को बढ़ा रहा था.
वे पूरी तरह से उत्तेजित होकर अपनी चूत को ऊपर उछाल रही थीं. दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ कर दबा रही थीं.
मैं एक हाथ से उनके कोमल कोमल बोबों को सहला रहा था और दूसरे हाथ की उंगली को चूत में डाल कर आगे पीछे कर रहा था.
उंगली और होंठों की छुअन वह सहन नहीं कर पाईं और उन्होंने हाथों का दबाव एकदम से बढ़ा दिया.
उसी पल उनकी चूत से फव्वारा निकल गया.
उनकी जांघों पर सफेद रंग का पानी बह रहा था और वे निढाल पड़ी रहीं.
मैं बिना देर किए अपना हथियार फिर से चूत में डाल कर धीमी गति से हिलने लगा.
वे थोड़ी देर बाद फिर से तैयार हो गईं और मेरा साथ देने लगीं.
मैं ऊपर से झटके लगा रहा था और वे नीचे से.
एक लय में हम दोनों बहुत देर तक मैथुन करते रहे.
फिर मैंने गति बढ़ा दी और जोर जोर से झटके लगाने लगा था.
उनके मुँह से आवाज निकल रही थी- आह और तेज … और तेज!
मैं पूरी गति के साथ चुदाई कर रहा था.
थोड़ी देर बाद फिर से उनका पानी निकल गया पर मेरा अभी तक निकलने का नाम नहीं ले रहा था.
मैंने उन्हें उल्टा लेटा दिया और पीछे से चुदाई करने लगा.
पीछे से चुदाई करने का एक ये फायदा है कि दोनों हाथ से दोनों चूचे दबा सकते हैं.
मैं चूचे पकड़ कर चुदाई करता रहा.
इस बार मेरे लंड ने भी हार मान ली.
मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है.
तो वे बोलीं- मुझे पीना है.
मैंने चूत से लंड निकाल कर उनके मुँह में दे दिया.
उनका पूरा मुँह लबालब भर गया.
वे सब गटक गईं और लंड को चाट कर साफ़ करने लगीं.
‘बहुत दम है यार इसमें तो … मेरी तो चूत ही सूज गई है!’
मैंने केवल मुस्करा कर अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और हम दोनों एक लंबा किस करने लगे.
जब‌ तक दोनों पूरी तरह से थक नहीं गए, तब तक चुंबन चलता रहा.
उस रात बार बार अलग-अलग तरह से उनको चोदा.
पूरी रात बिना कपड़ों के चिपक कर सोए थे तो थोड़ी थोड़ी देर में इच्छा होती रही और सेक्स करते भी रहे.
सुबह देर तक सोये रहे और जब उठे, तो बाथरूम में साथ नहाए.
नहाते हुए एक बार फिर से वहीं शुरू हो गए.
ऊपर से फव्वारे का पानी गिरता रहा और हम दोनों सेक्स की आग बुझाने में लगे रहे.
इस बार मैंने उनकी घोड़ी बना कर चुदाई की, फिर साथ नहाये.
Xxx पोर्न भाभी चुदाई के बाद मैंने उन्हें छोड़ कर घर आ गया.
उसके बाद अक्सर फोन पर बात होती रहती है, कभी कभी फोन सेक्स भी कर लेते थे.
यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा.
उस दिन के बाद मैंने कई बार उनकी चुदाई की, वह फिर कभी सुनाऊंगा.
आपको Xxx पोर्न भाभी चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
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