एयर हॉस्टेस को अपनी होस्ट बनाया

नमस्ते दोस्तो.. वैसे तो मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, पर आज मैं भी आप लोगों के लिए कुछ लिखने जा रहा हूँ। हमेशा आप लोगों का ही कहानियां पढ़ता हूँ.. मुझे लगा कि यह सही नहीं है। मुझे भी अपनी कहानी आप लोगों को पढ़ानी चाहिए।

मेरा नाम नवीन है.. मैं एयर इंडिया में HR पद पर दिल्ली में पोस्टेड हूँ। मैं पटना (बिहार) का रहने वाला हूँ।

बात पिछले वर्ष की है, मैंने दिल्ली में 24 अप्रैल को ज्वाइन किया था, मैं काफ़ी खुश था। हमारे ऑफिस में सभी मुझे बहुत मानते थे और मैं अच्छे पोस्ट पर भी था। मेरा काम कैंडिडेट का फाइनल राउंड इंटरव्यू लेना और ज्वाइनिंग लैटर इशू करना होता है।

मैं हर दिन की तरह एयर होस्टेस के लिए इंटरव्यू ले रहा था। काफी फीमेल कैंडिडेट्स आई थी, मैं सबका फाइनल इंटरव्यू ले रहा था।
सब क्या लड़कियां थीं.. और क्या मस्त माल लग रही थीं।

दोस्तो, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी क्योंकि मैं हमेशा स्टडी को लेकर व्यस्त रहा। ग्रेजुएशन करने के बाद मैं कनाडा चला गया था.. फिर जब यहाँ आया तो इंडिया में अच्छी रैंकिंग के कारण जॉब लग गई, मुझे गर्लफ्रेंड बनाने का टाइम मिला ही नहीं।

हाँ तो मैं इंटरव्यू ले रहा था, इसी क्रम में एक कैंडिडेट आई.. जिसका नाम था स्नेहा, क्या मस्त लग रही थी दोस्तो.. मैंने जब उसे देखा तो मुझे एकदम झटका सा लगा।

वैसे मैं भी एक अच्छे पार्टनर को ढूँढ रहा था। मैंने स्नेहा को बैठने को बोला और इंटरव्यू स्टार्ट किया। इंटरव्यू के दौरान वह सिर्फ मुझे और मैं सिर्फ उसको ही देखता रहा।
इंटरव्यू के बाद मैंने उससे कहा- आपको कन्फर्मेशन कॉल जाएगा।
वह सीधे ही बोल पड़ी- सर मतलब मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ.. क्योंकि कॉल का मतलब तो पेंडिंग होता है।
इतना बोल कर वो रोने लगी।

वैसे स्नेहा काफी टेलेन्टेड थी.. लेकिन मैं भी मजबूर था, क्योंकि 40 में से सिर्फ 12 को ही लेना था, मैंने उसे काफी समझाया और जाने को कहा.. तो वो मेरा नंबर मांगने लगी।
मैंने उसे अपना नम्बर दे दिया.. क्योंकि वह मुझे भी अच्छी लगने लगी थी।
वह चली गई और मैं भी ड्यूटी खत्म करके अपने रूम पर आ गया।

कमरे पर आने के बाद खाना आदि खा कर मैं सोने लगा.. तभी रात के 11 बजे उसका कॉल आया।
मैंने उठाया तो उसने बोला- मैं स्नेहा बोल रही हूँ।
मैंने कहा- हाँ बोलो?

वह मुझसे रिक्वेस्ट करने लगी.. तो मैंने उसे अगले दिन ऑफिस में आने को कहा। अगले दिन वह ऑफिस आ गई और मैंने उसे ज्वाइनिंग लैटर दे दिया।

उसने खुश होकर मुझे KFC के लिए invite किया.. तो मैंने रविवार को बोल दिया। वह प्रसन्न होते हुए चली गई। अगले दिन मुझसे उसने KFC में मिलने के लिए कहा था.. इसीलिए मुझे याद कराने के लिए उसने रात में फिर से मुझे कॉल किया।

आज उसने मुझसे काफी देर तक बात की। वो मेरे और मेरे फैमिली के बारे में बात कर रही थी और मैं भी उसे सब बता रहा था।
बहुत कुछ बात हुईं.. और हम दोनों ‘गुडनाईट’ विश करके सो गए।

अगले दिन रविवार था.. सो मैंने जल्दी-जल्दी सारा काम खत्म करके दोपहर में उसे फ़ोन करके KFC के लिए चल दिया। वह वहाँ मेरा इंतजार कर रही थी। वो जीन्स और टॉप पहन कर आई थी।

क्या लग रही थी.. बिल्कुल करीना की ट्रू कॉपी लग रही थी.. बिल्कुल वही फिगर।
मैं तो उसे देखता ही रह गया।
हम दोनों ने एक-दूसरे को ‘हैलो..’ बोला, फिर काउंटर पर आर्डर दे कर बैठ गए और बातें करने लगे।

बातों-बातों में उसने पूछा- आप यहाँ अकेले रहते हैं?
मैंने बोला- हाँ..
तो वह भी बोली- मैं भी.. मेरे घर के और सब बिहार में रहते हैं।
मैं तो पहले से ही जानता था कि यह बिहार से है। उसके रिज्यूमे में लिखा था.. तभी मैंने ज्वाइनिंग लैटर दिया।

हम दोनों ने बिल्कुल फ्रेंड की तरह बहुत सारी बातें कीं.. क्योंकि वह मुझसे सिर्फ 2 साल छोटी थी। मैं 25 का था और वह 23 की थी। फिर हम दोनों बाहर आ गए।

स्नेहा बोली- क्या आप आज रात डिनर पर आ सकते हैं?
मैं तो एकदम से खुश हो गया क्योंकि मैं तो खुद ही उसको बुलाने के लिए प्लान बना रहा था और इधर वह खुद मुझे ऑफर कर रही थी।
मैंने स्माइल के साथ ‘हां’ कर दी और उसका पता ले लिया, फिर हम दोनों चल दिए।

रात के 8 बजे मैं एक गिफ़्ट लेकर उसके रूम पर पहुँच गया और डोरबेल बजाई। उसने आकर गेट खोल दिया। वह टॉप में थी.. मैं तो उसे देख कर पागल ही हो गया।

मैं उसे गिफ्ट देकर बैठ गया और स्नेहा मेरे लिए कोक लाने चली गई।

कुछ ही पलों के बाद हम दोनों एक साथ सोफे पर बैठ कर कोक पीने लगे। वह बार-बार मुझे ‘थैंक्स..’ कह रही थी।

हम दोनों एक-दूसरे को वासना की निगाहों से भी देख रहे थे।
बातों ही बातों में स्नेहा ने मुझसे पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने बोला- मुझे स्टडी से जॉब के कारण इस सब के लिए टाइम ही नहीं मिला।
वह मुस्कुरा कर बोली- आप अच्छी पोस्ट पर हैं.. शादी कर लीजिए।
मैंने कहा- किससे कर लूँ.. मुझे अब तक आप जैसी कोई मिली ही नहीं।

तो वह हँसने लगी। मैं तो उसे देख कर पागल हुआ जा रहा था और मेरा लंड अपने उच्च स्तर पर अकड़ा हुए खड़ा था.. जिसके उभार को स्नेहा बार-बार देख रही थी।

फिर स्नेहा ने मुझे डाइनिंग टेबल पर आ कर खाने के लिए कहा। मैं वहाँ आ गया उसने खाना निकाला और हम दोनों खाने लगे। कुछ देर में ही बातें करते हुए खाना खाकर हम दोनों वापस सोफे पर आ गए और बैठ गए।

स्नेहा जूस लेने चली गई और तब तक मैं सोचने लगा इसे कैसे हासिल करूँ। तभी वह जूस लेकर आ गई और मुझे देने लगी।

मैंने जानबूझ कर जूस लेते समय कुछ यूं गिराया कि जूस उसके ऊपर गिर गया।

मैंने ‘सॉरी..’ बोल कर उसके टॉप को साफ़ करने के इरादे से उसकी हेल्प करने लगा और उसके टॉप को पोंछने लगा।

इसी क्रम में मेरा हाथ उसके मम्मों से टकरा गया.. तो वह सिहर उठी और मेरी आँखों में आँखें दाल कर मुझे अनुराग से देखने लगी।
मैंने उसे सोफे पर बैठाया और बोला- क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
तो वह एकदम से बोली- हाँ.. मैं तो आपसे प्यार करने लगी थी.. बस कह नहीं पा रही थी।

मैंने तुरंत उसके होंठों को चूम लिया तो वो भी मुझे किस करने लगी।
फिर क्या था, हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।
बहुत मस्त मजा आ रहा था।

लगभग 15 मिनट बाद हम दोनों अलग हुए तो हम दोनों काफी खुश थे। फिर मैंने उसे अपने बांहों में ले लिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।

वो मचलने लगी.. तो मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ।
पहले उसने ‘ना’ किया.. लेकिन मम्मों दबाने के कारण वह अपनी वासना को रोक नहीं पाई और ‘हां..’ कर दी.. तो हम दोनों बेडरूम में आ गए और मैंने मोबाइल पर एक पोर्न फिल्म चला दी।

जिसे हम दोनों देखने लगे और पागल होने लगे।

मैंने स्नेहा को बेड पर लेटा दिया और उसे ऊपर से नीचे तक चूमने लगा। वो चुदास से पागल होने लगी थी और जोर-जोर से सिसकारियां भरने लगी।

मैंने उसके टॉप को हटा दिया.. वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। फिर मैंने जीन्स भी खोल दी। अब वह सिर्फ गुलाबी रंग की ब्रा और गुलाबी रंग की पैंटी में थी। मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े खोल दिए।

यह कहानी आप अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं।

मैं एक हाथ से उसके मम्मों को मसल रहा था और मैंने दूसरे हाथ को पेंटी के अन्दर डाल दिया। साथ ही मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और चूसने लगा। क्या मस्त टेस्ट था.. उसके होंठों के रस को चूस कर मैं मदहोश हुआ जा रहा था। इधर मैं अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुमा रहा था।

स्नेहा तो जैसे बिन पानी मछली की तरह तड़प रही थी और उसकी वासना की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी। वो भी मुझे पागलों की तरह मेरा साथ दे रही थी।

अब मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया। मैं तो एकदम से दंग रह गया.. क्या सख्त गोलाई वाले चूचे थे। उसके मम्मे ऐसे भरे हुए और तने हुए थे.. जैसे दूध की फैक्ट्री हों।
मैंने तुरंत उसके एक चूचे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, मुझे मस्त मजा आ रहा था। मुझे इसलिए भी अधिक मजा आ रहा था.. क्योंकि यह मेरी लाइफ का पहला सेक्स था।

फिर कुछ समय बाद स्नेहा जब वासना में डूब गई.. तो वह मेरा लंड अपने मुँह में ले कर पागलों की तरह चूसने लगी।
इस सबसे मुझे काफी मजा आ रहा था। वो भी बार-बार बोल रही थी ‘आह्ह.. इतना लंबा.. इतना लंबा..’
यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

कुछ ही मिनट के बाद मैं रुक नहीं पाया और उसके ही मुँह में झड़ गया.. जो कि वो बिना नानुकुर के पूरा पी गई।
उसने ये सब अभी के वीडियो में देखा था।

मैंने उसके पेंटी को खोल दिया और उसकी चिकनी बुर को देखते ही मुझे ऐसा लगा जैसे कि कोई मिठाई हो। उसकी चूत एकदम चिकनी.. और मुलायम थी।
आज भी जब भी मैं मिठाई देखता हूँ तो उसकी चूत मेरे दिमाग में एकदम से घूमने लगती है।

मैंने देर ना करते हुए उसकी बुर पर अपनी जीभ लगा दी और पागलों की तरह चाटने लगा। मैं कभी अपनी जीभ चूत के अन्दर.. तो कभी बाहर फेरने लगा।

स्नेहा और अधिक उत्तेजित हो गई थी, वो बोली- सर प्लीज.. अब और नहीं सताओ.. मुझे जल्दी से चोद दीजिए प्लीज़।
मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड उसकी बुर पर रखा और एक जोर लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत में आधा अन्दर घुस गया। लंड के चूत में अन्दर जाते ही वो चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैंने उसकी चीख को अनसुना करते हुए अपना पूरा लंड उसकी बुर में पेल दिया, स्नेहा दर्द से कराह रही थी। मैं धीरे-धीरे अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा। वो दर्द के कारण मुझसे लंड बाहर निकालने को बोल रही थी.. लेकिन मैं तो पागलों की तरह उसकी चूत को चोद रहा था।

फिर कुछ समय बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो बोलने लगी- आह्ह.. सर लव यू.. प्लीज़.. सर प्लीज़.. और चोदिए.. मेरी बुर को फाड़ दीजिए.. आह.. सर प्लीज़..
पूरा रूम हम दोनों की वासना की आवाजों से गूंज रहा था।

मैंने देखा कि स्नेहा की बुर से खून निकल रहा था.. तो मैं समझ गया इसका भी ये पहला मौका है।
मैंने पूछा तो बोली- सर आज तक आप जैसा कोई मिला ही नहीं।
मैं प्यार उसे चोदता रहा।

अब मेरी मलाई निकलने वाली थी.. तो मैंने स्नेहा से कहा।
स्नेहा- सर आपका पानी बहुत टेस्टी है.. प्लीज मुझे मेरे मुँह में डाल दीजिए।

मैंने अपना लंड उसके मुँह में डालकर अपना पानी डाल दिया.. जिसे वह पी गई।
उस रात मैंने स्नेहा को 4 बार चोदा जिसमें एक बार उसकी गांड भी मारी।

सुबह हम दोनों उठे, तो बिस्तर पर ही हम दोनों ने एक-दूसरे को किस करके गुड मॉर्निंग विश किया।
फिर साथ में स्नान किया और रेडी हो गए।
स्नेहा मुझे पकड़ कर बोली- आई लव यू।
मैंने भी रिप्लाई किया और किस किया।
स्नेहा बोली- थैंक्स आपने मेरे प्यार को समझा।
वो मुझसे लिपट गई।

दोस्तो, यह मेरे पहले सेक्स की कहानी थी, आपको कैसी लगी.. प्लीज मुझे बताएं!
[email protected] अगर आपके अच्छे रिस्पोंस मिले.. तो मैं अगली कहानी जरूर लिखूंगा।

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