Xxx गे एनल सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने भरी गर्मी में रात को सुनसान पड़े मकान में एक अनजान शौकीन गांडू लड़के की गांड मारी.
दोस्तो, उम्मीद करता हूँ आप सब ठीक होंगे. कोविड का वक़्त चल रहा है, घर पर रहें सुरक्षित रहें. (यह कहानी मई 2021 में लिखी गयी थी.)
मैं लेकर आया हूँ Xxx गे एनल सेक्स कहानी!
मेरा नाम राहुल है. मेरी उम्र 29 साल है, मेरी हाइट 5’10” के करीब है.
रोज सुबह दौड़ने जाने से और घर पर कसरत करने से मेरी बॉडी अच्छे शेप में और सुडौल हो गयी है.
कभी कभी किस्मत सच में कमाल कर देती है.
और मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ.
गर्मी के दिन थे, सूरज दादा जल्दी निकल आया करते थे, 5 बजे ही हल्का हल्का सा दिन चढ़ने लगता था और इतनी सुबह ही मुझे रनिंग के लिए जाना होता था.
एक दिन मैं सुबह घूमने जाने के लिए उठा, फ्रेश हुआ, पानी गर्म करके पिया और निकल आया बाहर रनिंग के लिए!
मेरा रनिंग ट्रैक मेरे गांव से बाहर की ओर जाता था, जहाँ मेरे गाँव के मकान खत्म होते थे, वहाँ से मैं रनिंग शुरू कर देता था.
आज भी मैं उस आखिरी मकान तक पैदल जा रहा था पर थोड़ा आगे जाकर ही मैंने महसूस किया कि कोई और भी है जो मेरे पीछे चल रहा है.
शायद वो भी घूमने ही आया हो … ये सोचकर मैंने चलना जारी रखा.
जब मैं थोड़ा और आगे बढ़ा तो वो बिल्कुल मेरे पीछे ही चलने लगा.
मैंने उसे पीछे पलट कर देखा, वो कोई बाइस तेईस की उम्र का लड़का होगा, वजन करीब 60 किलो और हाइट मेरे जितने ही थी.
मुझे एकदम से अपनी तरफ देख कर उसने अपनी नजरें चुरा ली.
पर मैं उसकी तरफ देखता ही रहा.
उसने धीरे से देखा और मुस्कुरा दिया तो मैं भी मुस्कुरा दिया.
वो अब मेरे साथ साथ चलने लगा.
बातों बातों में उसने मेरा नाम पूछा.
मैंने कहा- राहुल … और तुम्हारा?
उसने कहा- नितिन!
मैं- तुम्हें पहले कभी देखा नहीं यहां?
नितिन- हाँ, मैं अपनी मौसी के यहाँ रहने के लिए आया हूँ.
मैं- अच्छा! पर जब मैंने तुमको देखा तो तुमने नजरें क्यों चुरा ली थी?
नितिन- वो मैं …
वो ये सुनकर हकलाने लगा.
मैं- अरे क्या हुआ? बोलो?
ये कहकर चलते हुए मैंने उसके कंधे पर हाथ रख दिया.
“आपको मैंने कल यहीं घूमते हुए देखा था. तब से ही आपसे बात करने का मन कर रहा था. एकदम से आपने पूछा तो मैं घबरा गया था.” उसने कहा.
बातें शुरू हुईं।
हम बात करते करते घूमने लगे.
बातों बातों में उसने बताया कि उसे भी लड़के पसंद हैं. उसने एक दो बार उसके दोस्तों का लन्ड भी चूसा है.
यह सुनकर मेरा लन्ड खड़ा हो गया, मैंने प्यार से उसकी गांड पर चपत लगाते हुए पूछा- तो ये सिर्फ मेरे लिए ही बचाई है क्या?
वो मेरी बात पर कुछ नहीं बोला, बस शरमा कर रह गया.
सूरज सर पर चढ़ आया था और साढ़े 6 बजने लगे थे लोगों का आनाजाना शुरू हो गया था.
तो हम रात को मिलने का वादा करके घर आ गये.
मैं शाम होने का इंतजार करने लगा, वक़्त काटे नहीं कट रहा था।
आखिरकार रात आ ही गयी, रात के 8 बज गए थे और अंधेरा हो गया था.
हम गांव के ग्राउंड के पास मिले, उसने नीले रंग की टीशर्ट पहनी था और नीचे काले रंग का ढीला लोअर था.
मैं भी एक टाइट टीशर्ट और नीचे चड्डा पहन कर ही गया था ताकि आसानी हो.
उसने मुझे देखते ही कसके गले से लगा लिया और मैं कुछ समझ पाता उसके पहले ही उसने मेरे होंठ पर चुम्बनों की बौछार कर दी.
मैंने कहा- रुको, कोई देख लेगा!
उसका हाथ पकड़ कर मैं ग्राउंड के पास नई बन रही इमारत में ले गया.
वहां पहुंचते उसने मुझपर ताबड़तोड़ चुम्बनों की बरसात कर दी, कभी मेरे होंठ काटता कभी गाल चूमता कभी गर्दन.
इतने में वो नीचे जाने लगा.
“आराम से नितिन … मैं तो तुम्हारे पास ही हूँ ना! इतनी भी क्या जल्दी है?” मैंने कहा.
“कितने दिनों बाद कोई लन्ड मिला है, चूमने दो ना!”
मैंने कहा- हाँ मेरी जान, चूम लेना, चूस लेना, आज ये लन्ड तुम्हारे नाम!
मैंने उसे उठा कर खाली मकान की दीवार तरफ सटा दिया और उसके होंठो को काट काट कर चूमने लगा, अपनी जीभ उसके मुंह के अंदर डाल दी.
वो मेरी जीभ चूसने लगा जैसे कोई लन्ड चूसता है।
मैं लेफ्ट हाथ उसके लोअर के अंदर डाल कर गांड दबाने लगा और राइट से उसके बाल पकड़ कर उसके मुंह को अपने मुँह की तरफ दबाने लगा, कभी वो मेरी जीभ से खेलता कभी मैं उसकी.
अब मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी गांड के छेद तक ले गया और धीरे से एक उंगली उसकी गांड में डाल दिया.
वो चिहुँक गया, उसके शरीर में सिहरन दौड़ गई.
तभी उसने एक पैर मोड़ कर मेरी कमर के पीछे कर दिया, ये तो खुला निमंत्रण था.
मैंने इस बार पूरी उंगली को उसकी गांड के अंदर तक डाल दिया.
मेरी इस हरकत से वो और उत्तेजित हो गया, उसने अपना हाथ मेरी चड्डी के ऊपर से ही लन्ड पकड़ लिया.
“अच्छा यह दबा कर रखा है असली माल, अब तो चूसने दो!”
इतने प्यार से मुझे आज तक किसी ने नहीं कहा था.
“हाँ मेरी जान!” मैंने कहा.
मैंने उसे पकड़ कर घुटनों बल बैठाया- तुम्हारे लिए ही तो है, कब से फड़फड़ा रहा है.
मेरा लन्ड अपने हाथों में लेकर कहा- हाँ मेरे राजा, इसकी गर्मी तो मैं ही निकलूंगा.
और मैंने लन्ड उसके मुंह में डाल दिया.
वो अब एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह मेरा लन्ड चूसने लगा ‘गल्प गल्प!’
मैं उसकी इस अदा पर मदहोश हुआ जा रहा था, मैं उसका सिर उसके बालों से पकड़ कर जोर से अपने लन्ड पर दबाने लगा.
कई कई बार वो सांस लेने के लिए खुद ही मुझे कमर से पकड़ कर हाथों से धकेल देता था जिससे मेरा लन्ड उसके मुंह से कुछ पल के लिए दूर हो जाता था.
जैसे ही वो सांस लेता, मैं फिर से अपना पूरा लंड उसके मुंह में डाल देता.
लन्ड चूसने का पुराना खिलाड़ी था वो … उसके दोनों हाथ मेरे दोनों कूल्हों पर रख कर अपनी तरफ दबा रहा था.
काफी देर लन्ड चूसने के बाद मैंने उसे ऊपर उठाया.
वहाँ कहीं नीचे लेटने की जगह तो थी नहीं … और मेरे लन्ड से अब इंतेजार नहीं हो रहा था.
तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया, उसने एक हाथ से मेरी गर्दन को पकड़ लिया और अपने दोनों पैरों से मेरी कमर के आसपास कुंडली मार ली.
मैंने भी अपने दोनों हाथों से उसकी गांड से उसे उठा लिया.
उसका एक हाथ मेरी गर्दन में था, दूसरे हाथ से वो मेरे लन्ड को अपनी गांड के छेद में डाल रहा था.
वो बार बार फिसल जा रहा था पर उसने भी हार कहाँ मानी थी.
उसने मुंह से थूक निकाल कर मेरे लन्ड के सुपारे पर लगाया और इस बार लन्ड का सुपारा सीधा उसकी गांड के छेद पर टिका.
जैसे ही ये हुआ, मैंने जोर से उसकी गांड को नीचे कर दिया.
उसकी गांड इसके लिए तैयार नहीं थी, ना ही वो!
वो एकदम से हुए इस दर्द से चीख उठा.
मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिये थे जिससे उसकी चीख बाहर ना जा सके.
उसकी आंखों से आंसू निकल आये,
धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ तो मैं भी धक्के लगाने लगा.
जब उसका दर्द पूरा कम हुआ तो मैंने स्पीड बढा दी.
फच फच की आवाज से पूरा कमरा गूँजने लगा.
करीब बीस मिनट की गांड चुदाई के बाद मैं झड़ने लगा तो मैंने उससे कहा- कहाँ निकलू मेरी जान?
“मेरे मुँह में!” उसने कहा.
मैंने उसकी गांड से लन्ड निकाला, उसे घुटनों के बल बिठा कर लन्ड उसके मुँह में दे दिया.
वो उसे चूसने लगा.
थोड़ी ही देर में मेरा माल निकल गया और वो पूरा माल पी गया.
उसने एक भी बूंद बर्बाद न होने दी.
इस गांड चुदाई के बाद हम दोनों खड़े हुए, उसने मुझे एक चुम्बन दिया और फिर मिलने का कहकर हमने एक दूसरे से विदा ले ली.
आपको मेरी ये Xxx गे एनल सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइयेगा
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