कॉलबॉय बनने से पहले मेरा टैस्ट

कॉलबॉय बनने से पहले मेरा टैस्ट

मेरा पहला Xxx सेक्स फॉर फ्री था. मेरे मां-बाप नहीं थे। मेरी जरूरतें बढ़ने लगीं तो एक दोस्त ने मुझे कॉलबॉय बनाने ले गया। वहां मैडम ने मेरा टैस्ट लिया.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमन है। मैं फ़िलहाल इन्दौर शहर में रहता हूँ।

मैं जो कहानी बताने जा रहा हूं वह काफी लम्बी हो सकती है क्योंकि मेरे साथ कई तरह की घटनाएं हुई हैं। इसलिए आप कहानी को विस्तार से पढ़ें।

अब तक मैं बहुत सारी महिलाओं के साथ Xxx सेक्स फॉर फ्री कर चुका हूं। इनमें हाऊसवाईफ, विधवा औरतें, तलाकशुदा, कॉलेज की लड़कियां आदि शामिल हैं। मैंने कई महिलाओं को गर्भवती भी किया है।

दोस्तो, मेरे माता-पिता नहीं हैं तो मेरा बचपन एक अनाथ आश्रम में ही बीता है। मैं पुणे के एक आश्रम में पला-बढ़ा हूं।

वह आश्रम एक संस्था चलाती थी जिसमें अनाथ बच्चों का पालन पोषण करना, गरीबों की मदद करना, बुजुर्गों की मदद करना आदि सेवाएं चलती थीं।

आश्रम के मुखिया को हम मास्टर जी कहते थे। वे सभी बच्चों से बहुत प्यार करते थे।

जैसे-जैसे समय बीता और हम बच्चे बड़े होने लगे तो मेरी उम्र के कुछ बच्चों को तो कुछ लोगों ने गोद ले लिया और कुछ खुद ही आश्रम छोड़ कर चले गए।

मेरी हम-उम्र का कोई और वहां नहीं था अब!
मगर मैं आश्रम छोड़कर नहीं जाना चाहता था।

जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ रही थी वैसे-वैसे मुझे अपने लिए कुछ चीज़ों की जरूरत भी महसूस होने लगी इसलिए मैं आश्रम के छोटे-मोटे काम करने लगा।

इन कामों के लिए मुझे मास्टरजी पॉकेटमनी दे देते थे जिससे मेरा गुजारा हो जाता था।

मैंने आश्रम के आसपास रहने वाले कुछ हमउम्र लड़कों से और लोगों से पहचान बना ली थी।
मैं आसपास के दोस्तों के साथ में घूमने-फिरने जाया करता था।

वे मुझे ब्लू फिल्में भी दिखाने ले जाते थे और हम लोग मोबाइल में भी चुदाई की देसी-विदेशी वीडियो देखा करते थे।
मैंने भी अपनी जमा की हुई पॉकेट मनी से छोटा सा स्मार्टफोन खरीद लिया जिसमें मैं सेक्स की वीडियो देखा करता था।

हालांकि मेरे मन में किसी महिला को चोदने का विचार अभी तक तो नहीं आया था लेकिन अब समय बीत रहा था और मेरी जरूरतें भी बढ़ रही थीं।
लेकिन मैं मास्टर जी से ज्यादा पैसे नहीं मांग सकता था।

इसलिए मैंने अपने दोस्तों और जान पहचान के लोगों से अपनी जॉब के लिए बात कर रखी थी।
आश्रम में रहकर मैंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई कर ली थी।

फिर कुछ समय ऐसे ही और बीत गया।

एक सुबह मैं आश्रम के सामने वाले बगीचे में बैठा हुआ था।

27-28 साल का लड़का मेरे पास आकर बैठा और मुझसे बात करने लगा।
वो बोला- मैंने सुना है कि तुम्हें काम की जरूरत है?
मैंने कहा- हां। मुझे जरूरत तो है।

उसने कहा- मेरे पास तुम्हारे लायक एक काम है।
मैंने पूछा- कैसा काम?
वो बोला- मैं तुम्हें यहां नहीं बता सकता हूं। उसके लिए तुम्हें मेरे साथ चलना होगा।

मैंने कहा- कहां चलना होगा?
वो बोला- मुंबई।
ये सुनकर मैं थोड़ा सोच में पड़ गया।

फिर मैं बोला- मैं अपने मास्टरजी की इजाज़त लिए बिना नहीं जा सकता हूं।
वो बोला- तो ठीक है, अपने मास्टरजी की इजाज़त लेकर आ जाओ।

राजेश के कहने पर मैं मास्टरजी से इजाजत लेकर आ गया।
उसके बाद हम दोनों मुंबई के लिए निकल गए।

पहले हम पुणे रेलवे स्टेशन पहुंचे। उस वक्त सुबह के 9.30 बजे का टाइम हो रहा था।

राजेश जिस ट्रेन में चढ़ा, मैं भी उसके पीछे चढ़ गया और फिर ट्रेन चल पड़ी।

सफर के दौरान मैंने राजेश से काम के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि कॉलबॉय का काम करना है। यह कुछ मुझे समझ में नहीं आया।

मैंने उससे पूछा- यह कैसा काम है?
उसने मुझे समझाया- जैसे कॉलगर्ल रंडियां होती हैं, जो पैसे लेकर मर्दों से सेक्स करती हैं, वैसे ही कॉल बॉय होते हैं, जो पैसे लेकर औरतों के साथ सेक्स करते हैं।

मैं थोड़ा हैरान हुआ और कहा- ऐसा भी होता है क्या?
उसने हां में जवाब दिया।

मैंने उससे पूछा- क्या तुम भी कॉल बॉय हो?
उसने कहा- हां।

फिर उसने कहा- मैं यह काम छोड़ रहा हूं क्योंकि मेरी शादी होने वाली है. लेकिन मुझे काम छोड़ने से पहले अपनी जगह दूसरे लड़के को कॉलबॉय के लिए रखना होगा जो ऐजेंसी का नियम है, इसलिए मैं तुम्हें ले जा रहा हूं।

राजेश ने बताया कि एजेंसी की मालकिन एक लेडी है जिसका नाम सुनीता है। उसके नीचे बहुत से कॉल बॉय और कॉलगर्ल काम करते हैं।

हमारी ऐसे ही बातचीत होती रही।

हम लोग लगभग 3 घंटे के सफर के बाद मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर पहुंच गए।
स्टेशन से बाहर आकर हम एक टैक्सी के पास पहुँचे।
राजेश उस ड्राइवर को जानता था।

हम टैक्सी में बैठे और कुछ देर में मुम्बई के एक इलाके में पहुंचे जो बहुत बड़ा वेश्यावृत्ति Xxx सेक्स का बाजार था।

मेन रोड पर उतरने के बाद राजेश आगे चलने लगा और मुझे उसके पीछे आने के लिए कहा।

हम लोग उस इलाके की गलियों से होते हुए जाने लगे।
मेरी नजरों के सामने का नजारा हैरान कर देने वाला था।

वहां पर हर उम्र की जवान लड़कियां और महिलाएं सज-धजकर वहां के घरों की बालकनी में खड़ी थीं।
वो सभी इशारे कर करके मर्दों को बुला रही थीं।

कुछ औरतें तो केवल ब्लाउज और पेटीकोट में ही थीं। उनके ब्लाउज में से उनके उभरे हुए स्तन दिख रहे थे।

फिर चलते हुए हम एक बिल्डिंग में पहुंचे।
अंदर वहां पर एक गैलरी बनी हुई थी।

ऊपर दो मंजिल थीं और दोनों में बहुत सारे कमरे बने हुए थे।
वहां पर कई कमरों के दरवाजे पर रंडियां खड़ी थीं।

चलते हुए किसी ने राजेश से पूछा- नया कस्टमर लाए हो क्या?
वो बोला- नहीं, नया वर्कर है। सुनीता मैडम से मिलवाने लाया हूं।

फिर वो एक रूम के बाहर पहुंचा जहां ऑफिस जैसा कुछ बना हुआ था।
उसने मुझे वहीं रुकने के लिए कहा और बोला- दस मिनट में आता हूं।

वो अंदर चला गया।

कुछ देर बाद वो आया और बोला- चलो, मैडम ने अंदर बुलाया है।

मैं अंदर गया तो अंदर एक आलीशान ऑफिस बना था।
सामने कुर्सी पर एक 45 वर्ष के करीब की महिला बैठी हुई थी।

वो लेडी दिखने में बहुत सुंदर थी। उसने पीली साड़ी पहनी हुई थी।

उसने मुझे साइड वाले सोफे पर बैठने को कहा।

वो दोनों बातें करने लगे।
राजेश- मैडम, यही है वह लड़का, जिसे मैं अपनी जगह लेकर आया हूँ।
मैडम- ठीक है, इसे ठीक से कुछ करना आता भी है क्या? कहीं बाद में पता चले कि कमजोर निकला। मुझे अपनी एजेंसी के लिए एकदम सही बंदा चाहिए।

राजेश- नहीं मैडम, अच्छा लड़का है, अच्छे से काम करेगा।
फिर मैडम ने मुझसे पूछा- किसी लड़की को चोदा है कभी?
मैंने कहा- नहीं मैडम, कभी लड़की की चुदाई नहीं की है लेकिन पता है कि लड़की की चुदाई कैसे करते हैं। मैंने सेक्स वीडियो में देखा है।

दोस्तो, पहली बार कोई लेडी मेरे से सेक्स की बातें कर रही थी तो मैं थोड़ा उत्तेजित हो रहा था।
फिर मैडम बोलीं- तुम्हारे लंड का साइज क्या है?

मैं बोला- मुझे नहीं पता मैडम, कभी मैंने नापने की कोशिश नहीं की।
राजेश- मैडम, आप इसका टेस्ट ले लीजिए, पता चल जाएगा कि ये कैसे क्या कर सकता है।
मैडम- हां, ठीक है।

फिर मैडम ने बाहर खड़े एक आदमी से कहा- जाओ, कल्पना को बुलाकर लाओ। कहना कि मैडम ने अर्जेंट बुलाया है।

कुछ देर में एक लगभग 27-28 साल की लड़की अंदर आई।
वही कल्पना थी।

मैडम ने मेरी तरफ इशारा करके कल्पना से कहा- राजेश एक नया लड़का लेकर आया है, इसे लेकर जा और अच्छे से इसका टेस्ट लेकर देखो कि कैसा है, कितनी देर तक करता है, और कितना फिट है।

कल्पना मेरी तरफ देखने लगी और मैडम से बोली- मैडम किसी और से करवा लो। मेरा पास अभी समय नहीं है। कोई दूसरा आदमी आने वाला है।

मैडम- पहले तुम इस लड़के का टेस्ट लो। उस दूसरे आदमी के लिए मैं किसी और को भेज दूंगी। पहले ये काम जरूरी है।
कल्पना ने मरे मन से हां कर दी।

कल्पना उस एजेंसी की और मैडम की मैनेजर थी इसलिए मैडम ने उसको टेस्ट लेने के लिए बोला था।
फिर वो मुझे अपने साथ ले गयी।

एक कमरे में जाकर उसने मुझे अंदर आने को कहा और फिर दरवाजे की अंदर से कुंडी लगाकर बेड पर बैठ गई।
फिर उसने मुझे भी अपने पास बेड पर बैठने को कहा।

हम दोनों बातें करने लगे।

पांच-सात मिनट उसने मुझसे नॉर्मल बात की और हम दोनों थोड़े सहज हो गए।
फिर उसने पूछा- सेक्स किया है कभी किसी के साथ?
मैंने कहा- सेक्स तो नहीं किया है, लेकिन वीडियो वगैरह देखा है।

कल्पना बोली- तो जो देखा है उसी तरह से शुरू हो जाओ।
अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि शुरू कैसे करूं?
मैंने फिर कुछ सोचकर कहा- अगर मैडम ने तुम्हें टेस्ट लेने को बोला है तो तुम ही शुरू करो।

फिर वो मेरी ओर देखने लगी।
आपको बता दूं कि कल्पना एक 5 फीट की हाइट वाली लड़की थी। बदन उसका भरा हुआ था। रंग हल्का सांवला था और फिगर 36-30-34 का था।

उसको देखकर मुझे अब उत्तेजना हो रही थी।

उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और फिर आंखों में आंखें डालकर देखने लगी।
मैंने उसकी कमर में हाथ डाला और उसको अपने पास खींच लिया। अब हम दोनों बेड पर लेटे हुए एक दूसरे से लिपटने लगे।
मैं एक हाथ से उसकी कमर को मसल रहा था तो दूसरे हाथ से पीठ सहला रहा था।

वो बोली- अच्छा कर रहे हो, अब तुम्हें ही करना है आगे जो भी करना है, दिखाओ मुझे कि कितना अच्छा कर सकते हो, मेरे बदन को कितनी अच्छी तरह से निचोड़ सकते हो।

इतना सुनते ही मेरे जोश अंदर आ गया मैंने कल्पना को धक्का देकर पलंग पर चित लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया।
मैंने उसका ब्लाउज खोला तो देखा कि उसने अंदर काले रंग की ब्रा पहनी थी।

ब्रा के ऊपर से ही मैं उसके स्तनों को दबाने लगा।
एक तरफ मैं उसके चूचों को चूम और मसल रहा था तो दूसरी तरफ उसने नीचे से मेरी जींस की बेल्ट खोल कर मेरी जीन्स नीचे कर दी और मेरे अंडरवियर में अपना हाथ डालकर मेरे लण्ड को पकड़कर सहलाने और मसलने लगी।

पहली बार किसी महिला ने मेरे लण्ड को छुआ था।
मुझे अपने अंदर कंपन महसूस होने लगा और मेरा जोश और बढ़ गया, मैं और जोर से उसे चूमने लगा।

उसके स्तनों को दबाते और चूमते हुए मैंने कल्पना की ब्रा को ऊपर चढ़ा दिया जिससे उसके दोनों स्तन नंगे हो गए।
क्या खूब चूचे थे उसके!

इतने समय तक बहुत से र्मदों के हाथ और मुँह लगकर उसके स्तन पूरे उभर चुके थे।

कल्पना के 36 के साईज़ के गोल-मटोल चूचों पर गहरे भूरे रंग के निप्पल थे।
मैं उसके स्तनों को निहारने लगा।

फिर उनको मुंह में भरकर चूसने लगा।
उसके मुंह से उत्तेजनावश कामुक मस्त सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … उम्म … स्स्स … अह्ह … आआआह।

फिर उसने मुझे उठने को बोला तो मैं उठकर घुटनों के बल हो गया।
वो भी उठी और उसने मेरे अंडरवियर को नीचे कर दिया।

मेरे 6 इंच लम्बे और 3 इंच मोटे लंड को देखकर वो बोली- वाह्ह … बहुत खूब … तुम इस काम के बहुत लायक हो।

देखते ही देखते कल्पना ने मेरा लण्ड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
मुझे अपने शरीर में करंट सा महसूस हुआ और मैंने कल्पना के सिर और बालों को कसकर पकड़ लिया।

अब मैं गहरी सांसें लेते हुए उसको लंड चुसवाने लगा और मेरे मुंह से आह्ह … हाह्ह … ओह्ह … आह्ह … जैसी उत्तेजना से भरी आवाजें निकल रही थीं।

वह जोर जोर से मेरे लण्ड को चूसने लगी और मैं भी अपने लण्ड को उसके मुंह में घुसाकर चुसवाने लगा।

करीब 5 मिनट बाद मैंने कल्पना को धक्का देकर लिटा दिया और उसके बदन को चूमते हुए नीचे की तरफ गया।

उसके पैरों को चूमते हुए घाघरे के अंदर हाथ डालकर उसकी जांघों को सहलाया।
अब मेरा हाथ उसकी पैंटी पर था।
मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया।

उसने अपनी आंखें बन्द कर लीं।
फिर मैंने घाघरे के अंदर अपना सिर डाला और उसकी पैंटी को खींचकर उतार दिया।
जिंदगी में पहली बार मैंने किसी औरत की चूत देखी थी।

मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ चिपका दिए और चूत को चूमने लगा।
कल्पना घाघरे के ऊपर से ही मेरे सिर को पकड़ कर सहलाने लगी, मेरे सिर पर दबाव देते हुए होंठों को चूत पर दबाने लगी।

उसकी चूत की सुगंध मुझे तेज़ी से उत्तेजित कर रही थी।

मैं अब और तेज़ी से चूत को चाटने, चूमने और अपने हाथ से मसलने लगा।
अब वो अपनी गांड उठाकर, कमर हिलाकर मचलने लगी।

उसके मुंह से तेज तेज आवाज में सिसकारियां निकलने लगीं।
मैंने अपनी एक उंगली भी चूत के छेद में घुसा दी।

करीब 5-10 मिनट तक मैंने उसकी चूत को उंगली से चोदा।
फिर उसकी चूत से पानी छूट पड़ा।

मेरा पूरा हाथ उसकी चूत के पानी में भीग गया।
जब मैंने उसके घाघरे से सिर को बाहर निकाला तो मैं पूरा पसीने में भीग चुका था।
वो तेज तेज सांसें ले रही थी।

फिर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे अपनी बांहों में लेकर चूमने लगा।
उसने भी मुझे अपनी बांहों में भर लिया।

उसके होंठों को चूमकर मैंने गालों को चूमा, उसकी गर्दन व गले को चूमा।

फिर चूमता हुआ उसकी छाती तक पहुंचा और उसके स्तनों को चूसने व साथ साथ दबाने लगा।
उसकी आंखें अभी भी बंद थीं।

अब मैंने लहंगे का नाड़ा खोलकर खींचकर उतार दिया।
हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे।

मैंने फिर से उसकी चूत को सहलाया लेकिन वो निढाल पड़ी हुई थी।

फिर मैंने उसकी चूत को हाथ से रगड़ा।

कुछ पल रगड़ने के बाद मैंने उसकी चूत पर अपने लंड का टोपा रखा और धक्के के साथ उसकी चूत में लंड को घुसा दिया।
वो इस धक्के से चीख पड़ी और आंखें खोलकर बोली- कमीने … घुसाने से पहले बोल तो देता?

मेरा लंड चूत में जा चुका था और मैं पूरे जोश में आ चुका था।
मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और उसको चोदने लगा।

वो भी मेरा लंड लेने लगी और कुछ ही पल के बाद उसके मुंह से आह्ह … आह्ह … करके चुदाई के मजे वाली आवाजें आने लगीं।

अब वह भी अपनी कमर और गांड हिला हिलाकर चुदने लगी।

फिर कल्पना ने मुझे लेटने को कहा तो मैं लेट गया।
अब वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर उछलने लगी।

उसके चूचे मेरी नजरों के सामने उछल रहे थे।
मुझसे रुका न गया और मैंने उसको झुकाकर उसके चूचे को मुंह में भर लिया और उसको चूसने काटने लगा।
अब वो और तेजी से मेरे लंड पर कूदने लगी।

फिर पांच मिनट के बाद वो चुदते हुए एकदम से मेरे ऊपर लेटकर निढाल हो गई।
उसकी चूत से निकला पानी मेरे लंड पर मुझे गर्म गर्म महसूस होने लगा।

झड़ने के बाद वो फिर एक तरफ होकर ले गई।

मेरा लंड अभी भी तना हुआ था। मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने कल्पना को अपनी तरफ किया उसके गालों, होंठों पर चूमने लगा।
उसकी एक टांग उठाकर मैंने अपनी कमर पर रख दी और अपने लण्ड को उसकी चूत में घुसा दिया।

मेरी छाती और उसके स्तन आपस में चिपक गए थे।

मैं उसे चूम रहा था और उसके स्तनों को हाथों से दबा रहा था।
नीचे से मेरा लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था।

करीब 5 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे घुमा दिया।
अब उसकी पीठ मेरी तरफ थी, मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड को घुसा दिया और उसको चोदने लगा।

मैं उस रंडी की मोटी मोटी चूचियों को भींचते हुए उसको कुतिया की तरह चोदने में लगा था।
मेरा जोश इतना बढ़ गया कि लंड अब चूत से कई बार निकल कर गांड में घुसने लगता था।

वो चीखी और बोली- साले अपनी औकात में रह, जितनी दे रही हूं उतनी में ही कर!
फिर मैंने उसको सॉरी कहा और चूत में ही चोदता रहा।

करीब पांच मिनट के बाद वो फिर से चीखते हुए झड़ गई।
वो गहरी सांसें लेते हुए पड़ी रही।

मैं अब फिर से उसके ऊपर आ गया। थोड़ी देर तक दोनों स्तनों को चूसा, कमर-पेट को चूमते हुए चूत को चाटा और फिर उसकी टांगों को चौड़ी करके कंधे पर रखवा लिया।

मैंने उसकी चूत में लंड को लगाया और फिर अंदर डालते हुए उसके ऊपर लिपटकर उसे चोदने लगा।
वो बोली- 3 सालों से यहां चुद रही हूं। मगर तेरे जैसा मर्द नहीं मिला था आज तक! तू पहला जिसने मेरे जैसी रंडी को पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है।

अब वो भी मुझसे कस कर लिपट गई और चुदने लगी।
अब उसकी चूत दर्द भी करने लगी और वो कभी चीखते और कभी सिसकारते हुए चुदाई का मजा ले रही थी।

अब मेरा भी छूटने वाला था।

तभी उसको पता नहीं कि कैसे पता चल गया कि मैं झड़ने वाला हूं।
जैसे ही मैं झड़ने को हुआ तो उसने मुझे पीछे धकेल दिया।
मेरा लंड उसकी चूत से निकल गया।

वो बोली- साले हरामी … छूट रहा था तो बोलना चाहिए था ना? मुझे प्रेग्नेंट करेगा क्या?
फिर वो घुटनों के बल हो गई और मुझे अपने सामने खड़ा करके मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
कभी वो मुंह में लेती और कभी मुठ मारती।

कुछ पल के बाद मेरे लंड से निकली वीर्य की पिचकारी उसके स्तनों और गले के आसपास गिरने लगी।
उसका बदन मेरे वीर्य से लथपथ हो गया।

मेरा ढेर सारा वीर्य देखकर वो बोली- इतना वीर्य मेरी चूत में जाता तो मैं 10-12 बच्चे एक साथ पैदा कर देती।

अब मेरे लंड में हल्का सा दर्द हो रहा था।
मैं झड़ने के बाद हांफ रहा था और फिर पलंग पर लेट गया।
वो भी अपने कपड़े ठीक करने लगी।

आपको मेरी ये Xxx सेक्स फॉर फ्री स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना। आप सबकी प्रतिक्रियाओं का मैं इंतजार करूंगा।
मेरी ईमेल आईडी है [email protected]

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