देसी Xxx सेक्स कहानी मेरे पति से मेरी नाराजगी के बाद एक अनजान लड़के से अपनी चूत चुदाई की है. वो डिलीवरी देने मेरे घर आया तो मैंने उसे घर में बुला लिया.
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नमस्कार दोस्तो, आज की यह कहानी मेरी अन्तर्वासना की साइट से मिली एक आंटी की आपबीती है जिसमें शब्द मेरे और कहानी उनकी है।
मैं सबसे पहले उनके बारे में बता दूं।
उनका नाम अलका शर्मा है और वो जोधपुर में रहती हैं।
उनका साइज़ 34-30-36 है और उनकी उम्र 35 के आसपास है।
अब मैं कहानी पर आता हूं जो उनकी ही जबानी होगी.
मैं अलका आज अपनी आपबीती लेकर आई हूं. यह देसी Xxx सेक्स कहानी आज से 8 महीने पुरानी है।
उस दिन मेरी शादी की सालगिरह थी।
परन्तु मेरे पति को काम की वजह से अचानक दिल्ली जाना पड़ा।
दुखी होकर मैं दिनभर अपने कमरे में लेटी रही थी.
मैं घर में अक्सर नाइटी पहनती हूं अकेले रहने के कारण में ब्रा पैन्टी भी नहीं पहनती हूं।
शाम को 5 बजे के करीब डोर बेल बजी.
मैंने उठकर दरवाजा खोला तो 22 साल का एक लड़का हाथ में पैकट लेकर खड़ा था।
मैंने कहा- क्या है?
वो बोला- क्या यह राकेश शर्मा का घर है?
मैंने कहा- हां … लेकिन वो घर पर नहीं हैं।
वो मुझे घूरते हुए बोला- मैम, सर ने ऑर्डर किया था। मैं डिलीवरी लेकर आया हूं।
मैंने पूछा- क्या है इस पैकेट में?
वो बोला- मैम आपका फैवरेट पाइनेप्पल केक और एक बोतल वाईन है। मैम कोई ऑकेज़न है क्या?
मैं दुखी होकर बोली- हां, आज हमारी शादी की सालगिरह है।
उसने कहा- अच्छा!
और फिर बोला- हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी मैम!
मैंने धीरे से कहा- क्या हैप्पी! आज मेरे पति को मेरे लिए टाइम नहीं है. इन सबका कोई मतलब नहीं मेरे लिए!
इतने में ही वो डिलीवरी बॉय बोला- मैम अगर आपको दिक्कत न हो तो मैं आपकी एनिवर्सरी आपके साथ मना सकता हूं।
थोड़ी देर सोचने के बाद मैंने उससे कहा- इसके बाद तुम्हें और कहां जाना है?
वो बोला- यह लास्ट डिलीवरी थी। अब मेरी ड्यूटी ऑफ हो गई।
मैंने कहा- ठीक है, चलो अंदर आ जाओ!
मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने समीर बताया.
और फिर अंदर से दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने उसे सोफे पर बैठने को कहा और अपने रूम में आ गई।
थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा- तुम फ्रेश होकर आ जाओ.
मैंने उसको अपने रूम में छोड़ दिया और नहाने चली गई और वहां से तौलिया लपेट कर बाहर आ गई।
उसके सामने ही मैं अपने हाथ पैरों में लोशन लगाने लगी.
वो चोरी चोरी मुझे देख रहा था।
मैंने बैग में रखी लाल जालीदार ब्रा उठाई और पहन ली और जालीदार पैंटी पहनकर दूसरे रूम चली गई.
वो मेरी आधी नंगी गांड को एकटक देखता रहा।
थोड़ी देर बाद मैं एक वाइट गाउन पहनकर आ गई.
वो मुझे घूरकर देख रहा था।
तो मैंने कहा- समीर क्या हुआ?
वो बोला- मैडम, आप तो कमाल लग रही हो!
मैंने मुस्करा कर कहा- थैंक्स!
फिर हम दोनों डाइनिंग टेबल पर केक लेकर आ गए और समीर ने उसमें कैंडल जलाईं.
फिर मैंने केक काटा!
वो हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी मैम बोलने लगा।
मैंने केक लेकर उसको खिला दी।
फिर उसने केक लेकर मुझे खिलाई और बोला- मैम हैप्पी एनिवर्सरी!
मैंने कहा- ये बार बार मैम क्यों बोल रहे हो? अब तुम ड्यूटी पर नहीं हो। मेरा नाम अलका है।
उसने कहा- ओके अलका जी!
मैंने कहा- नहीं समीर, तुम मुझे अलका बोलो।
फिर मैंने दो पैग बनाए और हम दोनों पीने लगे।
हमने दो दो पैग लिए.
फिर मेरे पति का फोन आ गया।
मैंने उनसे फोन में झगड़ा कर लिया; मैंने कहा- तुम आज के दिन भी नहीं आए. मुझे कोई बात नहीं करनी!
और मैंने फोन काट दिया।
साथ ही मैं एक पैग बिना पानी के पी गई और रोने लगी।
समीर मेरे पास आ गया और बोला- क्या हुआ अलका?
उसका हाथ धीरे धीरे मेरी जांघों पर चलने लगा था।
उसने एक एक पैग बनाया और हम पी गए।
मैंने उससे कहा- आज हमारी शादी की सालगिरह है फिर भी मेरे पति मेरे साथ नहीं हैं.
वो बोला- क्या हुआ मैं हूं ना!
मैं उसकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी.
अब उसके हाथ मेरी जांघों से मेरी गान्ड तक आ गये थे।
मुझे उसका ऐसा करना अच्छा लगने लगा था.
मैंने एक एक पैग और बनाया और हम दोनों ने पी लिया।
अब मैं भी गर्म होने लगी थी, उसके हाथ मेरे शरीर पर चलने लगे थे।
मैंने उससे कहा- कि तुमने मुझे कोई गिफ्ट नहीं दिया?
वो बोला- मैं एक डिलीवरी बॉय हूं मैं आपको क्या दे सकता हूं?
मैंने मुस्करा कर कहा- तुम तो मुझे वो दे सकते हो जिसकी मुझे सबसे ज्यादा जरूरत है।
वो बोला- मेरे पास कुछ नहीं है. आखिर मैं क्या दे पाऊंगा आपको?
मैंने कहा- मुझे गिफ्ट तो चाहिए. तुम प्रोमिस करो!
उसने कहा- मेरी हैसियत से कुछ भी मांग लो, मैं देने को तैयार हूं।
मैंने एक एक पैग और बनाया और पीते हुए कहा- समीर, आज की शाम तुम मुझे खुश कर दो!
और मैंने उसके लन्ड पर हाथ रख दिया।
वो बोला- ये क्या कर रही हो आप? कहां आप और कहां मैं! अगर शर्मा जी को पता चल गया तो मेरी नौकरी चली जाएगी।
मैं उसके पास जाकर पैंट में हाथ डालकर बोली- समीर किसी को पता नहीं चलेगा. तुमने अभी मुझसे वादा किया है।
मैंने उसकी पैंट खोलकर लंड बाहर निकाल लिया.
उसका 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा मजबूत लंड देखकर मेरे मुंह और चूत में पानी आ गया।
मैंने उसका हाथ अपनी चूचियों पर रख दिया और बोली- समीर, आज की रात बस तुम मुझे खुश कर दो। आज की यह सालगिरह मैं बस तुम्हारे साथ मनाना चाहती हूं।
वो कुछ बोल पाता कि मैंने उसके लन्ड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
अब धीरे धीरे उसके हाथ मेरी चूचियों पर सख्त होने लगे।
मैं लोलीपॉप समझकर समीर का मोटा मजबूत लंड चूसने लगी और वो मेरी चूचियों पर टूट पड़ा।
अब दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और 69 की पोजीशन में आ गए।
अब समीर मेरी चूत पर भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ा और अंदर जीभ डालकर चोदने चाटने लगा.
और मैं भी जोश में आकर उसके लन्ड को गपागप गपागप चूसने लगी।
उसने मेरी चूत को चाट चाट कर लाल कर दिया. वो चूत में जीभ अंदर तक घुसा कर चाटने लगा और मैं उसके लन्ड को गपागप गपागप अंदर बाहर करके चूस रही थी।
अब समीर ने उठाकर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी गांड के नीचे तकिया लगाया.
उसने मेरी दोनों टांगों को फैला दिया और ऊपर आकर चूत में लन्ड लगाकर जोर से धक्का दिया.
उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर जाने लगा और मैं ‘ऊई ईईई ऊईई ई आहह हह’ करके चिल्लाने लगी.
मैं आज पूरे 45 दिन बाद चुदवा रही थी और समीर का लंड मेरे पति से ज्यादा मोटा और लम्बा था।
मेरी जान निकल रही थी.
तभी उसने जोर से धक्का लगाया और पूरा लंड अंदर चला गया.
मेरी चीख निकली- ऊईई ईईई ईईईई ऊईई ईईई ईईई … मर गई … बचाओ बचाओ!
मैं चिल्लाती रही लेकिन समीर के कानों पर मेरी आवाज़ नहीं जा रही थी और वो मुझे एक बाजारू औरत समझकर चोद रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे वो आज मेरी चूत फाड़कर ही दम लेगा।
उसने मेरी चूचियां को तेज़ तेज़ दबाना शुरू कर दिया और उसके हर झटके से मेरी जान निकल रही थी।
मैं ‘ऊई ऊइई ऊईई ईई आहह हहह आह हहह … छोड़ो मुझे छोड़ो …’ चिल्लाती रही लेकिन वो मुझे पागलों की तरह चोदता रहा।
समीर ने अपने लौड़े को निकाल लिया, मेरी जान में जान आई.
उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और लंड पर बैठा दिया.
उसका लंड जैसे ही चूत में घुसा, मैं ऊईई ईई ईईई सीईई ईई करके चिल्ला उठी.
उसने क़मर पकड़कर बिठा दिया और लंड अंदर चला गया।
वो नीचे से झटके लगाने लगा, मेरी चूचियां उसके हाथ में थी जिन्हें वो बेरहमी से जोर से दबा रहा था।
धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी उसके लन्ड पर उछल उछल कर गांड़ पटकने लगी.
अब दोनों तरफ से बराबर धक्के लगने शुरु हो गए और थप थप थप की आवाज रूम में भरने लगी।
मैं शादीशुदा औरत हूं और पहले भी चुदवाती रही लेकिन समीर के लंड ने मेरी हालत बिगाड़ दी।
अब हम दोनों एक-दूसरे को चोद रहे थे, कभी लंड तो कभी चूत!
एकदम से समीर ने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और मैं ऐसे उछलने लगी जैसे फुटबॉल!
अब मेरी चूत का दर्द कम हो गया था और अब मुझे समीर के मोटे लंड का स्वाद आने लगा था।
समीर ने मुझे उठा लिया और खड़ी कर दिया. उसने मेरी एक टांग उठा दी और चूत में लन्ड घुसा कर गपागप गपागप चोदने लगा.
अब मैं आहहह आहहह करके उसके लन्ड का मज़ा ले रही थी।
आज कितने दिनों बाद मेरी ऐसी चुदाई हो रही थी।
मेरे पति तो बस मेरे ऊपर चढ़कर मुझे थोड़ी देर चोदते और थककर सो जाते और मैं अपनी चूत सहला सहला कर रोती रहती।
लेकिन समीर के फौलादी लंड ने आज मेरी चूत का भरता बना दिया था।
मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. अब वो मुझे फच्च फच्च करके चोदने लगा.
समीर का लंड चूत के पानी से और तेज़ तेज़ अंदर तक जाने लगा। समीर का लंड अब तक पूरा टाइट था।
उसने गीला लंड निकाल लिया और मुझे बिस्तर पर घोड़ी बना दिया, खुद पीछे आकर कमर पकड़कर चोदने लगा.
वो ऐसे चोद रहा था जैसे कोई कुत्ता कुतिया चोद रहा हो।
मेरी दोनों चूचियों को मसलने लगा और थप थप थप करके अपनी पूरी रफ्तार से चोदने लगा।
अब मैं भी जोश में आकर अपनी गांड चलाने लगी और आगे पीछे करने लगी.
समीर यह देखकर जोश में आ गया और उसने और तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया।
पूरा कमरा दोनों की सिसकारियों से गूंज उठा था लेकिन हमें किसी का डर नहीं था।
समीर मुझे एक बाजारू औरत की तरह चोद रहा था, उसे मेरी चीख और दर्द की बिल्कुल परवाह नहीं थी।
मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया लेकिन समीर का लंड तो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था।
अब मेरी हिम्मत खत्म हो गई थी और मैं निढाल सी हो गई थी.
लेकिन वो मुझे कुतिया बनाकर चोद रहा था।
अब मेरी सिसकारियां भी बंद हो गई थी और मैं बस जैसे तैसे खुद को रोककर उसके लंड का सामना कर रही थी।
उसने लंड निकाल लिया और मुझे लिटा दिया.
वो मेरे ऊपर आ गया और चूत में लन्ड घुसा कर गपागप गपागप तेज़ी से चोदने लगा।
उसका लंड अब राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की रफ्तार से मेरी चूत में दौड़ रहा था।
मैं अब शांत होकर उसके झड़ने का इंतजार कर रही थी और वो तो एक खिलाड़ी की तरह लंड के घोड़े को मेरी चूत के मैदान में दौड़ा रहा था।
अब समीर की सांसें तेज होने लगी और उसने मेरी चूचियों को पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा।
मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और दो चार झटकों के साथ समीर ने गरम लावा मेरी चूत में भर दिया और वो मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गया।
अब हम दोनों बहुत थक चुके थे और ऐसे ही दस मिनट तक लेटे रहे।
थोड़ी देर बाद दोनों बाथरूम गए वहां से समीर मुझे गोद में लेकर आया।
हमने एक एक पैग और पिया।
उसने केक उठाकर मेरी चूचियों में लगा दी और अपने लंड को केक में डाल दिया।
मैं समझ गई कि अब मुझे क्या करना है.
और मैं उसके लन्ड को चाटने लगी और केक खा गई.
उसने मेरी चूचियां चाट कर साफ़ कर दी।
अब वो मुझे लेकर वापस बेडरूम में आ गया।
हम दोनों मस्ती करने लगे।
उसने मुझे अपने लंड को चूसने का इशारा किया.
मैं गपागप गपागप चूसने लगी और वो चूत को सहलाने लगा।
जल्दी दोनों 69 में आकर एक-दूसरे के अंगों को चूसने लगे।
थोड़ी देर बाद समीर ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और उठाकर लंड पर बिठा दिया गप्प से अंदर चला गया.
ऊईई ईईई आहह करके मैं उछलने लगी; अब मुझे भी मजा आने लगा था।
मैंने उसकी गान्ड को तेजी से पटकना शुरू कर दिया और मैं समीर के फौलादी लंड को चोदने लगी वो मेरी चूचियों को चूसने लगा.
उसके बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और जोर जोर से धक्का लगाने लगा.
अब वो फिर से कुत्तों की तरह चोदने लगा और मैं बेबस कुतिया बनके उसके फौलादी लंड के धक्कों को झेलने लगी।
समीर के फौलादी लंड से चुदवाने में मज़ा आने लगा था।
जैसा मैंने सैक्सी मूवी में देखा था, आज समीर मुझे ठीक वैसा ही चोद रहा था। आज तक मेरी कभी ऐसी चुदाई नहीं हुई थी.
आज मैं अपने ही बिस्तर पर एक डिलीवरी बॉय से बाजारू औरत की तरह चुद रही थी।
और वो मुझे ऐसे चोद रहा था जैसे कोई आवारा कुत्ता किसी कुतिया को चोदता है।
उसने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया। उसने अपने लौड़े को चूत में झटके से घुसा दिया और रफ्तार से चोदने लगा.
वो चूचियों को मसलने लगा काटने लगा और मैं चिल्लाने लगी- ऊईई ईई ऊईई ईईई!
लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वो तो मेरी चूत का भरता बना रहा था।
मेरी चूत फूल कर लाल हो गई थी और उसका लंड अंदर बच्चादानी में टक्कर मार रहा था।
असल बात यह थी की मेरे पति का लंड समीर के लंड से आधा था जिससे मेरी चूत पूरी नहीं खुली थी।
समीर ने मेरी चूत को खोलकर फुला दिया था।
मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और समीर का मोटा मजबूत लंड गीला हो गया और फच्च फच्च की आवाज से अंदर-बाहर करने लगा।
चूत का पानी मेरी जांघों से बहने लगा।
समीर लंड को अंदर तक डाल कर चोद रहा था।
मैं बस आहहह आहहह कर रही थी।
समीर ने लंड बाहर निकाल लिया और मुझे अपने लंड पर बिठा दिया गप्प करके चूत में लन्ड चला गया.
अब मैं आहह आह हहह करके लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगी. अब दर्द नहीं बस मज़ा आ रहा था।
समीर का लंड लेकर आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैं आज अपनी शादी की सालगिरह पर एक अजनबी लंड से चुदवा रही थी।
लेकिन मुझे इसकी खुशी भी थी क्योंकि ऐसी चुदाई के लिए मैं कब से तड़प रही थी.
मेरा पति तो मुझे बीच में छोड़ कर सो जाता था और समीर मेरा अब तक 5 बार पानी निकाल चुका था।
समीर ने मुझे अपनी गोद में उठाया और कमरे से बाहर सोफे पर लिटा दिया और मेरी टांग उठा कर चोदने लगा और चूचियों को काटने लगा।
वो मेरे घर में मुझे ऐसे चोद रहा था जैसे मैं कोई रंडी हूं।
मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और समीर का गीला लंड फच्च फच्च करके और तेज़ तेज़ अंदर बाहर होने लगा।
अब उसके लन्ड के साथ पानी बाहर निकलने लगा था लेकिन समीर अब भी जमकर चोद रहा था।
उसका लंड अब और मोटा सा लग रहा था मेरी चूत फूल गई थी।
उसने नीचे तकिया लगाया और पैर फैला कर चोदने लगा अब दोनों पैर हवा में थे.
वो मुझे बड़ी बेरहमी से जोर जोर से चोद रहा था मुझे उसका ऐसे चोदना बहुत मजा दे रहा था।
मैं बस अपने पति की इस बात पर खुश थी कि उसने आज के दिन समीर से डिलीवरी भिजवाई।
समीर ने मुझे सामने टेबल पर लिटा दिया और खड़ा होकर चोदने लगा।
अब तक उसके लन्ड ने मुझे कई बार झड़ा दिया था और वो खुद फौलाद की तरह मेरी चूत की गहराई तक जाकर गर्मी निकाल रहा था।
अब मैं भी बेशर्म हो गई थी और एक अजनबी डिलीवरी बॉय से ऐसे चुदवा रही थी जैसे मैं सचमुच एक रंडी हूं।
वो मुझे उठाकर मेरे रुम में आ गया और पलंग पर लिटा दिया।
अब वो जैसे चाहे मुझे चोद रहा था। अब वो भूल गया था कि मैं राकेश शर्मा की बीबी अलका हूं।
उसने मेरे मुंह में अपना लन्ड घुसा दिया और चोदने लगा।
मैं भी उसके सामने मजबूर थी क्योंकि मैंने ही उससे बोला था कि मुझे चोदो।
उसने लंड निकाल कर मुझे लिटा दिया और ऊपर आ गया, मेरी चूचियों को चूसने लगा काटने लगा.
मैंने उसके लन्ड को अपनी चूत में लगा दिया, उसने धक्का लगाया और लंड अंदर चला गया।
वो फिर से तेज़ी से चोदने लगा और गपागप गपागप अंदर बाहर करने लगा।
उसने मेरी चूचियों की हालत पतली कर दी थी और नीचे मेरी चूत में खलबली मचा रखी थी।
अब मैं बिल्कुल निढाल होकर नीचे थी और वो अपनी मनमानी कर रहा था।
लेकिन मैं आज बहुत खुश थी क्योंकि ऐ मेरी शादी की सबसे यादगार सालगिरह थी।
मैं अपनी किसी सालगिरह पर इतनी जबरदस्त कभी नहीं चुदी थी।
शर्मा जी बस 10 मिनट चोदकर सो जाते थे और मैं चूत में उंगली डालकर अपना पानी निकालती थी।
समीर से मैंने पूछा- इतनी अच्छी चुदाई कहां से सीखा?
वो बोला- मेरी बड़ी बहन और अम्मी ने मुझे सिखाई है।
अब मेरी चूत ने फिर से एकबार पानी छोड़ दिया और मैं आह आहहह करके झड़ गई।
समीर ने बताया कि वो अपनी बहन को चोदता था, उसके पति ने उसे तलाक दे दिया था।
एक रात उसकी अम्मी ने देख लिया फिर अगले दिन उसने दोनों को बहुत डांट लगाई।
फिर एक रात बहन के बिस्तर पर अम्मी सो गई और अंधेरे में उसने अपनी अम्मी को चोद दिया.
अगले दिन उसकी बहन ने बताया कि वो रात में छत पर उसका इंतज़ार करती रही.
फिर समीर जान गया कि अम्मी को चोद दिया।
कुछ दिन के बाद वो रात में बहन और अम्मी को एक साथ चोदने लगा।
समीर ने मुझे फिर से घोड़ी बना दिया और अपनी रफ़्तार से चोदने लगा अब उसकी आवाज और रफ्तार तेज होने लगी थी।
ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरी चूत में कोई रेस कर रहा था।
अब मैं तो उसके सामने अपने हाथ खड़े कर चुकी थी।
समीर ने बताया कि गांव में उसकी अम्मी उसके लन्ड पर बादाम तेल से मालिश करती थी इसलिए उसका लंड मोटा मजबूत और लंबा हो गया है। उसकी बहन सुबह रोज लंड चूसती थी उसके बिस्तर पर आकर!
मैंने कहा- घर में किसी ने देखा नहीं?
तो उसने बताया कि उसके घर में उसकी अम्मी बहन और वो है; उसके अब्बा नहीं हैं।
अब उसने मुझे लिटा दिया और चोदने लगा. अब दोनों की सिसकारियां तेज़ हो गई थी और समीर चिल्लाने लगा।
उसके लन्ड ने गरम गरम लावा छोड़ दिया; मेरी चूत भर गई और वो लेट गया।
उसने बताया कि उसके अब्बा के बाद उसने अपनी अम्मी और बहन को संभाला।
बहन के तलाक के बाद वो उसे चोदने लगा; फिर अम्मी को भी चोदने लगा।
आज मैं भी बहुत खुश थी कि समीर की अम्मी बहन ने उसे कितना देसी Xxx सेक्स सिखा दिया, उसने मेरी चूत बुलाकर लाल कर दी.
फिर हम दोनों नंगे ही सो गए थे।
अगली सुबह जब जागे तो दोनों साथ में नहाये और एक बार मैंने बाथरूम में बाथटब में उससे जमकर चुदवाया.
उसके बाद जब भी समीर फ्री होता तो आ जाता और मुझे रातभर चोदता।
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