माउंट आबू में मिले दो अनजाने

माउंट आबू में मिले दो अनजाने

इंडियन हॉट गर्ल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपनी कार से माउंट आबू जा रहा था. रास्ते में एक युवा लड़की ने लिफ्ट मांगी. मैंने उसे कार में बिठा लिया. उसके बाद क्या हुआ?

अंतर्वासना इंडियन हॉट गर्ल सेक्स स्टोरी के सभी पाठकों को प्यार भरा नमस्कार.

दोस्तो, मैं आपको अपने बारे में कुछ बता दूं … शायद आप लोग मुझे भूल गए होंगे. बात तकरीबन 3 वर्ष पुरानी है, जब मैंने अपनी एक सेक्स स्टोरी
चूत चुदाई चांदनी रात में जंगल में
आपके साथ साझा की थी. उस स्टोरी को लेकर मुझे अनगिनत लाइक और कमेंट मिले थे. आप सभी पाठकों का एक बार पुनः दिल से आभार. मैं कामना करता हूं कि इसी प्रकार से आपका स्नेह मुझे मिलता रहेगा.

मेरा नाम सुमित है और मैं राजस्थान के एक पर्वतीय क्षेत्र का रहने वाला हूं.

बात तकरीबन 2 महीने पुरानी है, लेकिन घटना कुछ अच्छी घटी थी. इसलिए उसे मैं आपके साथ साझा कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि मेरी ये इंडियन हॉट गर्ल सेक्स स्टोरी आपको जरूर पसंद आएगी.

उस दिन मैं शाम के करीब 6:00 बजे अहमदाबाद से अपनी कार लेकर माउंट आबू के लिए रवाना हुआ.
पूरा रास्ता मानो यूं लग रहा था कि न जाने कितना लंबा सफ़र हो गया है. यदि यात्रा में कोई अनजान माल मिल जाता, तो रास्ता आसानी से कट जाता.
लेकिन शायद उस दिन किस्मत अच्छी नहीं थी. मैं अपनी कार खुद चलाकर माउंट आबू की तरफ दौड़ा चला जा रहा था.

रात के तकरीबन 10:30 से 11:00 के बीच का समय हो चला था, जब मैं आबू रोड पहुंचा. थकान ज्यादा हो रही थी तो सोचा कि किसी चाय की दुकान पर रुक कर चाय की चुस्की ले लेता हूं. क्योंकि थकान के साथ साथ नींद सी भी आ रही थी.

मैंने एक जगह गाड़ी रोक दी और अपनी गाड़ी से नीचे उतरा. उधर दुकान से चाय लेकर चाय पीने लगा.

इधर मैं आपको बता दूं कि माउंट आबू जाने के लिए रात के समय में निजी टैक्सी के अलावा कुछ नहीं मिलता है.

ऐसे समय में अपनी कार के पास खड़ा होकर चाय पी रहा था.
तभी एक सुंदर सी लड़की मेरे पास आकर बोली- क्या आप माउंट आबू जा रहे हैं?
मैं भी उसकी आवाज सुनकर एकदम से चौंक गया और अचरज भरी निगाहों से उसे देखने लगा.

उसने मुझसे फिर पूछा- क्या आप माउंट आबू जा रहे हैं.
मैंने कहा- जी हां, जा तो रहा हूं … कहिए क्या हुआ?
वो लड़की बड़े सलीके के साथ मुझे कहने लगी कि मुझे भी माउंट आबू जाना है और मुझे कोई गाड़ी नहीं मिल रही है. क्या आप मुझे माउंट आबू तक लिफ्ट दे सकते हैं?

मैं सोच में पड़ गया कि अनजान लड़की है … क्या इसे लिफ्ट देनी चाहिए या नहीं?
मैंने कुछ देर सोचा और कहा- वैसे तो आप मेरे लिए अनजान हैं और मैं आपके लिए अनजान हूं. लेकिन मैं सोचता हूं कि एक राहगीर की मदद की जाए, तो आपको माउंट आबू ले चलता हूं.
वो खुश हो गई.

मैंने उससे पूछा- क्या आप चाय पियेंगी?
तो उसने कहा- हां जरूर, अब तो शायद हम अच्छे दोस्त भी बन सकते हैं.

फिर हम दोनों ने मिलकर चाय पी और अपनी कार में बैठकर माउंट आबू के लिए रवाना हुए.

बीच रास्ते में यूं ही बातों का दौर शुरू हुआ, तो मैंने उनका नाम पूछा.

उसने अपना नाम ज़ीनिया बताया और कहा कि मैं राजकोट की हूँ और माउंट आबू घूमने जा रही हूँ. मेरे साथ मेरी एक सहेली भी आने वाली है, जो कल सुबह सीधे माउंट आबू पहुंचेगी.

ज़ीनिया के बारे में आपको बताता हूं कि वह सुंदर और मन मोहने वाली लड़की लग रही थी. उसका फिगर भी बहुत ही शानदार लग रहा था. मन में तो कुछ और भी ख्याल आ रहे थे. लेकिन मैंने मन को काबू में रखा और माउंट आबू की तरफ चलता रहा.

इसी बीच यूं ही उसने मेरे बारे में भी पूछा, तो मैंने भी अपने बारे में सब कुछ बता दिया.

वैसे मैं 26 साल का हूं और ज़ीनिया 23 साल की थी. दोनों ही यूं ही बातें करते-करते माउंट आबू पहुंच गए.

उसने मुझे होटल का नाम बताते हुए कहा- मुझे इस होटल के बाहर उतार दीजिएगा.
मैंने ओके कह दिया.

बातों ही बातों में रास्ता कब कट गया, यह पता ही नहीं चला. होटल के बाहर मैंने गाड़ी रोकी और कहा- आपका होटल आ गया है.
उसने कहा- क्या आप कुछ देर होटल के बाहर रुक सकते हैं. जब तक मैं होटल में चेक-इन कर लूं प्लीज.
उसके इतना कहने पर मैंने कहा- ओके मैं कुछ देर रुक जाता हूं. फिर अपने घर की ओर चला जाऊंगा. आप होटल में चेक-इन कर लीजिए.

वो कार से नीचे उतरी और होटल की तरफ बढ़ गई.

तकरीबन 10 से 15 मिनट बाद वह वापस लौटी और उसने कहा- थैंक्स, आपने मुझ जैसी अनजान को लिफ्ट देकर मेरी मदद की है.
मैंने भी कहा- आपके साथ आने से मुझे भी अच्छा लगा … और रास्ता कब कट गया, पता ही नहीं चला.

यूं ही बातों ही बातों में उसने कहा- क्या मुझे आपका व्हाट्सएप नंबर मिल पाएगा?
मैंने भी कहा- हां क्यों नहीं, अब हम दोस्त हैं.

मैंने अपना व्हाट्सएप नंबर उसे दे दिया और गुड नाईट बोल कर आगे बढ़ गया. वो भी होटल में चली गई. मैं अपने घर आ गया, पर रात तक भर मुझे उसका चेहरा याद आता रहा.

सुबह उठकर देखा तो व्हाट्सएप पर एक अनजान नम्बर से गुड मॉर्निंग का मैसेज मिला.
मैंने समझा कि शायद किसी और का होगा, इसलिए मैंने उसका रिप्लाई नहीं दिया.

कुछ देर बाद मैं अपने घर से तैयार होकर काम के लिए निकल गया.

तभी मोबाइल में मैसेज की टोन बजी, तो मैंने देखा. इस बार उसने लिखा था- मैं ज़ीनिया हूं.
अब मैंने भी उसको रिप्लाई किया और हमारी बातों का दौर शुरू हो गया. मैंने उससे पूछा- क्या आपकी सहेली आ गई है?

उसने उदास मन से कहा- अभी तक नहीं आई … शायद ना भी आए … उसका भी अभी कोई भरोसा नहीं है.
मैंने ‘ओह्ह …’ लिख दिया.

उसने कहा- मुझे माउंट आबू घूमना है.
मैंने कहा कि आज तो मैं जरा व्यस्त हूं. लेकिन आपके लिए व्यवस्था कर देता हूं.
वो बोली- कैसी व्यवस्था?

मैंने उसके लिए एक्टिवा किराए पर दिला दी. वह माउंट आबू घूमने के लिए निकल गई.

देर शाम को फिर व्हाट्सएप पर मैसेज आया- थैंक्स.

मैंने भी उसका रिप्लाई दिया और चैटिंग का सिलसिला शुरू हो गया.

मैंने फिर से उससे पूछा- क्या आपकी फ्रेंड आ गई है?
उसने जवाब दिया- नहीं आई, उसका कॉल आया था कि वो नहीं आ पा रही है.
मैंने कहा- आप तो अकेले इस ट्रिप में बोर हो गई होंगी.
वो- हां बोर तो हो रही हूं. लेकिन अभी करूं तो क्या करूं.
मैं हम्म लिखा.

उसने मुझसे पूछा- क्या हम शाम को डिनर पर मिल सकते हैं.
मैंने तुरंत ही ज़ीनिया से डिनर के लिए हां भर दी और हम डिनर के लिए उसी होटल में 8:00 बजे मिले.

मैंने उससे पूछा- क्या आप ड्रिंक करोगी?
उसने मना कर दिया.

फिर हम दोनों ने मिलकर खाना खाया और यूं ही बातों का सिलसिला चलता रहा.

उसने कहा कि मैंने दिन में माउंट आबू तो घूम लिया … क्या रात में भी कहीं घूमने जाया जा सकता है?
मैंने कहा- ड्राइव पर गुरु शिखर तक जा सकते हैं.

वह सहज ही तैयार हो गई और हम दोनों मेरी कार में बैठकर गुरु शिखर की तरफ चल दिए. यूं ही रास्ते में बातें होती रहीं और हम दोनों को घूमते हुए करीब 2 घंटे कब निकल गए, पता ही नहीं चला.

फिर हम दोनों वापस होटल की तरफ चल दिए.
होटल पहुंचने के बाद ज़ीनिया ने कहा- आइए चलिए, थोड़ी देर कमरे में बैठते हैं. फिर आप चले जाना.

मैंने भी हां भर दी और उसके होटल के कमरे में आ गया.

उसने कहा- मैं चेंज करके आती हूं. आप टीवी ऑन करो और देखो.
मैं टीवी ऑन करके मूवी देखने लगा.

कुछ देर बाद ज़ीनिया नाइटी में बाहर आई और हम बैठकर बात करने लगे. बातों ही बातों में ज़ीनिया ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया. उसका मखमली स्पर्श मुझे गुदगुदा रहा था. हमारी यूं ही बातें चलती रहीं.

उसने मुस्कुरा कर कहा- आपने मेरी यह ट्रिप यादगार बना दी है. मुझे पता नहीं था कि मेरी फ्रेंड नहीं आएगी और आप मिल जाओगे.

इतना कहते ही वो एकदम से मुझसे लिपट गई. मेरे होंठ और उसके होंठ दोनों ही एक दूसरे को कब चूमने लगे, पता ही नहीं चला. धीरे-धीरे मेरी भी हिम्मत खुली और होंठों से होते हुए कानों के पीछे किस करते हुए गर्दन तक पहुंच गया.

वो मादक सिसकारियां लेने लगी.

मेरी कुछ झिझक अभी भी बाकी थी. इसे देख कर ज़ीनिया ने कहा- सुमित, तुम जो करना चाहो कर सकते हो.

इससे मेरी हिम्मत और खुल गई और देखते ही देखते मैंने उसकी नाइटी को अलग कर दिया.

नाइटी के नीचे गुलाबी रंग की ब्रा और पेंटी में मानो वह खूबसूरत सी कोई फिल्म की हीरोइन लग रही थी.

मैं भी उसे चूमते हुए पूरे शरीर को किस करने लगा. उसने कहा- आपने मुझे तो इस हाल में ला दिया, लेकिन आप अभी तक अपने कपड़ों में कैद हो.
मैंने कहा- आप ही उतार लो.

उसने मेरी टी-शर्ट और जींस दोनों उतार दिए. अब मैं केवल वी-शेप की अंडरवियर में था. हम दोनों ही बेड पर एक दूसरे को किस कर रहे थे और धीरे-धीरे दोनों पर सेक्स सवार हो रहा था.

मैंने उसकी ब्रा और पेंटी दोनों को अलग कर दिया और चूचियों का रसपान करने लगा.
क्या मस्त मजा आ रहा था … शब्दों में बयान ही नहीं कर सकता.

धीरे धीरे मैं उसकी चुत में उंगली भी कर रहा था. और वो मादक सिसकारियां ले रही थी.
उसने भी मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और एकदम चौंक गई- अरे इतना मोटा और बड़ा … आज न जाने मेरा क्या हाल होगा.
मैं हंस दिया.

फिर हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए और दोनों ही लंड चुत का रसपान करने लगे. उसका मेरे लंड को चूसना मुझे ऐसा अहसास दे रहा था कि मानो मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं.

फिर उसने कहा- मैं होने वाली हूं … तुम ऊपर आ जाओ.
मैंने अपने लंड को इंडियन हॉट गर्ल की चूत में सैट किया और रेलमपेल शुरू कर दी.

पहले पहल तो मुझे भी हल्का सा दर्द हुआ … क्योंकि उसकी चुत इतनी ज्यादा टाइट थी कि लंड फंसता सा लग रहा था. उसका तो मुझसे भी बुरा हाल था. मेरे मोटे लंड ने उसकी चुत के चिथड़े उड़ा दिए थे.

मगर कोई दस मिनट बाद उसकी मादक आवाजें आने लगी थीं- आह … सुमित जोर से करो … और जोर से.

ये ताबड़तोड़ चुदाई का दौर तकरीबन 15 मिनट चला … और मैं उसकी चुत में ही झड़ गया. हम दोनों ही निढाल होकर बेड पर पड़े रहे.

कुछ देर बाद मैं उठा और मैंने ज़ीनिया से कहा- अब मैं चलता हूं क्योंकि मुझे घर भी जाना है.
उसने कहा- आज रात में यहीं रुक जाओ न!
मैंने कहा- नहीं, मैं यहां नहीं रुक पाऊंगा.

वो कुछ नहीं बोली.

मैंने पूछा- तुम कब तक यहां हो?
उसने कहा- कल रात और हूं … फिर चली जाऊंगी.

मैं उसे देखने लगा.

उसने फिर कहा कि कल आओगे क्या?
मैंने कहा- हां … जरूर कल फिर से मिलेंगे.

ये कहने के बाद मैं कपड़े पहन कर उसे बाय करता हुआ होटल से बाहर निकल गया.

दोस्तो, आगे की सेक्स कहानी भी लिखूंगा. मगर पहले आप मेरी इंडियन हॉट गर्ल सेक्स स्टोरी पर आप कमेंट जरूर करें, मुझे मेल करें … मुझे इन्तजार रहेगा.

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