रिश्तेदार गर्म भाभी की मस्त चूत चुदाई

रिश्तेदार गर्म भाभी की मस्त चूत चुदाई

आयशा सेक्स कहानी मेरी भाभीजान के भाई की बीवी की चुदाई की है. वो मेरे भाई के घर आई हुई थी और मैं जब भाई के घर गया तो उससे दोस्ती हो गयी.

दोस्तो, मैं फ़ैज़ अपनी सच्ची आयशा सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, लिखने में अगर कुछ भूल हो जाए तो प्लीज़ नजरअंदाज करके सेक्स कहानी का मजा लें.

मैं एक हैंडसम लड़का हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और मेरे लंड का साइज़ साढ़े सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा है. यह किसी भी औरत को खुश रख सकता है.

मेरी भाभी हुसैना, जो मेरे कजिन की पत्नी हैं और वो बहुत ही खूबसूरत हैं. उनकी एक भाभी आयशा हैं. मेरी आयशा से बहुत अच्छी बनती है.

मैंने आयशा के बारे में कभी ग़लत नहीं सोचा था. मैं आज आपको उसी के बारे में बताने जा रहा हूँ.

आयशा बहुत सेक्सी है और उसका फिगर 34-26-36 का है. जिस्म एकदम मखमली है.

मैं गांव का रहने वाला हूँ और मुंबई में जॉब करता हूँ. मैं मुंबई में अपने कजिन के घर में रहता हूँ. वो विदेश में जॉब करता है. उसकी बीवी हुसैना और भाई की मां साथ में रहती हैं, दोस्त की मां मेरी खाला (खाला) भी हैं.

हुसैना भाभी का भाई भी विदेश में ही जॉब करता है. उसकी जोरू आयशा उसके गांव में रहती है.
वो गांव में अपने शौहर के पेरेंट्स के साथ रहती है. वो कभी कभी यहां मुंबई आ जाती है और कभी सात दिन तो कभी 15 दिन रह कर जाती है.

आयशा मुझसे कभी कुछ बात करनी भी चाहे, तो भी मैं उससे नहीं करता था कि कहीं मेरी हुसैना भाभी को बुरा ना लग जाए कि मैं उसकी भाभी आयशा से बात कर रहा हूँ.

इसलिए मेरी और उसकी ज़्यादा बात भी नहीं होती.

मैं बहुत शर्मीला सा लड़का हूँ. आयशा से हमेशा दूरी ही रखता था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से वो असहज महसूस करे.

ये बात तब की है जब मेरी भाभी ने मेरी खाला से कहा कि फ़ैज़ी जब आए तो उससे कहना कि वो हमें कहीं घुमाने लेकर जाए. मेरी आयशा भाभी जबसे आई है, कहीं गयी ही नहीं. अब वो बोर होने लगी है और मैं भी बहुत बोर हुई जा रही हूँ. कहीं घूम कर आने से मन बहल जाएगा और हम दोनों थोड़े रिलॅक्स भी हो जाएंगे.

मैं ऑफिस से घर लौटा तो खाला बोलीं- फ़ैज़ी बेटा आज तुम अपनी भाभी और उसकी भाभी को कहीं घुमाने ले जाओ, उन दोनों का बड़ा मन है.

खाला की बात सुनकर मैं राज़ी हो गया और मैं उन्हें एक नजदीक के गार्डन में घुमाने ले गया.

वहां काफी भीड़ थी.

हम तीनों ने थोड़ी देर एन्जॉय किया और अगले दिन मूवी देखने का प्लान बना कर हम सब घर लौट आए.

दूसरे दिन मैं उन्हें फिल्म दिखाने ले गया.
वहां ‘ज़िद’ मूवी चल रही थी जिसमें बहुत सारे हॉट सीन थे.

फिल्म देख कर माहौल काफ़ी रोमांटिक और सेक्सी बन रहा था.
मेरी दोनों भाभियों के चेहरे से वासना की भूख साफ़ ज़ाहिर हो रही थी लेकिन वो रिश्ते के सम्मान में खुद पर काबू कर रही थीं.

फिल्म ख़त्म होते ही हम सब बाहर होटल में खाना खाने चले गए.

मैंने महसूस किया कि आयशा भाभी और हुसैना भाभी दोनों के चेहरे पर सेक्स की लालिमा छाई हुई थी.

कुछ देर बाद हम लोग खाना खाकर घर लौट आए.

हुसैना भाभी मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थीं, वो उसकी मूवी वाली हालत से शर्म महसूस कर रही थीं.

अब आयशा भाभी और मैं बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे.
भाभी को मेरा साथ अच्छा लगने लगा था. वो अब अक्सर मेरे आस पास ही मंडराने लगी थीं जिससे मैं समझ गया भाभी का चुदने का मूड बन गया है.

आयशा भाभी मुझसे कुछ ज्यादा ही हंसी मज़ाक करने लगी, मेरे साथ छेड़छाड़ करने लगी.

हुसैना भाभी को भी खुशी थी कि उनकी भाभी को मुझ जैसा एक अच्छा दोस्त मिल गया है, जो आयशा का दिल बहला रहा था.
भाभी की ख़ुशी देख कर मुझे भी ठीक लगा कि उनको मेरा आयशा से बात करना बुरा नहीं लगा.

ऐसे ही दो तीन दिन बाद हम लोगों ने वाटर-किंगडम जाने का प्लान बनाया.
उधर हमें तीन दिन बाद जाना था.

जिस दिन हमें जाना था, उस दिन अचानक से हुसैना भाभी ने जाने से मना कर दिया क्योंकि उनको एमसी आई थी. उस हालत में वो कहीं जाना नहीं चाहती थीं.
आख़िर मुझे और आयशा भाभी दोनों को ही जाना पड़ा.

वहां जाने के बाद जब हम अन्दर प्रवेश करने गए तो पता चला कि उधर सिर्फ स्विमिंग सूट या अंडरगारमेंट्स ही पहने जा सकते थे; किसी दूसरी ड्रेस में अन्दर जाना मना था.

तब हम दोनों ने विचार किया और आयशा के कहने पर मैं स्विमिंग सूट खरीदने गया.
आयशा भी मेरे साथ थी.

वहां आयशा भाभी की साइज़ का सूट नहीं मिल रहा था जिस वजह से भाभी ब्रा और पैंटी में ही अन्दर आने को राजी हो गई.
मैं उसे इस तरह लगभग नंगी हालत में पहली बार देख रहा था; मैं बस उसे देखता ही रह गया.

उसने मुस्कुराते हुए मुझे देखा और मुझसे भी अंडरवियर में अन्दर चलने को कहा.
उसे ब्रा पैंटी में देखते हुए मेरी भी हिम्मत बढ़ गई और मैं भी अंडरवियर और बनियान में ही अन्दर चला गया.

हम दोनों पानी की स्लाइड में गए. स्लाइड में आयशा भाभी को डर लग रहा था.
वो मुझसे चिपक कर ही स्लाइड में खिसक कर ऐसे मस्ती करने लगी मानो वो मेरी गर्ल फ्रेंड ही हो.

उसके चूचे मेरे जिस्म से चिपके हुए थे, जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

कई बार तो डर के मारे उसने मेरा लंड भी पकड़ा जो उसके मम्मों के अहसास से पहले ही खड़ा हुआ था.

मेरा दिल उसे अपने से दूर हटाने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था.
कौन चूतिया मर्द ऐसा मौका छोड़ना चाहेगा.

अब सिर्फ़ हमारी चूमाचाटी या चुदाई ही बाकी थी.
बाकी उसे संभालने के बहाने मैंने उसे खूब दबाया और उसके चूचे दबाने का कोई भी मौका नहीं जाने दिया.

उसे ये लग रहा था कि मैं उसे संभाल रहा हूँ, लेकिन मैंने तो उसके जिस्म के पूरे मज़े लिए.

मैं पहली बार किसी इस तरह अधनंगी लड़की को अपने आगोश में महसूस कर रहा था.

फिर हम दोनों राइड्स में मस्ती करने लगे.
हमने हर राइड और स्लाइड को पूरे मन से एन्जॉय किया.

आख़िर में जब हम दोनों पानी की बौछार में डांस करते हुए मस्ती कर रहे थे तो एक दूसरे को अपनी बांहों में लिए हुए थे.

उस समय हम दोनों ही एक दूसरे को इस तरह से समेटे हुए थे, जैसे दो प्रेमी जन्मों बाद मिल रहे हों.

उस वक़्त मैंने आयशा भाभी को फिर से दबाया. उसने भी मेरे लंड को जिस तरह से अपने हाथ में लिया था, उससे उसकी वासना साफ़ दिखने लगी थी.

डांस करते वक़्त उसके हाथ की हलचल से मैंने उसके हाथ पर अपने लंड का पानी छोड़ दिया, जिसका उसे भी अहसास हुआ क्योंकि वो मुस्कुरा रही थी.

फिर उसने मेरे लंड को छेड़ा.
आग अब दोनों तरफ बराबर लगी थी मगर सही मौका ना होने की वजह से और शायद हुसैना भाभी के डर से हम लोग आगे कुछ नहीं कर सके.

इस मस्ती के बाद हमने अपने कपड़े पहने और घर के लिए निकल पड़े.

रास्ते में जब हम दोनों टैक्सी में थे, तब भाभी ने मेरे होंठों पर किस करते हुए कहा कि आज का दिन मेरी जिन्दगी का सबसे खूबसूरत दिन है. इसे मैं कभी नहीं भुला सकूंगी.

उसने अपनी लाइफ को आज जितना एन्जॉय किया था, शायद उतना मजा उसे कभी नहीं मिला था.

इसके लिए उसने मुझे थैंक्स कहा और मुझसे वादा लिया कि हमने जैसे एन्जॉय किया, उसको किसी को ना बताऊं, नहीं तो उसकी बदनामी होगी.
मैंने उसे चूम कर उसे वादा किया.

फिर हम दोनों घर पहुंचे और घर पर बता दिया कि काफी देर तक इन्तजार करने के बाद हमें एंट्री टिकट नहीं मिल सका था इसलिए हम दोनों मुंबई घूम रहे थे.

उसके बाद मैंने महसूस किया कि अब आयशा भाभी मुझसे चुदना चाहती है; अपने जिस्म की भड़की हुई आग को मेरे लंड से बुझवाना चाहती है.

हम दोनों ने पानी में मस्ती करते हुए एक दूसरे को इतना करीब ला दिया था कि बस हम एक दूसरे में समा जाना चाहते थे.
अब हम दोनों ही चुदाई का सही मौका तलाश करने लगे थे.

वो सेक्स के लिए तड़फती नज़र आने लगी थी.

अब आयशा भाभी मेरे सामने पारदर्शी नाइटी में भी आने लगी.
वो मुझे हुसैना भाभी के सामने भी छेड़ने लगी थी कि मैं लड़कियों से शर्माता हूँ.
दोनों भाभियाँ मिल कर मुझे सताने लगी थीं.

एक दिन हुसैना भाभी के सामने उसने मुझे छेड़ने के लिए पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है?
मैंने उसे ना में जवाब दिया.

तब दोनों मिलकर मुझे सताने के लिए एक दूसरे से मज़ाक करती हुई कहने लगी थीं.

हुसैना भाभी- अगर मुझे ऐसा बंदा पहले मिलता, तो वो मुझसे ही शादी कर लेतीं.

इस पर आयशा भाभी ने भी चुटकी ली.
आयशा भाभी- मैं तो अब भी तैयार हूँ.

ये कह कर वो हुसैना भाभी को आंख मारने लगी.
हुसैना भाभी ने कहा- अगर तुम अब भी इसे अपनाने को तैयार हो तो मैं अपने भाई से तुम्हें आज़ादी भी दिलाने को तैयार हूँ.

अब वो दोनों हंसने लगीं.

मैं उल्लुओं की तरह उनकी बातें सुनता हुआ मौन था.

फिर उन दोनों ने कहा- चलो, दोनों इससे अभी शादी कर लेते हैं.
ये कह कर वो दोनों हंस पड़ीं.

दूसरे दिन खाला और हुसैना भाभी डॉक्टर से रूटीन चैकअप के लिए गई हुई थीं.

मैं ऑफिस से लौटा और डोरबेल बजाई.
तब आयशा भाभी ने दरवाजा खोला.
मैं उसे देखता ही रह गया क्योंकि उसने एक झीना सा गाउन अपने जिस्म पर डाला हुआ था; उसमें से उसकी रेड ब्रा और पैंटी साफ नज़र आ रही थी.

मैंने देखा कि घर में वो अकेली ही थी तो मैंने उससे खाला और हुसैना भाभी के बारे में पूछा.
तो उसने बताया कि वो लोग डॉक्टर से चैकअप के लिए गई हैं और घर में अब सिर्फ़ तुम और मैं ही हूँ.

मैंने उसकी तरफ वासना से देखा, वो लजा गई.

फिर उसने कहा- पहले तुम फ्रेश हो जाओ, मैं तुम्हारे लिए जूस लेकर आती हूँ.

जैसे ही मैं रूम में गया, वो मेरे पीछे मेरे रूम में ही जूस लेकर आ गई.

मैं वॉशरूम से फ्रेश हो कर चेंज करके बाहर आया तो उसकी कंटीली अदाओं से घायल होने लगा.

उसने रूम का दरवाजा बंद किया और मुझे अपने हाथों से जूस पिलाती हुई मेरे जिस्म से खेलने लगी.
फिर जब जूस का गिलास खाली हुआ तो उसने मुझे हग किया और अपने होंठों को मेरे होंठों पर रखते हुए मुझे स्मूच करने लगी.

ऐसी किस मेरी लाइफ की पहली किस थी.
हम एक दूसरे की ज़ुबान चूसने लगे.

आयशा भाभी बोली- फ़ैज़ी, मेरी जान आई लव यू!

मैं- आई लव यू टू मेरी प्यारी भाभी.
वो बोली- भाभी नहीं … सिर्फ आयशा.

हम दोनों फिर से स्मूच करने लगे.
वो मुझसे कहने लगी- जो आग तुमने मुझमें लगाई है, उसे आज ठंडा करने का वक़्त आ गया है.

मैंने आयशा भाभी के सेक्सी गाउन को उसके जिस्म से निकाल कर हटा दिया और उसकी रेड कलर की सेक्सी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा.

उसने मेरे लिपलॉक करके रखे थे.
मैं उसकी लार पी रहा था और वो मेरी.

फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके खूबसूरत चूचों के जोड़े को देखने लगा.
उसके सफ़ेद खरबूजे किसी कबूतर से कम नहीं लग रहे थे.
मैंने उन्हें आज़ाद कर दिया.

अब मैं उसके चूचों को बारी बारी से चूस रहा था. उसके निप्पल मेरे हाथ लगने से कड़क और लंबे हो गए थे.

मुझे उसके कड़क निप्पल बहुत मस्त लग रहे थे.
मैंने एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और चुसकने लगा.
वो मादक आहें भरने लगी और अपने हाथ से अपना दूध पिलाने लगी.

मैं उसके दोनों निप्पलों को बारी बारी से चूस रहा था.
मेरा उन्हें अपने मुँह से निकालने का दिल ही नहीं कर रहा था.

फिर मैं धीरे धीरे भाभी के चूचों से नीचे सरकते हुए उनकी नाभि को किस करने लगा.
फिर उसकी कमर पर किस करते हुए मैं उसकी पैंटी पर जा पहुंचा.
पैंटी के ऊपर से ही मैं उसकी चूत को अपनी ज़ुबान से चाटने और सहलाने लगा.

वो बेहद गर्मा गई थी और लगातार गर्म आहें भर रही थी. उसका हाथ मेरे सर पर जमा हुआ था.

मैंने एक झटके से उसकी पैंटी उसके जिस्म से हटा दी. उसकी चूत देख कर मैं उस चूत का दीवाना हो गया.

क्या खूबसूरत चूत थी उसकी … एकदम क्लीन शेव्ड और गुलाबी कलर की.

एक बार ऐसी चूत को अगर कोई देख ले, तो उसे चाटे बिना रह ही नहीं पाएगा.

मैं अब उसकी गुलाबी चूत को चूसने लगा.
उसकी चूत पूरी गीली हुई पड़ी थी. उसकी गुलाबी चूत का सफेद मीठा पानी मुझे मदमस्त कर रहा था.

मैं किसी कुत्ते की मानिंद अपनी जीभ से उसकी चूत का रस पिए जा रहा था.
मैंने पहली बार किसी की चूत पर मुँह लगाया था.

अब उससे रहा नहीं जा रहा था. उसने मुझे जबरन अपनी चूत से हटाया और मुझे खड़ा कर दिया.

आयशा भाभी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

मुझसे रहा नहीं गया. मैं फिर से उसकी गुलाबी चूत की तरफ बढ़ा.
हम दोनों 69 की पोजीशन में चूत लंड का चूसने लगे.

कुछ ही देर में वो मेरे मुँह में झड़ती ही जा रही थी.
झड़ कर वो निढाल हो गई थी मगर मैं अभी भी उसकी चूत चाट रहा था.

इससे वो फिर से गर्मा गई. अब वो कहने लगी- यार, और ना तड़पाओ … जल्दी से मेरी आग को शांत कर दो. अपने इस लंड को मेरी चूत में पेल दो. हुसैना के भाई ने मुझे हमेशा ही अधूरी ही छोड़ा है, आज तुम मेरी पूरी प्यास को बुझा दो मेरे राजा.

मैं उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर रखकर आहिस्ता से पहला धक्का लगा दिया.

मगर लंड उसकी चूत से फिसल गया.
उसकी चूत बहुत ज्यादा चिकनी थी.

अब उसने मेरे लंड को अपनी गुलाबी चिकनी चूत पर अपने हाथ से सैट किया और मुझे आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारने को कहा.

मैंने फिर से अपना पहला धक्का लगाया.
मेरे लंड का साइज़ 3 इंच मोटा है, इसलिए वो पहली चोट में थोड़ा सा ही अन्दर जा पाया.

उसे बहुत दर्द होने लगा और वो चिल्ला पड़ी- अईई .. मर गई … आहिस्ता जान आहिस्ता करो … मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने बिना परवाह के दूसरा धक्का लगा दिया और जल्द ही तीसरा भी.

मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में अन्दर तक पहुंच गया था. थोड़ा अब भी बाहर था.
मैं पूरा लौड़ा अन्दर डालना चाहता था लेकिन उसकी गुलाबी चूत बहुत छोटी और प्यारी सी थी. मैं जोर जबरदस्ती करता तो शायद चूत फट जाती.

इसके दोनों हाथ मेरी छाती पर अड़ गए थे. वो मुझे अन्दर जाने से रोकने लगी थी

मैं थोड़ा रुक गया और पोज़िशन बना कर उतने लंड से ही चुदाई करने लगा, धक्के पर धक्का मारने लगा.

वो मादक सीकार करने लगी- आअह … हह … हह … उऊईई!

उसकी मीठी कसक भरी आवाज़ कमरे में गूँज रही थी.
उसे दर्द तो हो रहा था मगर वो मुझे रोक नहीं रही थी.

कुछ ही देर में दर्द काफी हद तक खत्म हो गया और उसे मजा आने लगा.

अब आयशा सेक्स में मस्त हो रही थी- आहह सस्स्स हाह … एयेए … उूउउ … आआ … हह … और ज़ोर से फ़ैज़ी मेरी जान … मेरी और ज़ोर से चुदाई करो.
मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी.

आयशा भाभी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी- आआह … आआ … हह … सस्स … सशस्स … हीईए!

अब तक भाभी तीन बार पानी छोड़ चुकी थी और अब मैं भी पानी छोड़ने के करीब था.
मैंने भाभी से पूछा- भाभी मेरी जान, मेरा पानी अब निकलने वाला है. कहां छोड़ूँ?

उसने कहा कि फ़ैज़ी मेरी जान तुम अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दो. मेरी इस चूत की ज़मीन पर अपना सारा पानी गिरा कर मेरी प्यास बुझा दो.
मैंने अपना बहुत सारा पानी आयशा भाभी की चूत में ही छोड़ दिया.

अब हम एक दूसरे के बांहों में ही पड़े थे.

आयशा भाभी ने कहा- चलो अब अपने कपड़े ठीक कर लेते हैं. क्योंकि वो लोग आ सकते हैं.

हम दोनों एक ही वॉशरूम में अपनी सफाई करके बाहर निकले.

मैंने आयशा भाभी को फिर से अपनी बांहों में ले लिया.
हम दोनों यूं ही बेड पर लेटे हुए प्यार कर रहे थे कि डोरबेल बजी.

मैंने आयशा भाभी से कहा- आप अपने रूम में जाओ.
मैं दरवाज़ा खोलने गया.

सामने खाला और हुसैना भाभी थीं.
वो दोनों अन्दर आ गईं.
उन्हें जरा भी शक नहीं हुआ कि अभी घर में चुदाई का घमासान हुआ था.

इस तरह से अब हमारी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया.
आधी रात में कभी आयशा सेक्स के लिए मेरे कमरे में आती और चुदवा लेती थी.

इसी सिलसिले में भाभी ने मुझे और कई औरतों की चूत भी दिलाई जिसमें एक चूत हुसैना भाभी व … और भी कई लड़कियों की चूत चोदने मिली.

दोस्तो, आपको मेरी आयशा सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल से बताएं.
[email protected]

लेखक की पिछली कहानी थी: मेरी चूत में देवर का मोटा लंड घुसा

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