मकान मालकिन ने सेक्स के लिए उकसाया

मकान मालकिन ने सेक्स के लिए उकसाया

लैंड लेडी फक स्टोरी में पढ़ें कि मैं किराए के कमरे में आया तो मकान मालकिन बहुत सेक्सी हॉट स्पाइसी लगी. मैं उसे चोदना चाहता था पर उसने ही पहल कर दी.

मेरा नाम शैलेश है, मेरी उम्र 25 साल है। मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और दिखने मैं औसत हूँ।

मेरा लिंग 6 से 7 इंच लंबा मोटा तगड़ा … बाड़ते ही किलकारी काढ़ दे … ऐसा है।

मैं देसी लड़का हूँ इसलिए मेरी फक स्टोरी में आपको देसी शब्द भी बहुत मिलेंगे।

मैंने भाभियों की चुदाई पहले भी बहुत बार की थी लेकिन ये मेरे द्वारा की गयी सबसे बेहतरीन चुदाई थी जिसको मैं आपको बताने जा रहा हूँ।

चलिए बिना बकचोदी के लैंड लेडी फक स्टोरी शुरू करते हैं।

मैं बीटेक पास करके बंगलोर गेट की तैयारी के लिए आया था।

पहले मैं एक P.G में रहता था लेकिन मुझे एकांत रहना पसंद है इसलिए मैं अपने लिए रूम की तलाश में निकल गया।

आखिरकार मुझे एक कमरा किराए पर मिला.
जिसके यहाँ मुझे रूम मिला, वहाँ पति पत्नी बस 2 व्यक्ति ही रहते थे।
उनके नाम राजेश और सोनिया थे।

राजेश की उम्र 34 साल थी और सोनिया की उम्र 31 साल के आस पास ही थी।
लड़के के माँ बाप गाँव में रहते थे।

जब मैं अपना सामान लेकर वहाँ पहुँचा तो राजेश ने मेरा स्वागत किया और अपनी बीवी सोनिया को बुलाया मुझसे परिचय करवाने के लिए।

सोनिया जब मेरे सामने आयी तो मैं उसको देखता ही रह गया.
क्या माल थी वो!
उसको देख के मुझे ऐतराज़ मूवी की प्रियंका चोपड़ा याद आ गयी … एकदम सेक्सी हॉट स्पाइसी!

उसका फिगर कमाल का था.
चूची उभरी हुई, गांड बाहर निकली हुई और एकदम स्लिम … क्या लग रहा थी वो!

मेरे लण्ड ने तो तभी फुंफ़कार मारना शुरू कर दिया था पर मैंने खुद पे काबू किया।

राजेश ने कहा- आप लोग परिचय करो एक दूसरे से … मैं ज़रा अभी आया।

मैंने कहा- भाभी जी नमस्ते!
उसने मुझे एक स्माइल दी और बोली- कॉल मी सोनिया!
मैंने कहा- ओके सोनिया जी।

फिर मैं अपना सामान लेकर ऊपर अपने रूम में जाने लगा।

मेरी नज़रों के आगे बस सोनिया का फिगर और उसकी सेक्सी अदाएं ही घूम रही थी।

उस दिन मैंने 4 बार अपने लण्ड की प्यास बुझायी … वो भी अपने हाथ से!

रात को भाभी ने डिनर के लिए मुझे नीचे ही बुला लिया.
हम सबने खाना खाया और कुछ बातें की।

भाभी मेरी क्लास की टाइमिंग पूछने लगी.
तो मैंने बता दिया- सुबह 8 बजे से दोपहर के 3 बजे तक।

उसके बाद अगली सुबह राजेश अपने काम पर चला गया और नाश्ता करके मैं भी अपनी क्लास के लिए चला गया।

जब मैं घर आया तो भाभी मुझसे बोली- मुझे कुछ सामान मंगवाना है. राजेश देरी से आएंगे और तुम्हारा नंबर नहीं था. वरना तुम से कहकर मंगवा लेती। क्या तुम अब जाकर ले आओगे?
मैंने कहा- ठीक है भाभी जी … मतलब सोनिया जी!

यह सुनकर वो मुस्कुराई और मुझे सामान की लिस्ट दी.

मैं बाजार से सामान ले आया.

सामान लाते ही उन्होंने मुझसे कहा- अरे मैं तुम्हारा नंबर लेना फिर से भूल गयी. लाओ अपना नम्बर दो।
मैंने उन्हें अपना नंबर दे दिया।

चार या पाँच दिन के बाद रात को भाभी जी का मैसेज आया- सो गए क्या?
मैं बोला- नहीं भाभी जी!

वो बोली- फिर भाभी जी?
मैं बोला- सॉरी सोनिया।
वो बोली- हाँ यह ठीक है!

मैंने भी हंसने वाली इमोजी भेज दी और हम गुड नाईट बोल कर सो गए।

अगले दिन कोचिंग से आने के बाद रूम में फ्रेश होकर मैं नीचे सोनिया के पास गया.

वो चाय बना रही थी; बोली- तुम भी लोगे?
मैंने कहा- आप दोगी तो जरूर ले लेंगे.

उसने मुझे कातिल नज़रों से देखा और मुस्कुराई।

चाय देकर वो बोली- कोई गर्लफ्रैंड है?
मैंने कहा- नहीं सोनिया, कोई भी नहीं है।
वो बोली- मैं तुम्हें कैसी लगती हूँ?
मैंने कहा- अच्छी लगती हो!

वो बोली- सिर्फ अच्छी लगती हूँ? सच बोलो … तुम्हारी आंखें तो कुछ और कहती हैं।

मैं पहले तो बोलता हुआ डर रहा था लेकिन फिर मैंने हिम्मत करके बोल ही दिया- भाभी, आप मुझे बड़ी सेक्सी हॉट लगती हो. जब भी आपको देखता हूँ तो बस आप से लिपट जाने को मन करता है मेरा।
उसने कहा- तो रोका किसने है?
और यह कहकर वो चाय की चुस्की लेने लगी।

मैं एक बार को तो उनकी यह बात सुनकर चौंक गया था लेकिन उनकी यह बात सुनकर मेरे दबे अरमान उभर आये और मैंने उनको अपनी बांहों में खींच लिया।

मैंने जब उनको अपनी बांहों में खींचा तो उनके हाथ से चाय की प्याली गिर गयी और मैं उनको वहशी तरीके से चूमने लगा।
कभी गर्दन पे, कभी कान पे, कभी चेहरे पे और कभी उसकी चूचियों को।

उसने मेरा चेहरा पकड़ा और अपने मुलायम होंठ मेरे होंठ से भिड़ा दिए।

आह … क्या मुलायम मीठे होंठ थे उसके! जिनको मैं कस कस के चूस रहा था मानो जैसे चाशनी पी रहा हूँ।

काफी देर तक हम एक दूजे को चूमते रहे और चूमते वक़्त मैं उसकी चूची और गांड को बड़ी बुरी तरह दबा रहा था जिनको दबाने में मुझे और भी मज़ा रहा था.

क्या गांड … क्या चूची थी उसकी!
इनकी तारीफ मैं कहानी के शुरू में ही कर चुका हूँ।

उसके बाद मैंने उसको गोद में उठाया और उसको चूमता हुआ उसके बैडरूम मैं ले गया।

वो तो मुझसे हटने को तैयार ही नहीं थी, ऐसे चिपकी हुई थी जैसे चंदन के पेड़ से साँप।

हम दोनों ने जल्दी जल्दी एक दूसरे के कपड़े उतारे और कुछ ही पल में हम दोनों नंगे एक दूसरे के सामने थे।

मैं उसकी और वो मेरी गर्म साँसों को महसूस कर पा रही थी।

जब उसका नंगा शरीर मेरे सामने आया तो मैं तो देखता रह गया.

क्या चिकनी कमर गोल गोल उभरे हुए चूचे और उभरी हुई गांड।
गज़ब ढा रही थी।

मैंने उसको पलंग पे लिटाया और ऊपर से नीचे तक उसके कोमल शरीर को चूमने लगा।
मैं उसकी चूचियों को बुरी तरह मसल रहा था और वो आहह आह उम्म उम्म किये जा रही थी।

फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया जो गीली होनी शुरू हो गयी थी।

मैं बेतहाशा उनकी चूत को चाट रहा था और वो मेरे सर को कभी अपने हाथों से तो कभी अपनी टांगों से अपनी चूत पे दबाती।

फिर उन्होंने मुझे नीचे कर के खुद मेरे ऊपर आ गयी और मेरे कड़क लण्ड को सहलाने लगी और अपने मुँह में ले के उसको चूसने लगी।

जब वो मेरा लण्ड चूस रही थी तो मैं क्या बताऊं … ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में हूँ।

मेरा लण्ड चूसने के बाद वो बोली- जान, बस अब अपना ये कड़क लण्ड मेरी चूत में डाल दे और मेरी आग बुझा दे।

मैंने अपना लण्ड एक ही धक्के में उसकी गीली चूत में बाड़ दिया जिससे उसकी हल्की सी चीख निकली।
लेकिन उस हल्की सी चीख में भी एक कामुकता की आवाज़ थी।

मैंने उनकी चूत में धक्के बजाने शुरू कर दिए।

मैं धक्के आराम से और अंदर तक मार रहा था.
और वो ‘आह आह आह …उम्म उम्म आह जान … मजाआ आआ रहा है … आह आह आह …’ करके मुझमें और जोश भर रही थी।

मैंने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी जिससे उसको और मजा आने लगा.
और वो ‘आह आह आह आह … और तेज़ और तेज़ … आह आह आह … मजा आ रहा है जान और तेज़’ कर रही थी।

उससे मेरे अंदर उत्तेजना और बढ़ रही थी।
मैंने उसको अपनी गोद में बिठाया और धक्के मारने लगा।
वो मुझसे बुरी तरह चिपटी हुई थी और उसमे इतना जोश था कि उसने मेरी पीठ और छाती पर अपने नाखूनों से निशान कर दिए।
जिसमें मुझे भी मजा आ रहा था।

उसको गोद में बिठा के चोदने का मजा ही कुछ और था।
उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी और मैंने अपने होंठ उसके होंठ से भिड़ा दिए।

हम दोनों चरमसुख की प्राप्ति कर रहे थे।

काफी देर की वहशियाना चटाई और चुदाई के बाद में झड़ने वाला था जबकि भाभी का काम 2 बार हो चुका था।

मैंने सारा गर्म गर्म वीर्य उसकी चूत में उड़ेल दिया जिसको पा कर वो संतुष्ट हो गयी और मेरे होंठों को चूमने लगी।

हम दोनों एक दूसरे से चिपके कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे.
उसके बाद कपड़े पहन कर हम दोनों बैडरूम से बाहर आये.

भाभी ने मुझे फिर होंठों पर किस किया और उसके बाद मैं अपने रूम में आ गया।

शाम को राजेश भी आ गया.

उसके बाद मैं नीचे खाना खाने आया और बाद में ऊपर आकर सो गया।

फिर हमने रोज़ चुदाई जारी रखी.
और ऐसी वैसी नहीं … वहशियना चुदाई।

तो कैसी लगी आपको मेरी ये लैंड लेडी फक स्टोरी? कुछ गलती हुई हो तो माफी।
अगली कहानी के साथ जल्द लौटूंगा।
[email protected]

Check Also

कम्पनी मीटिंग में मिली भाभी से यौन सम्बन्ध

कम्पनी मीटिंग में मिली भाभी से यौन सम्बन्ध

हॉट सेक्सी भाभी की चूत का मजा खुद भाभी ने दिया. एक पार्टी में वह …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *