क्लासमेट का जिस्म पाने की लालसा- 2

क्लासमेट का जिस्म पाने की लालसा- 2

Xxx स्टूडेंट लाइफ सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी सेक्सी क्लासमेट से दोस्ती करके उसे चुदाई के लिए पटाया. फिर मैंने उसकी चूत और गांड कैसे मारी?

हैलो फ्रेंड्स, मैं बादशाह एक बार फिर से आपके सामने अपनी मस्त छमिया कीर्ति की चुत चुदाई की कहानी लिख रहा था.
कहानी के पहले भाग
क्लासमेट की चूत लेने के लिए उसकी मदद की
में अब तक आपने पढ़ा था कि कीर्ति वाशरूम में गई तो मैंने उसके पैग में कामोत्तेजक दवा मिला दी.

अब आगे :

कीर्ति वाशरूम से बाहर आकर मेरे पास बैठ गयी.
वो मेरी तरफ उदास नजरों से देखने लगी तो मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरा और उससे कहा- अब तुम उसे भूल जाओ ओर पैग पियो.

हम दोनों ने चियर्स किया और पैग होंठों से लगा लिए.

एक एक पैग और खत्म करने के बाद मैंने फिर से सिगरेट सुलगा ली और उसने भी मेरी डिब्बी से एक अलग सिगरेट निकाल कर जला ली.

हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखते हुए बात करने लगे.
उसी बीच मैंने फिर से कीर्ति का गिलास भर दिया और अपना पैग भी बना लिया.

कीर्ति की आंखों में शराब की सुर्खी दिखने लगी थी.

मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और उसे सहलाने लगा.
शायद उसे भी इसकी ज़रूरत थी तो उसने भी कोई विरोध नहीं किया.

धीरे धीरे मैं अपने हाथ को ऊपर की तरफ बढ़ाने लगा.
उसकी तरफ से कोई विरोध ना देखकर मैंने अपना हाथ उसके शोल्डर से हटाया और उसकी जांघ पर रख दिया.

मेरा हाथ उसकी जांघ पर टच होते ही उसने मेरी तरफ देखा.
शायद उसकी आंखें मुझसे कह रही थीं कि यह क्या कर रहे हो.
पर उसके होंठ और दिल की धड़कनें चीख चीख कर कह रही थीं कि हां मुझे यह चाहिए.

मैंने उसकी आंखों में आंखें डालीं और अपना हाथ उसकी टांगों के जोड़ की तरफ सरका दिया.

अगले ही पल मैंने सीधा उसकी चुत को रगड़ दिया और उसी के साथ बिना एक भी सेकेंड आगे पीछे किए, मैंने उसके होंठों से अपने होंठ मिला दिए.

उसने मेरी आंखों में देखा और धीरे धीरे अपने सॉफ्ट रसीले होंठ मेरे होंठों के हवाले कर दिए.

आप लोगों को क्या बताऊं दोस्तो, उसकी तेज़ चलती सांसें जब मेरे चेहरे पर मुझे महसूस हुईं, तो मेरे दिल की तो जैसे धड़कने ही बढ़ गईं.
मैं संज्ञा शून्य हो गया था और ये पता ही नहीं चल रहा था कि समय अचानक से तेज चलने लगा था या धीरे.

उसने हल्के से अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और धीरे धीरे चूमने लगी.

मेरा लंड तो पहले ही खड़ा हुआ था, वो भी इस मोमेंट में खोने लगी.
हम दोनों अपने हाथों से एक दूसरे के शरीर को नापने लगे, हमारे हाथ एक दूसरे के शरीर के कोने कोने को टटोलने लगे.

मेरा हाथ उसकी चूचियों पर, गर्दन पर, कमर पर, पेट पर, जांघ पर, चुत पर … हर जगह घूमने लगा.
उसका हाथ भी मेरे सर के पीछे, लंड पर हर जगह घूमने लगा.

ऐसे ही आधा घंटा तक हमारा फोरप्ले चलता रहा. अब हम दोनों से और कंट्रोल नहीं हो रहा था और उसपर गोली भी अब असर करने लगी थी.

मैं उसके साथ फोरप्ले करते करते धीरे धीरे उसके कपड़े भी उतारने लगा.

वो भी मेरी टी-शर्ट और बाकी कपड़े उतारने लगी.

अब हम दोनों सिर्फ़ अपने इनर्स में थे.
उसने एक मिडल क्लास लड़की की तरह ब्रा पैंटी डाली हुई थी ठीक वैसे ही, जैसे आपने किसी हिन्दी होममेड पॉर्न में देखा होगा.

उसने काले रंग की सिंपल ब्रा और आसमानी रंग की पैंटी पहन रखी थी.
उसमें उसका गोरा बदन एकदम शीशे की तरह चमक रहा था और उसकी पतली कमर पर उसकी गहरी नाभि तो उसकी खूबसूरती पर चार चाँद लगा रही थी.

उसने जब मेरे अंडरवियर में बना टेंट देखा तो उसकी आंखें फ़ैल कर बड़ी हो गईं.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- तेरा वो तो बहुत बड़ा है.
मैंने पूछा कि ‘वो …’ क्या?
वो बोली- वो.

मैंने फिर से बोला कि ‘वो …’ क्या? पूरा बोलो न.
वो बोली कि- तुम्हारा लंड.

मैंने बोला- तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड का कितना बड़ा है?
वो बोली- उसका तो तेरे से भी आधा है … और वो जब करता है, तो मुझे कुछ फील भी नहीं होता. पर मैं सिर्फ़ एक्टिंग करती हूँ कि मुझे मज़ा आ रहा है.

मैंने उससे पूछा- तुम इसे छूना चाहोगी?
उसने स्माइल दी और हां में सिर हिलाया.

मैंने उससे कहा- चलो फिर यह तुम्हारा है … जो करना है कर लो.
वो खुश होकर अपने घुटनों पर बैठ गयी और अपने हाथों से उसने मेरे लंड को छुआ.

जैसे ही उसने मेरे लंड को छुआ, मेरे पूरे शरीर में एक करंट की लहर सी दौड़ गयी.
उसने मेरे लंड को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.

दो मिनट के बाद मेरे लंड में दर्द होने लगा क्योंकि मेरे लंड का टोपा सूखा हुआ था.

कीर्ति ने मेरे चेहरे के एक्सप्रेशन्स देखे और वो समझ गयी.
उसने बिना देर करते हुए मेरे लंड को मुँह में ले लिया. उसने धीरे धीरे चूसना शुरू कर दिया और मैं खोता चला गया.

कुछ मिनट बाद में झड़ने के करीब था. मैंने उसे रोक दिया क्योंकि मुझे मुँह से चुसवा कर नहीं झड़ना था.

मैंने उसे ऊपर लिया और उसे लम्बा चुबंन करना शुरू कर दिया.
हम दोनों की जीभें आपस में लड़ने लगीं. हम दोनों को ही इसमें मजा आने लगा और हमारी उत्तेजना ने चुत लंड की जगह सांसों की रफ्तार को बढ़ाना शुरू कर दिया था.

अब मैंने उसे बेड पर मिशनरी पोज़िशन में लिटा दिया. उसके बाद अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा.

वो और भी ज्यादा गर्म हो गयी और तड़फ कर कहने लगी- प्लीज़ यार … और मत तड़पा प्लीज़ अन्दर डाल दे.

अब मुझे भी अपने को कुछ उत्तेजित करना था.
मुझे सेक्स के टाइम पर गालियां देना अच्छा लगता है.

सो मैंने उससे कहा- नहीं ऐसे नहीं …. इसके लिए मुझसे भीख मांग.
उसने कहा- मैं तेरी रंडी हूँ … प्लीज़ अपनी रंडी की चुत को अपने लंड से तृप्त कर दे, मैं भीख मांगती हूँ.

मैं उसे अभी और तड़पाना चाहता था तो मैंने लंड को हटा दिया और घुटने पर बैठ कर उसकी चुत पर अपनी जीभ को रख दिया.
उसकी तो जैसे जान ही निकल गयी थी.
उसके मुँह से एक लंबी आह निकल गयी.

वो बोली- अहहह … हहा हह मेरी जान तेरी जीभ तो मस्त मज़े दे रही है … चाट साले और ज़ोर से चाट … आज मेरी चुत का सारा पानी पी ले और मेरी चुत पर अपना नाम लिख दे.

मैं कुछ मिनट चाटता रहा और इसके बाद वो झड़ गयी.
उसकी चुत से एक फव्वारा सा निकला और सीधा मेरे मुँह पर आ गिरा.

अब मैंने उसकी चुत में लंड लगाया और घिसना शुरू कर दिया.
वो गांड उठाने लगी थी और चुदने को मचलने लगी थी.

मैंने उसकी चुत की फांकों में अपना लंड सैट किया और एक ज़ोर का धक्का दे मारा.
पर काफी दिन से चुदी न होने के कारण या छोटे लंड से चुदी होने के कारण उसकी चुत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड अन्दर ही नहीं गया.

मैंने फिर से ट्राई किया.
इस बार में टोपा अन्दर चला गया और उसकी एक कड़क सी चीख निकल गयी- अहहह … हहहह दर्द हो रहा है प्लीज़ बाहर निकाल!

मैंने सोचा अगर एक बार निकाल लिया तो यह दुबारा डालने नहीं देगी.
तो मैंने उससे इग्नोर किया और उसे किस करने लगा.

जैसे ही वो थोड़ी शांत हुई, मैंने हल्का सा प्रेशर डाला और लंड आधा अन्दर चला गया.
उसे फिर से दर्द होना शुरू हो गया और वो तड़फने लगी.

जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैंने अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और ज़ोर का झटका दे मारा.
मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया और वो बिन पानी की मछली के जैसे तड़फने लगी.

मैं उसके दर्द को देख कर और गर्म हो रहा था.
जैसे ही वो थोड़ी शांत हुई, मैंने हल्के हल्के से लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
उसे पहले दर्द हो रहा था लेकिन मैंने रुकना सही नहीं समझा और धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना जारी रखा.

कुछ देर बाद उसे भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा और वो मादक सिसकारियां लेने लगी.

वो चुदती हुई बोली- अहहह … हहह कितना मस्त लंड है तेरा … और कितना मज़ा दे रहा है … क्या इसे मैं रोज़ ले सकती हूँ.
मैंने कहा- क्यों नहीं मेरी जान … रोज़ ले लियो … तेरा ही तो है.

मुझे उसे जीवन का बेस्ट मज़ा देना था सो मैं उससे चोदता गया.
उससे मज़े लेता भी गया और देता भी गया क्योंकि मैंने किसी से सुना था कि अगर महिला को चुदाई में मज़ा आ रहा है, तो आपको मज़ा आने की 100% गारंटी है.

मैं इसी बात के दम पर सेक्स करता गया और उसी के साथ साथ उसकी सिसकारियां भी तेज़ होती गईं.

दोस्तो, अगर सच बताऊं तो मैंने कई लड़कियों के साथ सेक्स किया है, पर आज का मज़ा अलग ही था.

मैं जैसे जैसे उससे चोदता गया, वैसे वैसे वो सेक्स में खोने लगी और अपनी आवाज़ को तेज़ करती गयी.

मैं ऐसे ही मिशनरी पोज़िशन में उसे आधा घंटा तक चोदता रहा.
फिर उस पोज़िशन में मेरा मजा कम होता जा रहा था तो मैंने उसे खड़े होने को कहा और वो मान गई.

उसके एक हाथ को दीवार के सहारे रखा और उसकी एक टांग को उठा कर कंधे पर रखा.
फिर इसी पोज़िशन में मैंने उसे 25 मिनट तक चोदा.

उससे बाद मुझे ऐसा लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसे घुटनों के बल बिठाया और उसके मुँह के ऊपर अपना सारा माल निकाल दिया.

उसका पूरा मुँह मेरे माल से भर गया. उसके बाद वो मुँह धोने वॉशरूम में गयी.

बस दोस्तो, ऐसे वो रात मेरे जीवन की सबसे हसीन रात बन गयी.

उस रात मैंने कीर्ति की दो बार चुत मारी और दो बार गांड भी मारी.

मुझे उस रात पता चला कि उसने गांड कभी नहीं मरवाई थी और उसकी कुंवारी गांड की ओपनिंग मैंने ही की थी.

उस रात 4 बार उसे चोद कर मैं ऐसा बेहोश सोया, जैसे मेरे शरीर से जान निकल गयी हो.

सुबह जब मैं उठा तो देखा कि कीर्ति मेरी बगल में नंगी सोई हुई है.
मैं उठा और फ्रेश होकर नहा कर ब्रेकफास्ट बनाने आ गया.

फिर कीर्ति को उठाया और उसने ऐसे ही बिना कपड़ों के ब्रेकफास्ट किया.
उसने मुझे बताया कि वो इस सेक्स से बहुत खुश है.

मैंने उससे गर्लफ्रेंड बनने के लिए बोला भी!
पर उसने कहा- नहीं, गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड नहीं, हम फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स बन जाते हैं.
मैं उसकी बात से राजी था.

उसके बाद से हम दोनों ने कई बार चुदाई की न्यूड वीडियो कॉल की, सेक्स चैट की और दो साल तक खूब मज़े लिए.

उसके बाद उसके पापा का ट्रान्स्फर हो गया और वो यहां से चली गयी.
पर आज भी जब मैं उसके पास जाता हूँ या वो यहां आती है, तो हम दोनों जी भरके चुदाई करते हैं.

दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स कहानी. आपको यह स्टोरी पसंद आई होगी.
प्लीज़ अपना फीडबॅक ज़रूर दें.
आपका बादशाह
[email protected]

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