किरायेदार विधवा आंटी की प्यासी चुत चोदी

किरायेदार विधवा आंटी की प्यासी चुत चोदी


मैंने हॉट आंटी की चुदाई की. वो विधवा थी और हमारे घर में किरायेदार थी. मैं अक्सर उनकी मदद कर दिया करता था तो वे मेरी बहुत इज्जत करती थी.
हैलो फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सब लोग … उम्मीद करता हूँ कि मस्त चुदाई कर रहे होंगे.
सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ.
मेरा नाम संजय चौधरी है और मैं जोधपुर, राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है और हाईट 5 फुट 11 इंच है. रंग गोरा और बॉडी एवरेज है.
मेरे लंड की साइज 7 इंच और मोटाई 2.5 इंच है.
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. यह कहानी मेरी और मेरी किरायेदार हॉट आंटी की चुदाई की है.
मेरा घर दो मंजिल बना हुआ है.
नीचे की मंजिल पर हमारा परिवार रहता है और ऊपर की मंजिल के दो कमरे मम्मी ने किराये पर दे रखे है.
जहां एक अंकल, आंटी और उनकी 19 साल की एक बेटी रहती है.
आंटी का लड़का दिल्ली में पढ़ाई करता है.
ये बात आज से दो महीने पहले की है. जब अंकल की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी.
उसके बाद उनके परिवार की हालत खराब हो गई.
हमारे परिवार ने उनकी काफी हेल्प की और उसके बाद आंटी की भी एक हॉस्पिटल में जॉब लग गई.

मैं आपको आंटी के बारे में बता दूँ. उनका नाम ममता था, उनकी उम्र 40 साल थी. बदन भरा हुआ था … मोटे मोटे बूब्स और बड़ी सी गांड थी.
आंटी का जोबन ऐसा था कि किसी का भी लंड खड़ा कर दे.
मेरे मन में पहले आंटी के लिए कोई गलत ख्याल नहीं थे.
पर एक बार जब मैं उनसे किराया लाने के लिए ऊपर गया तब वो अपनी हालात के बारे में बताती हुई रोने लगीं.
मैं उनको चुप करवा ही रहा था कि तभी उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और बोलीं- तुम मेरी हेल्प करो.
उस दिन उनके पास किराया देने के पैसे नहीं थे तो मुझे उन पर दया आ गई.
मैंने उनसे किराये के पैसे नहीं लिए और मम्मी को अपने पास से दे दिए.
आंटी इस बात से भावुक हो गई थीं.
उस दिन के बाद मेरा नजरिया भी आंटी के लिए बदल गया था.
आंटी भी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं.
धीरे धीरे हम दोनों की अच्छी पटने लगी. एक हफ्ते में ही हम दोनों में काफी निकटता आ गई थी.
उस दिन मैं और आंटी दोनों ही उनके घर पर अकेले थे.
आंटी मेरे लिए कॉफ़ी बना कर लाईं.
तभी अचानक से उनके हाथ से कप फिसल गया और गर्म कॉफ़ी मेरे पैंट पर गिर गई.
उसके बाद वो अपनी साड़ी से मेरे पैंट पर गिरी कॉफ़ी पौंछने लगीं. उस वक्त वो झुकी हुई थीं तो उनके बूब्स मुझे साफ़ दिखने लगे.
यह देख मेरे लंड में तनाव आने लगा.
आंटी चूंकि मेरे लंड के पास ही पौंछ रही थीं तो उन्होंने ये बात नोटिस कर ली.
मुझे शर्म आई तो मैं उठकर वाशरूम में चला गया और पैंट उतार कर उधर ही टांग दी.
मैंने आवाज देकर आंटी से कहा- आंटी मेरी पैंट भीग गई है, कोई लोअर है क्या?
आंटी बोलीं- अन्दर तौलिया टंगा है, तुम उसे लपेट कर बाहर आ जाओ.
मैं तौलिया लपेट कर बाहर आ गया और सोफे पर आंटी के साथ बैठ गया.
आंटी मुझसे बातें करने लगीं.
मेरा लंड अभी फिर से हरकत करने लगा था और तौलिया में से फन उठाने लगा था.
ये सब देख कर आंटी हल्के से मुस्कुरा दीं मगर उन्होंने कुछ कहा नहीं.
मैंने भी कुछ नहीं कहा.
तभी आंटी ने पूछा- तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
मैंने कहा कि अभी तो कोई नहीं है.
उन्होंने कहा- चल झूठे.
मैंने कहा- आपकी कसम से आंटी … मेरी कोई सैटिंग नहीं है.
उन्होंने आंख दबाते हुए कहा- अच्छा गर्लफ्रेंड को सैटिंग बोला जाता है.
मैंने कहा- अरे यार आंटी, आप तो मेरी खिंचाई कर रही हो.
आंटी हंसने लगीं और बोलीं- अच्छा ये बोल, तुझे कैसी सैटिंग … मेरा मतलब गर्लफ्रेंड चाहिए.
मैंने आंख मार कर कहा- दिखने में मस्त होनी चाहिए.
वो हंस कर बोलीं- मस्त किसे कहते हैं?
मैंने कहा- मेरा मतलब वो कुछ कुछ आपके जैसी हो.
इसपर वो हंसने लगीं और बोलीं- अच्छा मैं मस्त हूँ क्या … मुझमें ऐसा क्या खास है जो मैं तुझे मस्त लगती हूँ … बता?
मैंने भी खुल कर कहा- बता तो दूँगा, पर आप बुरा तो नहीं मानोगी?
उन्होंने कहा- बिल्कुल नहीं, हम दोनों अच्छे दोस्त हैं, तू कुछ भी बोल सकता है.
मैंने कहा- आपका फिगर बहुत मस्त है.
ये सुनकर आंटी शर्मा गईं और उन्होंने पूछा- फिगर कैसे मस्त है, जरा खुल कर बता!
अब मैं भी खुल गया.
मुझे आंटी की तरफ से ग्रीन सिंग्नल मिल गया था.
मैंने कहा- मुझे आपके बूब्स बहुत अच्छे लगते हैं, इनको पीने का मन करता है.
आंटी मेरी तरफ देखने लगीं और मुस्कुरा कर बोलीं- और?
मैंने कहा- और खुल कर बताऊं?
आंटी ने आंख दबा दी और हां में सर हिला दिया.
मैंने बिंदास कहा- आपकी गांड बहुत मोटी है, जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है.
इतना साफ़ सुन कर आंटी शर्मा गईं और उठ कर वहां से चली गईं.
उस दिन मैं भी कुछ देर बाद अपने घर चला गया.
उसके 3 दिन बाद आंटी की बेटी अपने भाई के पास दिल्ली चली गई.
आंटी ने मेरी मम्मी से कहा- संजय को मेरे पास सोने के लिए भेज दो प्लीज़ मुझे अकेले डर लगेगा.
मेरी मम्मी ने उन्हें हां कह दिया.
मम्मी ने मुझसे ऊपर आंटी के पास सोने जाने के लिए कहा.
ये सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगा.
उस दिन रात को मैं शॉर्ट्स और टी-शर्ट में उनके घर चला गया.
मैंने जान बूझकर उस दिन शॉर्ट्स के नीचे अंडरवियर नहीं पहनी थी.
मैंने डोर बेल बजाई तो आंटी ने दरवाजा खोला.
आंटी को देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. आंटी ने उस दिन घुटनों तक आने वाली एक स्लीवलैस नाईटी पहन रखी थी और वो अभी सीधे नहा कर आई थीं.
वे बहुत हॉट लग रही थीं, उनके बाल खुले थे.
उनको देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
आंटी ने ये देख लिया और मुस्करा कर मुझे अन्दर आने को कहा.
मैं अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गया.
आंटी भी दरवाजा बंद करके आईं और मेरे पास बैठ गईं.
मैंने कहा- आज तो आप मेरा कत्ल करके ही रहोगी.
आंटी हंसने लगीं और बोलीं- क्यों आज क्या मैं तेरी सैटिंग बन सकती हूँ!
मैंने कहा- सच में यार ऐसा हुआ न … तो मैं खुद को बड़ा नसीब वाला समझूँगा.
आंटी बुदबुदा कर बोलीं- मैं भी खुद को ऐसा ही समझूंगी.
मैंने उनके शब्द सुन लिए थे.
फिर मैंने उनकी आंखों में नशीले अंदाज से देखा, तो आंटी ने आंख दबा दी और बोलीं- अच्छा ये बताओ क्या पियोगे?
मैंने उनके दूध देखते हुए कहा- दूध.
आंटी ने अपने दूध मेरी तरफ तान दिए और बोलीं- वो तो अभी नहीं है. अभी ठंडा गर्म बता, क्या लेगा?
मैंने कहा- बताता हूँ. इतनी जल्दी क्या है.
अब हम दोनों की आपस में बातें होने लगी. तभी मैंने सिगरेट निकाली और पीने लगा.
आंटी बोलीं- मुझे भी एक दो.
मैं वही सिगरेट उनकी तरफ बढ़ा दी. हम दोनों ने मिलकर सिगरेट खत्म कर दी.
फिर आंटी ने मुझसे पूछा- ड्रिंक लोगे न!
मैंने हामी भरी.
तो वो उठकर फ्रिज से एक रम की बोतल ले आईं, दो पैग बनाए और हम दोनों ने चियर्स बोला.
तीन तीन पैग हो जाने के बाद धीरे धीरे आंटी को भी नशा चढ़ने लगा.
वो मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थीं.
मैं अपने लंड को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना एक हाथ उनकी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगा.
आंटी ने कुछ नहीं बोला तो मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.
इधर आंटी टुन्न हो गई थीं, वो अपनी दुखभरी कहानी सुनाने लगीं और रोने लगीं.
मैंने उनको गले लगा लिया और उन्हें चुप करवाया.
फिर हिम्मत करके मैंने उनसे पूछा कि अंकल के जाने के बाद रात को अकेले को नींद कैसे आ जाती है?
उन्होंने कहा- हां अकेले रहना बहुत मुश्किल है … पर क्या करें!
मैंने मजाक में कहा- दूसरी शादी कर लो.
वो हंसने लगीं और बोलीं- दूसरी शादी नहीं कर सकती.
मैंने वापस बोला कि तो कोई बॉयफ्रेंड ही बना लो.
वो बोली- अब मेरा बॉयफ्रेंड कौन बनेगा. मैंने ऐसा किया तो मेरी बदनामी भी होगी.
मैंने कहा- चलो ये बताओ, मैं आपको कैसा लगता हूँ!
आंटी बोलीं- तेरे लिए मेरे दिल में अलग ही जगह है. मैं तेरा अहसान कभी नहीं भूल सकती हूँ. तू मुझे बहुत अच्छा लगता है.
मैंने कहा- अगर मैं आपसे कुछ मांगू … तो मना तो नहीं करोगी.
वो बोलीं- तेरे लिए तो मेरी जान भी हाजिर है.
मैंने कहा- मुझे जान नहीं, आपका प्यार चाहिए.
वो हंसने लगीं.
तब मैं बोला- आप मुझे अपना बॉयफ्रेंड बना लो, हम हमेशा अच्छे दोस्त बनकर रहेंगे.
ऐसा बोलकर मैंने घुटनों पर खड़े होकर उनका हाथ पकड़ कर फ़िल्मी स्टाइल में आई लव यू बोला.
वो समझ नहीं पा रही थीं कि क्या कहें.
तभी मैंने उनको गले लगा लिया.
उन्होंने भी आई लव यू टू बोल दिया.
धीरे धीरे मैं उनको किस करने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगीं. वो ऐसे किस कर रही थीं, जैसे सात जन्मों की प्यासी हों.
मैं किस करते करते उनकी बड़ी गांड को दबाने लगा और एक हाथ से उनके बूब्स मसलने लगा.
ऐसा 10 मिनट तक चलता रहा.
फिर उन्होंने एक पैग और लगाया और अपनी टांगे फैला कर सोफे पर बैठ गईं.
मैं जाकर उनकी गोद में बैठ गया और उनके मम्मों को चूसने लगा.
वो धीरे धीरे गर्म होने लगीं और सिसकारियां लेने लगीं.
अब तक मैं उनकी नाईटी को ऊपर कर चुका था. फिर मैंने उनको खड़ा करके उनकी पूरी नाईटी उतार दी.
अब वो केवल एक गुलाबी रंग की पैंटी में थीं.
आंटी ने मेरे भी कपड़े निकाल दिए.
मैं पूरा नंगा था. वो मेरा लंड देख कर खुश हो गईं और बोलीं कि तेरे अंकल का इससे आधा था बस!
फिर वो मेरे लंड को हाथ से सहलाने लगीं और होंठों से लंड को किस करने लगीं.
मैं दोनों हाथों से उनकी बड़ी गांड जोर जोर से दबा रहा था.
फिर हम दोनों अन्दर बेडरूम में आ गए.
मैंने जल्दी से आंटी के बदन से पैंटी को भी अलग कर दिया और उनकी चूत पर अपना मुँह लगाया.
अपनी चुत पर मेरा मुँह के लगते ही आंटी सिहर उठीं और बुदबुदाने लगीं- ये क्या किया तूने … आज तक तेरे अंकल ने कभी नहीं किया हाय मररर गयी रे मैं तो … तूने ये क्या कर दिया.
वो मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगीं.
दोस्तो, मुझे लड़कियों और आंटियों की चूत चाटना बहुत ज्यादा पसंद हैं. चूत की महक से ही मैं पागल हो जाता हूँ.
मैं आंटी की गुलाबी चूत को चाटता ही जा रहा था.
कभी अपनी जीभ को चूत के पूरी अन्दर घुसाने की कोशिश करता तो कभी उनकी चूत के दाने को मुँह में भर लेता.
इससे वह तड़प उठती थीं और मुँह से सीसीसी आआ ईईईई की आवाजें निकालने लगती थीं.
मेरे इस तरह करने से वह एकदम पागल सी होती जा रही थीं.
कुछ ही देर में उन्होंने मेरे सिर को अपनी चूत पर बहुत जोर से दबा दिया और तेज सिसकारियों के साथ अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया.
मैंने उनकी चूत का पूरा पानी पी लिया.
पूरा पानी निकालने के बाद आंटी ने मेरे सिर पर से पकड़ को ढील दे दी.
मेरी भी सांसें रुक गयी थीं, जब आंटी ने मेरे सर को छोड़ा … तब जाकर मैंने अच्छे से सांस ली.
फिर आंटी ने कहा- मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे ऐसा भी सुख मिलेगा.
अब आंटी फिर से मेरे गले लग गईं और हम फिर से किस करने लगे.
मैंने उनको लंड चूसने का बोला तो उन्होंने पूरा लंड मुँह में ले लिया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उन्होंने मेरे लाल मोटे सुपारे को मजे से चूसा.
अब मेरा लंड उनको चोदने को तैयार था.
मैंने जल्दी से उन्हें बेड पर लिटा दिया और उनके ऊपर आकर अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया.
मैंने जैसे ही थोड़ा जोर लगाया तो मेरा सुपारा अन्दर चला गया.
उनके चेहरे पर दर्द की लकीरें उभर आयीं, पर मैंने बिना परवाह के एक जोरदार धक्का दे मारा और मेरा आधा लंड चूत के अन्दर चला गया.
इसके साथ ही वो चीख पड़ीं- आह मर गई … साले कमीने मार डाला रे … इतनी जोर से कोई डालता है क्या? तेरे अंकल का तो छोटा था … जिससे पता ही नहीं चलता था कि चूत के अन्दर कुछ गया भी है या नहीं … आंह मर गई … तूने अपना ये पूरा मूसल घुसा डाला … आंह रे मर गयी मैं तो.
तभी मैंने कहा- पूरा कहां गया जानू … अभी तो आधा ही अन्दर गया है.
यह सुन कर उन्होंने देखा और उनका मुँह खुला का खुला ही रह गया.
मैं कुछ देर के लिए रुक गया.
कुछ देर बाद वो अपनी कमर धीरे धीरे हिलाने लगीं तो मैंने फिर एक जोरदार शॉट मारा और वो फिर से जोर से चीख पड़ीं.
आंटी बोलने लगीं- आंह साले बेदर्दी … बाहर निकाल जल्दी से!
पर मैंने उन्हें कस कर पकड़ लिया और उन्हें किस करने और बूब्स पीने लगा.
थोड़ी देर बाद वो फिर से अपनी कमर हिलाने लगीं.
मैंने उनकी दोनों टांगों को कंधों पर रख कर धकापेल चुदायी शुरू कर दी.
कमरे में आंटी की सिसकारियां गूंजने लगीं, साथ में फच फच की आवाजें भी आ रही थीं.
ऐसे ही धकापेल चुदायी चलती रही.
दस मिनट बाद आंटी का पानी छूट गया और वो निढाल हो गयीं.
फिर 6-7 जोरदार शॉट और लगाने के बाद मैंने भी अपना पानी चूत में ही छोड़ दिया.
कुछ देर हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर ही लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए.
आंटी ने कपड़े से अपनी चूत को साफ किया और मेरे लौड़े को भी साफ किया.
उन्होंने मेरे लौड़े को मुँह में फिर से ले लिया और फिर से लंड खड़ा कर दिया.
अब मुझे बेड पर लिटा कर आंटी मेरे ऊपर आ गईं और लौड़े को चूत पर सैट करके एक ही झटके में सीत्कार के साथ पूरा चूत में निगल लिया.
वे गांड ऊपर नीचे कर रही थीं जिससे मुझे मजा आ रहा था.
मजा दुगना करने के लिए मैं भी नीचे से शॉट लगाने लगा.
इससे आंटी का मजा और बढ़ गया और उनकी मादक आवाजें भी तेज हो गयीं.
कुछ देर में आंटी थक गईं तो मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने का बोला.
उनकी गांड देख कर मैं और ज़्यादा गर्म हो गया था.
मैंने उनके बाल पकड़ कर थोड़ा पीछे लेकर एक झटके में पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और धक्के मारता रहा.
आंटी भी आहह हह के साथ गांड आगे पीछे करके पूरा मजा ले रही थीं.
इस बार 25 मिनट तक हॉट आंटी की चुदाई चली.
दोनों एक साथ ही छूट गए और निढाल होकर गिर गए.
हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे.
कुछ देर बाद दोनों उठे.
आंटी ने फिर से अपनी चुत साफ की और मेरे लौड़े को भी साफ किया.
उन्होंने मेरे लौड़े पर एक किस किया.
उसके बाद आंटी ने अपने कपड़े पहन लिए.
मैं भी अब थक गया था. थोड़ी देर के बाद एक एक पैग और लगाया. एक सिगरेट से दोनों ने मजा लिया और कुछ आराम के बाद आंटी वापस मेरा लंड चूसने लगीं.
फिर से मस्त हॉट आंटी की चुदाई चालू हो गई.
पूरी रात में हमने 3 बार चुदाई की, फिर नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
सुबह उठने के बाद आंटी ने मुझे एक जोरदार किस किया और अपने गले से लगा कर कहा- इतनी अच्छी चुदाई आज तक पहले मेरी कभी नहीं हुई. आज से मैं तेरे इस लौड़े की गुलाम हो गयी हूँ. अब जब तेरा जी चाहे, तब मुझे चोद लेना.
मैं वहां से आ गया.
इसके बाद तो जैसे वो मेरे लौड़े की दीवानी ही हो गयी थीं.
मौका मिलते ही मुझे बुला लेती थीं और हमारी जोरदार चुदाई का दौर शुरू हो जाता था.
आज भी मैं आंटी को चोद रहा हूँ.
दोस्तो, मेरी हॉट आंटी की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
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