गांडू की गांड मारी एक अनजान आदमी ने! गांड मरवाने का शौकीन बॉटम बाइक से कहीं जा रहा था तो किसी आदमी ने उससे लिफ्ट ली. उन दोनों की टॉप बॉटम सेटिंग कैसे हुई?
फ्रेंड्स, मैं लगभग 60 साल का हल्का सा मोटा और एकदम गोरा इंसान हूँ.
मैं गे हूँ और केवल बॉटम हूँ.
जब मैं 22 साल का था, तब मुझे एक लौंडेबाज़ मिल गया था.
उसने मुझे चोदा और बॉटम बनने का मजा लगा दिया.
तब से मैं बॉटम ही हूँ. मुझे कभी भी टॉप बनने की इच्छा ही नहीं हुई.
टॉप और बॉटम तो समझते हैं ना!
इसका मतलब गांडुओं की दुनिया में जो आदमी ऊपर चढ़ता है वह टॉप कहलाता है … और जो नीचे अपनी खोल कर मरवाता है, वह बॉटम कहलाता है.
आज की यह गांडू की गांड मारी की घटना करीब 15 साल पुरानी है.
उस समय एक दिन मैं अपनी ड्यूटी से शाम को वापस आ रहा था.
मैं अपनी बाइक पर आ रहा था.
आपको बता दूँ कि मैं सिंचाई विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर था.
मेरे काम के चलते अक्सर मुझे अलग अलग साइट पर निरीक्षण करने जाना पड़ता था.
उसी काम से मैं निरीक्षण खत्म करके अपनी बाइक से वापस आ रहा था.
उस वक्त शाम के साढ़े सात का समय रहा होगा.
उसी वक्त रास्ते में लगभग 35 साल का एक आदमी ने मुझे हाथ देकर रोका.
मैंने उसकी तरफ देखा और मैं रुक गया.
उसने मुझे आगे तक लिफ्ट देने के लिए कहा.
मैंने सोचा शाम का टाइम है. इस वक्त साधारणतया कोई साधन नहीं मिलता है. मैं यदि उसको लिफ्ट दे दूंगा, तो उसकी मदद हो जाएगी.
तो मैंने उससे बात की कि किधर तक जाना है?
उसने मुझे बताया कि वहां से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर उसका घर है और वह वहीं उतर जाएगा.
मैंने उसको अपनी बाइक पर बिठा लिया.
रास्ते में हम दोनों ने अपने अपने बारे में बात की, तो पता चला कि उसका नाम कुमार था.
मैंने भी उसको अपना नाम बता दिया.
वह निर्माण कार्य करने वाला एक ठेकेदार था और काम खत्म करवा कर अपने घर वापस जा रहा था.
उसके पास भी बाइक थी मगर उसने अपने साथी को किसी काम से अपनी बाइक देकर भेजा हुआ था … इसलिए वह बस से घर जाने वाला था.
मगर बस चूक गई और वह पैदल जाने को मजबूर हो गया था.
बातें करते करते मैंने महसूस किया कि वह मेरी कमर पर अपना हाथ फिरा रहा था.
पहले तो मैंने नजरअंदाज किया और उसको करने दिया.
उसने इसको मेरी सहमति समझ कर अपना हाथ धीरे से नीचे करके मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा.
मैं तब भी कुछ नहीं बोला.
अब वह मेरे चूतड़ों के मुलायम वाले भाग को दबाने लगा तो मैं उसका साथ देने के लिए सामने की तरफ हल्के से झुक गया; मैंने अपने चूतड़ों को थोड़ा उसकी तरफ कर दिया.
अब वह और ज्यादा हाथ फिराने लगा और वह कपड़ों के ऊपर से ही मेरे चूतड़ों के बीच में मेरी गांड के छेद में अपनी उंगली डालने लगा.
मैंने पूछा- क्या तुमको लौंडेबाजी का शौक है?
कुमार- हां डियर बहुत शौक है. क्या आपकी इच्छा है?
मैं- अगर इच्छा नहीं होती तो तुम जब से मेरे चूतड़ों पर हाथ फिरा रहे हैं, मैं सहयोग क्यों करता?
उसने खुशी से पीछे से ही मेरी गर्दन को किस किया और बोला- मेरा घर रास्ते में ही है, उधर इन्जॉय करते हैं.
मैंने कहा- घर में तो और भी लोग होंगे?
उसने कहा- नहीं, मैं अपने काम के सिलसिले में यहां रहता हूँ. मेरा परिवार मेरे साथ नहीं रहता है, वे सब मेरे मूल गांव में रहते हैं.
मैंने कहा- ओके, कितनी देर लगाओगे?
कुमार- कहीं जल्दी जाना है क्या?
मैंने कहा- नहीं मुझे घर जाने की कोई जल्दी नहीं है. मैं भी अकेला ही रहता हूँ.
वह- तो फिर कैसी चिंता है. आप मेरे घर चलो. उधर हम दोनों आज अपना अच्छा समय व्यतीत करेंगे. बाद में मन हो तो रात को मेरे घर ही रुक जाना या चाहो तो अपने घर चले जाना.
मैंने हामी भर दी.
चूंकि मैं भी अकेला ही रहता था तो घर जाने की कोई जल्दी भी नहीं थी और चिंता भी नहीं थी.
अब वह मुझसे चिपक कर बैठ गया. उसका लंड मेरी गांड को रगड़ रहा था.
उसने अपने दोनों हाथ आगे किए और मेरे सामने से अपने हाथ डाल कर मेरी पैंट की चैन खोल दी.
मेरी जिप में उसने एक हाथ अन्दर डाला और मेरे लंड को निकाल कर सहलाने लगा.
मुझे मजा आने लगा.
थोड़ी ही देर लंड कड़क हो गया.
उधर पीछे से वह अपना लंड मेरी गांड पर दबाते हुए मेरे लंड से खेलने लगा.
सुनसान रास्ता था तो मुझे भी किसी बात का भय नहीं था और खूब मजा आ रहा था.
कुछ ही देर में उसका घर आ गया.
मैं उसके घर में अन्दर चला गया.
उसने कहा- शाम का समय हो गया है. क्या आप कुछ पीना पसंद करेंगे?
मैं उसका मतलब समझ गया.
आज मुझे भी मन हो रहा था तो मैंने पूछा- क्या है?
उसने अपने कमरे में रखी अपनी अलमारी में से एक शराब की बोतल निकाली.
ये एक व्हिस्की की बोतल थी.
उसने बोतल के साथ दो गिलास और कुछ नमकीन निकाल कर सामने सजा दिया.
हम दोनों ने इधर उधर की बातें करते हुए दो दो पैग हलक के नीचे उतारे और सिगरेट सुलगा कर धुआं उड़ाने लगे.
एक एक पैग बना हुआ रखा था.
अब वह मेरे पास सरक आया और बोला- चलो, अब हम दोनों अब मजा करते हैं.
मैं भी जरा मूड में आ गया था. उसने मेरी शर्ट के बटन खोलना शुरू किए, तो मैंने उसे करने दिया.
फिर मैंने खुद ही अपने सारे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
मेरी देखा-देखी उसने भी अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
कुछ ही देर में हम दोनों ने अपने अपने कपड़े उतार दिए थे और अब हमारे जिस्मों पर सिर्फ़ अंडरवियर ही रह गए थे.
वह मुझसे लिपट कर किस करता हुआ मेरे सीने के निप्पल को चूसने लगा.
साथ ही वह पीछे से मेरी गांड पर हाथ फिराने लगा.
मैंने उसके अंडरवियर को नीचे खींच दिया.
उसकी अंडरवियर को नीचे खींचते ही उसका साढ़े सात इंच का लंड बाहर आ गया.
इधर मेरा भी लंड अंडरवियर में टाइट हो गया था.
मैं उसके लंड को हाथ में लेकर उसकी गर्दन और सीने को चूमने लगा.
जबकि वह मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए मेरे दोनों निप्पलों को बारी बारी से चूस रहा था.
थोड़ी देर के बाद वह मुझसे 69 में आने को बोला.
मैं अपनी अंडरवियर भी उतार कर नीचे लेट गया.
वह मेरे ऊपर 69 में आ गया.
उसका लंड मेरे मुँह के सामने लटकता हुआ झूल रहा था.
मैं उसके लंड को पकड़ कर चूसने लगा.
वह दूसरी तरफ से मेरे लंड को चूसने लगा.
मैं उसके लंड को चूसते चूसते उसके बॉल्स को भी मुँह में ले लेता था.
उधर वह मेरे लंड को चूसते हुए थूक लगा कर मेरी गांड में उंगली डालने लगा.
कुछ देर तक तो मुझे अजीब सा लगा, फिर मुझे अच्छा लगने लगा.
वह मेरी गांड में उंगली करने लगा.
कुछ ही देर में मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था.
मैं भी उसके बॉल्स को मुट्ठी में हल्के हल्के दबाते हुए उसके लंड के टोपे पर अपनी जीभ को फिराने लगा.
वह मजे के चलते सिसकारियां लेने लगा.
थोड़ी देर बाद वह बोला- डार्लिंग, चलो अब चुदाई करते हैं.
उसने अपने लंड पर कंडोम चढ़ा कर उसके ऊपर अच्छे से तेल लगा लिया.
मैंने भी अपनी गांड के छेद में अच्छे से तेल लगाया और दो उंगलियों से गांड को ढीला किया, उसके बाद तीन उंगलियों को अन्दर डाल कर घुमाया तो मेरी गांड का छेद थोड़ा लचीला हो गया.
उसके बाद मैंने अपना गिलास उठाया और एक ही सांस में हलक के नीचे उतार लिया.
वह ये देख कर मुस्कुराया और उसने भी ऐसा ही किया.
अब वह बेड पर लेट गया और मुझे अपने लंड पर बैठने को बोला.
मैं उसके ऊपर राइडिंग के पोज़ में आ गया और उसके लंड को पकड़ कर अपनी गांड के छेद में घिसने लगा.
उसके लौड़े के सुपारे का स्पर्श मेरी गांड के छेद पर मुझे बड़ा सुखद लग रहा था.
मैं उसके लंड को अपनी गांड के छेद में सैट करके उस पर बैठने लगा.
उसका लंड मेरी गांड के दबाव से अन्दर जाने लगा.
तेल की चिकनाहट और छेद के लचीलेपन से लंड को अन्दर घुसने में आसानी हो रही थी मगर मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा था.
जैसे जैसे उसका लंड अन्दर जाने लगा तो दर्द बढ़ने लगा.
कुछ ही देर में लंड ने मेरी गांड में अपनी जगह बना ली और मैं दर्द को जज़्ब करते हुए उसके लौड़े पर पूरा बैठ गया.
फिर मैंने कहा- कुमार डार्लिंग, मुझे दर्द हो रहा है. मैं जब तक तुम्हारे लंड को अन्दर सैट कर लेता हूं. तब तक तुम मेरे खड़े लंड को अपनी हथेली में दबा आकार इसकी मुट्ठी मारते रहो. इससे मेरा दर्द कुछ कम होगा.
मैं जैसे जैसे उसके ऊपर बैठने लगा उसका लंड मेरी गांड में घुसने लगा.
फिर जब मैं उसके ऊपर पूरा सैट हो गया तो उसका लंड मेरी गांड की जड़ में जाकर गुदगुदी मचाने लगा.
मेरी बॉडी में दर्द के कारण झनझनाहट होने लगी.
मैंने अपनी आंखें बंद करके उसके हाथ को अपने लंड से हटा दिया क्योंकि दर्द के कारण मेरा लंड ढीला पड़ चुका था.
मैं अब उस पर झुक कर उसको किस करने लगा, वह भी मुझे चूमने लगा.
थोड़ी देर में ही मेरा दर्द खत्म हो गया और उसका लंड मुझे मेरी गांड में मजा देने लगा.
इसी कारण से मेरा लंड फिर से हार्ड होने लगा और एकदम खड़ा हो गया.
अब मैं हल्के हल्के से अपने चूतड़ों को नीचे ऊपर करते हुए धक्के देने लगा.
तो उसने मस्ती में आकर मुझे अपने बदन से लिपटा लिया और नीचे से गांड उठा उठा कर मुझे चोदने लगा.
मुझे भी उससे लिपट कर गांड मरवाने में बहुत मजा आ रहा था.
इधर मेरा लंड हम दोनों के बीच में रगड़ खा रहा था तो काफी मजा आ रहा था.
थोड़ी देर यूं ही चोदने के बाद वह मुझसे कुछ संकोच करते हुए डॉगी स्टाइल में आने के लिए बोला.
मैंने कहा- कुमार, तुम चोदने वाले हो तो तुम्हारी इच्छा ही चलेगी, तुम जैसे बोलोगे, मैं वैसे पोज़ में आकर तुमसे गांड मरवाऊंगा.
फिर मैं डॉगी पोज़ में आ गया.
उसने मेरे पीछे से आकर अपना लंड मेरी गंड के अन्दर डाल दिया.
इस बार एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर घुस गया था.
हालांकि लंड गांड में लेते समय हल्का सा ही दर्द होता है, बाद में जब लंड घुसता और निकलता है, तो उस समय बड़ा मजा आता है.
उसने लौड़े को पेला तो मेरी आह निकली.
उसने मेरी आह उन्ह पर ध्यान नहीं दिया और मेरी कमर पकड़ कर मुझे चोदने लगा.
उसके हर धक्के पर मेरा लंड हार्ड होकर नीचे झूल रहा था.
उसके तगड़े होते धक्कों से मुझे मजा आने लगा जिसके कारण मेरे लंड में मस्ती चढ़ने लगी.
उसी समय उसने मेरे लौड़े की मस्ती में इजाफा कर दिया.
उसने एक हाथ नीचे डाला और मेरे लंड की मुठ मारने लगा.
मैं एक साथ गांड और लंड की मस्ती को महसूस करते हुए अति-आनंदित होने लगा था.
कुछ ही देर में मेरा लंड झड़ने को आने लगा.
मैं मस्ती में बोला- आह कुमार चोद यार … और जोर से पेल … सच में बहुत मजा आ रहा है. अब मेरा लंड भी झड़ने वाला है. तू और जोर जोर से मेरी गांड मार!
उसने लंड से हाथ हटाया और दोनों हाथ से मेरी कमर को पकड़ कर जैसे ही स्पीड बढ़ाई, मेरा लंड झूलते हुए अपना माल छोड़ने लगा.
उधर वह भी मस्ती में फुल स्पीड में मेरी गांड को चोदते हुए मेरी पीठ पर लेट सा गया.
तभी मुझे अपनी गांड में गर्माहट सी हुई. मैं समझ गया कि वह झड़ गया है.
उसने मुझे भी झाड़ने के लिए अपने हाथ को नीचे ले जाकर मेरे लंड को पकड़ा.
तो मैं बोला- डियर, तुमसे पहले मेरा लंड झड़ कर ढीला पड़ गया है.
वह हंसने लगा और मेरी पीठ पर चुम्मियां लेने लगा.
हम दोनों ने उस रात को खूब मस्ती की और उसने गांडू की गांड चार बार मारी. मुझे गांड चुदाई का मजा आया.
आपको यह गांडू की गांड मारी कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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मेरी पिछली कहानी थी: बस में मिले मोटे लंड से गांड मराई