अंग्रेजी सीखने गयी लंड लेकर आई

अंग्रेजी सीखने गयी लंड लेकर आई


Xxx फ्री सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि एक बिंदास, बेबाक लड़की को एक अंकल पसंद आ गए तो उसने बहाने से उनसे दोस्ती की और जल्दी ही उन्हें अपनी चूचियां दिखा दी.
मैं 22 साल की एक बिंदास बोल्ड और बेबाक लड़की हूँ। गोरी हूँ, तीखे नाक नक्श वाली और अच्छे कद काठी वाली हूँ। बड़ी बड़ी कजरारी आँखों वाली और बड़े बड़े मस्ताने बूब्स वाली हूँ मैं!
आज की लड़की हूँ मैं … मॉडर्न, ब्रॉडमाइंडेड, ओपनमाइंडेड हूँ; मैं दकियानूसी बातों में बिल्कुल नहीं आती।
मैं एक मजहबी लड़की हूँ पर बुर्का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करती।
किसी की नहीं सुनती मैं … मैं सिर्फ अपने मन का करती हूँ, जो चाहती हूँ करती हूँ मैं!
न झांट मैं किसी से डरती हूँ और न झांट किसी से शर्माती हूँ।
मेरी पिछली कहानी थी: चूड़ी वालों के लंड का मज़ा लिया
अब मेरी Xxx फ्री सेक्स स्टोरी पढ़ कर मजा लें.
मैं एक रईस खानदान की लड़की हूँ। बड़े घर की और बड़े बाप की बेटी हूँ मैं!
अय्याशी करना खूब जानती हूँ और अय्याशी करती भी हूँ।
मेरे घर में भी सभी लोग अय्याश हैं।
मेरी अम्मी जान तो एक मंझी हुई और तज़ुर्बेकार अय्याश हैं।
मेरा अब्बू जान भी गज़ब का अय्याश हैं और मेरे भाई जान भी अपनी अय्याशी में डूबे रहते हैं।

मैं अभी कॉलेज के पढ़ रही हूँ।
कॉलेज में मैं दो बातों के लिए बड़ी मशहूर हूँ।
एक तो पढ़ने में और दूसरा गालियां देने में!
मैं तो घर में भी अक्सर गालियों से बात करती हूँ और यह मैंने अपनी अम्मी जान से ही सीखा है।
कॉलेज में तो मेरे मुंह से गोलियों के माफ़िक दनादन गालियां निकलती हैं।
लड़कियां तो एन्जॉय करतीं ही हैं, लड़के तो और ज्यादा एन्जॉय करते हैं।
क्योंकि मैं प्यार से गालियां देती हूँ गुस्से में नहीं!
मैं खुल्लम खुल्ला लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, बुर चोदी, भोसड़ी वाली सब बोलती हूँ।
लड़कों को मेरे मुंह से ‘लण्ड’ सुनना बड़ा अच्छा लगता है।
मेरे मुंह से ‘लण्ड’ सुनने के लिए वो सारे मेरे आगे पीछे घूमा करते हैं।
अरे … मैं अपना नाम तो बताना भूल ही गयी।
मैं हूँ मिस रेहाना खान!
मेरे घर से थोड़ी दूर पर एक दूसरी कॉलोनी में एक साहेब मिस्टर डगलस रहते हैं।
मैं उनसे कई बार मिल चुकी हूँ। वे एकदम गोरे चिट्टे, हट्टे कट्टे हैं, स्मार्ट हैं, हैंडसम हैं और बात बहुत अच्छी करते हैं।
सबसे अच्छी बात यह है कि वे इंग्लिश खूब बोलते हैं और बहुत अच्छी इंग्लिश बोलतें हैं।
मैं उनसे बहुत प्रभावित हो गयी और एक दिन कह बैठी- अंकल जी, क्या आप मुझे इंग्लिश पढ़ा देंगे? मैं आपके पास इंग्लिश पढ़ने आना चाहती हूँ।
वे बोले- हां बिल्कुल आ जाओ। मैं पढ़ा दूंगा।
फिर क्या … मैंने ख़ुशी ख़ुशी उनके घर जाना शुरू कर दिया।
अगले दिन संडे था, मैं सीधे उसके घर पहुँच गयी और डोर बेल बजा दी।
वे बाहर निकले और बोले- अरे वाह रेहाना, तुम आ गयी। आओ अंदर बैठो।
मैं बैठ गयी तो उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया।
वे एकदम नंगे बदन थे, उन्होंने बरबुडा पहना हुआ था।
उसकी गोरी गोरी चौड़ी छाती मुझे बड़ी सेक्सी लग रही थी और उस पर काले काले बाल तो और भी सेक्सी लग रहे थे।
पहले तो वे मुझसे इधर की बातें करते रहे, फिर इंग्लिश के कुछ शब्द बताये जो हमारे रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी में काम आते हैं।
मैं वो सब जानकर बहुत खुश हुई।
फिर मेरा आना जाना और ज्यादा होने लगा।
हर दिन उनसे कुछ नया सीख कर जाती और उनका अपनी बोलचाल की भाषा में प्रयोग करती।
मेरी कुछ दोस्तों ने कहा भी- यार रेहाना, तू बहनचोद आजकल खूब इंग्लिश बोल रही है।
यहाँ तक कि अम्मी जान ने भी कहा- अरे वाह रेहाना, आजकल तू कुछ ज्यादा ही पढ़ी लिखी हो गयी है। खूब इंग्लिश बोलना शुरू कर दिया है तूने! क्या तू इंग्लिश में गाली देना भी सीख गयी है?
मैं बस मुस्कराकर रह गयी।
एक दिन जब मैं लो वेस्ट की जींस और टॉप पहन कर चली गयी।
न जींस के नीचे पैंटी थी और न टॉप के नीचे ब्रा!
मैं बिंदास अंकल के घर पहुंच गई तो देखा कि टेबल पर एक व्हिस्की की बोतल रखी है और दो गिलास!
अंकल जी बड़े मजे से अकेले ही ड्रिंक ले रहे थे।
मुझे देखा तो कहा- अरे रेहाना, तुम आ गई, बैठो।
मैं उनके सामने कुर्सी पर बैठ गयी।
उन्होंने मुझसे कहा- रेहाना क्या तुम मेरा साथ दे सकती हो?
मैं तो बोल्ड थी ही … शराब मैं अपनी दोस्तों के साथ पीती भी थी। अम्मी जान के साथ भी शराब का मज़ा लेती थी।
अय्याशी में तो सब कुछ होता ही है।
मैंने कहा- हां अंकल, क्यों नहीं दे सकती?
उनका चेहरा खिल उठा।
फिर हम दोनों ने चियर्स कहा और ड्रिंक चालू हो गयी।
वे मुझे बड़े गौर से देख रहे थे, मैं थोड़ा टाइट कपड़े पहने थी।
मेरे बूब्स पर उनकी नज़र थी।
मैंने एक ही घूंट में गिलास खाली कर दिया।
तो उन्होंने भी एक ही घूंट में पूरा गिलास खाली कर दिया।
फिर दूसरा पैग चालू हो गया।
नशा चढ़ने लगा, थोड़ा थोड़ा सरूर आने लगा, थोड़ी शरारत करने का मूड बन गया।
मेरे बदन में आग पहले से ही लगी हुई थी।
मैंने बातों बातों में अपने टॉप की दोनों बटन खोल दीं तो मेरी दोनों मस्ताने बूब्स खुल गए और उनकी नज़रें वहीं ठहर गयीं।
उनकी जबान लपलपाने लगी, वे अपने होंठ चाटने लगे.
यह देखकर मेरी चूत की आग और भड़क उठी।
वे बोले- रेहाना, तुम तो वाकई आज बड़ी खूबसूरत लग रही हो!
मैंने कहा- हैंडसम तो आप भी लग रहे हैं अंकल। नंगे बदन हो तो और भी ज्यादा हैंडसम लग रहे हो! बड़ी कशिश है आपने नंगे बदन में अंकल!
मैंने उसे कटीली नज़रों से देखा।
“मेरा क्या … मैं तो अकेले रहता हूँ और ऐसे ही रहता हूँ जैसा तुम देख रही हो!”
“अकेले क्यों रहते हो? आपकी बीवी कहाँ है अंकल?”
“शादी ही नहीं की तो बीवी कहाँ से होग ? बस मैं अकेला ही हूँ।”
यह सुन कर मेरी चूत की आग बड़ी जोर से भड़क गई।
मेरा मन ने कहा ‘यार अब तो यही मौक़ा है, हाथ बढ़ा के पकड़ ले लण्ड और ले ले मज़ा!’
मैंने खुल कर पूछा- फिर करते क्या हो अंकल? आप तो माशाल्ला अभी मस्त जवान हो, बड़े हैंडसम हो। आपके पीछे तो कई लड़कियां, कई औरतें घूमती होंगीं। आपको किस चीज की कमी है?
“अरे नहीं रेहाना, ऐसा नहीं है!”
मेरे मुँह से अपने आप ही निकला- फिर क्या रोज़ रोज़ मुट्ठ मारते हो अंकल? अपने लण्ड का सड़का मार कर काम चलाते हो?
“इसके अलावा और है ही क्या मेरे हाथ में?”
मैंने बड़ी अदा से अपनी आँखें मटका मटका कर कहा- आज से तेरे हाथ में तेरा लण्ड नहीं होगा। मेरे हाथ में होगा तेरा लण्ड! आज से तुम मुट्ठ नहीं मारोगे। आज से मैं मारूंगी तेरे लण्ड की मुट्ठ!
वे भी बड़े कॉन्फिडेंस से बोले- जब तुम होगी रेहाना तो मुट्ठ मारने की जरुरत ही नहीं होगी!
बस मुझे लगा कि जैसे मेरी लॉटरी खुल गयी।
मैं उठी तो वे भी उठ कर खड़े हो गये।
और मैं अंकल की कमर से लिपट गयी क्योंकि मैं उसके आगे कद में बहुत छोटी थी।
उन्होंने भी मुझे बड़े प्यार से चिपका लिया।
मेरी निगाहें उनके लण्ड पर थी। मैं जल्दी से जल्दी उसके लण्ड तक पहुंचना चाहती थी।
उनके लण्ड में तनाव साफ़ साफ़ ज़ाहिर हो रहा था, वे खुद खुले मैदान में आना चाहते थे।
उनका लण्ड नेकर के ऊपर से मेरे बदन से टकरा गया तो मुझे बड़ी जोर का करंट लगा।
मैंने मौका का फायदा उठाया और कहा- अंकल, ज़रा अपने हाथ ऊपर करो।
जैसे ही उन्होंने अपने दोनों हाथ ऊपर किये, वैसे ही मैंने अपने हाथों की दो दो उंगलियां फंसा कर उनकी नेकर सर्र से नीचे घसीट दी।
वे बिल्कुल नंगे हो गये मेरे आगे!
उनका लण्ड टनटनाता हुआ लण्ड मेरे आगे खड़ा हो गया।
मैंने उसे बड़े प्यार से पकड़ लिया और अंकल की आँखों में आँखें डाल कर कहा- हाय दईया … कितना जबरदस्त है आपका लण्ड अंकल? कितना प्यारा है! मुझे तो एक ही नज़र में भा गया आपका ये मस्ताना लण्ड!
यह बात मैंने लण्ड पर प्यार से थप्पड़ मार कर कही।
लण्ड साला मेरे आगे गुर्राने लगा और मैं उसे देखकर मस्त हो गयी।
मैंने कहा- आपका लण्ड तो काफी लंबा है यार और मोटा भी है। क्या गज़ब का लौड़ा है आपका … एकदम झकास! मज़ा आ गया यार … मैं तो इसकी दीवानी हो गई हूँ।
इधर मेरा टॉप तो खुल ही चुका था. मेरी दोनों सेक्सी और सुडौल चूचियाँ एकदम नंगी हो चुकी थीं।
उन्हें देख कर अंकल के लण्ड का पारा और चढ़ चुका था।
मैंने उन्हें टेबल पर चित लिटा दिया और खुद कुर्सी पर बैठ कर उसकी दोनों टांगों के बीच अपना मुंह घुसेड़ दिया।
फिर क्या … लण्ड दनदनाता हुआ मेरे मुंह में घुस गया।
मैंने उसे नीचे से मजबूती से पकड़ लिया और मस्ती से चूसने लगी लण्ड!
मैं तो लण्ड चूसने में बड़ी माहिर हूँ।
पेल्हड़ सहलाते हुए मुझे लण्ड चूसने में मज़ा आने लगा।
मैं अंदर ही अंदर लण्ड के टोपा के चारों ओर प्यार से अपनी जबान घुमाने लगी।
अंकल के मुंह से निकला- वाओ रेहाना, तू तो बड़ी मस्त लड़की है यार! मेरा लण्ड आज तक किसी लड़की ने इतनी अच्छी तरह से नहीं चूसा। तेरे मुँह में जादू है यार!
वह सिसियाने लगा और मैं लण्ड बार बार मुंह से निकाल निकाल कर अंदर घुसेड़ने लगी।
मेरी दोनों कुहनी उसकी मोटी मोटी जांघों पर टिकी हुई थीं।
बीच बीच में मैं लण्ड अपनी चूचियों पर भी रगड़ लेती थी, लण्ड अपने निप्पलों से लड़ा लेती थी।
इधर मेरी जींस भी खुल गयी और मैं मादरचोद एकदम नंगी हो गई।
मेरी चूत की आग भभक रही थी।
फिर मैंने उन्हें कुर्सी पर बैठाया और खुद नंगी नंगी टेबल पर लेट गई।
मैंने बड़े प्यार से कहा- लो अब तुम चाटो मेरी बुर!
वे तो चाहते ही थे … उन्होंने मेरी टांगें फैलाईं, मेरी चूत का भरपूर दीदार किया और अपना मुंह उसी पर रख दिया।
मेरी बुर जबान निकाल कर चाटने लगेजैसे कोई शराबी शराब चाटता है।
फिर उन्होंने अपनी जबान मेरी बुर में घुसा दी और आगे पीछे करने लगे। वे अपनी जबान से मेरी चूत चोदने लगे.
मैंने कहा- यार, तुम अपने एक एक हाथ से मेरी दोनों चूचियाँ मसलो। मेरे निप्पल भी मसलो।
वे वैसा ही करने लगे.
तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा और मैं भी सिसकारने लगी।
उनके दोनों हाथ मेरी दोनों चूचियों पर और उसका मुंह मेरी चूत पर, उनकी जबान मेरी चूत के अंदर!
क्या गज़ब का सीन था वह!
मैंने कहा- यार, बड़ा मज़ा आ रहा है। आज तक किसी ने मेरी बुर इतनी अच्छी तरह से नहीं चाटी। हाय रे … क्या बात है यार! तेरी जबान बिल्कुल लण्ड का काम कर रही है। बड़ी मस्ती से चोद रही है मेरी बुर!
फिर उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और पटक दिया अपने बेड पर … खुद नीचे खड़े हो गये।
मुझे एक तरफ घसीटकर मेरी गांड के नीचे एक मोटा सा तकिया लगा दिया।
मेरी चूत कुछ ऊपर उठ गयी।
फिर उन्होंने मेरी दोनों टाँगें पकड़ कर फैला दी।
अब मेरी चूत उसके लण्ड के ठीक निशाने पर आ गयी।
उन्होंने लण्ड थोड़ी देर तक मेरी चूत पर रगड़ा और फिर गच्च से एक बार में ही घुसा दिया पूरा का पूरा अंदर!
मैं चिल्ला पड़ी- उई माँ … मर गयी मैं! फट गई मेरी बुर … बड़ा दर्द हो रहा है। इस भोसड़ी वाले ने पूरा पेल दिया लण्ड! हाय रे मैं मर गई। मैं कहीं मुंह दिखाने काबिल नहीं रही। इसने ले ली मेरी इज़्ज़त!
लण्ड जब सटासट 10 / 12 बार अंदर बाहर हुआ तो मेरे मुंह से निकला- वॉओ … जल्दी जल्दी चोदो मेरे राजा … पूरा लौड़ा पेल पेल के चोदो। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो यार! मेरी चूत बड़ी चुदासी है यार! हाय रे … बड़ा मज़ा आ रहा है। चोदे जाओ खूब हचक हचक के चोदो, फाड़ डालो बुर … चीर डालो मेरी चूत!
मैं उस समय सातवें आसमान पर थी, अपनी चुदाई में डूबी हुई थी।
मेरे दिमाग में चुदाई के अलावा कुछ और नहीं चल रहा था।
अंकल मेरी दोनों टांगें अपने हाथ में लिए हुए मुझे खूब मस्ती से धकाधक चोदे जा रहे थे।
आज मुझे मालूम हुआ कि किसी लड़के से चुदवाने में और किसी बड़े मर्द से चुदवाने में कितना फर्क होता है. लड़का होता तो अब तक झड़ गया होता. ये तो साला मेरा पानी निकाल कर ही मानेगा!
और उन्होंने सच में निकाल लिया मेरा पानी … खलास हो गयी मैं!
फिर मैंने लण्ड हाथ में लिया और गचागच सड़का मारने लगी।
तब लण्ड ने मेरे मुंह में पिचकारी मार कर सारा वीर्य उगल दिया।
मैं भी मस्ती में गटक गयी उसे और चाटने लगी लण्ड।
उसके बाद हम दोनों बाथरूम गए और वहां से नहा धो कर एकदम फ्रेश होकर बाहर आ गए।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी Xxx फ्री सेक्स स्टोरी?
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