इंडियन रंडी हॉट कहानी में पढ़ें कि मैं काल गर्ल बनकर सेक्स के लिए रूम में गयी तो वहां दो दोस्त थे. दोनों ने मुझे कैसे एक साथ चोदा?
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कहानी के पिछले भाग
मेरा भाई भी मेरी चूत का शौकीन है
में आपने पढ़ा कि मैंने हर शनिवार कालगर्ल का काम करने का तय कर लिया था. इस बार मुझे एक आदमी ने बुलाया पर जब मैं रूम में पहुंची तो वहां दो आदमी थे.
उन्होंने कहा कि वे डबल पैसे देंगे और एक साथ चोदेंगे.
मैंने सोचा कि ये दोनों तो वैसे भी बुड्ढे हैं, जल्दी ही झड़ भी जायेंगे और अमीर भी बहुत हैं तो इनके साथ सेक्स करने से पैसा भी अच्छा मिल जायेगा.
अब आगे इंडियन रंडी हॉट कहानी:
तो थोड़ा सोचने के बाद मैंने उनको बोला- ठीक है.
मेरा इतना बोलना था कि सुनील ने मुझे गले से लगा लिया और हाथ पीछे ले जाकर मेरे चूतड़ सहलाने लगा.
दूसरे बुड्ढे का नाम नीरज था, उसने मुझे पीछे से गले लगा लिया और मेरा चेहरा पकड़कर चेहरे से बुरका हटा दिया और मुझे किस करना शुरू कर दिया.
तभी सुनील ने मुझे खुद से अलग किया और नीरज से बोला- साले तुझे बहुत जल्दी है इसे चोदने की?
इस बात पर मैं और नीरज दोनों हंस दिए.
फिर सुनील ने मेरा बुरका उतार दिया. अंदर मैंने एक शॉर्ट्स और हाफ स्लीव की टीशर्ट पहनी हुई थी. मुझे इस रूप में देखकर दोनों बुड्ढों की आह निकल गयी.
दोनों मुझ पर झपट्टा मारने आ ही रहे थे कि मैंने दोनों को रोक दिया और बोली- अब तुम दोनों चुपचाप वहां बैठ जाओ और मेरा कमाल देखो.
वो दोनों मेरी बात मानकर सोफे पर बैठ गए.
मैंने उनके सामने जाकर अपने मोबाइल में गाना चला दिया और धीरे धीरे डांस करना शुरू कर दिया.
मैं अपनी गांड मटका मटकाकर डांस कर रही थी.
मैंने देखा कि दोनों बुड्ढों के लंड धीरे धीरे खड़े हो रहे थे.
फिर मैंने मेरी टीशर्ट उतार कर उनकी तरफ फेंक दी.
अब मैं ब्रा और शॉर्ट्स में थी.
फिर मैंने धीरे धीरे अपनी शॉर्ट्स उतार कर भी फेंक दी.
अब मैं नीली ब्रा और पैंटी में थी.
उन दोनों के लंड उनकी पैन्ट से बाहर आने को बेताब दिख रहे थे. उनके पैन्ट में तम्बू बन चुका था.
मैंने मन में सोचा कि इन बुड्ढों का तो मुझे ब्रा पैंटी में देखकर ही खड़ा हो गया.
फिर मैंने सोचा कि हो सकता है इन्होंने गोली खायी हुई हो.
मैंने धीरे धीरे नाचना शुरू कर दिया.
मैं जितनी ज्यादा अपनी गांड मटकाकर डांस कर रही थी उन बुड्ढों का लंड उतना ज्यादा खड़ा हुआ जा रहा था.
तभी मैं सुनील के पास जाकर घुटनों के बल बैठ गयी और पैन्ट के ऊपर से उसका लंड सहलाने लगी.
मैंने एक हाथ से नीरज का लंड सहलाना शुरू कर दिया और एक हाथ से सुनील का लंड सहलाने लगी.
दोनों के लंड अब तक खड़े हो चुके थे तो सुनील ने हाथ आगे लाकर मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए.
मैंने उसे रोक दिया और कहा- राजा, अभी इतनी जल्दी क्या है. अभी तो पूरी रात पड़ी है.
तो सुनील ने अपने हाथ वापस खींच लिए.
फिर मैंने दोनों की पैन्ट उतार दी.
दोनों ने कच्छे पहने हुए थे.
फिर दोनों ने खुद ही अपनी टीशर्ट निकाल दी. अब वो दोनों बस कच्छों में थे.
और मैं अभी भी ब्रा और पैंटी में थी.
फिर मैंने दोनों को खड़ा किया और नीचे बैठकर दोनों के कच्छे एक साथ उतार दिए और दोनों को नंगा कर दिया.
मैंने देखा कि दोनों के लंड खड़े हुए थे.
उनके लंड का नाप लगभग 5 से 6 इंच के आस पास था.
मैंने मन में सोचा कि इन दोनों को तो मैं एक साथ आराम से संभाल लूंगी.
फिर मैंने दोनों के लंड अपने हाथ में लिए और उन्हें सहलाने लगी.
नीरज से सब्र नहीं हो रहा था तो उसने मुझे उठाया और बोला- माँ चुदाने गया सब्र!
उसने मुझे पकड़कर किस करना शुरू कर दिया. वो मेरे मुंह में जीभ डालकर किस किये जा रहा था.
उधर सुनील मेरे पीछे आ गया और आगे हाथ ले जाकर मेरे बूब्स ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा.
फिर उसने हाथ पीछे ले जाकर मेरी ब्रा उतार दी और फिर नीचे बैठकर मेरी पैंटी भी मेरे जिस्म से अलग कर दी.
अब कमरे में हम तीनों पूरी तरह से नंगे थे. वो दोनों बुड्ढे मुझे आगे पीछे दोनों तरफ से मसल रहे थे, मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था मगर नीरज मेरे बूब्स बहुत जोर जोर से दबा रहा था.
तो मुझे दर्द भी हो रहा था.
मगर मैं आज उनके लिए एक रंडी थी तो मैं मना भी नहीं कर सकती थी.
इसलिए मैं चुपचाप उस दर्द को सहती रही.
फिर सुनील ने नीचे बैठकर मेरी गांड में अपना मुंह लगा दिया और मेरी गांड चाटने लगा.
नीरज भी नीचे बैठकर मेरी चूत चाटने लगा.
अब मुझसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था, मेरे दोनों हाथ दोनों के सर पर चल रहे थे.
नीरज हाथ ऊपर करके मेरे बूब्स दबा रहा था.
उन दोनों ने मुझे एक साथ गोद में उठा लिया और मुझे बिस्तर तक ले गए.
नीरज ने तुरंत मेरे मुंह में लंड डाल दिया और मुझसे लंड चुसवाना शुरू कर दिया.
इधर सुनील ने मेरी चूत चाटनी शुरु कर दी.
थोड़ी देर तक नीरज मेरे मुंह में झटके देता रहा.
फिर उन दोनों ने अपनी पोजीशन बदल ली और और सुनील मेरा मुंह चोद रहा था और नीरज मेरी चूत चाट रहा था.
दोनों ने मुझे आधा घंटा लंड चुसवाया.
फिर नीरज ने मुझे सीधा लेटाकर एक झटके में मेरी चूत में लंड उतार दिया.
उसके लंड से मुझे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई मगर मैंने दिखाने के लिए जोर से ‘आअ ह्ह्ह आईईइ’ चीखी जिससे नीरज का जोश बढ़ गया और उसने मुझे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया.
सुनील ने फिर से अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और मेरा मुंह चोदना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर चोदने के बाद सुनील मेरी चूत पर आ गया और नीरज मुंह में आ गया और फिर से मेरी चुदाई शुरू कर दी.
इस बीच मैं झड़ने को हुई तो मैंने सुनील को कस कर मेरी बाँहों में जकड़ लिया और उससे जोर जोर से झटके मारने को कहने लगी.
सुनील ने भी पूरी जान से मेरी चूत में झटके दिए तो मेरा पानी निकल गया.
फिर थोड़ी देर बाद सुनील ने मुझे अपने ऊपर ले लिया और नीरज ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखकर सहलाना शुरू कर दिया.
मैं समझ गयी कि अब मेरी चूत और गांड एक साथ चुदने वाली हैं. मैं पहली बार चूत और गांड में एक साथ लंड लेने वाली थी तो मैंने सोचा कि चलो आज ये भी करके देखते हैं.
फिर नीरज ने धीरे धीरे मेरी गांड में लंड डालना शुरू कर दिया.
तो मेरी आह्ह जोर से निकली.
नीरज ने कहा- मेरी जान, तेरी गांड बहुत टाइट है.
तो मैंने कहा- हाँ, मैंने ज्यादा गांड नहीं मरवाई है.
यह सुनकर नीरज ने थोड़ा ज्यादा जोर लगाया तो मेरी गांड में उसका पूरा लंड चला गया.
फिर मैंने नीरज को थोड़ा रुकने को कहा.
थोड़ी देर बाद सुनील ने मेरी चूत में लंड डाल दिया.
अब मेरी चूत और गांड में लंड थे.
मुझे दर्द तो हो रहा था मगर कुछ नया करने की चाह में मैं सारा दर्द भूल गयी और चुदाई का मज़ा लेने लगी.
नीरज और सुनील मेरी चूत और गांड का अच्छे से भुरता बना रहे थे.
दोनों पूरे जोश के साथ मेरी चुदाई में लगे हुए थे.
लगभग 10 मिनट ऐसे मेरी चुदाई करने के बाद दोनों ने अपनी पोजीशन बदल ली.
नीरज बिस्तर पर लेट गया, उसने मुझे अपने ऊपर लेटा लिया और मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया.
फिर पीछे से सुनील ने मेरी गांड में लंड डालकर मेरी चुदाई शुरू कर दी.
लगभग 5 मिनट बाद सुनील के झटके और तेज हो गए. वह मेरी गांड में बहुत जोरों से झटके देने लगा जिससे मेरी चीख जोर से निकलनी शुरू हो गई.
फिर लगभग 30 सेकंड बाद ही सुनील ‘अआह्हह मेरी जान अआह्ह मैं आ रहा हूँ!’ करते हुए मेरे गांड के अंदर ही झड़ गया.
और वह मेरी गांड पर से हट गया.
फिर नीरज ने मेरी गांड पर अपने हाथ रख कर मेरी चूत में जोर जोर से झटके देने शुरू कर दिए.
उसने लगभग 5 मिनट तक मेरी चूत की जमकर चुदाई की और उसने भी अपना सारा पानी मेरी चूत में कंडोम के अंदर निकाल दिया.
अब मेरी गांड से सुनील का पानी निकल रहा था तो मैं तुरंत भाग कर बाथरूम में चली गई और अपनी गांड को साफ करने लगी.
मैं 5 मिनट तक बाथरूम में खुद साफ़ करती रही.
मैंने देखा कि सुनील और नीरज दोनों बाथरूम में आ गए थे.
वे दोनों भी मेरी तरह नंगे थे.
तभी नीरज ने अपना लंड हिलाना शुरु कर दिया.
मैं नीचे बैठ कर खुद को साफ कर रही थी.
तभी मैंने महसूस किया कि मेरे ऊपर कुछ कर रहा है. मैंने जैसे अपना मुंह पर किया मैंने देखा कि नीरज मेरे ऊपर मूत रहा था. जैसे ही मैंने अपना चेहरा ऊपर किया तो उसके मूत की धार मेरे चेहरे पर आ गई जिसको मैंने एकदम से हटा दिया.
लेकिन सुनील ने मेरा चेहरा पकड़कर नीरज की लंड के नीचे कर दिया.
नीरज ने मुझे अपने मूत के पानी से नहलाया शुरु कर दिया.
वह मेरे मुंह पर बहुत जोर जोर से मूत रहा था.
फिर मैंने उन दोनों से ऐसा ना करने के लिए कहा तो सुनील ने कहा- चुप कर साली, तू आज हमारी रंडी है. हम जैसे चाहेंगे वैसे तेरे साथ करेंगे.
मैंने सोचा कि अभी कुछ दिन पहले ही सलीम भी मेरे साथ यह सब करने के लिए कह रहा था तो क्यों ना इसका मजा लिया जाए!
फिर मैंने उनको कुछ नहीं कहा.
तो सुनील ने मेरा मुंह पकड़ कर खोल दिया जिससे नीरज का मूत मेरे मुंह में आने लगा.
मैं उसको पी नहीं रही थी बस सारा मुंह मेरे मुंह में आकर बाहर ही निकल रहा है.
उस दिन नीरज ने बहुत सारा पेशाब मेरे मुंह में डाल दिया.
सुनील मेरे मुंह को चाटते हुए मुझे किस करने लगा और उस मूत को अपने मुंह में लेकर चाटने लगा.
फिर नीरज ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और मेरे मुंह में झटके देने लगा.
थोड़ी देर बाद सुनील मेरे चेहरे के पास आया और अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया.
उसने अपना लंड बाहर नहीं निकाला और थोड़ी देर बाद मूतना शुरू कर दिया.
मैंने एक झटके में उसका लंड बाहर निकाला और लंड को पकड़ कर उसे अपने चेहरे पर कर लिया.
अब सुनील मेरे चेहरे पर टॉयलेट करने लगा.
मैं उन दोनों के मूत से पूरा नहा चुकी थी.
उन दोनों ने थोड़ी देर मुझे वहीं बाथरूम में खूब जमकर मसला. दोनों ने एक साथ मेरे मुंह में अपने लंड डाल दिए.
दोनों के लंड थोड़े से मोटे थे तो मुझे दोनों का लंड एक साथ मुंह में लेने में तकलीफ होने लगी.
लेकिन उन्हें मेरी किसी तकलीफ से कोई मतलब नहीं था, वे मेरे मुंह में ऐसे ही लंड डालकर झटके देने लगे.
फिर उन्होंने मुझे सीधा खड़ा किया.
नीरज मेरी चूत को चाटने लगा और मुझसे बोला- मेरी जान, मेरे ऊपर अपना मूत कर दे.
मुझे उस समय पेशाब भी लग रही थी तो मैंने यह सोचा कि अब मैं भी मजा लूंगी.
मैंने नीरज को बोला- मेरी जान अपना मुंह तो खोलो, मैं भी तुम्हारे मुंह में अपना टॉयलेट करना चाहती हूँ.
यह सुनते ही नीरज ने अपना मुंह खोल दिया.
फिर मैंने अपनी चूत नीरज के मुंह पर रख दी और मूतना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर तक मैं नीरज के मुंह में ही मूतती रही, फिर सुनील भी उसके साथ नीचे बैठ गया और उसने मेरी चूत अपने मुंह पर रखवा ली.
मैंने सुनील के मुंह में भी मूत दिया.
अब हम तीनों का प्रोग्राम खत्म हो चुका था.
हम तीनों ने एक साथ नहाना शुरू कर दिया.
सुनील और नीरज मेरा जिस्म रगड़ रगड़ पर मुझे नहला रहे थे.
मैं भी उनके लंड को रगड़ रगड़ कर उनके जिस्म को सहला सहला कर उन्हें नहला रही थी.
ऐसे नहाने में बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही नहाने के बाद हम तीनों नंगे की बाथरूम से बाहर आ गए और आकर बिस्तर पर लेट गए.
सुनील और नीरज मेरे दाएं और बाएं लेटे हुए थे, मैं दोनों के बीच में नंगी लेटी हुई थी.
मैंने अपने हाथ उन दोनों के लंड पर रखे हुए थे और उनके लंड को हिलाना शुरू कर दिया.
मैं लेटे-लेटे उनके लंड को हिला रही थी.
फिर नीरज ने मेरा मुंह अपनी तरफ करके मुझे किस करना शुरू कर दिया तो मैंने अपनी गांड सुनील की तरफ कर दी और हाथ पिछले जाकर उसके लंड को सहलाना जारी रखा.
नीरज ने मुझे छोड़ दिया.
अब हम तीनों लेट कर बातें करने लगे तो सुनील ने मुझसे पूछा- तुम जैसी खूबसूरत लड़की इस धंधे में कैसे आ गई?
तो मैंने अपना वही पुराना रंडी रोना बता दिया- मुझे पैसों की जरूरत थी. मुझे अपने परिवार को संभालना है. वगैरा वगैरा!
यह सब सुनकर वह लोग बोले- आज से तुम हमारी पर्सनल रंडी बन कर रहोगी. हम जब चाहेंगे तब तू हमारे से चुदने के लिए आएगी. बदले में हम तुझे बहुत सारा पैसा देंगे.
मैंने भी सोचा कि यह साले बुड्ढे अमीर हैं, अच्छा खासा पैसा वसूला जा सकता है.
तो मैंने खुश होकर सुनील को किस कर दिया.
मेरे किस से खुश होकर सुनील ने मुझे उठाकर अपने लंड पर रख दिया और जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया.
मैं भी बस आआआ आअ अआह करके उसका जोश बढ़ा रही थी.
सुनील के चोदने की स्पीड बढती जा रही थी.
नीरज हमें बस चुदाई करता हुआ देख रहा था और एक हाथ से अपना लंड सहला रहा था.
फिर मैंने उसकी तरफ देखकर आंख मारी और उसको अपने पास बुलाया तो नीरज हमारे पास आ गया.
मैंने उसका लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
अब मैं नीरज का लंड चूस रही थी और सुनील के ऊपर चढ़कर उससे चुदवा रही थी.
मुझे ऐसे चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था.
अब सुनील मुझे बिना कंडोम के ही चोद रहा था तो मुझे डर था कि कहीं मेरी चूत में ही ना झड़ जाए.
तो मैंने उससे कहा- तुम कंडोम लगा लो!
उसने कहा- मेरी जान, चिंता मत कर … हम दोनों ने अपना ऑपरेशन करा रखा है. तू हमारे लंड के पानी से मां नहीं बन सकती.
तब मुझे थोड़ा सा सुकून हुआ.
लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं चिंता थी कि कहीं कोई बीमारी ना लग जाए.
तो मैंने उनसे कहा- फिर भी तुम दोनों कंडोम लगाकर ही मेरी चुदाई करो.
पर सुनील ने मेरी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मेरा मुंह नीरज के लंड में दबा दिया और मुझे चोदना जारी रखा.
5 मिनट बाद ही सुनील बहुत जोर जोर से मेरी चूत चोदने लगा.
मैं समझ गई वह झड़ने वाला है तो उसने सारा पानी मेरी चूत में ही डाल दिया.
मैंने जल्दी से अपने आप को उसके लंड से छुड़ाया और बाथरूम में भाग गई क्योंकि मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी.
मैंने जोर लगाकर सुनील का पानी अपनी चूत से निकाल दिया जिससे मेरे पेशाब की भी दो तीन बूंद निकल गयी.
थोड़ी देर बाद मैं अपने आप को साफ करके वापस आ गयी तो नीरज अपना लंड सहला रहा था.
मुझे देखते ही उसने मुझे आंख मारी और मुझे उठा कर बेड पर लिटा दिया. वो मेरे ऊपर आकर लंड मेरी चूत में डाल कर जोर जोर से धक्के देने लगा.
क्योंकि मेरी चूत अभी भी गीली थी तो उसका लंड आसानी से जा रहा था.
वो मेरे बूब्स दबा दबा कर मुझे जोर-जोर से चोद रहा था.
फिर जैसे ही वो झड़ने को हुआ तो उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और लंड को मेरे मुंह में डाल दिया और जोर जोर से धक्के देने लगा.
थोड़ी देर बाद ही उसने अपने लंड का सारा पानी मेरे मुंह में डाल दिया जिसे मैंने पी लिया.
फिर नीरज ने मुझे उठाकर मुझे किस करना शुरू कर दिया और अपने लंड के पानी को चाटकर पी रहा था.
मैंने उन दोनों जैसे हरामी लोग आज तक नहीं देखे थे जो अपने ही लंड का पानी पी रहे थे.
फिर हम तीनों लेट गए.
मैंने देखा कि सुनील सो चुका था.
थोड़ी देर बाद नीरज भी सो गया.
मुझे लेकिन नींद नहीं आ रही थी तो मैं उठकर नंगी की टहलने लगी.
उस वक़्त रात के 2:00 बज रहे थे … मैं ऐसे ही नंगी बालकनी में खड़ी थी.
थोड़ी देर ऐसे ही नंगी घूमती रही ठंडी ठंडी हवाएं मेरी चूत और चूची को सिकोड़ रही थी.
ऐसे नंगी घूमने से मुझे लग रहा था कि मैं भरे बाजार में नंगी घूम रही हूं और पूरी दुनिया मुझे देख रही है.
मुझे लगा कि शायद मुझे कोई देख रहा है तो मैं चुपचाप अंदर आ गई.
मैंने देखा कि बिस्तर पर सुनील और नीरज नंगे पड़े हुए सो रहे थे.
मैं भी उनके बीच में जाकर सो गई.
सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वे दोनों अभी भी सोए हुए थे.
मैंने उन दोनों को जगाया तो जगते ही नीरज ने मुझे पकड़ कर किस करना शुरू कर दिया.
फिर उन्होंने मेरे साथ चुदाई का जोरदार कार्यक्रम शुरू कर दिया जिसमें मेरी चूत और गांड की चुदाई की.
तब मैंने उनसे कहा- मुझे जाना होगा!
मेरा इतना कहना ही था कि सुनील ने अपनी जेब से ₹50000 की गड्डी निकाल कर मुझे दी और कहा- ये ले मेरी जान, तेरा आज का इनाम. तूने हमें जो मजा दिया है वह आज तक किसी ने नहीं दिया यह मेरी तरफ से!
फिर नीरज ने भी मुझे ₹50000 दिए.
उनसे ₹100000 लेकर मैं बहुत खुश हो चुकी थी क्योंकि मुझे आज तो कितने रुपए कभी नहीं मिले थे.
मैंने उन दोनों को खुशी से गले लगा लिया और उनको किस किया.
तो सुनील ने कहा- अब हमें जब भी किसी लड़की की जरूरत होगी तो हम तुझे ही बुलाएँगे.
मैंने उनको आंख मार कर स्माइल करते हुए इशारा किया.
फिर मैंने अपने कपड़े पहने और मैं वहां से चली आई.
आपको मेरी इंडियन रंडी हॉट कहानी में मजा तो जरूर आ रहा होगा ना?
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इंडियन रंडी हॉट कहानी का अगला भाग: चुदाई की लत ने रंडी बना दिया- 5